निशा: तुम यहा क्या कर रहे हो?
मे: ऐसे क्या बोल रही हो जान, तुम्हारा प्रेमी हू.
निशा: वो तो ठीक है, पर अगर रोहन को पता चला तो?
मे: वो सब तुम मुझ पर छ्चोढ़ दो. मुझे अभी तुम्हारे साथ सोना है.
निशा: ओक, बुत मैं कुछ करने नही दूँगी.
मे: क्या मतलब तुम्हारा?
निशा: तुम सिर्फ़ मेरे साथ सो सकते हो. बुत उससे ज़्यादा कुछ नही.
मे: किस तो कर सकता हू?
निशा: ओक.
मे: वैसे तुम इस निघट्य में एक-दूं सेक्सी लग रही हो.
फिर निशा बेड पे आई. मैने उसे तोड़ा सा किस किया, क्यूंकी ज़्यादा करता तो मेरा मूड हो जाता. मैं
निशा के साथ ज़बरदस्ती नही करना चाहता था. मैं निशा को अपनी बाहों में भर के सो गया. मॉर्निंग में निशा ने मुझे उठाया.
मैने कहा: इतनी जल्दी क्यूँ?
उसने कहा: रोहन के उठने से पहले से तुम उस रूम में चले जाओ.
मैं उस रूम में जाके सोफे पे सो गया, और फिर 3 घंटे बाद उठा. देखा तो रोहन उठ गया था. फिर मैं रेडी हुआ. हम तीनो ब्रेकफास्ट करने गये. निशा ने रेड टॉप और जीन्स पहना था. एक-दूं सेक्सी लग रही थी. बुत मैने खुद पे कंट्रोल किया. हम तीनो ब्रेकफास्ट करके बाहर आए. मैने पहले से ही कॅब बुक करा दी थी.
उसके बाद ड्राइवर हमे कुछ अची जगह पे ले गया. रोहन आयेज बैठा था. मैं निशा के साथ पीछे था. हम तीनो ने कोलकाता विज़िट किया. उसके बाद शाम को हम वापस होटेल आ गये. आज पुर दिन निशा बहुत खुश लग रही थी. रोहन ने पूछा तो मैने बोल दिया की मेरी वजह से हॅपी थी. उसने भी ज़्यादा सवाल नही किए.
उसके बाद मैने बोल दिया: रोहन तू जेया होटेल में एंजाय कर, मैं और आंटी डॅन्स प्रॅक्टीस कर लेते है.
फिर मैं और निशा रूम में आ गये. मैने निशा को ज़ोर से पकड़ा, और अपनी बाहों में भर के किस किया. फिर निशा ने जीन्स उतरी, और लेगैंग्स पहनी, और डॅन्स स्टार्ट हुआ. 30 मिनिट डॅन्स करने के बाद हम दोनो होटेल के गार्डेन में आ गये, और बात करने लगे.
मे: बेबी एक बात बोलू?
निशा: क्या बोलो?
मे: तुमने रात में मुझे रोका क्यूँ था सेक्स करने से?
निशा: कैसी बात बोल रहे हो? ऐसी बात मत करो.
मे: क्यूँ ना करू, ई लोवे योउ. मेरा हक़ है. क्या तुम मुझसे प्यार नही करती?
निशा: ऐसी बात नही है, पर.
मे: पर क्या? जो है खुल के बोलो. क्या तुमको फिज़िकल सॅटिस्फॅक्षन नही चाहिए?
निशा: सच काहु तो तुम्हारे किस करने से मैं गरम हो गयी थी. नहाते टाइम फिंगरिंग भी की आज. बुत क्या हमारा ऐसा करना सही है?
मे: इसमे क्या ग़लत है? तुम औरत, मैं मर्द, और हमारा कोई ऐसा-वैसा रिश्ता भी नही की कोई प्राब्लम हो.
निशा: पर एक औरत अपने पति के अलावा किसी और के साथ कैसे?
मे: तुम अब एक विद्वा हो. अगर तुम्हे कोई प्राब्लम नही तो एक बात बोलू?
निशा: ओक बोलो.
मे: क्या तुम मुझसे शादी करोगी?
निशा: कैसे पागल जैसी बातें कर रहे हो? मेरा बेटा है रोहन. लोग क्या कहेंगे?
मे: लोगों की टेन्षन मत लो, और ना ही रोहन की. तुम्हारा बेटा मेरा बेटा. मैं उसे बाप का प्यार दूँगा.
निशा: क्या बोल रहे हो? रोहन कभी तुम्हे पापा नही मानेगा.
मे: उसकी टेन्षन मुझ पर छ्चोढ़ दो.
निशा: ओक, पर तुम्हारे अमित अंकल?
मे: उनकी भी टेन्षन तुम मत लो. तुम बस हा या ना बोलो.
निशा (10 मिनिट सोचने के बाद): ओक हा.
