पड़ोसन भाभी के चूत के हम हुए दीवाने

पड़ोसन भाभी के चूत के हम हुए दीवाने

हेलो मेरे हॉट दोस्तो में आज मेरी दूसरी कहानी अन्तर्वासना पर प्रकाशित करने जा रहा हूँ। आपने मेरी पहली कहानी “सविता भाभी गाँव के तालाब में चुद गई” अब मेरी आज की कहानी को पढ़कर भरपूर मजे लेकर अपने अंतर वासना में अपने चूत में उंगली डालकर व अपना लन्ड हिलाकर पढ़ने लगोगे।

चलो मैं अब अपने कहानी को शुरवात कर रहा हूँ. बात गाँव की ही है. मैं उस समय करीब 24 साल का था और शहर में पढ़ाई करता था. 3 दिन लगातार छुट्टी होने के कारण मैं अपने गाँव आया हुआ था. और वह महीना था मार्च का. गर्मी भी बहुत थी. घर मे बैठ कर बोर हो रहा था तो मैं और मेरा दोस्त अंकित दोपहर में खेत पर जाने का प्लान बनाया.

उस समय खेतो में कोई फसल न होने से खेतो पर इक्का दुक्का ही आता-जाता था. हम खेत पर दोनों चले गए और जाकर आम के पेड़ के नीचे लेटे थे. कुछ समय बाद मेरी पड़ोस वाली गली की भाभी गाय को लेकर अपने खेत पर जा रही थी. तभी मेरे दोस्त ने कहा देख इस गाँव की मस्त भाभी आ रही है.

मैने देखा तो देखता ही रह गया. वाकई वह सुंदर थी. उसके दोनों वक्ष चलते समय ऊपर नीचे कर रहे थे जैसे आज उनको ब्लाउज तोड़कर उड़ जाना हो. साड़ी थोड़ा साइड होने से नाभि गोरे रंग पर मैने कहा यार ये अगर मिल जाये तो जी भर के चोदूंगा. मेरे इतना कहने से ही अंकित ने कहा यार इसमें कौनसी बड़ी बात है. एक बार मैने इसे चोद रखा है. लेकिन दूसरी बार नखरे कर के मना किया।

मैने भी उसके इन बात पर मझाक करके बोला. तूने उसे सही नही चोदा होगा तभी तो दूसरी बार मना किया. तो वह और मैने हस दिया. भाभी तब हमारे पास से गुजर रही थी. और रुकी हमारी ओर देखकर बोली. क्या बात है बहुत जोर जोर से हस रहे हो।

मैं : भाभी आप अभी कहा इतने गर्मी में खेत पर आ गई हो.

भाभी : क्या करूँ घर मे भी कोई काम नही था और गाय को भी चराना था इस लिए आई हूँ. और तुम लोग क्या कर रहे हो इधर?

मैं: भाभी कुछ नही घर मे मैन नहीं लग रहा था इसलिए आज इधर आये है.

हेमंत: भाभी आज मुझे कुछ चाहिए आपसे देंगी क्या ?

भाभी: रहने दो उस दिन की तरह हाफ जाओगे.

और भाभी जोर से हंसने लगी. भाभी की ये बाते देखकर मेरा लन्ड और फड़फड़ाने लगा।

मैं: भाभी कुछ हमे भी दो आज. जिससे हम भी स्वर्ग का सफर कर ले.

भाभी. : तुम भी इसकी तरह हाफ तो नही जाओगे ना. ठीक है चलो आज तुम्हको भी आजमा लेते है.

हेमंत: ऐसा करते है हम तीनों मिल कर मजे लेते है.

भाभी कुछ सोची और बोली चलो आज तीनो एकसाथ का मजे लेते है.

फिर हम तीनों मेरे खेत के साथ एक खंडहर था जहाँ कोई आता जाता नही था। आज वैसे भी गर्मी की वजह से कोई पंछी भी इधर गुजर नाही सकता था.
फिर हम तीनों वहां गए.

भाभी हम दोनों के सामने थी. वह गोरी और सुडौल शरीर वाली एक अप्सरा से कम नही लग रही थी. उसके वक्ष तो ब्लाउज जे बाहर आने के लिए तड़फ रहे थे. उन्हके देखकर मैने कहा. भाभी आपके इन दोनों कबूतरों को आझाद कर दो ना. बेचारे कितने तड़फ रहे है बाहर आने के लिए।

भाभी ने भी तुरन्त अपने ब्लाउज को निकाल कर हमारी ओर फेक दिया. भाभी के दोनों वक्ष देखकर मेरा लन्ड और तेजी के साथ फड़फड़ाने लगा. मैंने अपने पेंट और अंडर वियर को निकाल कर बिल्कुल नंगा हुआ. मेरा दोस्त हेमंत ने भी ऐसा कर नंगा हुआ.

भाभी अपनी साड़ी को निकाल कर बिल्कुल नंगी हो गई.

