मई हूँ कंगना (मी सेकेंड मॅरेज अन्नीवेरसरी)

ही फ्रेंड्स, कैसे हो आप लोग? ई होप की आप लोगो ने मुझे मिस किया होगा. पिछला पार्ट यहा पढ़े – मैं हूँ कंगना (मी हज़्बेंड’स अंकल)

जैसे की मैने आप को मेरी लास्ट स्टोरी मई बताया की कैसे किशोरे अंकल ने मुझे छोढ़ा और मुझे प्रेग्नेंट कर दिया था. इश्स बात से मई बहुत खुश थी और जब सलीम को ये बात पता चली तो वो मेरी से नाराज़ हो गया और मेरी से बात करना बंद कर दिया. और इधेर किशोरे अंकल भी वापिस अपने सिटी चले गये थे.

मई फिर से उदास रहने लगी और मेरी चुदाई की प्यास भी बरती जा रही थी. क्यों की मेरी छूट को अब विजय शांत नही कर सकता था. उसके लंड मे वो मज़ा नही था लेकिन वो इश्स बात से खुश था की मई मा बने वाली हूँ उसके बचे की. लेकिन उसे ये नही पता की ये बचा किशोरे अंकल का है उसका नही.

बेचारा मेरा पति विजय. विजय तो इश्स बात से खुश था लेकिन मेरी हालत खराब हो रही थी. क्यों की मुझे मेरी मतलब का लंड नही मिल रहा था जो मेरी फाड़ कर मुझे शांत कर सके. इश्स तरह से कुछ दिन बीत गये.

एक दिन मुझे रशीद का फोन आया और कहता है क्या कर रही है बेहन की लोदी? मई उसकी बात सुन कर बहुत खुश हो गयी. मैने कहा मई कैसे हो सकती हूँ तुम्हारे बिना.

रशीद : अच्छा तो रंडी तूने फोन नही किया?

कंगना : मुंबई से आने के बाद मेरी जॉब लग गयी थी और उस के बाद यहाँ पर विजय के अंकल आए हुआ थे.

रशीद : तो रंडी क्या अंकल का लंड ले रही थी क्या?

कंगना : हन उसी ने मेरी मारी और उसी ने मुझे प्रेगञेन्ट कर दिया है.

रशीद : मदारचोढ़ रंडी तुझे किसने कहा किसी हिंदू का लंड से बचा पैदा करवाने के लिया भोषरी वाली छूट!

कंगना : प्लीज़ नाराज़ क्यों हो रहा हो.

रशीद : तो मदाचोढ़ तेरे क्या पूजा करूँ? कहीं भी किसी से भी चुधवाने लगी है!

कंगना : मई क्या करती अंकल ने म्स्ग देख लिया था मेरा और सलीम का.

रशीद : अब ये सलीम कों है भोषरी वाली?!

कंगना : वो मेरी ऑफीस मई जॉब करता था और मैने रशीद को पूरी बात बताई.

रशीद मेरी बात सुन कर मुझे पर बहुत गुस्सा होने लगा और मुझे बहुत गलिया दी की. मैने उसे सॉरी कहा और उसे मानने की कोषीह करने लगी.

प्लीज़ मई क्या करूँ तुम बताओ विजय से चुधवा कर मुझे मज़ा नही आता है. इश्स लिए मैने जॉब जाय्न कर ली और वहाँ पर सलीम मेरी गांद मारता था. और वो हमेश कहता था की जब बचा चाहिया हो तो ही तेरे छूट मारूँगा. मई क्या करती तुम बताओ. तुम भी मुंबई मे रहते हो मई क्या करूँ तुमने ही मुझे रंडी बना दिया. विजय मुझे शांत ही नही कर पता है और मई रोने लगी.

रशीद : बेहन की लोदी पहले रोना बंद कर. हम मुस्लिम मर्दो को डाइमंड ढूढ़ना आता है आचे से. जब तुझे पहले बार देखा था तभी मुझे लग गया था की तेरे छूट को हम मुस्लिम मर्द ही आचे से रख सकेंगे. और किसी हिंदू मर्द की बूस्की बात नही है तुझे संभाल कर रखना.

लेकिन तू इधेर उधेर मूह मरेगी तो एक दिन पक्की रॅंड बन जाएगी समझी छूट की नही?! किसी के भी चुधवा कर उसका बचा ले लेगी अपने अंदर. मदारचोढ़ सोचा तो कर!

