देल्ही की पड़ोसी आंटी की चुदाई की कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम अनुज है, और मैं जाईपुर से हू. मेरी उमर 26 साल है, और हाइट 5’7″ है. लंड मेरा 6.5 इंच का है, और मैं फिट हू. दिखने में मैं अछा हू, और लड़कियाँ मुझे पसंद करती है. ये कहानी 6 महीने पहले शुरू हुई, तो चलिए मैं आपको बताता हू, की सब कैसे हुआ.

जॉब के सिलसिले में मुझे देल्ही शिफ्ट होना पड़ा. वाहा पर मेरे दोस्त का एक फ्लॅट खाली था, तो उसने मुझे वाहा रहने के लिए ऑफर दिया. अब देल्ही में वैसे भी रेंट बहुत ज़्यादा है, तो मैने उसकी ऑफर आक्सेप्ट कर ली.

मेरे फ्लॅट के सामने वाले फ्लॅट में एक बहुत अची फॅमिली थी. फॅमिली में सिर्फ़ एक अंकल और आंटी रहते थे. मैं पहली बार उनसे तब मिला, जब सोसाइटी में एक मीटिंग थी.

जब मैने पहली बार आंटी को देखा, तो मैं उनको देखता ही रह गया. आंटी की उमर 47 साल थी, लेकिन वो 30-35 की लगती थी. उन्होने ब्लू जीन्स और वाइट शर्ट पहनी हुई थी. जीन्स में उनकी जांघें और गांद कमाल की लग रही थी.

वाइट शर्ट में उनके बूब्स बिल्कुल गोल-गोल नज़र आ रहे थे. तोड़ा पेट भी निकला हुआ था उनका, लेकिन वो उनको और सेक्सी बना रहा था. रंग उनका दूध जैसा गोरा था. पहली बार जब हम मिले, तो आंटी ने मेरे बारे में पूछा. मैने उनको सब बता दिया. उन्होने बताया की वो मेरे दोस्त को जानती थी.

फिर मैने उनसे उनके बारे में पूछा. उनका नाम साक्षी था, और उनके हज़्बेंड बिज़्नेसमॅन थे. उनके बेटे की शादी एक महीना पहले ही हुई थी, और उनका बेटा और बहू किसी दूसरी सोसाइटी में शिफ्ट हो गये थे. उन्होने बताया की वो पूरा दिन घर में अकेली ही रहती थी.

बीच-बीच में वो अपने बेटा-बहू के पास भी चली जाती थी, जब उनके हज़्बेंड किसी बिज़्नेस तौर पर होते थे. मैं उनकी ये बात सुन कर खुश हो गया.

कुछ दिन ऐसे ही निकल गये. एक बार सनडे वाले दिन मैं लाते तक सोता रहा, और 10 बजे उठा. जब तक मैं उठा, तब तक हमारा दूध वाला दूध देके जेया चुका था. क्यूंकी उसकी टाइमिंग 9 बजे की थी. मैने सोचा की सफाई करके बाहर से दूध ले अवँगा.

अभी मैं सफाई कर ही रहा था, की तभी डोरबेल बाजी. मैने दरवाज़ा खोला, तो सामने आंटी पतीला लेके खड़ी थी. पहले तो मैं आंटी को देख कर हैरान हो गया. क्या मस्त लग रही थी आंटी.

आंटी ने एक ग्रे कलर का गाउन पहना हुआ था. उनके गाउन में उनके खड़े हुए बूब्स नज़र आ रहे थे, और क्लीवेज का काफ़ी पार्ट भी नज़र आ रहा था. मेरी नज़र सीधे उनके बूब्स पर गयी, और मेरे लंड ने हरकत करनी शुरू कर दी.

तभी आंटी बोली: गुड मॉर्निंग!

मैं: गुड मॉर्निंग साक्षी जी. आप सुबा-सुबा?

आंटी: हा मैं तुम्हे दूध देने आई हू.

उनके दूध बोलने पर मेरी नज़र फिरसे उनके बूब्स पर चली गयी. तभी वो हेस्ट हुए बोली-

आंटी: दूध वाले वाला दूध. कुछ और मत समझ लेना.

ये बोल कर आंटी हासणे लग गयी. मैं भी उनके साथ हासणे लगा. फिर वो बोली-

आंटी: जब तुमने दरवाज़ा नही खोला, तो दूध वाला मेरे घर दूध दे गया.

