पड़ोसन सुनीता आंटी को पटा कर चोदा

हेलो भाभी’स और आंटीस, और उनके दीवानो. मेरा नाम रोहन है. मई एक मिड्ल क्लास फॅमिली से हू और चंडीगार्ह का रहने वाला हू. ये मेरी पहली कहानी है. तो अगर कोई ग़लती हो, तो मुझे माफ़ कर देना . चलो अब कहानी शुरू करते है.

ये बात उस टाइम की है जब मैने 12 त पास की थी. तब मई 19 साल का था और मुझे सेक्स का कोई एक्सपीरियेन्स नही था. मेरी मा की एक सहेली थी, जिनका नाम सुनीता था और वो पंजाब की रहने वाली थी. अब पुंजब की लॅडीस का तो आपको पता ही होगा, की क्या मस्त फिगर होता है उनका.

वैसे सुनीता आंटी का फिगर कुछ ज़्यादा ही सेक्सी था. उनका साइज़ 36″32″38″ था और वो देखने मे एक-हम हॉट थी. मई उनको बहुत पसंद करता था. वो ज़्यादा टाइम सूट ही पहनती थी, जिसका गला बड़ा होता था. इससे उनके बूब्स के दर्शन होते रहते थे.

मई उनके नाम की बहुत बार मूठ भी मारता था. तो हुआ ऐसा, की एक बार मेरे मों-दाद को किसी फंक्षन के लिए देहली जाना था. तो मों ने आंटी से मेरा ध्यान रखने को कहा. मों-दाद ने 3-4 दिन बाद आना था, तो मई घर पर अकेला था. आंटी का एक लड़का था, जो 8त मे पढ़ता था.

उस शाम को आंटी ने मुझे अपने घर खाने के लिए बुलाया . वैसे उनका घर मेरे घर से नज़दीक ही था. मई शाम को जल्दी उनके घर चला गया. आंटी ने दरवाज़ा खोला और बोली-

सुनीता: ओह! तुम आ गये. चलो अछा है, मई भी बोर हो रही थी.

मई: आंटी आपके हज़्बेंड नही दिख रहे?

सुनीता: वो बेटा घर मे रहते ही कहा है, काम काम और सिर्फ़ काम करते रहते है.
ऐसा करो, तुम टीवी देखो और मई छाई लेकर आती हू.

और फिर आंटी छाई लेने चली गयी. जब आंटी छाई देने के लिए वापस आई और झुकी, तो मई उनके बूब्स देखता रह गया. बूब्स देखते हुए, मई छाई प्लेट से उठना ही भूल गया. आंटी भी कुछ नही बोली और झुकी रही. फिर थोड़ी देर बाद, वो हस्स के बोली-

सुनीता आंटी : बेटा खो गये क्या?

मई एक-दूं होश मे आया और छाई ली. आंटी हस्सी और कुछ नही बोली. फिर रात को मैने, उसके बेटे ने और आंटी ने खाना खाया. आंटी ने मुझे रुकने के लिए कहा, पर मैने माना कर दिया. उस दिन घर आकर आंटी के नाम की 2 बार मूठ मारी.

नेक्स्ट दे दिन के टाइम आंटी मेरे घर आई और मैने गाते खोला.

मई : हे आंटी.

सुनीता आंटी: ही बेटा, और क्या कर रहे हो?

मई: बस आंटी, आपके बारे मे ही सोच रहा था.

फिर मई आंटी के बूब्स की तरफ देखने लगा. आंटी ने मुझे मज़ाक मे छ्होटा सा थप्पड़ मारा और बोली-

सुनीता आंटी : चल बदमाश, अंदर नही बुलाएगा?

मई: अर्रे आपको कों रोक सकता है आंटी?

फिर हम दोनो हास्से और अंदर चले गये. हमने अंदर बैठ कर बाते की. फिर आंटी ने शाम को मुझे खाने पर बुलाया और मई भी मान गया. आज मैने सोच लिया था, की उसको छोड़ कर ही छोढ़ुंगा. मई आज आंटी के घर 6 बजे ही चला गया.

जब मई वाहा पहुँचा? तो आंटी अकेली थी. उनका बेटा बाहर दोस्तो के साथ खेलने गया था. आंटी ने मेरे से पूछा-

सुनीता आंटी: छाई पिएगा ना?

मैने उनके बूब्स की तरफ देखा और बोला-

मई: नही. अगर दूध पीला दो, तो बढ़िया रहेगा.

ये सुन कर आंटी एक-दूं हैरान हो गयी. फिर मई बोला-

मई: मतलब दूध पियुंगा.

आंटी हस्सी और बोली: रुक, मई गरम करके लाती हू.

फिर आंटी किचन मे गयी. मई भी थोड़ी देर मे किचन के अंदर गया और आंटी के पीछे खड़ा हो गया. वैसे आंटी मेरे से हाइट मे थोड़ी छ्होटी थी, तो मई उनके उपर से दूध देखने के बहाने आयेज हुआ और अपना लंड आंटी की गांद पर टकरा दिया.

फिर मई आंटी के बूब्स को देखने लगा और आंटी चौंक गयी. आंटी मुझसे बोली-

सुनीता आंटी: तू कब आया?

