स्कूल की काम वाली से बदला लेने की

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम विवेक है, और मैं राजस्थान के जाईपुर से हू. मेरी उमर 28 साल है, और हाइट 5’11” है. लंड मेरा 7 इंच का है, और मुझे चुदाई का बहुत शौंक है. मैं एक स्कूल में इंग्लीश टीचर हू.

मेरा स्कूल मेरे घर से 70 काइलामीटर डोर है, तो मैं स्कूल हॉस्टिल में ही रहता हू. मैं सॅटर्डे को घर आता हू, और मंडे मॉर्निंग वापस स्कूल चला जाता हू. ये कहानी मेरी और स्कूल की एक सफाई करंचारी की चुदाई की है. तो चलिए अब मैं कहानी शुरू करता हू.

हमारे स्कूल में काफ़ी सफाई करंचारी है. उनमे से कुछ आदमी है, और बाकी सारी औरतें है. उन्ही औरतों में से एक लड़की है जिसका नाम बबिता है. बबिता 24 साल की जवान लड़की है, और वो पिछले 6 महीने से स्कूल में काम कर रही थी.

उसका फिगर 34-28-36 है, और रंग ज़्यादा गोरा नही है. अपने इस फिगर में वो बहुत सेक्सी लगती है. वो स्कूल में अलग-अलग फ्लोर्स पर पोछा लगती है. जब वो पोछा लगा रही होती है, और आते-जाते सीनियर क्लासस के लड़के, और यहा तक की माले टीचर्स भी उसको ताड़ते है, और बात करने की कोशिश करते है.

वो हमेशा लेगैंग्स-सूट पहनती है. उसकी लेगैंग्स में से उसकी मस्त जांघों की शेप सॉफ नज़र आती है, और शर्ट भी पूरी फिटिंग वाला होता है, जिसमे से उपर का फिगर भी सॉफ दिखता है. वैसे तो वो एक कंवली है, लेकिन उसकी अकड़ स्कूल के प्रिन्सिपल से भी ज़्यादा बाई.

वो किसी से ढंग से बात नही करती, और जो उस पर ट्राइ करता है उसकी सारे-आम बेइज़्ज़ती कर देती है. बहुत मूह-फॅट है वो. मेरा उसके साथ कोई लेना-देना नही था. लेकिन उस दिन के बाद मेरा और उसका लेना-देना हो गया.

तो हुआ कुछ ऐसा, की मैं क्लास में पढ़ा रहा था. तभी मेरे क्लासरूम का दरवाज़ा किसी ने नॉक किया. मुझे अपनी क्लास के दौरान डिस्टर्बेन्स बिल्कुल पसंद नही है. पर क्यूंकी दरवाज़ा नॉक हुआ था, तो मुझे दरवाज़ा खोलना पड़ा.

जब मैने दरवाज़ा खोला, तो बाहर बबिता खड़ी थी. इससे पहले मैं उसको पूछता की वो क्यूँ आई थी, वो बिना पर्मिशन के क्लास के अंदर आ गयी, और एक लड़के को इशारा करते हुए बोली-

बबिता: ओये लड़के, तुझे चेर्मन साहब ने बुलाया है.

उसका ये तरीका मुझे अछा नही लगा, तो मैने उसको बोला-

मैं: बबिता आप ऐसे कैसे अंदर आके स्टूडेंट को बुला सकती है? क्लास ख़तम होने दो, फिर वो आ जाएगा.

तभी बबिता ने उस लड़के को देखते हुए बोला: चेर्मन साहब ने बुलाया है तुझे. अब तू सोच ले की तुझे क्लास में रहना है या मेरे साथ चलना है. टीचर तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन चेर्मन वही रहेंगे.

उसकी ये बात पर सब हासणे लगे, और वो ये कह कर क्लास से बाहर चली गयी. फिर वो लड़का मेरे पास आया, और बोला-

लड़का: सिर प्लीज़ मैं चला जौ.

मैं: हा चले जाओ.

बबिता की ये हरकत मुझे पसंद नही आई, और मेरे मॅन में उसके लिए गुस्सा पैदा हो गया. अब मैं आते-जाते उसको नोटीस करने लग गया. मैने देखा उसमे बहुत अकड़ थी, और मुझे ये अकड़ निकालनी थी.