मैं: ओक. आप अंदर तो आइए.

फिर मैने उनसे दूध लिया, और किचन में चला गया. तभी आंटी बोली-

आंटी: चल मैं चलती हू अनुज.

मैं: आप छाई तो पीक जाइए. मैं अची बनता हू.

आंटी: ओक.

फिर हम छाई पीने लगे, और हमारी बातें होने लगी. तभी आंटी ने पूछा-

आंटी: फिर अनुज, तुम्हारे तो मज़े है. फ्लॅट में अकेले, और पूरी आज़ादी. गफ़ है तुम्हारी?

मैं: नही आंटी, अभी तक तो नही है.

आंटी: होती भी तो तू मुझे क्यूँ बताता.

मैं: क्यूँ, उसमे क्या है. गफ़ होना तो अची बात है. जब जी चाहे…

आंटी: जब जी चाहे… क्या?

मैं: बाकी तो आपको पता ही है आंटी.

और ये सुन कर वो हासणे लगी.

फिर मैने बोला: वैसे आंटी मज़े तो आपके भी है.

आंटी: वो कैसे?

मैं: आप भी तो अंकल के जाने के बाद अकेले ही होते हो. तो आपका भी ब्फ…

आंटी: है तो नही, लेकिन अगर होता तो मज़ा आ जाता. तुम्हारी कोई गफ़ नही है, तो तुम ही बन जाओ मेरे ब्फ.

बस उनके यही कहने की देर थी, की मैं आंटी के पास गया, और बोला-

मैं: तो फिर अपने ब्फ को एक किस डेडॉ.

आंटी ने स्माइल की, और बोली: सिर्फ़ किस?

तभी मैने अपने होंठ आंटी के होंठो से मिला दिए, और हमारी किस शुरू हो गयी. मैं किस करते हुए उनकी पीठ पर अपना हाथ फिरने लगा. इससे आंटी और वाइल्ड हो गयी. उनकी किस से लग रहा था, की आंटी बहुत भूखी थी.

फिर मैने उनका गाउन आयेज से खोल दिया. उन्होने सिर्फ़ ब्रा और पनटी पहनी थी अंदर. मैने उनकी क्लीवेज में अपना मूह डाला, और किस करने लगा. मैं ब्रा के उपर से उनके बूब्स पर दाँत काटने लगा.

इससे आंटी और मदहोश होने लग गयी. फिर आंटी ने खुद ही अपना गाउन निकाल दिया. उनके गाउन निकालते ही मैने पीछे से उनकी ब्रा का हुक खोल दिया. अब उनके खूबसूरत बूब्स मेरे सामने थे.

मैं उनके बूब्स पर टूट पड़ा, और उनको चूसना शुरू कर दिया. क्या मज़ेदार स्वाद था उनके बूब्स का. आंटी आ आ करने लग गयी थी. फिर आंटी को मैं बेडरूम में ले गया. वाहा जाते ही आंटी ने मुझे बेड पर ढाका दे दिया.

आंटी मेरे नीचे के कपड़े उतारने लगी, और उपर के मैने खुद उतार दिए. मेरा लंड एक-दूं सख़्त था. लंड देख कर आंटी ने लंड पर किस किया, और उसको मूह में डाल कर चूसने लगी. वो एक प्रोफेशनल की तरह मेरा लंड चूस रही थी.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैं उनके उपर आया, और उनकी पनटी उतार दी. उनकी छूट बिल्कुल सॉफ और बिना बालों के थी. मैने छूट पर मूह लगाया, और उसको चूसने लग गया. आंटी आहह आ कर रही थी.

इतनी मस्त जांघों में इतनी सेक्सी छूट देख कर उनकी उमर का अंदाज़ा कोई भी नही लगा सकता था. अब बारी थी उनको छोड़ने की.

मैने अपना लंड उनकी छूट पर सेट किया, और उसको धीरे-धीरे पूरा अंदर डाल दिया. फिर हम दोनो किस करने लगे, और मैने आंटी को छोड़ना शुरू कर दिया. क्या गर्माहट थी आंटी की छूट में, एक-दूं मस्त.

हम दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था. अगले 15 मिनिट हमने उसी पोज़िशन में चुदाई की. उसके बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला, और अपने पिचकारी उनके बूब्स पर निकाल दी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगला पार्ट मिस करने की ग़लती ना करे.