बस मे क्लासमेट राशमी की पहली चुदाई

आज की कहानी में आपको ब्ताओंगा केसे मुझे ऐक पोलीस वाले ने छोड़ा. में 18 साल का था और काफ़ी मोटा था. मेरी मोटी गांद किसी भी गे आदमी को पागल कर्दे. अब गोरा जिस्म था और हेरलेस बॉडी थी. में काफ़ी शरीफ लरका था और बोहट शर्मीला भी था. में काफ़ी सेन्सिटिव भी था.

अब बात उन दीनो क है क जब मेरे घर पे हालात सही नही थे. मेरे पापा मेरी परह की वजा से बोहट परेशन थे. वो मुझे रोज़ दांते थे. ऐक दिन उन्होने मुझे एग्ज़ॅम में फैल होने पे थापर मर्डिया. मुझे बोहट रोना आया और में अपने रूम में जाके रोने लगा. मेने उस वक़्त तान ली थी क में बस अब घर चोरके जा रा हूँ. जब घर वेल सो गये में अपनी विंडो से छलाँग मरके निकल गया. मेने कुछ भी समान नही उठाया बस खाली हाथ निकल गया.

हाइवे पे चलते चलते में तक गया. मेने डिन्नर नही काइया था तो भूक भी लग र्ही थी. फिर अचानक बारिश भी शुरू होगआई. में बतक भी गया था और बस ऐक ब्रिड्ज क नीचे ठंड में परा काँप रा था. तभी वहाँ से ऐक पोलीस की गारी गुज़री. वो आगे जाके रुकी और फिर वापस मेरे पास आई. अंदर देखा तो ऐक लंबा शॉरा पोलीस वाला बेता था. मुँह पे मोचैईन थी और काफ़ी बारे बारे मसल थे उसके. उसने मुझसे पूछा यहाँ क्या कर र्हे हो. मेने उससे अपना पूरा घर से भागने का किस्सा बता दिया. वो मेरी बात सुनने लगा और फिर मुझे गारी में बेत्ने को बोला. मेने उससे बताया क मुझे घर नही जाना तो वो बोला क वो मुझे अपने घर लेके जा रा है. उसका नाम अनिल था.

15 मिन्स बाद हम उसके घर पोंचे. में अभी भी गीला था और ठंड में काँप रा था. उसने मुझे टवल दिया और जाके शवर लेने को बोला. मेने शवर लिया और टवल रॅप करके बाहर आया. वो मेरे जिस्म पे गूर गूर क देख रा था. उसने मुझे सॅंडविच दिया और में वो खाने लगा. वो मुझे खाना खाते देख रा था और उसकी नज़र मेरे चेस्ट पे थी. वो मुझसे परह वगेआर का भी पूच रा था और समझा रा था क ऐसे घर से नही भागते.

मेने सॅंडविच ख़तम काइया. अब मुझे अछा नही लग रा था तो मेने सोचा खुद प्लेट धो देता हूँ. में प्लेट लेके जा रा था और मेरा टवल गिर गया. मेरी गांद अनिल की तरफ थी. उसकी तो आँखें खुली रह गयी. मेने जल्दी से टवल वापस भंडा और प्लेट ढोने लगा. में जब प्लेट धो रा था तो वो मेरे पीछे आया और अपनी बॉडी मेरे पीछे प्रेस करने लगा. मुझे ये अजीब लगा. उसने मेरे खंडों पे हाथ रखा और आहिस्ता आहिस्ता मेरी वेस्ट तक ले गया और टवल को गिरा दिया.

मे: ये आप क्या कर र्हे हो
अनिल: में तुझे रहने क लिए जगा दे रा हूँ और खाना भी दिया अब मुझे भी तो कुछ मिलना चाहिए ना
मे: में समझा नही आपका मतलब
अनिल: में समझता हूँ

उसने अपनी ज़िप खोली और अपना 7.5 इंच का लंड बाहर निकाला. उसने मुझे तोरा झुकाया और लंड पे थूक लगाया और तोरा होल पे भी. मुझे ये अजीब लगा लेकिन उसकी पाकर बोहट मज़बूत थी में उपर ही नही हो पा रा था. वो अपना लंड मेरे होल पे उपर नीचे रब कर रा था. फिर उसने तोरा और थूक लगाया.

मे; ये आप क्या कर र्हे हो
अनिल: चुप कर भेंचोड़ और में जो कर रा हूँ करने दे… कमाल की गांद है तेरी

उसने तोरा ज़ोर लगाया और उसका लंड अंदर जाने लगा. मुझे दर्द महसूस होने लगा. मेने उससे हटाने की कोशिश की लेकिन में हटा नही पाया. वो लंड घुसता जा रा था मुझे काफ़ी दर्द होरहा था. में आखें बंद करके बस दर्द बर्दाश्त कर रा था. फिर उसने पूरा लंड अंदर दल्दिया और बोला “वाह तू मेरा पूरा लंड ले गया”. फिर उसने गांद पे ऐक थापर मारा. उसने 2 मिन्स तक लंड अंदर रखा फिर पूरा लंड बाहर निकाला. फिर उसने पूरा लंड वापस डाला और फिर बाहर निकाला. ऐसा उसने 4-5 बार काइया फिर दर्द कम होगआया. जब उसने फिरसे पूरा लंड डाला मेरे मुँह से “म्‍महम्म” की आवाज़ निकली.

