मोम की हार्डकोर ग्रूप चुदाई

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम ऋतिक है और मई 19 साल का हू. मेरे घर मे 3 लोग रहते है मई मों और दाद. दाद सुबह 8 भजे ऑफीस जाते है और शाम को 5 भजे आते है. मों का नाम स्वेता है और उनकी आगे 44 है और वो एक स्कूल टीचर है. उनका फिगर बिल्कुल विद्या बालन से मिलता है, मतलब मोटे मोटे बूब्स और मोटी उभरी हुई गांद, और मों सारी या सलवार सूट पहनती है.

तो चलिए स्टोरी पे आते है..

मों रोज सुबह 8 भजे स्कूल जाती थी और 3 भजे आ जाती और मई भी सुबह 8 भजे कॉलेज जाता और 5 भजे आता और दाद का भी यही था 10 से 5.

तो एक बार मेरे एग्ज़ॅम्स चल रहे थे तो मेरे 4-5 दोस्त मेरे घर पे आकर पढ़ाई करते थे. जिनमे से एक दोस्त था जिस्मा नाम बंटी था और वो बहुत बड़ा लोंड़ियबाज़ था, वो कॉलेज बहुत कम जाता था. उसकी एक बात बताता हू, जब वो 12 क्लास मे था तब उसने अपनी एक स्कूल टीचर जिनकी आगे 38 होगी उन्हे पता के छोड़ा था. और तब से वो ये सोचता था की वो किसी को भी पता के छोड़ सकता है.

मों घर पे 2 भजे आ जाती और मई और दाद 5 भजे और बंटी आता 6 भजे. फिर एक दिन बंटी आया और मई और बंटी अपने कमरे मे पढ़ने लगे तो बंटी को प्यास लगी तो वो किचन मे पानी पीने गया. फिर मुझे भी प्यसस लगी थी तो मई भी उसके पीछे चल दिया.

जैसे ही वो किचन मे घुसा वो रुक गया और खड़ा होकर मों को देखने लगा. मैने जब देखा तो मों उस समय खाना बना रही थी और गर्मी की वजह से वो पूरी पसीने से बीघी थी. उनके बगलो से लेकर मोटे मोटे बूब्स तक पसीना था. पीठ पूरी गीली हो रही थी, ब्लाउस भी पूरा गीला था. उनके ब्लॅक ब्लाउस मे वाइट ब्रा ट्रॅन्स्परेंट हो रही थी. मों पीछे को खड़ी थी तो उनकी उभरी हुई मोटी गांद बड़ी मस्त लग रही थी.

तभी मैने देखा की बंटी अपना हाथ लंड पे रख रहा है, तभी मों उसे देख लेती है…

मों – अरे बेटा कुछ चाहिए क्या?

बंटी – हन आंटी पानी.

मों – रूको.

फिर पानी पीकर हम अपने कमरे मे आ जाते है.

बंटी – यार अब पड़ने मई नही लग रहा.

मे – क्यू?

बंटी – यार क्या बतौ तू बुरा मान जाएगा..

मे – बता तो?

बंटी – चोर यार.

मे – बोसड़ी के बता!

बंटी – यार तेरी मा कितनी हॉट है!

मे – आबे चुप हो जेया मा है वो मेरी!!

फिर वो चुप हो गया फिर अगले दिन जब मई कॉलेज से घर आया तो देखा की बंटी मेरे घर पे था. वो आज कॉलेज नही गया था और वो और मों बैठ कर बाते कर रहे थे. फिर मई आ जाता हू..

मों – अरे तू आ गया चलो अब तुम दोनो बाते करो मई तेरे लिए खाना लाती हू.

फिर हम दोनो बाते करने लगते है. मई बंटी के ऑपोसिट साइड मे बैठा हुआ होता हू और बीच मे टेबल होती है. फिर मों खाना लाती है और खाना रखने के लिए झुकती है तो मों की गांद बंटी के सामने होती है. वो उनकी गांद घूर्ने लगता है. फिर जासे ही वो मुझे देखता है वो अपनी निगाह इधर उधर कर लेता है. उसके बाद मों बैठ जाती हैं फिर मों मुजसे बोलती है-

मों – ऋतिक कल तू फ्री है क्या?

