अजनबी के साथ हम बिस्तर हुई

नये पाठक ज़रूर शोकसभा से हमबिस्तर-1 ज़रूर पढ़े और यहा आई.

आब आगे की कहानी,

चलते चलते राहुल सिर्फ़ मेरी स्तन युगल को ही देख रहा था. यॅ नोटीस करते हुआ जब हमारी नज़रे मिली तो वा मुस्कुराने लगा.

मैं : रास्ते पे ध्यान दो मुझ पे नही. कही मेरी तरह तुम भी गिर ना जाओ.

राहुल : रास्ते पे ही तो ध्यान दे रही. आंदार का रास्ता तो सही से देख रहा पर मंज़ील ना देख रही. कुछ मदद करो ना मुझे मंज़ील के पास पहुँचने के लिया.

मैं : क्या, केसी मदद ?

(मैं राहुल की नज़रों को बिल्कुल अच्छी तरह से समझ रही थी. वा मुझ से फ्लर्ट कर रहा था. रास्ता मतलब मेरी दोनो स्तन के बेच की दरार (क्लीवेज) और मंज़ील के पास पहुँचना मतल्ब मेरी दोनो स्तन युगल को हाथ से स्पर्श करना )

राहुल : नही वा कुछ नही, तुम यहा रूको मैं बिके लेके आता हूँ.

फिर मैं वाहा खड़ी रही और राहुल कुछ देर पे ही बिके लेके आया. उसका बिके स्पोर्ट्स बिके जेसे था. पता नही कोंसि, पर बिके की बॅक सीट उँची थी.

राहुल : हेलो मिस, असे क्या देख रही हो ? बिके नही देखी हो क्या कभी?

मैं : जोक था?

राहुल : नही, बेतिया मिस मनीषा मेडम.

राहुल के असे बोलने पर मुझे मान ही मान हसी आई और मैं मूह पे हाथ फेरते हुआ मुस्कुराने लगी.

मैं : तुम्हारे इश्स कचरा बिके पे बेत्ने का कोई शॉक नही है मुझे.

राहुल : अच्छा मोहतार्मा, कृपया आप मेरे बिके पे बिरजमान होके इश्स कचरा से बिके को सोनाचंदी की बिके मई बदल दीजिया अपनी दोनो कुल्हों की स्पर्श

मैं राहुल के बिके पे वन साइड होके बेत गई और उसके मूह से कुल्हा वर्ड सुनके इश्स से आयेज कुछ बोलता मैं उसे पिच्चे से धीरे से एक तपद दी.

मैं : बस बस आब कुछ ज़्यादा ही घुल मिल रहे हो तुम.

राहुल : अच्छा, पकड़ के बेतिया आप कही गिर ना जाओ फिर.

मैं : नही गिरूंगी, तुम चलो.

फिर मैं दाहिना हाथ राहुल के कंधे पर रख ली. कुछ दूर जाने के बाद राहुल अचानक एक ब्रेक मरता है तो मैं पिच्चे से चिपक जाती उसके साथ.

मैं : क्या कर रहो ?

राहुल : कुछ नही. गढ़ा आईगा तो ब्रेक लगौँगा ही ना.

मैं : मुझे तो कोई गढ़ा देखाई नही दी. रास्ता तो एकद्ूम सॉफ है.

राहुल : मेरे आँखो से देखो तुम्हे सिर्फ़ गढ़ा ही गढ़ा देखाई देगा.

बोलते हुआ वा 3-4 बार लगातार ब्रेक मारी तो मैं बया हाथ उसकी कंधे पे रखी और दाहिने हाथ से उसके जंघा पे रख के दो टीन थप्पड़ मारी.

अब मैं राहुल से एक दूं चिपक के बेती हूँ. मेरी दोनो स्तन उसकी पीठ पे दबे हुआ थे.

राहुल : देखा भाबी केसे मंज़ील अब मुझ मई समा गई. हाँ एक बात और, बहात ही कोमल कोमल मंज़ील है आपकी तो.

मैं : बदमाश.

बोलते हुआ मैं एक चींटी काट ली उसकी जंघा पे. मेरी सोच एक दूं सही थी की वा मेरी स्तन युगल को ही अपना मंज़ील बोल रहा था. मैं चाहते हुआ भी उससे अलग नही हो पा रही थी क्यू की उसका बिके ही वैसा था.

राहुल : थॅंक योउ. पता तो बताओ अपनी. या किधर भी ड्रॉप कार्दु तुम्हे.

तो मैं अपनी अड्रेस उसे बताई.

राहुल : डेढ़ घंटा लग जायगा.

मैं : हाँ, चलो.

फिर हम एक सिग्नल पॉइंट पे रुके. वाहा एक बचा चॉक्लेट बेचने आया.

बचा : भैया, एक चॉक्लेट ले लो ना भाबी के लिया. भैया, एक चॉक्लेट ले लो ना भाबी के लिया. भाबी खुस हो जैगी.

राहुल ने 10/- का एक डायर्यमिल्क चॉक्लेट खरीद लिया.

राहुल : तू ही देदे भाबी को.

फिर वा लड़का मुझे चॉक्लेट देके चला गया.

मैं : तुम उसे बोले क्यू नही जब वा मुझे भाबी साँझ के भाबी खुस हो जांगे बोला तब?

सिग्नल ग्रीन हुई तो हम वाहा से निकले.