अनिल: अब तुझे भी मज़ा आएगा

अनिल ने फिर मुझे छोड़ना शुरू काइया. 15 मिन्स की चुदाई क बाद मुझे टा नही क्यूँ उसका लंड अंदर बाहर जाते मज़ा दे रा था. मुझे ऐसी फीलिंग अराही थी जो पहले कभी नही आई. उसने फिर लंड निकाला और मुझे हाथ से पाकर के सोफा पे लेता दिया. मेरी टाँगें उठा दी और लंड ऐक झटके में पूरा अंदर डाला. मेरे मुँह से मोनिंग जेसी आ निकली. उसने ढके मारना शुरू कार्डिया और झुक कर मेरे बूब्स चूस रा था. उसने मेरा लंड भी पकरा और मेरी मूठ भी मरने लग गया. मुझे मज़ा अरहा था इस सब में. ऐसा कभी फील नही काइया था.

20 मिन्स की चुदाई क बाद मुझे गांद में कुछ बहता फील हुआ. ये इतनी कमाल की फीलिंग थी क मेरा पानी भी निकल गया. अनिल ने चूस चूस क मेरे बूब्स लाल कारडीए थे. अनिल की कम ने थोरी बोहट जो होल में जलन भी वो भी ख़तम करदी थी. में वहीं परा रहा और वो कहीं चला गया. थोरी देर बाद मेरा होल वापस धुकने लगा. अनिल वापस आया और बोला क चल उठ दोसरा रौंद. मेने उससे भीग माँगने लगा.

मे: प्लीज़ सिर आप तोरा रेस्ट करने दो मुझे अभी भी दर्द है
अनिल: अछा चल मुँह खोल अपना
मे: क्यूँ
अनिल: तेरी गांद धुक र्ही है ना मुँह तो नही धुक रा

उसने मुझे बालों से पकरा और मुँह में लंड दल्दिया. उसने मेरे मुँह की चुदाई शुरू करदी. उसने काफ़ी देर तक खरे खरे मुँह छोड़ा. फिर मुझे अपने बेडरूम में ले गया. वो बेड पे लेट गया और मुझे लंड चूसने को बोला. में बेड पे छरह गया और लंड पकरा उसका. में उस वक़्त रियलाइज़ हुआ क ये हाथोरे जेसा लंड मेरी गांद में केसे घुस गया. मेने मुँह खोला और लंड चूसने लगा. मुझसे पूरा लंड नही चूसा जा रा था लेकिन अनिल ज़बरदस्ती मुँह में घुसा रा था और गले तक लेके जा रा था.

अनिल: तेरा दर्द कम हुआ
मे: हाँ पहले से बेहतर है
अनिल: चल मेरे लंड क उपर आ

में उसके लंड क उपर आया. और उसने मुझे लंड पे बेत्ने को बोला. उसने मेरे होल पे लंड को सेट काइया और में आहिस्ता आहिस्ता उसके लंड पे बेत्ने लगा. उसका पूरा लंड अंदर गया. उसने मुझे उछालने को बोला. मेने उसके लंड पे उपर नीचे होने लगा. इस बार 30 मिन्स तक चुदाई चली. वो मेरे लंड को हिला रा था और मेरा माल उसके पायट पे उरता गिर गया.

अनिल: उतार और आजा ये चाट अपनी माल

मेने उसके पायट से अपना पूरा कम छाता. फिर उसने मुझे लंड चूसने का बोला. मेने उसका लंड चूसने लगा. 10 मिन्स चूसने क बाद उसने मेरे मुँह में ही माल निकल दिया. मेने तोरा बोहट टेस्ट काइया उसका माल काफ़ी मीठा था. लेकिन अजीब लगा इस लिए मेने काफ़ी सारा माल निकल दिया उसके लंड क उपर ही. अनिल ने मुझे थापर मारा.

अनिल: ये क्या कार्डिया अब सॉफ कर पूरा

मेने उसकी थाइस और लंड से पूरा माल छाता और पी गया. उसका लंड, टटटे और थाइस चाट कर सॉफ की.

अनिल: अब बता मज़ा आया?
मे: जी सिर
अनिल: चल अब रेस्ट कर थोरी देर बाद फिरसे छोड़ूँगा.
मे: जी सिर

मेने तोरा रेस्ट काइया लेकिन मेरी आँख लग गयी. लेकिन मेरी नींद टूटी तो अनिल मुझे छोड़ रा था. उस रात उसने मुझे 4 बार छोड़ा. अगले दिन सुबह को मुझे घर चोर्दिया. फिर में हर दिन शाम को क्रिकेट का बहाना करके उसके पास जाता था और वो मेरी गांद मरता था. 6 महीने तक ऐसा चला फिर उसकी ट्रान्स्फर होगआई लेकिन तब तक मेने गली मोहल्ले में छुड़वाना शुरू कार्डिया था. में लंड और चुदाई क बगैर रह नही पता था.