लंड की प्यास ने नौकरानी को पागल बनाया

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम रंजीत है. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. मेरी पिछली कहानी को इतना प्यार देने के लिए मैं आप सब का शूकर-गुज़ार हू. जिन लोगों ने पिछली कहानी मिस की है, वो प्लीज़ जाके पहले वो पढ़ ले.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की कैसे मैं अपने ससुराल गया और उनकी नौकरानी नीलम को मैने पत्ता कर छोड़ा. उसके बाद मैं जब चाहे उसको बुला कर छोड़ने लगा. अब आयेज बढ़ते है.

अब नीलम मेरी पक्की रंडी बन चुकी थी. वो मेरे लंड की दीवानी हो गयी थी, और मुझसे चूड़ने के लिए बेताद रहती थी. वो रोज़ मुझसे चूड़ने आ जाती थी, और मैं भी उसको मज़े से छोड़ता था. अब उसका मुझसे चुड़े बगैर गुज़ारा नही होता था.

एक दिन नीलम बोली: हम सिर्फ़ दिन में चुदाई करते है. मुझे तुमसे रात को भी चूड़ना है.

मैं: देख मेरी सेक्सी रंडी. हम दिन में चुदाई कर लेते है, ये बहुत बड़ी बात है. रात को मैं घर में होता हू, तो कैसे करूँगा तुम्हारी चुदाई.

नीलम: तुम बहाना बना कर आ जाओ किसी दिन. सच में बहुत इक्चा है मेरी रात में तुमसे चूड़ने की.

मैं: कोई ना मैं सोचूँगा.

नीलम: जल्दी सोचना. मेरी छूट की आग बढ़ती जेया रही है.

मैने नीलम की बात सुन तो ली. लेकिन मैं उस पर अमल नही करने वाला था. मैने एक कान से बात सुन ली थी, और दूसरे कान से निकाल दी थी. लेकिन नीलम बहुत सीरीयस थी, और उसने कुछ ऐसा किया जो मैं सोच भी नही सकता था.

हुआ यू की नीलम की उस बात को 15 दिन हो गये थे. मैं अब तक उसकी बात को भूल भी चुका था. और मुझे ये बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था, की नीलम बहुत सीरीयस थी उस बात को लेके.

रात के 9 बाज रहे थे. मैं डिन्नर करके बैठा हुआ था. तभी मेरा फोन बजा. मैने देखा तो नीलम की कॉल थी. नीलम ऐसे शाम को कभी कॉल नही करती थी, तो मैने सोचा कोई ज़रूरी बात होगी. इसलिए मैं बाहर आके उससे बात करने लगा. मैने फोन उठाया और बोला-

मैं: हेलो नीलम, क्या हुआ? इस वक़्त कैसे फोन किया.

नीलम: मैने तुम्हे कहा था ना की मुझे रात में चूड़ना है.

मैं: ओह, सॉरी मैं भूल ही गया. कोई ना मौका मिलते ही मैं सेट्टिंग करता हू.

नीलम: तुम्हे अब सेट्टिंग करने की ज़रूरत नही है.

मैं: क्या मतलब?

नीलम: मतलब ये, की मैं तुम्हारे घर के बाहर खड़ी हू. अब तुम बाहर आओगे की मैं बेल बाजौ?

उसकी ये बात सुन कर मेरी गांद फटत गयी. मैने जल्दी से दरवाज़ा खोला, और बाहर चेक किया. नीलम रोड के दूसरी तरफ खड़ी हुई थी. पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया, लेकिन फिर उसका फिगर देख कर मेरा गुस्सा कम हो गया.

नीलम आज जीन्स और त-शर्ट पहन कर आई थी. मैं उसको पहली बार इन कपड़ों में देख रहा था. उसकी त-शर्ट स्किन टाइट थी. और ऐसी त-श्रितस में औरतों के चूचे कितने कमाल के लगते है आप सब जानते है. जीन्स में उसकी टाइट गांद और जांघें तो किसी भी मर्द का दिल उड़ा ले.

फिर मैने उसको वही खड़े रह कर फोन किया और बोला: नीलम बेबी तुम यहा क्यूँ आई हो. किसी ने देख लिया तुम्हे तो लेने के देने पद जाएँगे.

नीलम: मैने खुद को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन ये जो मेरी छूट है ये मानती ही नही. तुमने ही मेरी छूट को अपने लंड का चस्का लगाया है. अब तुम ही इसको शांत करोगे अभी. अब ये मैं नही जानती की तुम ये सब कैसे करोगे.

फिर मैं सोचने लगा की सब कैसे किया जाए. हमारे घर में सीडीयान घर के बाहर की तरफ है. मतलब उपर जाने के लिए मैं गये से एंटर होते ही उपर चढ़ सकते है. इसके लिए घर के अंदर आने की ज़रूरत नही पड़ती.

मैने नीलम को उन्ही सीडीयों से उपर जाने और मेरी वेट करने को कहा. अगले आधे घंटे में घर पर सब सो गये. तब मैं चुपके से उठा, और घर का दरवाज़ा बाहर से बंद करके उपर चला गया.

हमारे घर के उपर भी एक रूम है. नीलम वही बेड पर बैठी मेरा इंतेज़ार कर रही थी. जैसे ही मैं रूम में गया, नीलम ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. जब उसके मोटे चूचे मेरी छाती से टकराए, तो मेरा गुस्सा एक-दूं पिघल गया.

