आंटी की गांद की पहली चुदाई की स्टोरी

ही दोस्तों, मैं रोहित कॉल बॉय अपनी कहानी का अगले पार्ट लेके आया हू. स्टोरी बहुत कामुक और लंड खड़ा कर देने वाली है. किसी को मुझसे सेक्स चाहिए, तो बिना दर्र के मुझे मैल करे. कहानी अभी बहुत लंबी है. कहानी अब आयेज से.

निशा: अरे बाबा अब डाल भी दो ना. फाड़ दो इसे. आपने छूट फाड़ दी है. गांद भी फाड़ दो. छोड़ो ना मुझे. रंडी की तरह छोड़ो मुझे.

मैने अब लंड गांद के च्छेद पर रखा और कहा-

मैं: मेरे प्यारी निशा. अब तेरा ये असली पति तेरी सील तोड़ने जेया रहा है. तोड़ा सा से लेना दर्द को.

निशा: मुझे भी अपने इस हॅंडसम पति से गांद मरवा कर खुशी मिलेगी. एक असली मर्द मेरी सील तोड़ेगा.

मैं अब अपने दोस्त की मम्मी की सील गांद तोड़ने जेया रहा था. निशा की कमर मैने दोनो हाथो से पकड़ ली, और एक धक्का दिया. लेकिन लंड फिसल गया. निशा की उम्म्म निकल गयी.

मैने फिरसे गांद में ट्राइ किया. लेकिन गांद का च्छेद काफ़ी छोटा था, और लंड का सूपड़ा तोड़ा मोटा था. इससे लंड अंदर जाने में तकलीफ़ हो रही थी.

मैने फिरसे इस बार आंटी की गांद पकड़ ली, और एक ज़ोर का धक्का दिया. जिससे लंड का टोपा ही अंदर गया. लंड के जाते ही निशा की तकिये में दबी हुई चीख निकल गयी. वो ज़ोर-ज़ोर से चीख रही थी, जो तकिये में डब रही थी.

निशा: उम्म्म उहह आह आह मा. प्लीज़ प्लीज़ रोहित. निकालो ना, दर्द हो रहा है.

मैं उसके बूब्स मसालने लगा. निशा की गांद को मैं सहलाने लगा. निशा की नंगी गोरी पीठ को चूमे जेया रहा था. उसको दर्द में अब आराम मिलने लगा. मैने देर ना करते हुए एक और ज़ोर का धक्का दिया.

इस धक्के साथ लंड 4 इंच गांद में घुस गया. निशा की दर्द के मारे फिरसे चीख निकल गयी. लेकिन ये चीख किचन से बाहर नही गयी.

निशा: आह आह आह उहह. प्लीज़ बाहर निकालो ना. मैं मॅर जौंगी. मेरी सुन लीजिए ना मेरी जान निकल रही है. प्लीज़ निकाल लीजिए ना.

मैं: मेरी जान, तोड़ा सा और से ले. कुछ देर में दर्द चला जाएगा.

निशा तकिये में सूबक कर रोने लगी. मैं लंड गांद में दबाए रुका रहा. मैने देखा गांद के च्छेद से खून निकल रहा था. मैने ये बात उसे नही बताई.

निशा को प्यार से चूमने लगा. गांद के माज़ को सहला रहा था. बूब्स को धीरे से मसल रहा था. 10 मिनिट तक आंटी को खूब स्मूच और प्यार किया. इससे उसका दर्द कम हुआ.

मैने कहा: बेबी अब बता, तेरा दर्द कैसा है?

निशा: हा तोड़ा दर्द है. आप जान ले लेते हो. गांद की सील तोड़ दी आपने. लोवे योउ.

मैं: लोवे योउ मेरी जान. तू मेरे असली जान है. बस तू तोड़ा से ले. फिर दर्द नही होगा, और मज़ा आएगा.

निशा: ठीक है. आपके प्यार के लिए ये भी से लूँगी. आप बिना रुके पूरा अंदर डाल दो. प्लीज़ फिर रुक जाना, और धीरे-धीरे से करना.