मैने अपना लंड आंटी की गांद मे दबाया और बोला-

मई: बस अभी आया.

सुनीता आंटी : कुछ चाहिए क्या? मुझे बोल देता, मई ले आती.

मई: नही मई तो बस दूध देखने आया था.

आंटी ने मेरी तरफ तिरछी नज़रो से देखा, की मई मई उनके बूब्स देख रहा था. फिर आंटी ने अपनी गांद मेरे लंड पर दबाते हुए बोला-

सुनीता आंटी: देख ले, गरम हो रहा है.

मैने आंटी को पीछे से पकड़ लिया और गले पर किस करने लगा. आंटी माना करने का नाटक करने लगी. वैसे तो वो भी गरम हो रखी थी. फिर थोड़ी देर बाद मई आंटी को अपनी तरफ घुमा कर किस करने लगा और वो मेरा साथ देने लगी.
मैने उसकी कमीज़ उतार दी और ब्रा भी उतार दी. फिर मई उसके बूब्स चूसने लगा. और वो मोन करने लगी-

सुनीता आंटी: आअहह.. रोहन… चूस बेटा.

तभी अचानक उसका बेटा आ गया और उसने बेल बजाई. आंटी ने मुझे हटाया और कपड़े पहन कर दरवाज़ा खोलने गयी.
फिर रात को हमने खाना खाया.
आंटी ने मुझे वही रुकने को कहा और मई भी मान गया. आंटी मेरी तरफ देख कर हस्सी और नज़रे घुमा ली.

रात को मई और आंटी टीवी देख रहे थे और उनका बेटा सोने चला गया. फिर मई आंटी की तरफ सरक गया और वो भी मेरी तरफ सर्की. लेकिन मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था. मई उठा और मैने आंटी को सोफे पर धक्का दिया. फिर मई आंटी को बोला-

मई: बेहन की लोदी, बड़ी गर्मी है तुझे.

और ये बोल कर मैने उसके गले पर किस की. वो हेस्ट हुए बोली-

सुनीता आंटी: सेयेल मुझे पता होता, की तू ऐसा है, तो तेरी मा को बोल कर उसको मई साथ लाती.

फिर मैने उसको उठाया और बेडरूम मे ले गया. अंदर जाके मैने उसको बेड पर पटक दिया. मैने उसको किस करते हुए नंगा किया और उसने मुझे नंगा किया. फिर मई उसको बोला-

मई: चल अब लंड चूस मेरा.

जब उसने माना किया, तो मैने उसको बालो से पकड़ कर लंड के पास ले गया. फिर उसने जैसे ही मूह खोला, तो मई उसके मूह को बहुत ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. मेरा फर्स्ट टाइम था, तो मैने 2 मिनिट मे ही उसके मूह मे पानी छोढ़ दिया और बेड पर लेट गया.

उसने थोड़ी देर तो साँस ली और मेरा पानी निगल गयी. फिर वो मेरे पास आई और बोली-

सुनीता आंटी: कुटिया की औलाद, इतनी जल्दी हो गया तेरा?

और ये बोल कर वो मेरे लंड को चूसने लगी. 5-10 मिनिट मे मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. मैने आंटी को बेड पर लिटाया और उसकी छूट चाटने लगा.

सुनीता आंटी : अँह.. उउःण.. इसमे इतना मज़ा आता है? चूस और चाट मेरी फुददी(छूट).

थोड़ी देर मे उसकी छूट से पानी आया और मई सारा पानी पी गया. फिर मैने उसको घोड़ी बना दिया और अपना 6 इंच का लंड उसकी छूट मे पेल दिया. लंड अंदर जाने से वो चिल्ला पड़ी.

सुनीता आंटी: वहेगुरू मॅर गयी.

पर मई नही रुका.

सुनीता आंटी: आअहह.. छोड़ मार्डरचोड़ मुझे. मई कुटिया हू तेरी छोड़ आअहह… ओउउउइई मा..

फिर मैने उसको 10 मिनिट छोड़ा और मई झाड़ गया. मैने सारा माल उसकी छूट मे ही छोढ़ दिया. फिर वो भी झाड़ गयी. मैने उस रात आंटी को 5-6 बार छोड़ा. हर बार मई 10-15 मिनिट मे ही झाड़ जाता था.

सुबा मई लाते उठा और तब तक उसका बेटा स्कूल चला गया था. जब मई उठा, तो आंटी किचन मे ही थी. मई नंगा ही वाहा गया और आंटी को पीछे से पकड़ के उसके बूब्स दबाए. आंटी बोली-

आंटी: चल जेया अब नहा ले. फिर खाना खा कर तुझे बहुत मेहनत करनी है.

मैने आंटी को किस किया . आज वो पागल हो गयी थी. उसने मेरे होंठ काटे और मुझे नीचे बिता कर मेरे मूह मे थूका. मई सब निगल गया था.

सुनीता आंटी: जल्दी आ रंडी की औलाद. आज बताती हू चुदाई कैसे होती है.

उस दिन मैने आंटी की गांद भी मारी. वो कहानी अगले पार्ट मे बतौँगा.

अगर आपको मेरी कहानी अची लगी हो और किसी आंटी, भाभी या लड़की को मेरे से चुदाई करवानी हो, तो वो मुझे मैल कर सकते है.