ही फ्रेंड्स, मेरा नाम धीरज है. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़े. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आएगा.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैं अपनी रिम्मी आंटी का दीवाना हो गया था. ये बात उनको भी शायद पता चल गयी थी. फिर आधी रात को वो मेरे रूम में आई, और हमारा रोमॅन्स शुरू हुआ. अब आयेज बढ़ते है.
आंटी मेरी बाहों में थी, और मेरा नंगा बदन उनके बदन से चिपका हुआ था. हम दोनो पागलों जैसे किस करे जेया रहे थे. फिर आंटी ने पाजामा के उपर से मेरे लंड पर हाथ डाला, और उसको मसलना शुरू कर दिया. आंटी का हाथ लगते ही, मैं और उत्तेजित हो गया.
फिर मैने आंटी को बेड पर लिटाया. आंटी अपनी टांगे खोल कर मुझे उनको छोड़ने का इन्विटेशन दे रही थी. मैने अपना पाजामा और अंडरवेर उतार दिए, और अब मैं उनके सामने पूरा नंगा था. मेरा तन्ना हुआ मोटा-तगड़ा लंड आंटी को सलामी दे रहा था.
आंटी मेरे लंड को देख कर खुश हो गयी. मैने आँखों ही आँखों में आंटी को लंड की तरफ इशारा किया. वो मेरा इशारा समझ गयी, और जल्दी से घुटनो के बाल आ गयी. फिर आंटी ने मेरा लंड पकड़ लिया, और मेरी तरफ देखते हुए उसको ज़ोर से हिलने लगी. मेरे लंड के लिए उनकी खुशी उनके चेहरे पर सॉफ नज़र आ रही थी.
फिर आंटी ने अपना मूह खोला, और लंड का टोपा चूसा. फिर धीरे-धीरे करके वो पूरा लंड मूह में ले गयी, और उसको चूसने लगी. क्या जन्नत का मज़ा आ रहा था दोस्तों. मैं सोच रहा था, की अगर उनके मूह में लंड जाने पर इतना मज़ा आ रहा था, तो छूट में जाने पर कितना आएगा.
आंटी ज़ोर-ज़ोर से मेरा लंड चूसने लग गयी, जैसे बहुत प्यासी हो लंड के लिए. फिर मैने भी आंटी के सर के पीछे अपना हाथ रख लिया, और कमर हिला कर उनके मूह में धक्के मारने लगा. उनके मूह से निकल रही थूक से मेरा लंड पूरा चिकना हो गया था. उनकी थूक लंड से टपकनी शुरू हो गयी थी.
फिर मैने जैसे ही लंड उनके मूह से निकाला, आंटी बड़े स्टाइल से सीधी लेट गयी, और अपनी टांगे खोल कर अपनी छूट पर दोनो हाथ रख लिए. उसके बाद आंटी ने दोनो हाथो से अपनी छूट का मूह खोला, और मुझे लंड छूट में डालने का इशारा किया. मैं तो पहले से ही रेडी था. मैं आंटी पर कूद पड़ा.
फिर मैने अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ना शुरू किया. आंटी भी गांद हिला-हिला कर रगदाई में मेरा साथ दे रही थी. फिर जैसे ही लंड छूट के मूह पर अटका मैने धक्का मार कर लंड उनकी छूट में घुसा दिया. पहली बार में मेरा 70 फीसदी लंड उनकी छूट में चला गया. उनकी आ निकल गयी, और मैने और धक्के मार कर पूरा लंड उनकी छूट में घुसा दिया.
उनकी गरम छूट में लंड जाने का वो एहसास अद्भुत था. मैं तो जैसे पागल ही हो गया था. फिर मैने तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. आंटी आ आ कर रही थी, और मैं उनकी छूट को छोड़ रहा था. फिर आंटी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने उपर लिटा लिया, और हम दोनो के होंठ फिरसे मिल गये.
अब हम एक-दूसरे के होंठो को पागलों की तरह चूस रहा थे, और नीचे से मैं उनकी छूट छोड़ रहा था. कुछ देर होंठ चूसने के बाद मैने उनके बूब्स का रुक किया, और एक-एक करके उनके बूब्स चूसने लगा. वो मेरे मूह को अपने बूब्स में दबा रही थी.
क्या मज़ेदार स्वाद था आंटी के बूब्स का, और खुश्बू भी मस्त थी. उपर से छूट की गर्मी मुझे पागल बना रही थी. कुछ देर इसी पोज़िशन में चुदाई करने के बाद आंटी मुझे झड़ती हुई महसूस हुई. वो आ आ करने लगी, और मुझे अपने लंड पर कुछ गरम-गरम महसूस हुआ. जब मैने नीचे देखा, तो लंड पर सफेद-सफेद कुछ लगा हुआ था. मैं समझ गया की वो आंटी का माल हो सकता था.
फिर मैने अपना लंड उनकी छूट से निकाला, और लंड और छूट दोनो सॉफ किए. उसके बाद मैने आंटी को घोड़ी बनने के लिए कहा. आंटी झट से अपने घुटनो पर आके झुक गयी, और अपनी गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गयी. क्या मस्त लग रही थी आंटी इस पोज़िशन में. वो पॉर्न वीडियोस वाली हेरोयिन्स को भी मॅट दे रही थी.
उनकी गांद देख कर मैं उसको काटे बगैर रह ना सका. मैने पहले उनकी गांद पर 3-4 ज़ोर के थप्पड़ मारे. इससे उनकी आ निकल गयी, और गांद लाल हो गयी. फिर मैने उनके चूतड़ चूमने शुरू किए, और उनको काटने लगा. आंटी मस्ती में गांद हिला रही थी.
फिर मैं अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ने लग गया. आंटी मदहोश होके गांद हिलने लगी, और मुझे लंड छूट में डालने को बोलने लगी. मैने लंड छूट पर सेट किया, और एक ही बार में पूरा लंड उनकी छूट में घुसा दिया. मेरा लंड सीधे उनकी बच्चे-दानी को जाके लगा, और उनकी हल्की चीख निकल गयी.
फिर मैने अपने हाथ उनके छूतदों पर रखे, और तेज़ी से उनकी छूट छोड़ने लगा. ठप-ठप की आवाज़ आ रही थी, और मेरी जांघें और टटटे आंटी की गांद से टकरा रहे थे. अब मेरा निकालने वाला था, तो मैं फुल स्पीड में उनको छोड़ने लगा. मैं इतनी तेज़ी से लंड अंदर-बाहर कर रहा था, की मेरा लंड दर्द होने लग गया था, और छूट से रग़ाद खाने लगा था.
फिर मैं आ आ करने लगा, और मैने अपने माल से आंटी की छूट को भर दिया. आंटी भी दोबारा से झाड़ चुकी थी. फिर मैने लंड उनकी छूट से बाहर निकाला, और आंटी की बगल में लेट गया. आंटी उल्टी ही बेड पर लेट गयी. हम दोनो हाँफ रहे थे. फिर आंटी मेरा लंड चूस कर उसको सॉफ करने लगी.
उनके चूस्टे-चूस्टे मेरा लंड फिरसे खड़ा होने लगा, और मैने फिरसे उनको छोड़ना शुरू कर दिया. इस तरह पूरी रात हमारा चुदाई का खेल चलता रहा. सुबा होते ही वो मेरे रूम से बाहर चली गयी. उसके बाद जीतने दिन भी वो हमारे घर रही, हर रात हम दोनो की चुदाई हुई. ऐसी आंटी भगवान सब को दे.
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर आपको मेरी कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.