लड़के ने फादी दोस्त की मा की वर्जिन गांद

कहानी अब आयेज से.

मैं: नही मेरी रानी. तेरी गांद मारने में अब मज़ा आ रहा है. आज तू पूरी तरह से मेरे हो गयी है. तेरे पुर बदन पर मैने अपने लोड की छाप छ्चोढ़ दी है.

निशा: आह आह उफ़फ्फ़. मेरे बाबू सब आपका ही तो है. एस एस एस बेबी. छोड़ लो अपनी इस रानी को.

निशा चुदाई के नशे में भूल गयी की उसका पति और बेटा घर में ही सो रहे थे. वो बस आँख बंद करके चूड़ने का मज़ा ले रही थी. निशा की गरम सिसकियाँ और चुदाई की आवाज़ पुर किचन में गूँज रही थी.

मैं उसकी कमसिन और टाइट काले च्छेद वाली गांद में अपना 7 इंच का गरम लोड्‍ा घुसाए जेया रहा था. गांद की चुदाई घमासान चल रही थी. निशा की सिसकियाँ मेरे हर धक्के पर निकल रही थी.

10 मिनिट तक निशा को छोड़ने के बाद वो एक गरम श उम्म्म के साथ झाड़ गयी.

मेरा अभी भी नही हुआ था. मैं उसकी गांद में लंड से छोड़े जेया रहा था. निशा बस अपना मूह तकिये में दबाए चुड रही थी. मैं अपनी दोस्त की मम्मी को उसी के घर में छोड़ रहा था. निशा की चुदाई करते हुए मुझे 25 मिनिट से ज़्यादा टाइम हो गया था.

उसे अब गांद ने जलन होने लगी थी. क्यूंकी मेरे हर धक्के पर उसके बूब्स झूल जाते थे, वो झड़ने के बाद तक चुकी थी. उसकी सिसकियाँ अब थोड़ी दर्द भारी हो गयी थी.

निशा: आह आह आह उहह उहह उफ़फ्फ़ मा.

मैं: मेरे रंडी साली. अभी तो तेरे चुदाई शुरू हुई है. पूरी रात बाकी है, तेरी गांद को फाड़ दूँगा.

निशा: उम्म्म आह मा. आपने फाड़ तो दी है. प्लीज़ अब तोड़ा रुक जाओ. बहुत दर्द हो रहा है.

मैं बिना सुने उसकी गांद छोड़े जेया रहा था. निशा बस दर्द भारी आहें भरने लगी. मैने अब उसके बाल पकड़ लिए, और घोड़े की तरह अपनी घोड़ी को छोड़े जेया रहा था. मैने उसे छोड़ते हुए कहा.

मैं: बोल मेरे घोड़ी. साली मज़ा आ रहा है ना? तेरे असली मर्द ने तेरी गांद छोड़ी है.

निशा भी अब गरम सिसकियाँ लेते हुए बोली-

निशा: हा मेरे राजा. आह आह उफ़फ्फ़ एस. छोड़ो, छोड़ो मुझे. फाड़ दो अपनी रंडी की गांद. मसल दो मुझे आचे से. अपना लो अपनी पूरी बीवी.

मैं: तो रंडी ये ले, और ले. तेरी गांद में मेरा लोड्‍ा ले.

निशा: आह आह उम्म्म. हाहा हा और दो. छोड़ो मुझे और ज़ोर से.

मैं उसकी जोश भारी बातों से एक्शिटेड हो कर चुदाई करने लगा. निशा की गांद से तोड़ा खून भी आ रहा था. मैं लगातार बिना रुके उसकी गोरी मुलायम गद्दे-दार गांद छोड़े जेया रहा था.