राहुल : हाँ तो इश्स मई ग़लत क्या है? भाबी को भाबी ही बोलेगा ना.

मैं : नही, वा हमारी ग़लत रीलेशन समझ रहा था.

राहुल : ग़लत केसे भाबी ही तो हो आप मेरी. यूयेसेस हिसाब से उसके भी भाबी हुआ ना.
ओह अछा अछा अब मैं समझा तुम क्या सोच रही हो. योउ नॉटी. बताओ बताओ तो मान मई क्या सोच रहे थे तब इश्स रीलेशन को.

मैं : नही असे कुछ नही.

राहुल : सब साँझ ता हूँ मैं. तुम सोच रहे थे की वा हम दोनो को पति पत्नी साँझ रहा था करके. नौज्ी गर्ल.

मैं : गर्ल नही मैं, वुमन हूँ.

राहुल : अच्छा तुम दोनो तरफ पेर करके नही बेत सकती क्या. सारी तो ना पहेनी हो कमीज़ ही तो पहेनी हो.

मैं : मैं असे ही कंफर्टबल हूँ.

राहुल : पर मैं कंफर्टबल नही हूँ ना.

मैं : तो मैं क्या करू?

राहुल : दोनो और पेर करके बेत जाओ.

मैं : तुम सिर्फ़ बात ही बनाओ.

फिर राहुल उसका बया हाथ मेरी दाहिने हाथ के उपर रखा जिसे मैं उसके जंघा पे रखी थी. तो मैं अपनी हाथ वाहा से हताली.

मैं : हॅंडल पाकड़ो और ड्राइविंग पे ध्यान दो.

राहुल : मैं तो तुम कही गिर ना जाओ इसलिया पकड़ा था.

मैं : मैं नही गिरूंगी तुम अपना काम करो.

तब राहुल अचानक एक ज़ोर दर ब्रेक मरता है और मैं उसके पीठ पिच्चे और चिपकते हुआ खिसक जाती हूँ तो तब मैं फाटक से दाहिने हाथ से राहुल के कमर को कस के पकड़ लेती हूँ.

मैं : अऔच.

राहुल : इसलिया मैं तुम्हे पकड़ रहा था की कही तुम खिसक ना जाओ.

फिर मैं उसके कमर से हाथ दूर की और वापस उसके जंघा पे ही रख ली.

राहुल : मनीषा भाबी,

मैं : हाँ बोलो.

राहुल : बहात ही बहात ही नाज़ुक और कोमल स्तन है आपकी तो.

(उसके मूह से मेरी स्तन के बारे मई सुनते ही मैं स्तावढा हो गई और सोचने लगी यॅ क्या बोल दिया इसने. चाहते हुआ भी उसके पीठ से दोनो स्तन को अलग नही कर सकती थी क्यू की उसी टाइप के बिके पे बेत्ने की आदत नही थी मुझे)

मैं : बदमाश. क्या बोल रहे यॅ सब?

बोलते हुआ मैं दो टीन बार दाहिने हाथ से उसके जंघा पे ज़ोर से चींटी कटी तो वा बिके रोड साइड पे रख दिया तो मैं बिके से उतार गई.

राहुल : ऊफ्फ आहह भाबी, यॅ क्या कर रहे आप. मैं तो सिर्फ़ सच ही बोला है. और सच तो सच ही है की आपकी दोनो स्तन काफ़ी कोमल है एक दूं मुलायम.

अब उसकी मूह से मेरी बारे मई असे शब्द का प्रयोग करते हुआ देख मैं उसे मरने के लिया आगे बढ़ी. उसे मार ने के लिया आते देख वा

राहुल : मुलायम स्तन.

अब मैं रुक गई और हासणे लगी उसकी बात पे.

मैं : यहा पर क्यू रुके, चलो ना. जल्दी घर पहुँचना है.

राहुल : क्यू रुका मतलब मुझे सस्यू करना है.

मैं : च्चि रोड साइड मई, पब्लिक प्लेस पे सस्यू करोगे ?

राहुल : तो क्या हुआ. मिस मनीषा हम लड़के है लड़के है, हम कही भी सस्यू कर सकते है.

बोलते हुआ वा मेरे सामने ही अनज़िप करते हुआ लंड निकालने लगा तो पिच्चे मूड गई.

मैं : बदतमीज़ , बेशर्म.

फिर वा सस्यू करने लगा. सस्यू करने के के बाद

राहुल : अच्छा भाबी वैसे भैया क्यू नही आए आपके साथ?

मैं उसके बात सुनके पिच्चे मूड गई जवाब देने केलिया पर तब तक वा अपने खड़े हुआ लंड को ज़बरदस्ती उंड़र कर रहा था. जेसे ही मेरी नज़र उसके लंड उपर गया वा जल्दी पलट गया. उसका लंड एक दूं सकत मोटा और बड़ा था. उसका लंड देख कर तो मैं सवाल और जवाब दोनो भूल गई.

राहुल : यॅ क्या भाबी जी आप तो बिना पलते भी जवाब दे सकते थे. आप ने तो मेरी इज़्ज़त को ही देख लिया. अब मैं कही का नही रही, अब सबको मैं किस तरह अपनी मूह देखौँगी ? अब मुझ से सदी कों करेगा?

मैं : सॉरी मैं भूल गई थी.

बोलके उसके बात सुनके हासणे लगी. असे परिस्थिति मई भी मैं अपनी हसी रोक नही पाई.

कंटिन्यूड,

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