गाओं की लड़की को अपनी रखैल बनाया

ही दोस्तो, मेरा नाम है पारस. मैं पुंजब का रहने वाला हू, और एक शादी-शुदा आदमी हू. मेरी आगे 36 है, और मेरा लंड 7 इंच का है. हाइट मेरी 5’9″ है, और बॉडी मेरी फिट है.

शादी-शुदा होने के बावजूद भी मैने एक लड़की को अपनी रखैल बनाया हुआ है. उस लड़की का नाम कंचन है, और वो पिछले एक साल से मेरी रखैल है. कंचन एक बहुत ही सेक्सी लड़की है. उसकी उमर 25 साल है, और उसका फिगर 36″28″37″ है. रंग उसका एक-दूं दूध जैसा है.

मेरी शादी 7 साल पहले हुई थी. पिछले एक साल से जितना सेक्स मैने कंचन के साथ किया है. उतना 7 सालो में अपनी बीवी के साथ नही किया. आज मैं आपको बतौँगा, की कंचन जैसी खूबसूरत लड़की मेरी रखैल बनी कैसे. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

पिछले साल मैं किसी काम से अपने पुश्तैनी गाओं गया था. वाहा मेरे चाचा जी रहते है, और मैं उन्ही के घर में रुक गया. अभी पहली ही रात थी, और मैं च्चत पर टहल रहा था.

तभी उसने पड़ोसी के घर में किसी के चिल्लाने के आवाज़े आने लगी. जब मैने आयेज होके देखा, तो किसी को मार पद रही थी. मैने ध्यान से देखा, तो पड़ोस वाला आदमी अपनी बेटी को शराब पीक मार रहा था.

वो अपनी बेटी के आयेज खड़ा था, तो मुझे उसकी बेटी नज़र नही आ रही थी. फिर जब वो पिटाई करके अंदर जाने लगा, तो मैने उस लड़की को देखा. क्या कमाल की लड़की थी वो. उसके फिगर के बारे में तो मैने पहले ही बता दिया है आपको.

उस लड़की को देख कर मेरे होश उडद गये. उसने सलवार सूट पहना हुआ था सादा सा. लेकिन उसमे भी वो बहुत सेक्सी लग रही थी. मैं उसको वही खड़े रह कर घूरता रहा. तभी उसने रोते हुए मेरी तरफ देखा, तो मैने अपनी नज़रे उससे हटा ली. फिर मैने अपने चाचा से उसके बारे में पूछा.

चाचा बोले: ये कंचन बिटिया है. बड़ी अची लड़की है. बचपन में पढ़ाई में भी बहुत अची थी, लेकिन इसके बेवड़े बाप ने इसकी पढ़ाई रुकवा दी. अब आए दिन उसकी पिटाई करता है.

उस रात मैं कंचन के बारे में ही सोचता रहा. उसकी मस्त जवानी ने मेरे दिल में घर कर लिया था. फिर अगले दिन मैं खेतो मेरी घूम रहा था. तभी मैने वाहा कंचन को काम करते देखा. उसको देख कर मैं खुश हो गया, और उसके पास चला गया.

उसने ग्रीन रंग का सलवार-सूट पहना हुआ था. गर्मी थी, तो उसका बदन पसीने से भीगा हुआ था. उसका कॅसा हुआ जिस्म इतना सेक्सी लग रहा था, की मेरा लंड उसी वक़्त खड़ा हो गया. फिर जब उसने मेरी तरफ देखा, तो मैने अपनी नज़रे हटा ली. मुझे देख कर वो बोली-

कंचन: बड़ा घूर-घूर कर देखते हो.

मैं: अब इतनी खूबसूरत लड़की को देख कर होश ही उडद जाते है, तो इसमे मैं क्या करू.

ये सुन कर उसने हल्की सी स्माइल दी और बोली-

कंचन: कुछ भी.

मैं: नही सच में. आप बहुत ब्यूटिफुल हो.

कंचन: ब्यूटिफुल?

मैं: ब्यूटिफुल माने सुंदर.

कंचन: ह्म.

फिर वो वाहा से चली गयी. शाम को जब मैं च्चत पर गया, तो वो भी च्चत पर आ गयी. 2-3 दिन में ही हम दोनो में स्माइल पास करने का सिलसिला शुरू हो गया. उसको उसके घर से सिर्फ़ मार और गालिया ही मिलती थी. शायद इसी लिए उसका मेरी तरफ झुकाव होने लगा था. मैं भी ये भूल गया था, की मैं शादी-शुदा था.

फिर एक दिन वो फिरसे मुझे खेतो में मिली. मुझे देखते ही उसने मुझे इशारे से बुलाया. आज उसने पीले रंग का सलवार-कमीज़ पहना हुआ था. वो नीचे बैठी थी, और उसने दुपट्टा नही लिया था.

दुपट्टा ना होने की वजह से मुझे उसके बूब्स के दर्शन होने लगे. एक कुवारि लड़की के काससे हुए बूब्स देख कर मेरे तो मूह में पानी आ गया. उसने भी मुझे उसके बूब्स देखते हुए देख लिया, लेकिन वो कुछ बोली नही.
फिर वो बोली-

कंचन: कैसे हो?

मैं: मैं ठीक हू, आप बताओ?

कंचन: मैं भी ठीक हू.

उसकी आवाज़ में एक उदासी थी. फिर मैं बोला-

मैं: हा मैं जानता हू, की कितनी ठीक हो. ये तुम्हारे घरवाले रोज़ तुम्हे मारते है और गालिया देते है. तुम कुछ करती क्यू नही?

कंचन: क्या करू?

मैं: कुछ भी करो. पोलीस में रिपोर्ट करो. या भाग जाओ.

