जेम्ज़ काका ने मेरी सील तोड़ी

हेलो दोस्तो, मेरा नाम अंजलि है. मई 24 साल की हू, और पोस्ट ग्रॅजुयेशन कर रही हू. मेरा फिगर 36″29″36″ है, और मई काफ़ी लड़को से चुड चुकी हू. मेरे घर मे मम्मी, पापा, और मेरा एक बड़ा भाई है.

आज मई जो स्टोरी आपको बताने जेया रही हू, तो 4 साल पहले की है. तब मई बहुत भोली थी, और मुझे चुदाई के बारे मे कुछ नही पता था. उस वक़्त मई पहली बार चूड़ी थी, और उसके बाद मई कभी नही रुकी, और चुड्ती रही. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

हमारे घर मे एक जेम्ज़ नाम का ड्राइवर था. वो पिछले 16 सालो से हमारा ड्राइवर था. जब मई छ्होटी बच्ची थी, तब वो मुझे स्कूल छोढ़ने जाया करता था. मई उसके साथ दिन-रात खेलती कूदती रहती थी. मेरे लिए, तो वो मेरे बाप जैसा ही था. फिर मई बड़ी होती गयी, और वो मुझे अंजान की तरह ट्रीट करने लगा.

एक दिन मम्मी-पापा घर से बाहर गये हुए थे, और भाई कॉलेज गया हुआ था. मई घर पर बोर हो रही थी, तो मई जेम्ज़ काका के पास जाके बैठ गयी. वो गाड़ी के पास ही बैठे थे. मई जाके उनके पास बैठी, तो वो खड़े हो गये. ये देख कर मई बोली-

मई: क्या हुआ काका?

जेम्ज़ काका: कुछ नही बेटा. मई आपके बराबर नही बैठ सकता.

मई: क्यू? पहले तो आप मुझे गोद मे भी बिता लेते थे.

जेम्ज़ काका: बच्चा पहले आप छ्होटी बच्ची थी. अब आप बड़ी हो गयी हो.

मई: फिर क्या हो गया?

जेम्ज़ काका: छ्होटे होने मे और बड़े होने मे बहुत फराक है.

मई: ये क्या बात हुई. मेरे लिए तो आप वही सेम मेरे स्वीट जेम्ज़ काका हो.

ये सुन कर वो मुस्कुराने लग गये. फिर वो बोले-

जेम्ज़ काका: आप समझ नही रही हो.

मई: तो समझाओ आप.

जेम्ज़ काका: आप जवान हो गयी हो. अब आप मेरे पास भी नही बैठ सकती, गोद मे बैठना तो डोर की बात है.

मई: चलो आप बैठो यहा.

जेम्ज़ काका: लेकिन बेटा…

मई: मैने बोला ना बैठो यहा.

ये सुन कर जेम्ज़ काका वाहा बैठ गये. फिर मई उनकी गोद मे जाके बैठ गयी. उस वक़्त मेरा फिगर 34″26″36″ था. मई 2-3 मिनिट उनकी गोद मे ही बैठी रही. तभी मुझे अपनी गांद पर कुछ फील हुआ. फिर मई बोली-

मई: ये क्या है जेम्ज़ काका?

जेम्ज़ काका: कुछ नही बेटा.

मई: ये तो सख़्त लग रहा है. ये आपका वो है क्या?

जेम्ज़ काका: हा बेटा.

मई: ये इतना सख़्त कैसे हो गया?

जेम्ज़ काका: बेटा तुम जो बैठी हो मेरी गोद मे. उसी वजह से हुआ है.

मई: ऐसे कैसे?

जेम्ज़ काका: बेटा ऐसा ही होता है. जब तुम्हारी गर्मी इसको लगेगी, तो ये खड़ा हो जाएगा.

मई: वाउ! ऐसा तो मैने पहली बार देखा है.

जेम्ज़ काका: अब तुम्हे मेरी गोद से उठ जाना चाहिए.