उसको नोटीस कर-कर के मेरे अंदर उसके लिए हवस जाग गयी थी. मैने फैंसला कर लिया था की मैं उसकी अकड़ उसको अपने लंड पर चढ़ा कर निकालूँगा. लेकिन इसके लिए मुझे एक मौका चाहिए था. अब मुझे उसकी एक ग़लती का इंतेज़ार था बस, की कब वो ग़लती करे, और मैं उसको धार लू.

काफ़ी दिन बीट गये, लेकिन मुझे ऐसा कोई मौका नही मिला. फिर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया. स्कूल में छुट्टियाँ पद गयी थी. सब लोग घर जेया रहे थे. मुझे कुछ लेक्चर्स रेडी करने थे, तो मैं एक दिन और स्कूल रुकने वाला था. शाम को मेरी आदत थी खाना-खाने के बाद वॉक करने की. आज भी मैं वॉक ही कर रहा था.

तभी मैने देखा की स्कूल के गाते से कोई अंदर आ रहा था. मुझे लगा कोई चोर था, तो मैं एक दीवार के पीछे जाके च्छूप गया. फिर जब वो अंदर गया, तो मैने देखा वो बबिता थी. वो जिस तरह से अंदर जेया रही थी, मैं समझ गया वो कुछ करने आई थी. बबिता सीधे प्रिन्सिपल के कॅबिन में गयी, और मैं भी उसके पीछे-पीछे गया.

मैने अपने मोबाइल में वीडियो रेकॉर्डिंग ओं कर ली, और प्रिन्सिपल ऑफीस के दरवाज़े पर मोबाइल लगा कर खड़ा हो गया. कॅबिन का दरवाज़ा शीशे का बना हुआ था, और उसमे से अंदर-बाहर दिखता था, तो रेकॉर्डिंग करनी आसान थी.

तभी मैने देखा की बबिता प्रिन्सिपल की आल्मिराह खोल रही थी. मुझे समझ नही आया की उसको आल्मिराह में से क्या चाहिए था. वाहा तो कोई पैसे-वैसे भी नही थे. तभी मैने देखा की उसने प्रिन्सिपल सिर को मिली हुई एक ट्रोफी निकली, और उसको दुपट्टे में लपेट लिया.

उसके ऐसा करते ही मैं सब समझ गया. असल में प्रिन्सिपल सिर को ये ट्रोफी एक इंटरनॅशनल लेवेल के समारोह में मिली थी, और इस पर गोल्ड प्लेट चढ़ि हुई थी, जिसकी कीमत लाखों में थी. मैं समझ गया की वो इसको चुरा कर बेच देगी, और उसको काफ़ी पैसे मिल जाएँगे.

ये सब कुछ मेरे फोन में रेकॉर्ड हो चुका था. बबिता कॅबिन से बाहर आने लगी थी, और मैं साइड में च्छूप गया. फिर वो दोबारा गाते की तरफ चल पड़ी. मैं भी पीछे-पीछे चला गया. जब वो मैं गाते से बाहर जाने लगी, तो मैने उसको आवाज़ दी-

मैं: बबिता!

मेरी आवाज़ सुन कर वो दर्र गयी, और उसने मेरी तरफ देखा.

मैं: चोरी कर रही है हरमज़ाडी.

बबिता: कों सी चोरी बे. तू चोर, तेरा बाप चोर.

मैं: बेहन की लोदी, जब सब को पता चलेगा की तूने क्या किया है, तो देखना तेरा क्या हाल करते है.

ये बात सुनते ही बबिता ने ट्रोफी मेरी तरफ फेंक दी, और अपने कपड़े फाड़ने लग गयी. उसके ऐसा करने से मैं कुछ समझ नही पाया. फिर वो बोली-

बबिता: हाल तो तेरा बुरा होगा, जब मैं तुझ पर चोरी का इल्ज़ाम लगौंगी, और ये भी कहूँगी, की तूने मेरी इज़्ज़त पर हाथ डाला है. सोचो तब तुम कैसे प्रूव करोगे की चोरी मैने की?

मैं हस्सा और उसको मोबाइल दिखाते हुए बोला: ये चीज़ देखी है तुमने. बड़े काम की है. और इसमे जो वीडियोस होती है, वो और भी काम की होती है.

ये बोल कर मैने उसकी वीडियो प्ले कर दी. वीडियो देख कर उसकी गांद फटत गयी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे. उनको भी इसका मज़ा मिलना चाहिए.