फिर कोमल ने कार पार्क की. हम सब कार से उतरे. फार्महाउस बहुत बड़ा था, और एक सुनसान जगह पे था. आस-पास कोई घर नही था, और बाउंड्री से कवर था. बॅकसाइड में एक पूल था. फिर तोड़ा घूम के अंदर आ गये. सुकेश को बोला की सब समान लेके कार लॉक करके आ जाए.
अंदर से फार्महाउस बहुत बड़ा था. उसमे 7 बेडरूम थे 4 उपर और 3 नीचे, एक वॉशरूम उपर 1 नीचे, नीचे 1 किचन और एक बड़ा सा हॉल था. फिर हम सब अपने रूम में सोने चले गये. क्यूंकी सफ़र से तक गये थे.
मैने सुकेश और सविता को एक-एक पाईं-किल्लर दिया. फिर उनके गले में पत्ता बाँधा और एक-एक चादर देके एक बेड पे सोने को बोल दिया, और बोला ठीक 2 घंटे बाद उठ जाना दोनो. फिर मैं आपने रूम में जाके सो गया.
3 घंटे बाद मेरी नेंद खुली. देखा तो सविता उठ गयी थी, और सुकेश भी. दोनो बातें कर रहे थे.
सविता: बेटा हमारे साथ क्या हो गया.
सुकेश: हा मम्मी.
सविता: तेरी टीचर भी इनके साथ है, अगर कुछ किया तो तेरा साल बर्बाद हो जाएगा.
सुकेश: पर पता नही भोंसड़ी वाले अब हमारे साथ और क्या करेंगे.
तभी मैं अंदर गया.
मे: ज़्यादा कुछ नही, तुझ जैसे कुत्ते को मज़ा चखाएँगे (मुझे देख के दोनो हैरान हो गये).
फिर मैं वाहा से चला गया और सब को जगा दिया. हम सब फ्रेश हुए. फिर कोमल और प्रिया ने सविता और सुकेश की बॉडी का वॅक्स किया. दोनो का फुल मेकप किया. सुकेश को एक विग पहनाया, और फिर दोनो को हमारे पास ले आई.
मैने सविता को बोला की हम सब के लिए ड्रिंक बना के लाए. तभी रोहन को केर्टेकर का कॉल आया की खाना लेके वो बाहर था. फिर वो बाहर जाके खाना लेके आ गया. सविता ने हमे खाना सर्व किया. फिर दोनो को कुटिया बना के बिता दिया.
हम खाना खा रहे थे, तभी मैने अपने मूह से एक बीते थोड़ी सी चबा के सविता को दी, की ले खा ले. उसने नही खाया.
मैने कहा: अगर नही खाई तो फिर तुझे हम खाना नही देंगे.
फिर वो गिरा हुआ खा गयी. हमने बचा हुआ खाना दोनो को दे दिया, और कहा की जल्दी खा के सब सॉफ करो. उन्होने खा के सब सॉफ कर दिया.
अब मैने उनको कहा की तुम दोनो एक-दूं चिपक के डॅन्स करो. दोनो डॅन्स करने लगे, और हम ड्रिंक करने लगे. 20 मिनिट के बाद दोनो तक के रुकने वाले थे. तभी रोहन ने कहा-
रोहन: अब तुम दोनो एक-दूसरे को किस करो एक रंडी और कस्टमर की तरह. दोनो ने किस्सिंग स्टार्ट कर दी, और हमने रेकॉर्डिंग कर ली.
मे: चलो रुक जाओ. अब हम सब के कपड़े उतारो.
फिर सविता ने मेरे, रोहन, और अमन के कपड़े उतारे, और सुकेश ने कोमल और प्रिया के कपड़े उतारे. मैने सविता को बोला हमारे लिए ड्रिंक बनाए. मैं मेरे, रोहन, और अमन के लिए वियाग्रा ले आया और ब्दसम का समान ले आया. सुकेश को मैने बोला जेया जाके 2-3 गद्दे लेके आ यहा हॉल में बिछा दे. वो ले आया, और उसने साइड में बिछा दिए.
