भाभी देवर सेक्स हिन्दी चुदाई स्टोरी

हेलो दोस्तो, आपके काफ़ी मैल आए मुझे. और काफ़ी लोगो ने अपनी रियल सेक्स स्टोरीस भी मुझे बताई. इस सब के लिए थॅंक योउ. अब आयेज की कहानी.

मई और भाभी माल जाने वाले थे. फिर भाभी चेंज करके आई और मई उन्हे देखता ही रह गया था. क्यूकी भाभी ने आज सारी नही पहनी थी, बल्कि सलवार सूट पहना था, जिसमे वो बहुत ही ज़्यादा मस्त माल लग रही थी.

उनके चूचे एक-दूं मस्त लग रहे थे और मलाई जैसे सॉफ्ट दिख रहे थे. चूचे देख कर मेरा तो लंड खड़ा हो गया. फिर मैने भाभी से कहा-

मई: भाभी आप तो बहुत सुंदर लग रही हो.

तो भाभी ने कहा: अछा? तो पहले क्या खराब लगती थी.

और ये बोल कर भाभी हासणे लग गयी.
मई भी हासणे लग गया. फिर मई और भाभी बाहर आए और मैने बिके स्टार्ट करी. तभी भाभी बोली-

भाभी: बिके पे चलोगे रवि ?

मैने हा मे सिर हिलाया. तो वो बोली-

भाभी: मुझे लगा शायद हम कार मे चलेंगे.

फिर वो तोड़ा सोचने लगी और बोली-

भाभी: चलो कोई बात नही.

फिर वो दोनो साइड मे पैर करके मेरे पीछे बैठ गयी और हम माल की तरफ चल दिए. रास्ते मे भाभी ने मुझे कहा-

भाभी: देवर जी, ज़्यादा ब्रेक ना लगाना. मई आपकी भाभी हू , गर्लफ्रेंड नही.

मई ये सुन कर हक्का-बक्का हो गया, की भाभी ने खुद ही ये क्या कह दिया. लेकिन वो देवर-भाभी के मज़ाक वाले लहजे से कह रही थी. पर उनकी बात सुन कर मेरे मॅन मे तो लड्डू फूटने लगे. मैने रोड पे बिल्कुल भी ब्रेक नही लगाई, ताकि वो मुझे कही कोई रोड-छाप ना समझे.

फिर हम माल आ गये और मई भाभी को लेकर सीधे Mअcडोनल्द गया . वाहा हमने बर्गर खाया. फिर वाहा से बाहर आके हमने आइस क्रीम खाई और बीच-बीच मे हल्का-फूलका मज़ाक भी करते रहे. बाद मे मैने भाभी को कहा-

मई: भाभी मोविए देखने चले?

तो भाभी ने माना करते हुए कहा-

भाभी: नही रवि, मोविए नही. क्यूकी ज़्यादा लाते हो जाएगा. अब वापस चलते है. टाइम भी काफ़ी हो गया है. घर मे सब परेशान हो रहे होंगे.

मैने भी भाभी की बात मे हामी भारी और हम वापस चल दिए. मेरा प्लान धीरे-धीरे काम कर रहा था. फिर मैने भी सोचा, की ज़्यादा जल्द-बाज़ी ठीक नही रहेगी. थोड़ी देर मे हम घर आ गये. उसके बाद मई बाहर चला गया दोस्तो के पास.

मई दोस्तो से मिल कर रात मे 9 बजे घर वापस आया. घर आके मैने देखा, की सब खाना खाने जेया रहे थे. मई भी उन सब के साथ बैठ कर खाना खाने लगा. खाना फिनिश होने के बाद? सब लोग अपने-अपने कमरे मे चले गये.

मई भी अपने कमरे मे आ गया. लेकिन मई तो बस भाभी की चुदाई देखना चाहता था. तो मई 1 घंटे के बाद चुपके से पीछे की गॅलरी मे गया और स्टूल पे खड़ा हो गया. फिर मई अंदर देखने लगा . अंदर का नज़ारा बहुत ग़ज़ब का था.