निशा भी अपनी कमर आयेज-पीछे करके मेरा साथ दे रही थी. चुदाई की घपा घाप घाप ठप ठप ठप फॅट फॅट फॅट फॅट की आवाज़ आ रही थी. 15 मिनिट तक तबीयत की चुदाई के बाद मेरा लंड अब झड़ने को होने वाला था. मैने आंटी के बाल पकड़ कर मूह उपर किया, और होंठो को चूस्टे हुए गांद की चुदाई किए जेया रहा था.

निशा: उम्म्म उम्म्म उम्म्म एस एस. छोड़ो छोड़ो आह.

मैं: मेरी रानी, बस और से ले तोड़ा. मेरा होने वाला है. तेरी टाइट गांद मेरे लोड को निचोढ़ रही है.

निशा: हा मेरे बाबा, आपके लंड को निचोढ़ दूँगी. आह आह उहह एस छोड़ो. भर दो मेरी गांद अपने अमृत से.

2 मिनिट तक छोड़ने के बाद, निशा की गांद में एक बड़ी आह के साथ पिचकारी छ्चोढ़ दी मैने. मैने निशा की गांद में मैने अपना पूरा लंड अंदर तक दबा दिया. निशा के होंठो को मैने ज़ोर से मूह में दबा दिया. इससे उसकी आह मूह में डब गयी. निशा की आँखों से आँसू आ रहे थे, लेकिन वो खुश भी थी. आज उसे असली मर्द ने छोड़ा था.

5 मिनिट बाद आंटी के उपर ही मैं गिर गया. उसके गले को चूमे जेया रहा था. निशा अपनी आँखें बंद करके मेरे नीचे दबी हुई थी. लंड अभी भी कड़क होके गांद में दबा हुआ था.

थोड़ी देर बाद निशा की चौड़ी गांद से मेरा लोड्‍ा सिकुड कर बाहर आ गया. उसके साथ गांद से मेरा वीर्या और हल्का से खून भी निकल रहा था. निशा बहुत तक चुकी थी. वो बिस्तर से उठ नही पा रही थी.

मैने कहा: उम्म्म मेरी जान. आज तेरी गांद मार कर जन्नत का मज़ा ले लिया.

निशा: आपने भी मुझे आज पूरी औरत बना दिया है. मेरे सभी च्छेदो में आपने अपने लंड से मुझे अपना बना लिया.

निशा मुझे चूमते हुए ई लोवे योउ बोली. मैं भी उसके पसीने से भरे गालों को चूम रहा था. निशा की आँखों में थकान थी. 10 मिनिट तक हम दोनो एक-दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे.

उसकी गांद ने मेरा सारा रस्स बाहर निकाल दिया था. निशा भी अब सीधी हो कर अपनी पनटी से गांद सॉफ करने लगी, और मेरे लंड को देख कर बोली-

निशा: आपका तो अभी मूड में लग रहा है. कितना स्टॅमिना है इसमे. मेरी जान तो निकाल दी है, और क्या चाहिए इसे अब?

मैं: मेरी जान, तेरा जिस्म ही ऐसा है. किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. और तुझे छोड़ने में किसी का मॅन ना भरे. जिसका मॅन भर जाए वो पूरा चूतिया है.

ये सुन कर वो हासणे लगी, और मुझे गले लगा कर निशा मुझे चूमने लगी. फिर बोली-

निशा: आप मुझे इतना प्यार करते हो?

मैं: तुझे प्यार करने के लिए ही तो तेरे पास आता हू. तू बनी ही प्यार और रोमॅन्स करने के लिए है.

निशा: और सेक्स के लिए नही (हेस्ट हुए बोली)?

मैने उसकी गांद मसल कर कहा: साली तुझे छोड़ने के लिए लंड अपने आप पंत से बाहर आने लगता है. तुझे छोड़ने के लिए कों नही मानेगा? तेरा पति ही चूतिया है बस.

कैसे लगी आंटी की गांद चुदाई. दोस्तों अभी कहानी बाकी है. जाना मत कही, वेट कीजिए अगले पार्ट का. कहानी पढ़ने के बाद मुझे मैल ज़रूर करे.

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