मे – नही मों मुझे अपना प्रॉजेक्ट करना है.

बंटी – कुछ काम था क्या?

मे – हा वो कल मेरे दोस्त के बेटे का जनमदिन है तो उसने बुलाया है.

बंटी – ओह तो अगर आपको दिक्कत ना हो तो मई चालू?

मों – अरे बेटा तुम्हे भी तो पड़ना होगा?

बंटी – अरे नही आंटी कोई दिक्कत नही.

मों – अरे नही बेटा.

मे – अरे मों कोई बात नही आप चली जाओ बंटी के साथ.

मों – तो फिर ठीक है.

बंटी – आंटी आप मुझे फोन कर लेना.

मों – तुम मुझे अपना नंबर तो दे दो.

फिर बंटी अपना नंबर देता है और फिर चला जाता है फिर शाम को बंटी का फोन मेरे पास आता है-

बंटी – यार थॅंक योउ.

मे – हा ठीक है.

बंटी – तो तू मान ही गया.

मे – क्या?

बंटी – अब ज़्यादा भोला मत बन.

मे – तू पागल है क्या यार कुछ भी सोचता है..

बंटी – बेटा तू बहुत हरामी चीज़ है सेयेल छुपे रुस्तम!

मे – नही यार तू जैसा सोच रहा है वैसा कुछ नही है पर मुझे कोई दिक्कत नही है की वो किसी और के साथ कही आए जाए.

बंटी – दिक्कत क्यू नही है ये बता?

मे – चल अब चुप जेया!

बंटी – ओक.

फिर अगले दिन शाम 5 भजे मों मेरे कमरे मे आती है. मई उन्हे देख कर चौंक जाता हू. उन्होने ब्राउन कलर का सारी ब्लाउस पहना हुआ होता है जिसमे उनके बूब्स बहुत मोटे लग रहे होते है और गांद तो निकली जेया रही थी और फेस पे फुल मेकप. तभी थोड़ी देर बाद दाद आ जाते है और वो मों को देखते ही रहते है.

दाद – अरे आज कैसे कहर ढा रही हो.

मों – अरे आप भी ना, ऋतिक घर पे ही है.

दाद – इतनी साज धज के कहा जेया रही हो?

मों – वो एक जनमदिन की पार्टी मे.

तभी थोड़ी देर बाद बंटी आ जाता है और वो जासे ही मों को देखता है चौंक जाता है और देखता ही रह जाता है. तभी दाद मों से बोलते है ज़रा कमरे मे आओ कुछ इंपॉर्टेंट काम है.

मों – अरे बंटी भी आ गया है, बाद मे काम हो जाएगा.

दाद – अरे एक स्चेक पे तुम्हारे साइन चाहिए.

मों – अछा ठीक है, बंटी बेटा तुम बैठो.

बंटी – जी आंटी.

फिर दाद मों को ले जाते है और कमरे के गाते लगा लेते है और बंटी मेरे कमरे मे आ जाता है.

बंटी – भाई तेरी मा तो आइटम लग रही है, तेरे बाप से कंट्रोल नही हुआ.

मे – सेयेल उन्हे कुछ ज़रूरी काम था, तेरे दिमाग़ मे तो बस एक ही चीज़ चलती है.

बंटी – तू देख लिओ.

मे – हन चल ठीक है देख लेंगे.

फिर मों आधे घंटे बाद निकलती है पर मई और बंटी उन्हे देख कर चौंक जाते है. क्िउकी अब उन्होने पिंक कलर का सारी ब्लाउस पहन रखा था.

मेरी और बंटी की कुछ बात होती इसे पहले मों ने बंटी को बुलाया और वो दोनो चले जाते है. फिर दाद भी बाहर घूमने निकल जाते.

