मनप्रीत और उसकी दोस्त स्नेहा के साथ थ्रीसम

तो पिछली स्टोरी में आप सभी ने देखा की कैसे मैने मनप्रीत को पुर मॅन से ठोका और फिर मई बातरूम चला गया.

जब मई वापिस आया तो वो सो रही थी. टाइम कुछ अभी 12:30 हो रखे थे. तो मई जिस काम के लिए मोहाली आया था मई वहाँ चला गया. काम वगेरा ख्तम करके घर तक वापिस आते आते मुझे करीब करीब 5:30-6 भाज चुके थे.

मैने जैसे ही घर की बेल बजाई, अंदर से कोई और ही लेडी ने दरवाज़ा खोला. मई तो उससे देखता ही रह गया. वो थी तो ठीक तक दिखने वाली पर मनप्रीत के मुक़ाबले बहोट ही ज़्यादा भारी हुई थी. उसके बूब्स सही साइज़ के थे और गांद मस्त थी. हल्की मोटी थी वो तो उसे देखके मेरा लंड तो खड़ा हो गया.

मे: ई थिंक में ग़लत घर में आ गया.

लेडी: नही नही.. ये सही घर ही है, मई मनप्रीत की दोस्त हू.

वो मुझे अपने साथ अंदर ले गयी. में तोड़ा ऑक्वर्ड था क्योकि मुझे यॅ पता नही था मनप्रीत ने क्या खके इन्त्रोदूक्षे किया होगा. तो में जब आंदार गया और बैठा.

मनप्रीत: अभी. यॅ मेरी दोस्त है स्नेहा. यॅ आज ही बंगलोरे से आई है.

मे: बंगलोरे?

स्नेहा: ई वर्क इन आ सेल्स डिपार्टमेंट इन आ फ़ार्मा कंपनी.

मे: श, फिर तो बहोट तगड़ा पॅकेज होगा.

स्नेहा: हन पॅकेज तो आछा ख़ासा ही बुत वर्क लाइफ बॅलेन्स ज़ीरो है. मतलब वीकेंड्स अरे ओक, बुत फिर भी बहोट हेक्टिक लाइफ है. मेरी तो आधी सॅलरी सेविंग में ही जाती है खर्च ह आंड होती क्यूकी टाइम ह नही है.

मनप्रीत: वेसए अभिइ.. में ब्टडू, जो मेरा हाल है वोही इसका है.

मे: मतलब?

मनप्रीत: इसका डाइवोर्स होगया था मॅरेज के 2 साल बाद ही क्यूकी इसका हज़्बेंड सॅटिस्फाइ नही कर पता था

में थोड़ी देर के लिए चुप था.

स्नेहा: और जब इसने मुझे तुम्हारे बारे में ब्टाया तो में आगयइ.

मे: बंगलोरे से? हहेहेः

स्नेहा: हहा..! नही नही, में अपने घर रखी थी यही पास मे.

मनप्रीत स्नेहा तो साथ में अंदर लाई गयइ और मुझे आंदार आने को खाहा

जब तक में अंदर गया. यॅ तो दोनो अपने कपड़े उतार चुकी थी और दोनो एक दूसरे के उपर चड़के चूस रही थी एक दूसरे को. मनप्रीत स्नेहा की छूट में उंगली कर रही थी और बॅस दोनो एक दूसरे को चूस रही थी और छत रही थी.

वो दोनो फ्र मेरे पास आई और मेरी टशहिर्त मनप्रीत ने उत्ारदी. और दोनो नीचे बैठ गयइ और मेरा पंत उतरा और दोनो में मेरा लॅंड पकड़ लिया.

मेरे सरीर में करेंट डॉड गया क्यूकी पहली बार 2 हाथ एक साथ..सस्सस्स .. क्या फील थी.