कंचन: भाग कर कहा जौ?

मैं: कही भी. तुम इतनी खूबसूरत हो, किसी लड़के के साथ भाग जाओ.

कंचन(हेस्ट हुए): लेकिन मुझ जैसी का हाथ कों पकड़ेगा?

मैं: अर्रे कोई भी लड़का पकड़ लेगा. तुम कोशिश तो करके देखो.

कंचन: आप पाक्ड़ोगे?

ये सुन कर मैं हैरान हो गया, और मेरी बोलती बंद हो गयी. मेरे पास कोई जवाब नही था. फिर वो हासणे लगी और बोली-

कंचन: देखा, नही है ना जवाब. सिर्फ़ समझना आसान होता है.

ये बोल कर वो चली गयी. जाते हुए उसकी मस्त गांद पर मेरी नज़र टिक गयी. फिर उसी रात उसके बाप ने उसको फिरसे पीटा. वो रोते हुए च्चत पर आ गयी. मैं भी उसकी च्चत पर चला गया, और उसके पास जाके बिस्तर पर बैठ गया.

वो च्चत पर बिछे एक गद्दे पर बैठी थी. मैने उसका हाथ पकड़ा, और उसको सहलाया. उसके हाथ पकड़ते ही मेरे बदन में करेंट सा लग गया. ऐसी करारी जवानी को देख कर कोई भी मर्द मचल जाए. तभी हमारी आँखें मिली, और मैं अपने आप को रोक नही पाया.

मैं आयेज बढ़ा, और मैने अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. वो भी शायद इसी का वेट कर रही थी, और उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. मैने उसको उस गद्दे पर ही लिटा लिया, और उसके लिप्स और गर्दन चूमने-चूसने लग गया.

हम च्चत के एक कॉर्नर में थे, तो कोई हमे देख नही सकता था. फिर मैं अपना एक हाथ उसकी टाँगो के बीच ले गया, और सलवार के उपर से उसकी छूट सहलाने लगा. वो आहें भरने लगी, और उसने मेरे हाथ को अपनी टाँगो के बीच दबोच लिया.

फिर मैने उसका शर्ट उतार दिया. उसके बूब्स ब्रा में काससे हुए थे. मैने उसकी क्लीवेज को चूमना शुरू कर दिया. जब मैने उसकी ब्रा का हुक खोला, तो उसके बूब्स उछाल कर बाहर आ गये. मैं उसके निपल्स देखते ही उन पर टूट पड़ा.

क्या स्वाद था कुवारे निपल्स का. फिर मैं उसके बूब्स को किस करता हुआ कमर पर आया, और फिर नीचे आ गया. मैने उसकी सलवार और पनटी साथ में ही उतार दी. अब उसकी कुवारि छूट मेरे सामने थी.

मैने उसकी छूट पर अपनी जीभ चलानी शुरू की, और वो मछली की तरह तड़पने लग गयी. कुछ देर मैं उसकी कुवारि छूट का स्वाद लेता रहा. फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए, और मेरा लंड उछाल कर उसके सामने आ गया.

मैने उसका हाथ पकड़ा, और अपने लोहे जैसे लंड पर रख दिया. वो शर्मा रही थी, लेकिन मैने लंड उसके हाथ में दिए रखा. फिर मैने उसको लंड हिलने को कहा. वो धीरे-धीरे मेरे लंड को हिलने लगी.

जब उसको मज़ा आने लगा, तो मैने उसको लंड चूसने को कहा. पहले तो वो हिचकिचाई, लेकिन फिर उसने लंड मूह में ले लिया. जल्दी ही उसने स्पीड से लंड चूसना शुरू कर दिया. मैं भी उसके मूह में धक्के देने लगा. जब मेरा लंड उसके सलाइवा से भर गया, तब मैने लंड बाहर निकाल लिया.

फिर मैने लंड उसकी छूट पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का दिया. लंड का टोपा उसकी छूट में गया, और उसके मूह से चीख निकली जिसको मैने दबा लिया. मैने उसके मूह पर हाथ रखे रखा, और नीचे से धक्के मारता गया.

उसकी आँखों से आँसू, और छूट से खून निकल रहा था. जब छूट अड्जस्ट हो गयी, तो मैने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. फिर हम दोनो मज़े से चुदाई करने लगे.

मैं धक्के पे धक्का मारता गया, और वो मुझे अपनी आगोश की गर्मी देती गयी. 15 मिनिट हमारी चुदाई चली, और फिर मैने उसकी छूट अपने माल से भर दी. फिर हम जब साथ में लेते थे, तो वो बोली-

कंचन: मुझे साथ ले चलो पारस.

मैं: कंचन मैने एक बात नही बताई तुमको. मैं शादी-शुदा हो.

कंचन: मुझे बस आपका प्यार चाहिए, चाहे मुझे अपनी नौकरानी बना कर ले चलो.

फिर मैने प्लान करके उसको वाहा से भगा दिया. मैने उसको शहर में अपने एक दोस्त के घर भेज दिया. मैं खुद एक हफ्ते बाद वाहा से आया, ताकि किसी को शक ना हो.

अब मैने एक अलग घर में उसको रखा हुआ है, और मैं उसको हर तरीके से छोड़ कर मज़ा लेता हू. वो भी बड़े मज़े से चुड्ती है. मैने उसकी छूट के साथ उसकी गांद को भी छोड़ा हुआ है.

अब वो चुदाई के टाइम पर बड़ी वाइल्ड हो जाती है. दोस्तो चुदाई का मज़ा तो जवान लड़की को छोड़ने में आता है.

तो ये थी मेरी कहानी. कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करना.