टापू और रोशन की चुदाई की सेक्सी कहानी

ही दोस्तों, स्वागत है आप सब का मेरी इस कहानी में. उमीद है, की आप सब को कहानी पसंद आएगी. इस स्टोरी में हम पढ़ेंगे की कैसे टापू रोशन के अकेले होने का फ़ायदा उठता है, और उसके साथ पूरी रात मज़े करता है. तो अब बिना किसी देरी के, और बिना कोई बोल-बचन के स्टोरी को स्टार्ट करते है.

वॅलिंटाइन’स दे का दिन था. इस दिन पर सब गोकुलधाम की महिलाए मिल कर अपने पतियों के साथ कही घूमने जाने का प्लान बनती है. ये सुन कर रोशन एग्ज़ाइटेड हो जाती है. और इसी बात को बताने के लिए रोशन सोढी को फोन करती है.

लेकिन वो बहाना बना कर रोशन को माना कर देता है. क्यूंकी उसे अपने दोस्तों के साथ पार्टी-शर्ती के लिए जाना होता है. सोढी के माना करने पर रोशन दुखी हो जाती है. क्यूंकी बाकी सभी पति अपनी-अपनी बीवियों के साथ घूमने जाने के लिए मान गये थे, सिवाए भिड़े के.

क्यूंकी उसे ये वॅलिंटाइन’स दे पसंद नही था. वॅलिंटाइन’स की रात को रोशन अपनी घर की बाल्कनी में उदास खड़ी होती है, और आस-पास देख रही होती है.

टापू उस वक़्त नीचे ग्राउंड में खेल रहा था. तभी उसकी नज़र बाल्कनी में उदास खड़ी रोशन के उदास चेहरे पर जाती है. उसको देख कर वो समझ जाता है, की शायद सोढी अंकल ने रोशन को वॅलिंटाइन’स दे पर घूमने जाने के लिए माना कर दिया था.

तो वो इस मौके का फ़ायदा उठाने के लिए प्लान बनता है. फिर रात को 10 बजे वो रोशन के घर जाता है और उसके घर की डोरबेल बजता है. रोशन दरवाज़ा खोलती है. सामने टापू को देख कर वो हैरान होती है, क्यूंकी वो टापू को एक्सपेक्ट नही कर रही थी. फिर वो उससे पूछती है-

रोशन: टापू तुम!

तुम यहा कैसे?

टापू: हेलो आंटी.

रोशन: इतनी रात को तुम यहा, कोई काम है क्या?

टापू: नही आंटी, वो मैने सोचा आज सोढी अंकल आपके साथ नही है, और आप उदास लग रही है, तो आपको कंपनी दे डू.

रोशन उसे अंदर आने को कहती है, और उसके लिए पानी लाती है. फिर वो बोलती है-

रोशन: हा बोलो टापू.

टापू: वो आंटी आज मैं भी घर पे अकेला हू. तो क्या मैं आज रात को यहा सो सकता हू? मुझे अकेले में दर्र लगता है (ये सब उसका प्लान ही था).

रोशन तोड़ा सोच कर हा कर देती है. और उसे गोगी के रूम में भेज देती है. आधी रात को टापू उठता है, और रोशन के रूम में जाके लेट जाता है. रोशन ने ट्रॅन्स्परेंट निघट्य पहनी हुई थी, और अपना टापू सिर्फ़ शॉर्ट्स में था. फिर टापू रोशन से बोलता है-

टापू: आंटी मुझे अकेले में दर्र लग रहा है. तो क्या मैं यहा लेट जौ?

उसकी ये बात सुन कर रोशन तोड़ा झिझक जाती है. लेकिन फिर वो तोड़ा झीजकते हुए उसको हा कर देती है. फिर टापू रोशन के पास लेट जाता है. थोड़ी देर बाद जब टापू देखता है, की रोशन सो रही थी, तब वो अपना लंड रोशन की निघट्य के उपर से उसकी गांद पे सहलाता है.

रोशन नींद में होती है, और लंड के मज़े ले रही होती है. उसकी पूरी बॉडी गरम हो जाती है. 5 मिनिट तक टापू अपना लंड उसकी गांद पे सहलाता रहता है. फिर 5 मिनिट बाद टापू से रुका नही जाता, और वो अपना लंड रोशन की गांद में घुसा देता है.

तभी रोशन चिल्लाते हुए उठ जाती है, और लाइट ओं करती है, और देखती है की टापू ने अपना 8 इंच का लंड उसकी गांद में घुसाया हुआ था. रोशन उसको धक्का देके बोलती है.

रोशन: टापू तू ये क्या कर रहा है?

टापू रोशन को पास आके बोलता है: आंटी आपको साद देख कर मुझे अछा नही लग रहा था. इसलिए मैने ये किया.

फिर टापू उसे किस करने लगता है, और उसके बूब्स दबाने लगता है. रोशन टापू का 8 इंच का लंड देख कर खुश हो जाती है, और उसका साथ देने लगती है. जैसे ही टापू देखता है, की रोशन उसका साथ दे रही थी, वो उसे जानवरो की तरह किस करने लगता है, और उसके बूब्स दबा रहा था. 15 मिनिट तक किस करने के बाद रोशन टापू को धक्का देकर बेड पर गिरा देती है. वो पूरी गरम हो चुकी थी, और वो टापू का लंड मूह में लेके चूसने लग जाती है.

टापू: आह आ आहह और ज़ोर से चूसो आहह. मज़ा आ रहा है, और ज़ोर से चूसो आहह.

ऐसे ही थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद टापू रोशन को नीचे लिटा देता है, और उसकी छूट पे अपना लंड सेट करके एक ही बार में अंदर घुसा देता है. एक ही बार में लंड जाने से रोशन की चीख निकल जाती है.

रोशन: आहह टापू बेटा! आहह आराम से, बहुत बड़ा है तेरा आहह.

पर टापू रोशन की बात नही सुनता और ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट मारने लगता है. थोड़ी देर बाद रोशन का दर्द बंद हो जाता है और उसे मज़ा आने लगता है. फिर रोशन बोलती है-

रोशन: आहह टापू, और ज़ोर से, आहह आहह.

टापू: ले मेरी जान श, और ले.

रोशन: आहह आहह, ज़ोर से, ज़ोर से आ आहह.

ऐसे ही 10 मिनिट्स करते-करते टापू अपना लंड रोशन की छूट से निकाल के उसकी गांद में घुसा देता है, और उसे घोड़ी बना कर उसकी गांद मारता है. रोशन ने आज तक इतना बड़ा अपनी गांद में नही लिया था. उसे बहुत दर्द हो रहा था, पर मज़े भी आ रहे थे.

रोशन: आहह आहह टापू, आहह आराम से. आहह आहह आराम से कर बेटा.

15 मिनिट बाद टापू उसकी गांद में ही झाड़ जाता है, और दोनो तक कर वही बेड पर ही नंगे लेट जाते है.

हमारी स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट में पढ़िए कैसे माधवी उन्हे देख लेती है, और फिर वो क्या करती है. तब तक के लिए थॅंक योउ. अपना साथ हमारे साथ बनाए रखना और किसी आइडिया के लिए मेसेज ज़रूर करना.

एक और बात, कहानी पर अपनी फीडबॅक ज़रूर देना. आपकी फीडबॅक हमारा हॉंसला बढ़ती है, और बेहतर कहानी लिखने के लिए प्रेरित करती है. तो जल्दी ही मिलते है अगली कहानी के साथ.