आंटी के चक्कर में कांवली के चूड़ने की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम राज है, और मैं 22 साल का हू. मैं मुंबई में रहता हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और मेरी बॉडी भी अची है. रंग मेरा गोरा है, और मैं हॅंडसम हू. लेकिन फॅमिली कंडीशन सही ना होने की वजह से मैं ज़ोमतो में काम करता हू.

मुझे लड़कियाँ छोड़ने का बहुत शौंक है. लेकिन अगर पैसा नही होता, तो लड़कियाँ भी भाव नही देती. तो मैं अपने 8 इंच के लंड को संतुष्ट करने के लिए आंटीस को पाटता हू. उनसे पैसे भी मिल जाते है, और मज़ा भी. तो चलिए अब मैं आपको अपनी एक कहानी बताता हू.

मैं एक बिल्डिंग में डेलिवरी के लिए गया था. जब मैं लिफ्ट में घुसा, तो मुझे एक आंटी दिखी. मेरे अलावा लिफ्ट में बस वही थी. बड़ी सेक्सी आंटी थी. उन्होने ब्लॅक सारी पहनी हुई, तो और लाइट मेक-उप किया हुआ था.

रंग गोरा, चूचे तकरीबन 36″ के, कमर 30″ की, और गांद 38″ की लग रही थी. आंटी ने बाल खोल रखे थे, और नैन-नक्श ज़बरदस्त थे. सारी में उनकी जो कमर दिख रही थी, वो तो मेरे लंड में उत्पाद मचा रही थी.

तभी आंटी का फ्लोर आ गया. मेरा फ्लोर तो दूसरा था, लेकिन मैं अपने आप को आंटी के पीछे जाने से रोक नही पाया, और उनके पीछे चला गया. आयेज जाके आंटी अपने फ्लॅट के दरवाज़े के सामने रुकी, और अंदर चली गयी.

मंजू पाटिल, ये नाम था आंटी का जो मैने उनके घर के बाहर लगी नामे प्लेट पर पढ़ लिया था. वाहा लिखा था की वो एक लॉयर थी. और मैं उस आंटी को अपना दिल दे बैठा था.

फिर मैं वापस लिफ्ट में गया, और खाने की डेलिवरी करी. रात को मैने उस आंटी के बारे में सोच कर 3 बार मूठ मारी. मुझे कैसे भी करके उसको छोड़ना था. फिर अगले दिन मैं फिरसे उसी बिल्डिंग में गया.

वाहा के गुआर्द को मैने फ्री पिज़्ज़ा दिया, ये कह कर की कस्टमर घर पर नही मिला. मैने उससे मंजू आंटी के बारे में पूछा तो उसने बताया की वो एक डाइवोर्स थी, और अपने घर में अकेली रहती थी. बस एक कांवली लड़की आती थी, जो उसका काम करती थी.

तभी वो कांवली बिल्डिंग से जेया रही थी, तो गुआर्द ने मुझे उसकी तरफ इशारा किया. वो कांवली लड़की एक 24 साल की लड़की थी. सावला रंग 34″ के चूचे, 28″ की कमर, और 34″ की गांद. वो दिखने में इतनी अची नही थी, लेकिन बॉडी उसकी सेक्सी थी.

मैं फिर उसके पीछे चल दिया बिके लेके. वो बाहर ऑटो की वेट कर रही थी. तभी मैं अपनी बिके लेके उसके पास गया, और उसको लिफ्ट ऑफर की. पहले तो उसने माना किया, लेकिन मेरी पर्सनॅलिटी देख के वो मान गयी. उसको वैसे कही जल्दी जाना भी था.

कुसुम नाम था उसका. उसने पाजामी-सूट पहना हुआ था. वो कपड़े उसको टाइट थे, तो उसके अंग उभर कर आ रहे थे. फिर मैने जहा उसको जाना था, वाहा पहुँचा दिया. बिके से उतार कर मैने उसको बोला-

मैं: नंबर डोगी अपना?

कुसुम: क्यूँ?

मैं: अगर कभी लिफ्ट चाहिए हो तो कॉल कर देना.

कुसुम: मैं तुम्हे क्यूँ कॉल करूँगी लिफ्ट के लिए?

मैं: क्यूंकी मेरी बिके आपको बहुत पसंद करती है.

ये सुन कर वो हस्स पड़ी, और उसने मुझे नंबर दे दिया. फिर रात को मैने उसको मेसेज किया. उसने कुछ देर बाद मुझे रिप्लाइ किया. ऐसे ही 10 दिन हमारी बातें हुई, और फिर मैने उसको प्रपोज़ कर दिया.