फिर मई उनकी गोद मे से उठ गयी. मैने उनके लंड की तरफ देखा, तो उनका बड़ा सा लंड मुझे खड़ा हुआ दिख रहा था. मैने बिना सोचे उनके लंड को पंत के उपर से पकड़ा. ये देख कर वो काँप गये, और बोले-

जेम्ज़ काका: बेटी तुम मेरे यहा टच नही कर सकती.

मई: मई अब अपने जेम्ज़ काका के साथ कुछ भी कर सकती हू.

ये सुन कर जेम्ज़ काका चुप गये. फिर अगले दिन मैने फिरसे वही किया, और जाके जेम्ज़ काका की गोद मे बैठ गयी. आज भी उनका लंड मेरी गर्मी से खड़ा हो गया था. 3-4 दिन ऐसे ही चलता रहा.

फिर 5त दे कुछ अलग हुआ. आज जब मई उनकी गोद मे बैठी, तो उन्होने मेरी कमर को पकड़ लिया. उसके बाद उन्होने मेरे बूब्स पर हाथ रख लिए, और हल्के से सहलाने लगे. ये देख कर मैने उनको बोला-

मई: जेम्ज़ काका, आप क्या कर रहे हो?

जेम्ज़ काका: ऐसे ही खेलता था, मई बचपन मे तेरे साथ. तू देखेगी, की लंड इतना बड़ा कैसे हो जाता है.

मई: हा ज़रूर.

जेम्ज़ काका: चल मेरे रूम मे चल फिर.

और मई काका के साथ उनके रूम मे चली गयी. मैने पाज़ामी सूट पहना हुआ था. अंदर जाते ही जेम्ज़ काका ने अपनी पंत नीचे की, और उनका 7.5 इंच लंबा, और 3.5 इंच मोटा लंड मेरे सामने आ गया.

मई: वाउ! कितना बड़ा लंड है.

उनका लंड काला सा था. देखने मे काफ़ी भद्दा था उनका लंड, लेकिन फिर भी मुझे अछा लग रहा था. फिर काका बोले-

जेम्ज़ काका: टच नही करोगी?

उनकी ये बात सुन कर मई एग्ज़ाइट हो गयी, और मैने जाके लंड पकड़ लिया. फिर उन्होने अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रखा, और लंड को उपर नीचे करने लग गये. मुझे ये सब करने मे बड़ा अछा फील हो रहा था. जेम्ज़ काका ने मुझसे पूछा-

जेम्ज़ काका: कैसा लग रहा है?

मई: बहुत अछा.

तभी जेम्ज़ काका ने अपना एक हाथ मेरे एक बूस पर रख लिया. इससे मेरी सिसकी निकल गयी, और मई बोली-

मई: काका ये क्या?

जेम्ज़ काका: इससे तुम्हे ज़्यादा मज़ा आएगा.

ये बोल कर उन्होने मेरा बूब दबाना शुरू कर दिया. मेरी साँसे तेज़ हो रही थी, और मुझे मज़ा भी आ रहा था. फिर काका बोले-

जेम्ज़ काका: और मज़ा करोगी?

मई: हा काका.

मेरे ये बोलते ही काका ने मुझे गले लगा लिया, और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए. वो बड़े प्यार से मेरे होंठ चूसने लगे. मई ये पहली बार कर रही थी. पहले-पहले तो सिर्फ़ वो मेरे होंठ चूस रहे थे, लेकिन 2-3 मिनिट मे मई भी उनको कॉपी करने लगी.

साथ ही साथ उन्होने अपने हाथ मेरी गांद पर रख लिए, और दबाने लगे. मुझे इन दोनो चीज़ो मे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर होंठ चूस्टे हुए वो मेरी गर्दन पर आ गये. वो मेरी गर्दन को चूमने लगे, और मेरी क्लीवेज मे मूह मारने लगे.

फिर उन्होने मेरा शर्ट उपर करके उतार दिया. मैने उनको माना नही किया क्यूकी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरे पीछे गये, और मेरी पीठ पर किस करने लगे. फिर उन्होने मेरी ब्रा खोली, और आयेज आके मेरे बूब्स पकड़ लिए.