तभी रोहन ने दोनो से कहा: तुम दोनो के लिए एक ग़मे है.
उसने दोनो को एक जगह खड़ा किया और बोला की मुर्गा बन के खड़े हो जाओ.
सविता बोली: नही मलिक, मुझसे इस आगे में नही होगा ऐसा.
तो रोहन ने उसे स्टिक से मारा. अब वो मुर्गा बनने लगी. सुकेश आसानी से मुर्गा बन गया था. बुत सविता नही बन पा रही थी. तभी रोहन और मैने उसे कैसे भी मुर्गा बना दिया. फिर रोहन ने दोनो को गेम के रूल बताए.
रूल ये था की दोनो की पीठ पे एक-एक ग्लास रहेगा. जिसका ग्लास पहले गिरेगा वो हार जाएगा, और उसे सज़ा मिलेगी. जो जीतेगा उसे कल 1 बर्गर के साथ 2 रोटी मिलेगी खाने में. फिर उसने स्टार्ट बोला, और हम अपने सोफा पे बैठ के ड्रिंक करते हुए एंजाय कर रहे थे.
10 मिनिट बाद सविता ने हार मान ली. उसके शरीर ने जवाब दे दिया, और ग्लास गिर गया. फिर मैं उसके पास गया और उसे बोला-
मे: चल ये सब सॉफ कर.
फिर सुकेश का ग्लास हटाया और बोला: तू जीत गया है.
सब सॉफ करके सविता आई. मैने उसके पैरों में स्टिक से मारा. फिर मैने सविता के बूब्स पे क्लिप लगाए. इससे उसे दर्द हुआ. उसके बाद सुकेश के लंड पे चासटिटी केज लगाया, और उसमे टाला मार दिया. फिर मैने सविता से कहा-
मे: तुझे हारने की सज़ा मिलेगी.
फिर हमने सविता को खड़ा किया, उसके हाथ बाँधे, और मैने उसकी गांद पे लंड रखा. रोहन ने उसकी छूट पे लंड रखा. हम दोनो ने एक साथ धक्का मारा. उसकी गांद में लंड डाल के जो मज़ा आया उफ़फ्फ़. फिर पुर 40 मिनिट हमने उसकी चुदाई की, और फिर हम झाड़ गये.
तभी अमन ने उसकी छूट में लंड डाला और शुरू हो गया. सविता ने उसे कहा की थोड़ी देर रुक जाओ पर वो नही रुका. उसने भी नों-स्टॉप उसकी चुदाई की पुर 30 मिनिट. तब जाके वो रुका और उसकी छूट झाड़ गयी.
हमारा लंड दोबारा रेडी हुआ तो इस बार हमने कोमल और प्रिया की चूत मारी. मैने प्रिया की छूट में लंड डाल के पुर 20 मिनिट छोड़ा, और रोहन ने कोमल को छोड़ा. फिर हमने अपना माल सविता के मूह में गिराया, और वो सारा माल पी गयी. फिर हमने सविता के गांद में एक वाइब्रटर डाला, और उसे ऐसे ही छ्चोढ़ दिया पुर 2 घंटे तक. वाइब्रटर की वजह से वो 7-8 बार झाड़ गयी.
वो हमसे रिक्वेस्ट करने लगी की निकाल दो बुत हमने एक ना सुनी. फिर 2 घंटे बाद निकाला, और सुकेश को बोला-
मे: कल तेरी मा ने तुझे मारा था, आज तू उसे मार.
फिर वो उसकी गांद में मारता गया. पुर 2 मिनिट बाद मैने उसे रोका. फिर सविता को बोला-
मे: अब इसके लंड को आज़ाद कर और हिला ज़ोर-ज़ोर से.
इस बार उसने सुकेश का लंड पुर 1 घंटे तक हिलाया. उसके लंड ने 5 बार पानी निकाला. फिर मैने उसे रुकने को बोला. उसके बाद सविता को लिटाया, और रोहन ने उसकी गांद में लंड सेट किया और अमन ने उसके छूट में. दोनो ने उसको नों-स्टॉप चुदाई स्टार्ट कर दी.
वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी. फिर मैने उसके मूह में लंड डाल दिया और कोमल उसके चुचे चूसने लगी और मसालने लगी. इधर प्रिया ने सुकेश को अपनी छूट चटवाई. ऐसा करते हुए हम सब ने अपना माल गिराया. फिर कोमल ने सविता के मूह में अपनी छूट रखी. वो उसे चाटने लगी.
15 मिनिट बाद कोमल उसके मूह में झाड़ गयी. फिर हमने सुकेश को पत्ता पहना के कुत्ते की पोज़िशन में सुला दिया, और सविता को भी सेम पोज़िशन में. हम सब वाहा नीचे गद्दे में सो गये.
मैं जब सुबह उठा, तो देखा की सविता और सुकेश दोनो आराम से सो रहे थे. तभी मैने दोनो को कहा की जाके पुर घर की सफाई करे. तभी रोहन का फोन बजा. मैने पिक किया तो केर्टेकर का कॉल था. वो ब्रेकफास्ट लेके आया था. मैं गया बाहर गाते पे जाके ब्रेकफास्ट लेके आ गया.
फिर सब को जगाया, और हम फ्रेश होके हॉल में आ गये. तभी सविता हमारे लिए ब्रेकफास्ट लेके आई. हमने ब्रेकफास्ट किया, और एक पराणता उसमे से सुकेश को दे दिया क्यूंकी कल वो विन्नर था मुर्गा कॉंपिटेशन में. सविता भी हमसे खाना माँगने लगी, बुत हमने उसे कुछ नही दिया.
फिर हम सब पूल में जाने लगे. सविता और सुकेश को कुटिया बना के ले गये. वाहा हम नहाए. सविता और सुकेश को कुटिया बना के रखा वाहा पुर 2 घंटे. उसके बाद दोनो को पानी में गिरा दिया.
फिर कुछ देर बाद दोनो के साथ हम अपने रूम में आके आराम करने करने लगे. कुछ टाइम बाद दोपहर का खाना आ गया. हमने खाना खाया, और उन दोनो एक-एक बर्गर दे दिया खाने को. उसके बाद हमने सविता और सुकेश से अपनी बॉडी मसाज कराई.
फिर पुर 6 दिन हमने सविता को बहुत छोड़ा. वो अब हमारी कुटिया बन गयी थी. उसे पता चल गया था की वो हमसे नही बच सकती. इस बीच सविता और सुकेश को हमने जो कहा उन्होने किया. फिर हम सब अपने घर आ गये और अपने काम में बिज़ी हो गये.
घर आने के बाद सविता और सुकेश ने किसी से कुछ नही कहा. उसके बाद हमे कभी ऐसा चान्स नही मिला, की उनकी तबाद-तोड़ चुदाई कर सके. फिर धीरे-धीरे टाइम निकल गया. अब मैं ग्रॅजुयेशन से मास्टर में आ गया था. मैने जर्मनी में अड्मिशन ले लिया था. रोहन और अमन भी अपने काम में बिज़ी हो गये थे. अब मेरी उनसे ज़्यादा बात नही होती थी.
कोमल भी शादी करके ऑस्ट्रेलिया चली गयी, और प्रिया अमेरिका में अपनी फॅमिली के साथ चली गयी थी. सविता का पति दारू पीने की वजह से मॅर गया था, और सुकेश ने उसकी जगह काम शुरू कर दिया, और वो पढ़ाई भी करता था. मैं भी इन सब से डोर था, बुत मॅन करता था की दोबारा सविता को अपनी गुलाम बनौ. तभी मुझे वाहा एक चान्स मिले दोबारा सविता को अपनी गुलाम बनाने का.
आज के लिए इतना ही. अब आयेज पता चलेगा वो चान्स क्या था. अगर स्टोरी पसंद आई हो तो फीडबॅक ज़रूर देना.