मैं: कुसुम, मैं तुमसे प्यार करता हू.

कुसुम: मैं भी.

मैं: शादी करोगी मेरे साथ?

कुसुम: हा.

मैं: फिर सुहग्रात मनाओगी?

कुसुम: हहा हा.

फिर मैने उसको मिलने बुलाया, और वो आ भी गयी. उसने आज जीन्स त-शर्ट पहनी हुई थी, वाइट त-शर्ट और ब्लू जीन्स. इन कपड़ो में वो मस्त लग रही थी. उसके कपड़े काफ़ी महँगे लग रहे थे. जब मैने उसको कपड़ों के बारे में पूछा, तो उसने कहा की जहा वो काम करती है, उन लोगों ने दिए थे.

हम दोनो काफ़ी घूमे. इस दौरान हमने बियर भी पी. वो बियर पीक काफ़ी खुल गयी थी. फिर हम थियेटर में गये मोविए देखने. मोविए के दौरान मैं उसकी जांघों को सहलाने लगा. इससे वो गरम होने लगी, और मेरी तरफ प्यार से देखने लगी.

मैं समझ गया था, की अब वो तैयार थी. फिर मैने अपना फेस आयेज बढ़ाया, और उसके होंठ चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. अब बूम दोनो मज़े से किस कर रहे थे. मैं साथ में उसके बूब्स सहलाने लग गया, और वो मेरा सिर सहला रही थी.

कुछ देर बाद हम मोविए के बीच में ही उठे, और बाहर आ गये. मैं उसको अपने दोस्त के कमरे में ले गया. कमरे में जाते ही हम दोनो ने किस्सिंग स्टार्ट कर दी. मैं किस करते हुए उसकी गांद दबा रहा था.

वो पूरी गरम थी, और उसकी किस वाइल्ड हो रही थी. फिर मैने उसकी त-शर्ट उतरी, और उसकी गर्दन और छाती चूमने लगा. मैं उसकी क्लीवेज चाट रहा था. उसने मुझे बेड पर धक्का दिया. फिर वो मेरे उपर आ गयी, और उसने अपनी ब्रा उतार दी.

अब उसके ब्लॅक निपल्स वाले काससे हुए चूचे मेरे सामने थे. फिर उसने मेरे दोनो हाथ अपने बूब्स पर रखवाए, और मैं उसके बूब्स को मसालने लग गया. वो अपनी गांद मेरे लंड पर रग़ाद रही थी.

फिर वो नीचे गयी, और मेरी पंत और अंडरवेर उतार कर मेरा लंड आज़ाद कर दिया. बड़ा और मोटा लंड देख कर वो खुश हो गयी, और रंडी की तरह उसको चूसने लग गयी. मैं भी ज़ोर-ज़ोर से उसका मूह छोड़ने लगा.

फिर मैने अपने बाकी कपड़े भी उतार दिए, और उसको नीचे ले आया. मैने उसकी जीन्स उतरी, और उसकी जांघों को किस करते हुए उसकी पनटी भी उतार दी. उसकी छूट एक-दूं गीली थी, और वो पहले भी चुड चुकी थी. लेकिन छूट टाइट थी अभी भी.

मैने उसकी छूट पर जीभ लगाई, और उसको चाटने लगा. वो मदहोशी भारी आहें भर रही थी. जब वो लंड लेने के लिए तड़पने लगी, तो मैं अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लग गया. फिर मैने ज़ोर का धक्का मारा. उसकी आँखें बाहर आ गयी, और लंड अंदर चला गया.

2-3 धक्कों में पूरा लंड उसकी छूट में था. फिर मैने अपने हाथ उसके बूब्स पर रखे, और उसको छोड़ना शुरू कर दिया. बड़ा मज़ा आ रहा था हम दोनो को. उसको छोड़ते हुए मुझे बीच-बीच में आंटी के ख़याल आ रहे थे, जिससे मैं और वाइल्ड हो रहा था.

जब मेरा निकालने वाला हुआ तो मैने उसकी टांगे मोड़ कर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए. फिर मैने लंड बाहर निकाला, और उसकी नाभि पर अपना माल निकाल दिया.

इसके आयेज क्या हुआ, और मैं कैसे कुसुम के ज़रिए मंजू आंटी तक पहुँचा, वो आप पढ़ेंगे अगले पार्ट में. तब तक के लिए बाइ-बाइ.