कपड़े फाड़ कर नंगी हुई आंटी की चूत शांत की

मैं: 10 मिनिट और बेबी. फिर हम पहुँच जाएँगे. तब तक मैं तेरे रसीले होंठो का रस्स पी लू.

निशा: ओक मेरे स्वीतू. पी लो आप. मेरी तो छूट गीली हो गयी है.

मैं: तेरी सारी नही होती तो अभी तेरी छूट पी जाता.

निशा: हा इसलिए तो अब मैं छ्होटे कपड़े पहना करूँगी. आपको मस्ती करने में प्राब्लम ना हो. आप बहुत मस्ती खोर हो. आपकी मस्ती मुझे गरम कर देती है.

मेरी पर्सनल रंडी बहुत खुश लग रही थी. उसे देख कर लग रहा था उसे चुदाई की बहुत प्यास थी. मैने भी तान लिया था, की निशा की बहुत ही बुरी तरह से डुमदार तरीके से चुदाई करूँगा. ये बात उसे भी पता थी, क्यूंकी पहले भी चुड चुकी थी.

अब हम माउंट अबू पहुँच चुके थे. ड्राइवर ने हमे हमारे बुक्ड किए रिज़ॉर्ट पर छ्चोढ़ दिया. उसके बाद हम दोनो अपने रूम में जाने लगे. डीपू ने 2 रूम बुक किए थे. रिज़ॉर्ट का नामे जानना है तो मुझे मैल करके पूच लेना.

रिज़ॉर्ट का व्यू बहुत ही रोमॅंटिक और मज़ेदार था. वेटर ने हमारा बाग लिया, और हमे हमारे रूम तक पहुँचा दिया. निशा बोली-

निशा: अब आप जल्दी से मुझे ठंडा करो. कब से तड़प रही हू, प्लीज़ बेबी कुछ करो ना.

मैं: हा मेरे प्यासी रंडी. चल रूम में तेरी छूट का रस्स पी जाता हू.

हम दोनो रूम में चले गये. मैने अपना बाग साइड में रखा, और निशा को गोद में उठाया. सीधा बेड पर फेंक दिया. वो हेस्ट हुए बोली-

निशा: उहह आह धीरे बाबा. अभी से मार दोगे तो रात को क्या करोगे? वैसे बहुत मज़ा आ रहा है. आज हम आज़ादी वाली लाइफ जी रहे है. थॅंक्स बेबी. सब आपका किया हुआ है.

मैं: चुप कर बेहन की लोदी. साली आज तुझे असली मर्द का जलवा दिखेगा. तेरी छूट और गांद का भोंसड़ा बना दूँगा.

निशा: हो गयी आपकी शैतानिया शुरू. हा बना दो भोंसड़ा आप, इसलिए तो यहा आए है हनिमून मानने आपके साथ. प्लीज़ अभी छोड़ना मत.

मैने अब उसकी सारी उतार दी, और उसका पेटिकोट फाड़ के फेंक दिया. वो डरते हुए बोली.

निशा: अर्रे बाबा ये क्या कर रहे हो आप? कपड़े क्यूँ फाड़ रहे हो?

मैने उसकी बिना सुने उसका ब्लाउस भी फाड़ दिया. वो बस बेबस होके बेड पर पड़ी थी. मेरी रंडी अब ब्रा पनटी में थी. मैने ब्रा को अपने पंजे में पकड़ा, और ज़ोर से खींच कर फाड़ दिया. उसके तरबूज़ बाहर उछाल पड़े. अब मैने उसकी कॉटन की पनटी भी निकाल दी. निशा मेरे सामने बालों वाली छूट के साथ नंगी पड़ी हुई थी. मैने उसकी गांद पर थप्पड़ मारते हुए कहा.

मैं: बहनचोड़, तुझे कितनी बार बोला है ये बाल सॉफ कर ले, तुझे सुनाई नही देता?