साथ ही नीलम ने अपने रस्स-भरे होंठो से मेरे होंठो पर हमला कर दिया. वो पागलों की तरह मेरे होंठो को चूसने लग गयी. मैं भी बराबर का रेस्पॉन्स दे कर उसके होंठो के रस्स को पीने लगा. 10 मिनिट तक हमारी किस चलती रही.

फिर उसने मुझे बेड पर धक्का दे दिया, और मेरे उपर आके बैठ गयी. हम दोनो अभी कपड़ों में थे. वो कपड़ो के उपर से ही अपनी गांद मेरे लंड पर रगड़ने लग गयी. फिर उसने मेरे उपर बैठे हुए ही अपनी त-शर्ट निकाल दी.

अब उसके ब्राउन ब्रा में काससे हुए चूचे मेरे सामने थे. मैने अपने दोनो हाथ उसके चूचों पर रखे, और उनको दबाना शुरू कर दिया. इससे वो मदहोश हो गयी, और आहें भरने लग गयी.

फिर उसने अपनी ब्रा खोली, और आयेज झुक गयी. अब मैं एक-एक करके उसके चूचे चूसने लग गया. वो मेरे सर को अपने चूचों में मसल रही थी. उसके चूचों की गर्माहट क्या मस्त मज़ा दे रही थी.

फिर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए. मैने नाइट त-शर्ट और पाजामा पहना था. पहले उसने मेरी त-शर्ट उतरी, और मेरी चेस्ट पर किस करते हुए नीचे जाने लगी. फिर उसने मेरा पाजामा कमर से खींच कर नीचे कर दिया.

अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था, और उसमे से मेरा खड़ा हुआ लंड देख कर वो खुश हो रही थी. फिर उसने भी मेरे उपर खड़े होके अपनी जीन्स निकाल दी. टाइट जीन्स में से उसकी जांघे बाहर आती देख मेरे लंड ने फुकरे मारने शुरू कर दिए.

अब वो भी सिर्फ़ पनटी में थी, और उसने वो भी उतार दी. फिर वो मेरे अंडरवेर को उतार कर मेरे लंड पर बैठ गयी, और अपनी छूट रगड़ने लग गयी. हम दोनो को इसमे बड़ा मज़ा आ रहा था. लंड और छूट दोनो पर थोड़े बाल थे, तो इस रगदाई का और भी मज़ा आ रहा था.

फिर वो मेरे उपर से उतरी, और लंड मूह में डाल कर चूसने लग गयी. मैने उसको घुमाया और 69 पोज़िशन में लाके उसकी छूट और गांद चूसने लगा. 5 मिनिट तक हम दोनो ऐसे ही करते रहे. मैने नीचे से कमर हिला-हिला कर उसके मूह में अंदर-बाहर कर रहा था, और वो भी मेरे मूह पर अपनी गांद और छूट दबा कर छूट चटाई का मज़ा ले रही थी.

अब चुदाई का टाइम आ गया था. वो सीधी होके मेरे उपर बैठी, और लंड छूट के मूह पर सेट करके उस पर बैठ गयी. मैने भी नीचे से धक्का देते हुए लंड पूरा अंदर घुसा दिया. उसके मूह से आ आ की आवाज़े आने लगी.

फिर वो आ आ करती हुई धीमी स्पीड में मेरे लंड पर उपर-नीचे होने लगी. मैने अपने हाथ उसके चूचों पर रखे, और उनको मसालने लग गया. इससे उसकी आहें और तेज़ होने लगी.

धीरे-धीरे वो स्पीड तेज़ करने लगी. मैने अपनी हाथ उसके चूचों से हटता कर उसकी गांद पर रखे, और उसको तेज़ी से उपर नीचे करने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उसने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे, और पॉर्न आक्ट्रेस की तरह मेरे लंड पर अपनी गांद पताकने लग गयी.

क्या मज़ा आ रहा था. उसकी आ श, और लंड छूट के संगम से छाप-छाप की आवाज़ कानो में घुल रही थी. 15 मिनिट तक वो ऐसे ही मेरे लंड पर उछालती रही. फिर मैने उसको नीचे किया, और उसकी टांगे मोड़ कर लंड छूट में डाल दिया.

अब मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार कर पूरी स्पीड में उसकी छूट छोड़ने लगा. फिर मैने उसकी एक टाँग रिलीस की, और एक हाथ से उसकी छूट का दाना रगड़ने लग गया. उसकी आहें ज़ोर की होने लगी. मैं बीच-बीच में उसके मूह पर थप्पड़ मार कर उस पर गुस्सा भी निकालने लगा.

उसका मूह थप्पड़ खा कर, निपल्स मसालने की वजह से, और चूतड़ दबाने से लाल हो चुके थे. हम दोनो के जिस्मो पर पसीना भी आ गया था. उसकी छूट पानी-पानी हो चुकी थी, और हवा जाने से बीच-बीच में बब्ल्स भी बन रहे थे.

फिर मैं उसके उपर लेट गया, और उसके होंठ चूस्टे हुए चुदाई करता रहा. वो मदहोश हो रही थी, और 2 बार झाड़ चुकी थी. अब मेरा भी झड़ने वाला था. उसने मुझे उसकी छूट में ही पानी निकालने को बोला. मैने वैसा ही किया, और अगले 10 मिनिट में उसकी छूट को अपने माल से भर दिया.

चुदाई ख़तम होने के बाद हमने कुछ देर आराम किया, और फिर मैने उसको घर से बाहर निकाल दिया.

दोस्तों अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.