में इश्स से पहले कुछ सोचता.. 2 जीभ मेरे लंड के दोनो तरफ महसूस हुई और में सीधा बेड पे बैठा गया. मैने अपनी टांगे फैलक़े उनको बीच में कुया और दोनो मानत मेरा लंड एक एक करके छत रही थी. मैने स्नेहा का मूह नीचे करके अपनी बाल्स में किया और वो उन्हे चाटने लगी.

मे: आआ..सस्स….आआ… मज़ा रहा हुआ.. असली मज़ा लंड चूसने में ही है यरर..

वो और ज़ोर ज़ोर से करने लगे.

में स्नेहा को उपर कुया और मनप्रीत को बाल्स के पास किया. कुछ देर बाद मनप्रीत अपने आप मेरी आस को चाटने लगी और स्नेहा ने भी वोही श्रु कर दिया.

अब में खड़ा हुआ और मनप्रीत के मूह में लॅंड दल दिया और स्नेहा को पीछ से गांद चटवाने लगा. दोस्तों क्या मज़ा था वो, जन्नत का मज़ा.

फ्र में स्नएा के मूह में लंड और मनप्रीत को गांद दी. स्नेहा डीप थ्रोट कर रही थी जो की बहोट मज़ेदार त. मैने स्नेहा को उठाके बेड पे लेटया. और उसके छूट में ज़ोर से उंगलियाँ करने लगा.

स्नेहा:ससस्स.स.आ.आ.आ.आआआ..आआअहह….स.सस्स ऊऊऊओएसस…!!! एसस्स!!! और कारूव!!!!! सस्स…. मेी साथ साथ में छत नही रहा था और मनप्रीत उसके और मेरे निपल को चूस रही थी. मैने फिंगरिंग तेज़ करदी.

स: आअहहाआहह..स.स.स.स.आ.आ.आ.आ.आ.एयाया.आ.आ…आआआअ. एयेए…..स्लॉववव..स्ल्वोवव … …. मनप्रीत में उसको तपद मज़ा और कहा चुप देखती जेया अभी.

स: एयेए.आ.आ.एयेए अभीइ…प्ल्ज़्ज़…आ ..अभिइ… प्ल्ज़ … एयेए आ स स स आ.आ..आहह…आ.आहहह….आहह..

और वो झाड़ गयइ और उनके बहोट ज़ोर की पिचकारी मारी जैसे बहोट देर से भारी पड़ी थी.

वो हफने लगी और कहा – जाना निकल दी तुमने बुत एस्सा रिलॅक्स आज तक आंड हुआ.

ई लोवे योउ और मुझे खिचके किस करने लगे ज़ोर ज़ोर से और मुझे बहोट वाइल्ड्ली प्यार कर्बे लगेई.

अब कुछ ऐसा था, स्नेहा नीचे थी में उसके उपर था और वो मुझे हर तरह से प्यार के रही थी और मेरे उपर मनप्रीत आके मेरी पीठ में लगी हुई थी अपनी जीभ से. मुझे तो आनंद बहोट ज़्यादा आ रहा था.

ऐसा कुछ समय करने के बाद मेरी रस निकालने वाला होगआया था और मुझे कंट्रोल करना मुस्किल हो रहा था. तो मैने उनलोगों को नीचे बिता के लंड चूसने के लिए कहा. और लोगों ने खूब मेरा लंड चूसा.

मे: निकालने वाला है मेरा.. एयेए..एयेए.

स्नेहा मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और में दीवार के साथ चिपक गया था. और मेरे लंड से एक ज़ोर दर पिचकारी सीधा मनप्रीत की आँख पे जाके लगी और थोड़ी स्नेहा के उपर.

मे: आआ..आअहह… आआआआअ..आआ…आ..

फिर स्नेहा ने लंड छत के सॉफ कार्डिया था. में पूरा रिलॅक्स होगआया. और में तो बॅस बेड पे जाके सो गया.

बाकी का पढ़ते है अगले पार्ट मे जो की फाइनल पार्ट है