उसके बाद उन्होने मेरे निपल्स चूसने शुरू कर दिए. मेरी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी, और मेरे बूब्स काफ़ी हार्ड हो चुके थे. उससे पहले मेरे बूब्स कभी इतने हार्ड नही हुए थे. काका मेरे निपल्स चूस रहे थे, और चूस्टे-चूस्टे वो मुझे बेड के पास ले गये.

फिर उन्होने मुझे बेड पर लिटा दिया, और मेरी कमर पर किस करने लगे. उनका एक हाथ अब मेरी जाँघो मे था. मुझे अपनी पनटी पे कुछ गीला-गीला महसूस हो रहा था. फिर काका ने मेरी पाज़ामी नीचे करके उतार दी. मेरी जाँघो को देख कर वो बोले-

जेम्ज़ काका: बिटिया तुम कमाल की हो.

मई ये सुन कर शर्मा गयी. काका ने मेरी जाँघो को चूमना चाटना शुरू कर दिया. मेरी सिसकिया तेज़ होती जेया रही थी. फिर जैसे ही उन्होने मेरी छूट को छुआ, तो मेरी आहह निकल गयी. वो पनटी के उपर से मेरी छूट मे मूह मारने लगे. ये बड़ी अजीब सी फीलिंग थी, और ऐसी फीलिंग मुझे पहले कभी नही हुई थी.

फिर काका ने मेरी पनटी नीचे की, और मेरी छूट पर किस किया. इससे मई उछाल पड़ी. फिर उन्होने मेरी छूट पर जीभ फेरना शुरू कर दिया. मुझे ये गंदा लग रहा था, और मैने काका को बोला-

मई: काका आप ये मत करो, ये जगह गंदी होती है.

जेम्ज़ काका: मेरे लिए तो ये जन्नत है बेटी.

जब उन्होने मेरी गंदी जगह को जन्नत कहा, तो मुझे बड़ा अछा फील हुआ. फिर वो मेरी पूरी छूट पर जीभ फेरने लग गये. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, और मई उनके सिर को अपनी छूट मे दबा रही थी.

थोड़ी देर छूट चाटने के बाद, वो मेरी टाँगो के बीच आए, और अपने लंड को मेरी छूट पर रगड़ने लग गये. मेरी तो साँसे फुल स्पीड पर चल रही थी. फिर उन्होने अपने लंड को छूट के छेड़ पर सेट किया, और एक धक्का मारा.

उनके धक्के से उनका लंड का आयेज का हिस्सा अंदर चला गया, और मेरी दर्द भारी . निकालने लगी. मई उनको बोली-

मई: काका ये मत करो, दर्द होता है इसमे.

जेम्ज़ काका: अभी देखना कितना मज़ा आएगा.

ये बोल कर जेम्ज़ काका ने मेरे होंठ अपने होंठो से बंद कर लिए, और नीचे से धक्के देने लगे. मेरी . . की आवाज़े निकल रही थी, लेकिन काका ने उनकी कोई . नही की. फिर जब उनका पूरा लंड मेरी छूट मे समा गया, तब वो 2 मिनिट के लिए रुक गये.

जैसे ही मेरा दर्द कम हुआ, तो उन्होने अपना लंड मेरी छूट से बाहर निकाल लिया. मैने नीचे देखा, तो मेरी छूट खून से लाल थी. फिर काका ने बड़े प्यार से मेरी छूट को सॉफ किया, और अपना लंड भी सॉफ किया. उसके बाद उन्होने लंड दोबारा मेरी छूट पर सेट किया, और दबाव बनाने लगे.

इस बार लंड आराम से अंदर चला गया, और दर्द भी कम हुआ. फिर काका मुझे किस करने लगे, और नीचे से लंड अंदर-बाहर करने लगे. अब मुझे भी मज़ा आना शुरू हो गया था, और मई भी गांद उठा-उठा कर उनका साथ दे रही थी.