मैने कहा अब तुम बताओ ना मई क्या करूँ? रशीद ने कहा तेरे बस की बात नही है तू जा कर मूह कला कर सब जगह जा कर! मैने रोते हुआ उससे कहा प्लीज़ बताओ ना क्या करूँ मई. ?

रशीद ने कहा मई नेक्स्ट मंत आ रहा हूँ हयदराबाद 3 दिन के लियाए. लेकिन मई तुझसे तभी मीलोंगा जब तू मेरी बात मानेगी. मैने कहा जो तुम कहोगे मई करूँगी. प्लीज़ तुम मुझसे नाराज़ नही हुआ करो.

रशीद ने कहा पेल्हे तुझे अपना अबॉर्षन करवाना होगा. और इस 1 महीने तक किसी भी मर्द के साथ तू नही सोएगी ईवन तेरे पति के साथ भी नही. तू उसे भी अपनी छूट नही देगी! बोल ये सब करेगी मेरी लंड पाने के लिए?

मैने कहा ये कैसी शर्त रख रहे हो. रशीद ने कहा मई किसी झुटे माल को अपना नही बनौँगा. तुझे मेरी बात माननी है तो मान नही तो फोन रख रंडी और रशिध ने फोन कट कर दिया.

मई बहुत दुखी हो गयी. मई रशिध को बहुत पसंद करती थी और हमारी पहली सुहगरात को मई कभी नही भूल सकती थी. मैने चंदा को फोन किया और उसे सारी बात बताई.

चंदा ने कहा तू सच मे अपने अंकल से चुधवा और चुधवया भी ठीक है तुझे बचा क्यों कर रही है? रशीद सही कह रहा है. मुझे भी अपने पति के साथ मज़ा नही आ रहा है. मई उससे डीओोसे ले लूँगी. मई नही रह सकती उसके साथ. जो मज़ा नज़ीम के साथ था वो मेरा पति कभी दे भी नही सकता है.

चंदा तू बता मई क्या करूँ? अरे पागल अगर तुझे रशीद के साथ चाहिया तो जो वो कह रहा है वो कर. और वैसे भी तू बोलती है की तुझे विजय के साथ ज़्यादा मज़ा नही आता है. तो नेक्स्ट मंत विजय आ रहा है ना और नेक्स्ट मंत तेरे आनिवर्सयरी भी है.

अपनी मॅरेज आनिवर्सयरी अपने एक्स ब्फ के साथ माना जो तुझे जन्नत के मज़े देता है और हासणे लगी. और कहती है चल अभी तू रशीद से बात कर और उसे सॉरी बोल कर उसकी बात मान ले समझी. मई उसे ओक कह कर फोन रख दिया.

मैने रशीद को फोन किया और उसे सॉरी बोला आ गयी ना अकल धिकाने रॅंड तेरे. सॉरी ना नाराज़ मत हो प्लीज़ जेसे तुम कहोगे मई वैसे ही करूँगी. तू हमेश यही कहती है रॅंड की जो मई कहूँगा वैसे ही मई करूँगी. नही इश्स बार पक्का तुम्हे मई नरराज़ नही कर सकती हूँ मई तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ. .

रशीद ने कहा कल जा कर अबॉर्षन करवा अपना और जब तक मी ना कहूँ किसी को अपनी छूट नही देगी तू समझी की नही छूट.

नेक्स्ट दे विजय ने मुझे बताया की दाद अपनी प्रॉपर्टी का हिस कर रहा हैं और मों कह रही है की उनकी प्रॉपर्टी के हिस मई आधी प्रॉपर्टी वो दीदी को देंगे. मुझे ये बात सुन कर बहुत गुस्सा आ गया.

मेरा और मेरी सास के बीच बिल्कुल नही बनती थी और हम लोग अहल्ग किराए के फ्लॅट मई रहते थे. इश्स बात को ले कर मेरा विजय से बहुत कहा सुनी हो गयी. मैने विजय से कहा तुम बाते हू उनके तो प्रॉपर्टी तुम्हे मिली चाहिया ना की तुम्हारी बेहन को और उसकी शादी भी हो चुकी है अब क्यों इश्स प्रॉपर्टी मई नज़ार है उसकी.

विजय मुझे कहता है मई क्या कर सकता हूँ ये तो मों आंड दाद का डिसिशन है. मैने कहा तुम बाते हो जा कर बात करो नही तो मुझे बात करनी परेगी और तुम्हारी मा को ये बात अची नही लगेगी. इश्स बात को ले कर हुमारा बहुत झगरा बाद गया.

इसी बात को ले कर झगृह हो गया हो गया मई बहुत दुखी थी. नेक्स्ट दे मई डॉक्टर से मिली और अपना बचा गिरवा दिया. जब ये बात विजय ओक पता चली तो उहसे बहुत दुख हुआ.