फिर मई उनके कमरे मे जाता हू तो देखता हू की मों की ब्राउन सारी और ब्लाउस एक कोने मई पड़ा है. ब्लाउस पूरा गीला था और उस पर स्पर्म लगा हुआ था. मई समाज गया था की दाद ने मों को अंदर क्यू बुलाया था.

रात 12 भजे मों वापस आती है और वो अपने कमरे मे जेया कर सो जाती है.

अगले दिन जब मई उठता हू तो दाद ऑफीस चले जाते है और मेरी छुट्टी होती है, मई फ्रेश होकर नीचे जाता हू.

मे – मों आज आप स्कूल नही गयी?

मों – नही आज नही गयी, तबीयत थोड़ी ठीक नही है.

मे – अछा.

मों – तुम्हारा दोस्त बड़ा नालयक है, उससे डोर रहा करो.

मे – क्या हुआ मों?

मों – हुआ कुछ नही लेकिन वो सही नही है तेरे लिए.

मे (मॅन मे) – कुछ तो कांड किया है बंटी ने.

फिर मई नाश्ता करके बंटी को फोन लगता हू-

मे – क्यू बे कल तूने क्या हरकत की??

बंटी – मैने कुछ नही किया, क्यू आंटी कुछ कह रही थी?

मे – हन कह रही थी की तू बहुत नालयक है.

बंटी हासणे लगता है और बोलता है-

बंटी – कल तेरी मों जब बिके पे पीछे बैठी थी तो इतने ब्रेक लगाए की पूरे रास्ते भर मेरा लंड खड़ा रहा.

मे – ओये तू पागल है क्या यार वो मेरी मा है!

बंटी – मा नही माल है यार वो…

मे – देख यार तू ठीक नही कर रहा,

बंटी – तू तो बड़ा शरीफ बन रहा है मदारचोड़!

मे – अरे यार चल ठीक बाइ.

फिर अगले दिन जब मई कॉलेज से आता हू तो मों आपमे कमरे मे सो रही होती हैं और पास मे ही उनका फोन था. तो मैने उनका फोन उठाया लेकिन उसमे फिंगरप्रिंट लॉक था. मैने हल्के से मोबाइल उनकी उंगली पे रख दिया और फोन अनलॉक हो गया. फिर मई बाहर आ गया तो मैने व्हातसपप खोली जिसमे सब से उपर बंटी का ही नाम था. मैने छत खोली, वो मई आपको शुरू से बताता हू-

बंटी – हेलो आंटी.

मों – कौन?

बंटी – मई बंटी.

मों – ओह तो तुम हो.

बंटी – ह्म..

मों – तुम बिके चलना सीख लो, तुम्हे चलानी नही आती.

बंटी – क्या करू आंटी रास्ता खराब था.

बंटी – आंटी आज बहुत सेक्सी लग रही थी.

मों – ये साबद मुजसे दोबारा मत बोलना अछा नही लगता.

बंटी – आंटी आज आपने सारी चांग क्यू कर ली थी?

मों – वो उसपे पानी गिर गया था.

बंटी – ओह अछा.

मों – मुझे नींद आ रही है अब तुम भी सो जाओ.

बंटी – ओक गुड नाइट आंटी.

मों – गुड नाइट.

फिर आज की छत है-

बंटी – आंटी कहा हो?

मों – क्यू?

बंटी – बस ऐसे ही.

मों – स्कूल मे हू

बंटी – तो घर कब तक आओगी?

मों – करीब 2 भजे तक.

बंटी – ओक.

फिर 2 भजे-

बंटी – घर पे आ गयी क्या आप?

मों – हन कुछ काम है क्या? पर ऋतिक नही आया अभी.

मों – नही मुझे आपसे काम है, मई आता हू.

बस इतनी ही थी फिर मई अपने कमरे मे चला जाता हू, आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट मे.