वो मुझे छोड़ते हुए मेरे बूब्स भी मसल रहे थे. मई आहह आ करते हुए चुड रही थी, और ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. तभी मुझे अपनी छूट से कुछ निकलता हुआ फील हुआ. मुझे लगा वो सस्यू था, लेकिन वो कुछ और ही था.

जैसे ही वो गाढ़े पानी जैसी चीज़ मेरी छूट से निकली, तो मई ढीली पद गयी. लेकिन काका मुझे छोड़ते रहे. 5 मिनिट बाद उनके लंड ने भी कोई गरम चीज़ मेरी छूट मे छोढ़ दी. फिर थोड़ी देर वही लेटने के बाद, मैने अपने कपड़े पहने और वाहा से आ गयी.

उस रात मेरे मॅन ने चुदाई के ही ख़याल चलते रहे, और मेरी छूट पानी छोढ़ती रही. अगले दिन फिरसे मई काका के पास चूड़ने पहुँच गयी. अगले 4 दिन यही चलता रहा. फिर पाँचवे दिन काका बोले-

जेम्ज़ काका: बिटिया और मज़ा करना चाहोगी?

मई: इससे भी ज़्यादा?

जेम्ज़ काका: हा. लेकिन उसमे भी पहले तोड़ा दर्द होगा.

मई: कोई बात नही. बाद मे मज़ा भी तो आएगा.

फिर जेम्ज़ काका ने मुझे नंगी करके बेड पर उल्टा लिटा लिया. उन्होने पीछे से मेरे चूतड़ खोले, और मेरी गांद के चियर को चाटने लगे. मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था, और मई गांद उनके मूह मे दबा रही थी.

जब गांद पूरी तरह से गीली हो गयी, तो काका मेरी जाँघो पर बैठ गये, और गांद के छेड़ पर लंड रगड़ने लग गये. फिर उन्होने एक ज़ोर का धक्का मारा, जिससे मुझे काफ़ी दर्द हुआ. इस धक्के से उनके लंड का टोपा गांद मे गया भी, और बाहर भी निकल आया.

मई बोली: काका इसमे तो बहुत दर्द होता है.

जेम्ज़ काका: मज़ा भी आता है.

फिर उन्होने एक उंगली गांद मे डाल कर अंदर-बाहर करनी शुरू की. पहले मुझे दर्द हुआ, लेकिन फिर मज़ा आने लगा. फिर एक उंगली से 2 उंगलिया हो गयी, और 2 से 3 उंगलिया हो गयी. अब मेरा छेड़ तोड़ा खुल गया था.

काका ने फिरसे लंड सेट किया, और ज़ोर का धक्का लगाया. इस बार उनका आधा लंड मेरी गांद मे चला गया. दर्द के मारे मेरी तो जान पर बन आई. वो मेरे उपर लेट गये, और मुझे बिस्तर मे दबा दिया. मेरा मूह अब पिल्लो मे दबा हुआ था.

वो लंड पर प्रेशर बढ़ाते गये, जिससे लंड सरकता हुआ अंदर जाता रहा. 2 मिनिट मे उनका पूरा लंड मेरी गांद मे चला गया. मेरे दर्द के मारे पसीने छूट रहे थे. फिर काका ने मेरी पीठ पर किस किए, और धक्के देने लगे.

5 मिनिट के दर्द के बाद मुझे मज़ा आने लगा. अब मेरी गांद खुल चुकी थी. उन्होने मुझे घोड़ी बना लिया, और मेरी गांद छोड़ने लगे. उनकी जांघे मेरे छूतदो से टकरा रही थी, और लंड पूरा अंदर जेया रहा था. मुझे बड़ा सुकून और मज़ा मिल रहा था. 20 मिनिट गांद छोड़ने के बाद उन्होने मेरी गांद अपने माल से भर दी. उसके बाद उन्होने मेरी छूट भी छोड़ी.

फिर जब तक मेरा कॉलेज मे बाय्फ्रेंड नही बन गया, मई जेम्ज़ काका से चुड्ती रही. उसके बाद मैने बहुत से लड़को से अपनी चुदाई करवाई, और आज भी करवा रही हू.

तो दोस्तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.