फिर मैने निशा को सब के सामने ही किस कर दिया वाहा गार्डेन में. हमने थोड़ी देर और बातें की, फिर रूम में आ गये. मैने कॉल करके रोहन को भी बुलाया.
रोहन: और भाई तेरी और मों की डॅन्स प्रॅक्टीस कैसे चल रही है?
मे: अची हुई है, कल देखते है क्या होगा. अछा कल डॅन्स में पहनने के लिए कपड़े होंगे ना आंटी आपके पास?
निशा: हा क्यूँ, डॅन्स में क्या स्पेशल कपड़े पहने होंगे?
मे: हाअ जिसमे आपको कंफर्टबल होगा. एक काम करेंगे, कल फ्रॉक ले लेंगे.
निशा: ओक.
थोड़ी देर बातें करने के बाद हमने डिन्नर किया. उसके बाद मैं रोहन के साथ बाहर आ गया गम्मिंग रूम में.
रोहन: ब्रो तेरी वजह से मों आज इतने सालों के बाद फिरसे हॅपी लग रही है.
मे: इसमे क्या तुम दोनो मेरी फॅमिली जैसे हो. पर मैने सही नही किया.
रोहन: क्यूँ क्या हुआ ऐसा?
मे: कल डॅन्स कॉंपिटेशन है उसमे मैने बिना तुझे या आंटी को पूछे ही ये सब कर दिया. तेरी मों को नाटक करना पद रहा है मेरी पार्ट्नर होने का.
रोहन: कोई नही यार, तूने ये सब हम दोनो की हॅपीनेस के लिए ही किया है. इसमे क्या ग़लत है?
मे: फिर भी कल जब मैं तेरी मों के साथ क्लोज़ होके डॅन्स करूँगा, उनको टच करूँगा, मुझे बुरा लगेगा.
रोहन: देख बुरा तो मुझे लगना चाहिए. वो तेरी मों थोड़ी है.
मे: हा फिर भी ऐसे जब मैं आंटी के साथ डॅन्स करता हू, तो लगता है वो लाइफ में बहुत अकेली है.
रोहन: क्या मतलब तेरा? मैं हू ना उनके साथ.
मे: मेरा मतलब है उन्हे अंकल की बहुत याद आती है.
रोहन (गुस्से में): उनका नाम मत ले.
मे: क्यूँ, ऐसा क्या हुआ?
रोहन: देख तू ये किसी को मत बताना. पर मेरे दाद आचे नही थे. वो और मेरे दादा दादी सब मों को परेशन करते थे. मैने काई बार च्छूप के देखा है, दाद मों को मारते थे.
मे: मैं ये जानता हू.
रोहन: तुझे कैसे पता?
मे: आंटी ने बताया. मैने उन्हे एक दिन अकेले देखा था च्चत पे. मुझे लगा जैसे कभी कभी मों दाद की याद में मैं अकेले च्चत पे आता हू, ये भी अंकल की याद में आई होंगी.
रोहन: अछा तो मों सच में दाद को याद करती है?
मे: नही पर उन्होने मुझे बताया की तेरी वजह से उन्होने कभी दूसरी शादी नही की.
रोहन: वो तो है. पर मों इससे अकेले कैसे हुई?
मे: यार तू क्या बच्चा है? तुझे क्या लगता है तेरी मों को ज़रूरत नही होती होगी पार्ट्नर की?
रोहन: हा मैं समझ रहा हू तेरा इशारा. पर तुझे ये सब कैसे पता?
मे: तूने देखा नही यहा आके आंटी कितनी मॉडर्न ड्रेसस पहन रही है. मुझे माना भी नही कर रही की मैं उन्हे इतनी मॉडर्न ड्रेसस दिला रहा हू. मुझे लगता है इससे पहले आंटी कुछ रॉंग डिसिशन लेले, हम दोनो को कुछ सोचना होगा.
रोहन: क्या मतलब तेरा? हम क्या कर सकते है?
मे: देख एक दिन तेरी शादी हो जाएगी. जब हो जाएगी तो आंटी अकेली रह जाएँगी. मान की अगर तेरी जॉब ऐसी जगह लगे जहा तू आंटी को साथ ना ले जेया सका तो?
रोहन: हा भाई, ये तो मैने भी सोचा है सच काहु तो मैं कभी-कभी सोचता हू की मों को दूसरी शादी कर लेनी चाहिए.
मे: तेरी बात सही है, तू बोले तो मैं आंटी से बात करके देखूँगा?
रोहन: तू कर लेगा?
मे: आंटी की खुशी के लिए ओक.
फिर हम रूम में आ गये. देखा तो निशा आज दूसरे रूम में सो गयी थी. मैं और रोहन ने चेंज किया, और सो गये. मैं अब खुश था की रोहन की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया था. अब बस उसे ये बताना था की उसकी मों के लिए मैं खुद रेडी था.
सो फ्रेंड्स आज के लिए इतना ही. नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा डॅन्स कॉंपिटेशन में क्या हुआ, और कैसे मैने रोहन को सब बयाता, और मेरी निशा से शादी हुई.