मैने भी उसके बाल पकड़ कर मूह उपर किया. उसके होंठो पर अपने होंठ लगा दिए, और चूस्टे हुए गांद में एक और धक्का दिया. जिससे 7 इंच का कड़क लंड पूरा अंदर घुस गया.

निशा की चीख मेरे मूह में ही डब गयी. मैं लंड रोक कर उसे चूमे जेया रहा था. निशा की आँखों से आँसू निकल रहे थे. मैं मेरे आंटी के मूह को चूमे जेया रहा था.

निशा के खुले बाल मेरे हाथो में थे. एक हाथ से उसकी कमर पकड़ कर उसे प्यार से चूमे जेया रहा था. मैं निशा की नरम ज़ुबान रस्स पीने लगा, जिससे उसका दर्द कम हो गया.

मैने उसके बूब्स और गांद मसल कर निशा को फिरसे गरम कर दिया. 5 मिनिट बाद मैं अंदर गये लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा था. गांद इतनी टाइट थी. मुझे लंड बाहर करने के लिए तोड़ा ज़ोर लगाना पद रहा था.

मैने कहा: आह मेरी जान. तेरी गांद बहुत ही टाइट और कमसिन है. निशा रानी अब तक तू कहा थी? तेरी गांद मेरी जान है.

निशा: उम्म्म ह्म. मेरे रोहित बाबू आपकी ही हू. मेरा सब कुछ आपका है.

मैं फिर उसके एक बूब्स को चूस्टे हुए लंड गांद में घुसने लगा. गांद में लंड धीरे-धीरे अपनी जगह बना रहा था. मैं छोड़ने में ज़्यादा ज़ोर नही लगा रहा था. क्यूंकी उसे दर्द हो रहा था ज़ोर लगाने से. निशा की गांद हद से ज़्यादा मुलायम थी, और रब्बर जैसी थी.

गांद छोड़ने में मज़ा आ रहा था. मुझ पर गोली का पवर था, जिससे मेरा लंड अभी तक टाइट खड़ा था. निशा चूड़ते हुए मीठी-मीठी गरम सिसकियाँ ले रही थी.

निशा: उम्म्म्म उम्म्म उहह उहह आह उफ़फ्फ़ उफफफ्फ़ बेबी एस एस आह आह बाबा. मज़ा आ रहा है. आपका लंड मेरी गांद में खुजली और छूट में गर्मी बढ़ा रहा है.

मैं: लोवे योउ मेरे रानी. तेरी गांद भी बड़ी मस्त और कड़क है. छोड़ने में मज़ा आ रहा है.

अभी मुझे गांद में लंड घुसाए 10 मिनिट ही हुए थे. निशा भी गरम हो रही थी. उसे अब धीरे-धीरे चूड़ने में मज़ा रहा था. निशा की टाइट गांद में लंड कस्स-कस्स कर अंदर-बाहर जेया रहा था.

मेरे उपर अब आंटी की गांद और गोली का नशा छाया हुआ था. मैने अब उसके बाल पकड़ कर उसका मूह नीचे झुका कर अपनी स्पीड बढ़ा दी.

अब मैं लंड अंदर-बाहर ज़ोर-ज़ोर से करने लगा था. मैं निशा की टाइट गांद को फाड़ने में लगा हुआ था. निशा के बूब्स मसालते हुए निशा की गांद छोड़े जेया रहा था.

लंड गांद में पूरा अंदर और पूरा बाहर हर एक झटके में हो रहा था. गांद में जब लंड जाता तो चुदाई की फॅट फॅट फॅट की आवाज़ आने लगी. निशा की गरम सिसकिया ज़ोरदार निकल रही थी.

निशा: आह आह उहह उहह एस उफ़फ्फ़ उम्म्म उम्म्म. रोहित प्लीज़ दर्द हो रहा है. तोड़ा तो आराम से करो.

अभी चुदाई बाकी है मेरे दोस्तों. यहा तक की स्टोरी आप सब को कैसी लगी, नुजे मैल करके ज़रूर बताए. मुझे आप [email protected] पर मैल करके अपनी फीडबॅक भेज सकते है. कहानी पढ़ने के लिए थॅंक्स.