हम तीनों एक भी कपड़ा अपने शरीर पर नही छोड़ा था. मानो की हम बिल्कुल 2000 साल पुराने युग मे थे.

भाभी : बताओ पहले कौन करेगा.

मैन कहा भाभी इतनी क्या जल्दी है पहले रसपान कराइये फिर खेल शुरू करेंगे. तब भाभी मेंरे पास आई और मेरे लन्ड को हाथ मे लेकर सहलाने लगी और बोली. राजू तुम्हारा लन्ड सचमुच बहुत मजबूत और चुस्त है. कही मेरे छूट फाड़ तो नही देगा ना. मेरा लन्ड वैसे भी मोठा और 8इंच लंबा था. भाभी बहुत पसंद आया था.

उधर हेमन्त भी अपना लन्ड भाभी के हाथ मे दिया. और भाभी ने दोनों के लन्ड को बिल्कुल जोर जोर से सहला रही थी. मैने भाभी वक्ष को पकड़ कर दबाने लगा. भाभी और उत्तेजित होने लगी. भाभी के निप्पल को मुँह में लेकर मैने चूसना शुरू किया. भाभी के मुँह से आ. . ह ऊ. . . ह के वासना भरी आवाज आने लगी।

फिर हमने भाभी को वही लिटाया और मैं उसके मुंह के पास आकर मेरा लन्ड उसके मुंह मे डालकर चुसवाने लगा. भाभी बहुत ही मस्ती के साथ चूस रही थी. हेमन्त भी भाभी के चुचिये के साथ खेलते हुए चूत को मजे से चाट रहा था जैसे बिल्ली अपने दूध के प्याले को दूध खत्म होने के बाद चाट रही हो।

भाभी ने कहा चोदो अब रहा नही जा रहा है. तो मैंने भाभी को कहा. भाभी आप घोड़ी बन जाओ. और हेमन्त को आगे भेज कर उसका लन्ड भाभी को चूसने को कहकर मैन पीछे आकर मेरे लन्ड पर थूक लगाकर खड़ा होकर देखा तो भाभी के गोरी चूत. गुलाबी पंखुड़िया और छोटे छोटे से बाल वाह क्या नजर आ रहा था. जैसा स्वर्ग का रास्ता यही हो.

मैंने उंगली से भाभी के चूत को छुआ तो चूत और गीली होकर बुलाने लगी थी. मैंने अब मेरा लन्ड निकालकर चूत पर रगड़ने लगा और भाभी भी हेमन्त का लन्ड जोर जोर से पूरा मुह में लेकर चूसने लगी थी।

मैंने अब मेरे लन्ड को चूत में हल्का सा घुसेड़ दिया और एक जोर का झटका धीरे से दिया भाभी के मुह से जोर से चिक निकली. और मेरा लन्ड पूरा पूरा अंदर जाकर रोख दिया था. भाभी के आंख में पानी आ गया था. मैने फिर धीरे धीरे से हल्के झटके देने लगा और भाभी अब बिल्कुल खुलकर चुदवाने लगी. उसे भी मझा आने लगा था. हेमन्त के लन्ड ने अब जबाब दे चुका था और सारा अपना वीर्य भाभी के मुह में छोड़ दिया. और भाभी थूक दिया और मेरे लन्ड का मजे लेने लगी।

मैंने भाभी को मैंने कहा भाभी आपकी गांड भी मस्त है इन्हें देखकर रहा नही जा रहा है. मुझे आपकी गांड मारने को दिल कर रहा है.

भाभी: राजू करो लेकिन आराम से डाल देना. पहली बार गांड में लन्ड ले रही हूँ.

मैं: घबराओ नही भाभी आराम से जाएगा अंदर. फिर मैंने अपने लन्ड को चूत से निकाल कर भाभी के गांड के छेद पर रखकर हल्का अंदर धकेला. लंड आराम से अंदर जाने लगा क्योंकि लन्ड पहले से चूत से गीला हुआ था. चिकनाहट था तो अंदर तो आराम से जा रहा था.

आधा लन्ड अंदर जाते ही भाभी के मुह चीत्कार निकली राजू अब बस करो और अंदर मत डालो. बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने हल्का आगे पीछे कर चोदने लगा. और कुछ ही देर में मेरे लन्ड ने अपना वीर्य भाभी के गांड में छोड़ दिया।

मैंने अपने लन्ड को भाभी के पेटीकोट से ही पोछकर साफ किया. भाभी के चेहरे पर चुदाई से संतुष्टि की लकीर दिखने लगी थी. भाभी ने कहा राजू आज तुम्हारे तगड़े लन्ड ने ऐसा मझा दिया है जिस के लिए बरसो से तरसी थी।

हेमन्त भी अपने कपड़े पहनकर खड़ा था. तो हम तीनों कपड़े पहन कर वहां से चले गए।

घर मे पहुंचने के बाद भी मुझे भाभी की हर अदा नजर आ रही थी.

यह कहानी आपको मेरी जरूर पसंद आई होगी.

धन्यवाद।