मालिक को प्यास बुझाने के लिए मिली नौकरानी की चूत

ही दोस्तो मेरा नाम रॉबिन है. मैं 25 साल का हू, और मुझे सेक्स बहुत प्यारा है. मेरा लंड 7 इंच का है, और रंग मेरा ज़्यादा गोरा नही है. हाइट मेरी 5’11”. मैं शादी-शुदा हू. और मेरी शादी से एक बच्चा भी है.

ये मेरी कहानी है, जो पिछले साल शुरू हुई. बच्चा होने के बाद मेरी वाइफ कामया सिर्फ़ घर का काम देखती थी. जब भी मैं उसके पास जाके उसको छूटा, तो वो कुछ बहाना बना देती थी.

इससे मेरी सेक्षुयल फ्रस्ट्रेशन बढ़ रही थी. हमारे घर में एक नौकरानी थी, जो 1 महीना पहले ही रखी गयी थी. उसका नाम शांति था. शांति 35 साल की एक धाकड़ औरत थी. उसका जिस्म ज़बरदस्त था, और उसकी बड़ी सी गांद और बूब्स थे.

उसका साइज़ 36″30″38″ था. रंग उसका ज़्यादा गोरा नही था. जब मुझे अपनी बीवी से सेक्स नही मिलता था, तो मैं तड़पने लग गया. अब मुझे सेक्स करना था, फिर चाहे किसी के साथ भी करना पड़े.

फिर एक दिन मेरी नज़र शांति पर पड़ी. वो किचन में पोछा लगा रही थी. मैं उसके पीछे था, और वो नीचे बैठ कर पोछा लगा रही थी. जैसे ही मेरी नज़र उसकी मोटी सी गांद पर पड़ी, तो मेरा लंड खड़ा हो गया.

मेरा दिल तो कर रहा था, की उसको उसी वक़्त पीछे से पकड़ लू. लेकिन मैं कुछ कर नही सकता था. फिर जैसे ही वो घूमी, तो मुझे उसके बूब्स के दर्शन हो गये. उसके बूब्स मुझे इतने रसीले लग रहे थे, की मेरे मूह में पानी आ गया.

तभी उसने मुझे उसको देखते हुए देख लिया, और मैने जल्दी से अपनी नज़र उससे हटा ली. फिर 1 मिनिट के बाद जब मैने उसको दोबारा से देखा, तो वो मेरी तरफ देख कर स्माइल कर रही थी. उसके जिस्म से तपाक रहा पसीना तो कहर ढा रहा था.

अब मैं रोज़-रोज़ उसको देखने लग गया. उसको भी इस बात का अंदाज़ा था, की मेरी उस पर गंदी नज़र थी. फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जो मैने कभी सोचा भी नही था. मेरी बीवी कामया 2 दिन के लिए अपने माइके गयी हुई थी.

अब घर पर सिर्फ़ मैं था. सुबा जब शांति आई, तो वो काम करने लग गयी. उसने आज पाजामी सूट पहना हुआ था. उसकी गांद बहुत मस्त लग रही थी पाजामी में. मैं रात को लाते सोया था, तो मुझे नींद आई हुई थी.

फिर मैं अपने रूम में जाके सो गया. कुछ देर बाद मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ, तो मेरी नींद खुल गयी. जब मैने नीचे देखा, तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. शांति मेरा लंड चूस रही थी.

मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था. मैं कुछ समझ नही पा रहा था, की वो ऐसा क्यू कर रही थी. जब शांति को पता चला, की मैं जाग चुका था, तो वो मेरी तरफ देख कर हासणे लग गयी. फिर वो बोली-

शांति: मैं जानती हू साब, की आपको सेक्स नही मिल रहा. मेरा पति भी मेरे साथ सेक्स नही करता. तो अगर आप चाहे, तो हम दोनो एक-दूसरे की ज़रूरते पूरी कर सकते है.

मुझे यकीन नही हो रहा था, की जो मैं सुनना चाहता था, वो वही बोल रही थी. फिर मैने उसको बोला-

मैं: रुक क्यू गयी, चूस्टी रहो.