हाला की दुख मुझे भी था लेकिन विजय ने कहा ठीक है मेरी अभी इतनी इनकम भी नही है की मई बचे को संभाल पाते लेकिन तुम मेरी को ये बात बता देती तो मुझे अच्छा लगता.

मैने विजय से कहा मुझे भी बुरा लग रहा ही लेकिन एक ने ज़िंदगी को लाने के लिया हम तैयार होने चाहिया और ह्यूम अपने बचे को अची लाइफ देनी है. विजय ने कहा सही कहा तुमने और विजय मुझे किस करते हुआ मेरी चुचे दबाने लगा. लेकिन मैने विजय को माना कर दिया मेरा मूड नही है. मैने विजय से कहा तुम अपने दाद से बात करो प्रॉपर्टी को ले कर तो कहता है वो बात करेगा.

मई मान ही मान खुश हो रही थी की चलो विजय को कोई शक नही हुआ और वो मान भी गया. विजय दिल का बहुत अच्छा था लेकिन उस के अंदर वो आग नही थी जो रशीद मई थी. और रशीद को मैने फोन कर के सारी बात बताई.

रशीद भी मेरी बात सुन कर खुश हुआ. और कहता है छूट तूने ये काम बहुत अच्छा किया. अब तू अपनी छूट किसी को नही देगी जब तक मई वहाँ पर नही आ जाता और मई तेरा कोई इंताज़ करवा दूँगा समझी लोदी. मैने कहा ठीक है और हासणे लगी. मैने रशीद से कहा जान जब तुम मुझे गलियाँ देते हो ना मुझे बहुत अच्छा लगता है.

रशीद कहता है अपनी मा की झांतो की कसम खा कह कह रही है. मैने हासणे लगी. रशीद कहता है लोदी बोल ना मदारचोढ़ कीट एर मा की झांतो की कसम तुझे अच्छा लगता है. मैने कहा हन अचा लगता है. रशीद कहता है अहसे नही ढंग से बोल. मैने हेस्ट हुआ कहा हन अच्छा बाबा मेरी मा की झांतो की कसम मुझे अच्छा लगता है तुमसे गलिया सुनना.

रशिध कहता है ये हुआ ना मेरी कुट्टिया वाली बान रॅंड. फिर रशीद नायक आ चल रांड़ अभी फोन रख मुझे काम और सुन अगर तूने विजय को छूट दी तो तेरे मा का भोशा तुझे लंड कभी नही दूँगा साँझ गयी ना.

मैने कहा तीख है बाबा नही दूँगी उसे अपनी छूट और उस से दूऊदू भी नही डबवाएगी. मैने कहा ठीक है नही टच करने दूँगी. बस तुम जल्दी आ जाओ. बेहन की लोदी बहुत जल्दी है तुझे मेरी लंड लेने की. मैने कहा और क्या इतने दिन हो गये तुमसे से चुधवाए हुआ.

अच्छा तो मा की लोदी तारिक़ और नज़्ज़ें को भी ले अहौं. मैने कहा जेसे तुम्हे अच्छा लगाए और मैने उसे फोन पर चूमि दी और रशीद नायक आ ठीक है चल फोन रख रांड़.

अब मई रशीद का इंताआज़ करने लगी और इधेर विजय मुझे टच करने की कोशिश करता तो मई उसे माना कर देती थी. वो तारप रहा था मेरी छूट के लिया और मई तारप रही थी रशीद के लंड के लिया.

तो विजय ने मुझे कहा जान नेक्स्ट मंत हमारी शादी की आनिवर्सयरी है क्यों ना हम कहीं घूम ने चले लेकिन मैने उसे कहा हुमारे पास इतने पैसे किधेर है और मेरा मूड भी नही है और खर्चा भी बहुत हो जाएगा.

विजय मुझे किस करने की कोशिश करता लेकिन उसे मैने माना कर दिया. विजय मेरी से पूछता है कोई प्राब्लम है क्या मुझे आज कल अपने पास भी नही आहाने देती हो. मैने कहा नही मेरा मॅन नही है उस अबॉर्षन के बाद से.

आयेज की कहानी अगले पार्ट मे जल्दी ही आएगी.

मेरी प्यारे दोस्तों कैसी लगी आप लोगो को मेरी ये कहानी प्लीज़ कॉमेंट करके ज़रूर बताना… टिल देन लोवे तो युवर लंड आंड फक मे एवेरी दे इन युवर बेड.