देसी कामवाली की मलिक से चुदाई की दास्तान

ही फ्रेंड्स, मैं आशीष अपनी स्टोरी का अगला पार्ट लेके आया हू. उमीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और आपको पसंद भी आया होगा. अगर किसी ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले उसको ज़रूर पढ़े.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा, की मेरा दोसर कारण मेरे घर में मेरी नौकरानी प्रिया की वेट कर रहा था. फिर वो आई, और उन दोनो ने मेरे बिस्तर पर मज़े से चुदाई का खेल खेला. चुदाई ख़तम होने के बाद वो दोनो नंगे लेते हुए थे. अब आयेज बढ़ते है.

फिर कारण बेड से उठा, और उसने अपने कपड़े पहने. उसके बाद उसने प्रिया को कुछ पैसे दिए, और बाहर आने लगा. उसको बाहर आता देख मैं पीछे हो गया, और कारण घर से बाहर निकल गया.

फिर मैं दोबारा रूम के अंदर देखने लगा. प्रिया नंगी ही सीधी लेती हुई थी, और उसका हाथ उसकी छूट पर था. वो हल्के-हल्के अपनी छूट सहला रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे उसको अभी और चूड़ने का मॅन था. फिर वो खड़ी हुई, और रूम के शीशे के सामने खड़ी होके खुद को देखने लगी. वो शीशे के सामने घूम-घूम कर खुद को देख रही थी.

उसका सेक्सी जिस्म देख कर मेरा लंड पंत फाड़ कर बाहर आ रहा था. फिर उसने अपने कपड़े उठाए, और रूम से नंगी ही बाहर आने लगी. मैं फिरसे साइड पर च्छूप गया. वो रूम से बाहर आई, और गांद मतकती हुई बातरूम की तरफ चली गयी. फिर अंदर शवर ओं हुआ और उसके नहाने की आवाज़ आने लगी.

मैं सोफा पर बैठ गया, और उसके आने की वेट करने लगा. मैं चाहता था की मैं उसको हैरान कर डू. फिर 10 मिनिट बाद बातरूम का गाते खुला. प्रिया बाहर आई. उसके बाल गीले थे, और ब्लाउस भी कही-कही से गीला था नहाने की वजह से. बाहर आके जैसे ही उसकी नज़र मुझ पर पड़ी, वो एक-दूं से घबरा गयी. फिर वो बोली-

प्रिया: भैया आप? आप तो कही गये थे ना?

मैं: हा मैं गया था. लेकिन जल्दी आके मुझे ये पता चला की मेरी पीठ पीछे क्या हो रहा था.

प्रिया नही जानती थी, की उसकी कारण के साथ चुदाई के प्लान का मुझे पता था. मैं उसको ऐसा दिखना चाहता था की मैने उसको रंगे हाथ पकड़ा था. मेरी बात सुन कर वो और घबरा गयी, और बोली-

प्रिया: भैया वो आपका दोस्त पता नही कहा से आ गया, और उसने मुझे…

मैं: ये अछा है, पहले कूद-कूद कर उसके लंड के मज़े लिए. अब भोली बन कर बोल रही हो की उसने कर दिया. ये कोई ऐसी चीज़ नही है तो बिना मर्ज़ी के हो जाए. अब मुझे सोचना पड़ेगा की तुम यहा आयेज काम करोगी भी के नही.

ये सुन कर प्रिया की गांद फटत गयी. वो बोली-

प्रिया: नही भैया, ऐसा मत करना. मुझसे ग़लती हो गयी. अगर आपने मुझसे यहा से निकाल दिया, तो मेरे घर खर्चा पूरा नही होगा. प्लीज़ आप ऐसा मत करना. और कोई भी सज़ा डेडॉ, लेकिन काम से मत निकालो.

मैं: अछा, चल फिर दूसरी सज़ा देता हू.