भाभी बिल्कुल नंगी थी और भैया-भाभी की छूट को चाट रहे थे. और भाभी आ आ आ आ कर रही थी. भाभी बोल रही थी-

भाभी: शिवा मी डार्लिंग, अब और मत तड़पाव और डाल दो अपना लंड जल्दी से. आ.. आहह.. अब बर्दाश्त नही होता है. प्लीज़ जल्दी से डाल दो.

भैया ने भी देरी ना करते हुए अपना लंड भाभी की बर मे पेल दिया और ताबाद-तोड़ धक्के मारने लगे. फिर भाभी तो बस आ आ कर रही थी और बोल रही थी, की बहुत अछा लग रहा है. तभी भाभी भैया के उपर आ गयी और भैया के लंड को सेट करके अपनी बर मे पेल लिया. फिर भाभी अया उम्म करते हुए कहने लगी-

भाभी: शिवा मी लोवे, हनिमून के लिए कहा चलोगे?

तभी भैया बोले: नेक्स्ट सॅटर्डे का टिकेट कर लिया है. हम लोग गोआ चलेंगे.

भाभी ये सुन कर बहुत खुश हो गयी और ज़ोर-ज़ोर से भैया के लंड पे उछालने लगी. वो आ आ आ करते हुए भैया को किस करने लगी. ये देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया और मई भी अपने लंड को हिलाने लगा.

मई ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड हिलाने लगा और मेरा पानी तो बस 5 मिनिट मे ही निकल गया और मैने दीवार को पूरा गीला कर दिया. भाभी भी उछलते-उछलते झाड़ गयी और भैया भी उनके साथ मे ही झाड़ गये और दोनो ऐसे ही एक-दूसरे से चिपक गये.

उनकी चुदाई ख़तम होते ही, मई जल्दी से अपने रूम मे आया और नेक्स्ट दे का सोचने लगा. मई सोचने लगा, की कैसे भी करके भाभी को छोड़ना है और फिर मई सो गया. सुबह जब मई उठा, तो हमेशा की तरह पापा आंड भैया जेया चुके थे और मम्मी और भाभी टी पी रहे थे.

मई भी उनके साथ बैठ गया और छाई पीने लगा. तभी मम्मी बोली-

मम्मी: बहू, देखो इस लात-साहब को. 10 बजे इनकी सुबा होती है.

तो भाभी बोली: अर्रे मा जी, कोई बात नही. अभी तो इनके खेलने के दिन है. इन्हे मत टोका करिए. जब इनकी शादी होगी और ज़िम्मेदारी इनके कंधो पे आएगी, तो ये भी अपने आप ठीक हो जाएँगे.

मई ये सुन कर कहने लगा-

मई: भाभी और मम्मी, प्लीज़ सुबा-सुबा तो ये सब मत सुनाया करो. आज कल कॉलेज की भी च्छुटी है, तो उठ के क्या करू बताओ?

मम्मी बोली: क्या बतौ? अब बताने से कुछ होगा क्या.

मैने बोला: क्या काम है, जो अब नही होगा?

मम्मी बोली: आज तुम्हारी भाभी को मौसी के घर ले-जाना था. शिवा के पास टाइम नही था, तो मैने सोचा, की हम तीनो साथ मे चलेंगे और मिल के दोपहर तक आ जाएँगे. लेकिन तुम तो उठे ही दोपहर मे हो.

तो मैने मम्मी को सॉरी कहा और बोला-

मई: कल पक्का जल्दी उठ जौंगा. नही उठा, तो आप उठा देना. कल पक्का चलेंगे.

इसे ही पूरा दिन काट गया और फिर रात हुई. सब लोगो ने खाना खाया और खाने के बाद मेरे मॅन मे चुदाई देखने का ख़याल आने लगा.

दोस्तो इस कहानी मे इतना ही. बाकी नेक्स्ट पार्ट मे. आप लोग मुझे फीडबॅक के लिए मैल भी कर सकते है , ताकि अगर कोई ग़लती हो, तो मई उसको सुधार साकु.