ये कह कर ज़ोर से उसके बूब्स पर मारा. वो दर्द के मारे मुझे रोकते हुए बोली-

निशा: आह आह रूको तो प्लीज़. अर्रे मैं आज करने वाली हू. आप उस दिन गुस्सा होके चले गये. फिर मैने छूट पर ध्यान ही नही दिया. इसलिए आपसे बोली की चुदाई रात को करना. आज रात आपको अपनी ये जान एक नये रूप में मिलेगी. प्लीज़ अब छूट चाट लो ना, मुझे बहुत गर्मी हो रही है इसमे (वो अपनी छूट दिखाते हुए बोली).

मैने अब उसकी दोनो टांगे उठा कर उसके बूब्स में दबा दी. उसके मूह से उफ़फ्फ़ उहह निकल गया. मैने जब उसकी छूट पर घाना जंगल देखा तो उसकी छूट और बूब्स पर छाँटा मारा. फिर बोला-

मैं: बेहन की लोदी. तुझे बोला था ना छूट सॉफ रखा कर. तू मेरे सुनती नही है.

निशा के बूब्स पर जब छानते पड़े तो वो मुझे दर्द के मारे रोकते हुए बोली-

निशा: आह आह मत मारो ना. प्लीज़ मेरी सुनो ना. उस दिन आप गुस्सा हो कर चले गये. फिर मैने भी छूट पर ध्यान नही दिया. लेकिन आज आपको सब कुछ सॉफ मिलेगा. प्लीज़ रुक जाओ. आज आपको अपनी इस जान का नया रूप देखने को मिलेगा.

मैं अब छूट के गीले रस्स को चाटने लगा. वो माधमस्त होके आँखें बंद करके बेड पर सिसकियाँ ले रही थी.

निशा की छूट गर्मी और पसीना मुझे बहुत अछा लग रहा था. फिर मैं धीरे-धीरे निशा की छूट चाटने लगा उपर से नीचे तक. जब मैं गांद के पास पहुँचा, तो छूट का पानी निकल रहा था. निशा सिसकियाँ लेके बोली-

निशा: उहह आह श बेबी. इसे अपनी जीभ से पूरा सॉफ कर दो. खा जाओ मेरी छूट मेरे स्वामी.

मैं अपनी जीभ से उसकी छूट चाटने लगा. पहले मैं दाना चूस रहा था. निशा को बहुत मज़ा आ रहा था, और वो एम्म एम्म्म उफफफ्फ़ उफ़फ्फ़ कर रही थी. अपनी टांगे भी हिला रही थी. फिर धीरे-धीरे मैं अपनी जीभ निशा की छूट के अंदर ले जाने लगा. दोनो हाथो से छूट की फांके अलग की, और ज़ुबान पूरी छूट के अंदर डाल दी.

निशा तो बेडशीट पकड़ कर अपनी कमर उपर करके छूट मेरे मूह में दबाने लगी. छूट से रस्स निकालने के बाद भी उसकी जवानी ठंडी नही हुई. मैने कहा-

मैं: साली तेरे अंदर बहुत गर्मी है. आज तो तेरी छूट बहुत आग की तरह ताप रही है.

निशा: उहह उम्म्म ये सब आपने ही किया है. आप पुर रास्ते मुझे गरम कर रहे थे. अब इसे ठंडा करो आप.

मुझे छूट की महक बहुत पसंद आ रही थी, और चूत का टेस्ट एक-दूं नमकीन और तोड़ा खट्टा था. निशा अपनी आँखें बंद करके अपने हाथ मेरे बालों पे सहला रही थी.

मौत फक का मज़ा ले रही थी. निशा ने मेरे सिर को उपर से दबा दिया, जिससे मेरा मूह और छूट के अंदर चला गया. इससे मेरे दाँत थोड़े से छूट की फांको में लग गये, और निशा चिल्लाई-

निशा: उ हाए मा मॅर गयी. आपने मुझे पागल कर दिया है.

और फिर छूट चटवाने का मज़ा लेने लगी. 15 मिनिट तक छूट चटवाने के बाद वो मेरे मूह पर ही झाड़ गयी. उसके मूह से ज़ोर से ह मा निकल गया. निशा एक-दूं से ठंडी पद गयी. छूट ने अपनी सारी गर्मी मेरे मूह में निकाल दी.

कैसी लगी ये छूट चाटने की कहानी, मुझे [email protected] पर मैल करके ज़रूर बताए. थॅंक्स.