उसने एक स्माइल की, और लंड चूसना शुरू कर दिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसको बालो से पकड़ा, और उसके मूह में धक्के देने शुरू कर दिए.

फिर मैं सीधा होके बैठ गया, और उसको अपनी गोद में बिता लिया. उसकी गांद इतनी मोटी और सॉफ्ट थी, की उसको चू कर मज़ा आ रहा था. फिर हम दोनो किस करने लगे. मैं पागलो की तरह उसके होंठ चूस रहा था. साथ में मैं उसकी गांद भी दबा रहा था.

फिर मैने उसका शर्ट उतार दिया. उसके ब्रा में फ़ससे हुए बड़े-बड़े बूब्स बाहर आने को तड़प रहे थे. फिर मैने उसकी ब्रा उतार दी, और उसके निपल्स पर टूट पड़ा. बहुत टाइम बाद मैं बूब्स चूस रहा था, और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैं उसकी कमर चूमते हुए उसकी जाँघो तक आया. उसकी जाँघो का तो मैं दीवाना ही हो गया था. फिर मैने उसकी पाजामी उतारी, और उसकी मोटी जाँघो को चूमने लग गया. बहुत नरम थी उसकी जांघे.

उसकी पनटी पर छूट के गीले होने के निशान थे. फिर मैने उसकी पनटी नीचे की, और उसकी छूट को चाटना शुरू कर दिया. नरम छूट का गरम पानी बहुत टेस्टी लग रहा था.

फिर मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और उसकी जाँघो के बीच आ गया. मैं अपने लंड को उसकी छूट पर रगड़ने लग गया. वो भी मस्ती भारी सिसकिया लेने लग गयी. अब हम दोनो से रहा नही जेया रहा था.

फिर मैने अपना लंड उसकी छूट के मूह पर सेट किया, और एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी छूट में उतार दिया. उसकी ज़ोर की आहह निकल गयी. फिर मैं फुल स्पीड में लंड अंदर-बाहर करने लग गया.

इतनी देर बाद छूट मिली थी, और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं तो उसको फुल स्पीड में छोड़ रहा था. वो भी आ आ कर रही थी, और चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी. उसके उपर-नीचे उछलते हुए बूब्स का नज़ारा तो देखते ही बनता था.

15 मिनिट मैं उसी पोज़िशन में धक्के देता गया. इस बीड़ वो एक बार झाड़ भी गयी. फिर मैं दोबारा उसके उपर आया, और उसको किस करने लग गया. कुछ मिनिट बाद मैने उसको घोड़ी बनने को कहा.

मेरी बात मान कर वो जल्दी से घोड़ी बन गयी. उसकी गांद देख कर तो मेरा लंड उसके अंदर जाने के लिए तड़पने लग गया. फिर मैने उसकी गांद पर थूक दिया. उसके बाद मैने अपना लंड उसकी गांद के छेड़ पर सेट किया. अब इससे पहले की वो कुछ बोल पाती, मैने एक ज़ोर का धक्का दे दिया.

वो ज़ोर से चीखी, और मेरे लंड का टोपा उसकी गांद के अंदर चला गया. उसने मुझसे डोर जाने की कोशिश की, लेकिन मैने उसको जाने नही दिया. मैं बस लगातार धक्के देता रहा, और कुछ ही मिंटो में मेरा पूरा लंड उसकी गांद में था.

क्या बतौ कितना मज़ा आ रहा था दोस्तो. उसकी गांद जितनी मोटी थी, उतनी ही क़ास्सी हुई भी थी. 20 मिनिट मैने उसकी गांद की सर्विस आचे से की. फिर मैने अपना माल उसके अंदर ही निकाल दिया.

उस दिन के बाद हम दोनो जब दिल चाहे एक-दूसरे को संतुष्ट करने लगे. अब मुझे अपनी पत्नी की, और उसको उसके पति की ज़रूरत नही थी.

तो ये थी मेरी कहानी. अगर कहानी अची लगी हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.
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