ये बोल कर मैने अपनी पंत और अंडरवेर नीचे किया, और मेरा खड़ा हुआ लंड उसके सामने आ गया. फिर मैने उसको बोला-

मैं: या तो काम छ्चोढ़ दो, या आज से मेरी रंडी बन जाओ.

वो मुस्कुरा कर बोली: आप मुझे पहले भी बोलते तो मैं आपकी रंडी बन जाती.

फिर उसने अपना पॉली गिराया, और अपने घुटनो पर बैठ गयी. ब्लाउस में काससे हुए अपने बूब्स दिखाते हुए उसने मेरे लंड को अपना हाथ में लिया, और मेरी तरफ कामुकता भारी नज़रो से देखा. फिर उसने अपना मूह खोला, और मेरे लंड को अपने मूह में ले गयी.

आह, कुछ ऐसी ही आवाज़ मेरे मूह से निकली. वो मेरा लंड चूसने लगी, और मुझे बहुत मज़ा आने लगा. मैं लंड चुस्वते हुए अपना हाथ उसके बूब्स पर ले गया, और उसके मोटे और सॉफ्ट बूब्स दबाने लगा. इससे मेरा लंड और हार्ड होने लगा. बूब्स दबाने पर वो भी सिसकियाँ भरे लगी.

फिर मैने उसका ब्लाउस खोल दिया, और ब्रा भी निकाल दी. अब वो उपर से पूरी नंगी थी. क्या सेक्सी लग रही थी वो. कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैने लंड उसके मूह से निकाला, और उसको खड़ा किया. फिर मैने उसकी सारी और पेटिकोट निकाला, और अब वो सिर्फ़ कक़ची में थी.

मैने उसको अपनी बाहों में उठाया, और अपने कमरे में ले गया. वाहा उसको बिस्तर पर फेंका, और अपने बाकी के कपड़े उतार कर उस पर टूट पड़ा. मैने ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स चूसने शुरू किए. साथ में पनटी में हाथ डाल कर उसकी छूट मसालने लगा. वो तड़प रही थी लंड लेने के लिए.

फिर मैने उसकी पनटी उतरी, और टाँगो के बीच आ गया. मैं अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा, और वो गांद हिला कर लंड अंदर लेने की कोशिश करने लगी. फिर मैने ज़ोर के धक्के से पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया, और वो उसकी ज़ोर की आ निकल गयी.

क्या गरम छूट थी उसकी, मज़ा आ गया. मैने उसके होंठो से अपने होंठ जोड़े, और तबाद-तोड़ धक्के देके उसकी छूट छोड़ने लगा. दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत मैं था. वो भी गांद हिला-हिला कर मेरा साथ दे रही थी. 15 मिनिट मैने ऐसे ही उसकी छूट का मज़ा लिया. फिर मैने लंड छूट से निकाला, और उसको उपर आने को बोला.

उसके बाद वो मेरे उपर आई, और छूट पे लंड सेट करके उसके उपर बैठ गयी. उसके बाद उसने गांद हिला कर चुदाई की जो स्पीड पकड़ी, मुझे चरम सुख मिलने लगा. मैने उसके चूतड़ पकड़े, और उसको अपने लंड पर उछालने लगा. उसने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे, और गांद को लंड पर ज़ोर-ज़ोर से मारने लगी.

मेरी नौकरानी तो पूरी सेक्स की देवी है दोस्तों. फिर वो लंड पर बैठे-बैठे दूसरी तरफ घूम गयी और झुक गयी. उसके बाद वो फिरसे गांद उपर-नीचे करके चूड़ने लगी. वो जब भी पीछे देखती, तो मुझे एक कामुक स्माइल दे देती. आधा घंटा हमारी चुदाई और चली. अब मेरा निकालने वाला था.

मैने उसको लंड से उतरने को कहा, लेकिन वो मुझे उसके अंदर ही निकालने को बोली. फिर मैने अपने गरम माल से उसकी छूट भर दी. उसके बाद मैं जब चाहु उसको छोड़ लेता हू. [email protected]

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो तो इसको शेर ज़रूर करे.