हेलो दोस्तों, जैसा की आपने मेरी पिछली कहानी में रेड किया की कैसे शादी में मिले 4 लड़कों ने मेरी मम्मी की मस्त चुदाई करी. अब उसके आयेज की स्टोरी मैं इस पार्ट में बतौँगा.
वो चारों लड़के मम्मी को छोड़ कर वाहा से चले गये. मम्मी मेरे सामने ही नंगी पड़ी हुई थी, और उनकी चुदाई से उन्हे बहुत दर्द हो रहा था. उसके बाद मम्मी वही नंगी टेरेस पर लेती रही, और मेरा मॅन कर रहा था की मैं भी जाके मम्मी की छूट में अपना माल निकाल अओ.
कुछ देर बाद मम्मी उठी, और पनटी पहनी. फिर ब्रा पहनने लगी, जिसका हुक टूटा हुआ था, और लहंगा पहना. मम्मी जब चोली पहन कर अपनी डोरी को बाँध रही थी. तभी वाहा कुछ और लोग उपर आ गये. तीनो मज़दूर थे, और लूँगी-शर्ट पहने हुए थे और मम्मी उनकी तरफ अपनी गोरी पीठ करके चोली की डोरी बाँध रही थी.
तभी उनमे से एक ने जाके पीछे से कमर पकड़ ली, और अपना लंड रगड़ने लगा. मम्मी दर्र के पलटी जिससे उनकी चोली सरक कर उनके शोल्डर पर लटकने लगी.
मम्मी: ये क्या हरकत है?
मज़दूर 1: साली बच्चो से चुड़वति है मज़ा ले-ले कर. अब हमारे सामने नखरे दिखा रही है.
फिर एक ने मम्मी की चोली को निकल दिया, और दूसरा मम्मी के बूब्स दबाने लगा.
मज़दूर 2: चुप-छाप से हमसे छुड़वा लो. वरना ये बात शादी में सब को बता देंगे.
मज़दूर 3: इसका फिगर इतना मस्त है, की आपकी चुदाई किए बिना हमे चैन नही आएगा. इसलिए कह रहा हू, हमारा साथ दे, तुझे भी मज़ा आएगा.
मम्मी का गोरा बदन देख के तीनो टूट पड़े. उन्होने उन्हे घेर लिया. एक गांद पर अपना लंड रगड़ने लगा, तो कोई किस करने लगा. फिर एक ने बूब्स को ब्रा से बाहर निकाला, और उनको तोड़ा छाता. फिर वो बूब्स पर थप्पड़ मारने लगे.
मम्मी: आराम से, काफ़ी दर्द हो रहा है.
पर उन्होने मम्मी की एक ना सुनी. उन्होने थप्पड़ मारते-मारते दोनो चूचे लाल कर दिए. अब बूब्स चूसने से भी मम्मी को दर्द हो रहा था. फिर उन सब ने उन्हे घुटने पे बिताया, और अपनी शर्ट उतार दी. उसके बाद तीनो ने अपनी लूँगी उठा कर अपना-अपना लंड मम्मी के फेस पर रख दिया. तीनो का लंड लगभग 8 इंच का, और मोटा काला लंड था.
मज़दूर 3: देख क्या रही है रंडी? चलो इन्हे चूसना भी चालू कर दो.
ये बोल कर उस मज़दूर ने मम्मी के मूह में अपना लंड डाल दिया, और अंदर-बाहर करने लगे. एक मज़दूर मम्मी की कमर को पीछे से कुत्तों की तरह चाटने लगा, और उसने धीरा-धीरे मम्मी की ब्रा को भी निकाल दिया. तीसरा आदमी मम्मी के लहँगे में हाथ डाल कर उनकी पनटी को खींच कर अलग कर दिया और छूट से खेल रहा था.
उसके हर वार से जैसा मम्मी उछाल सी रही थी और लंड को पुर जोश से चूस रही थी. बारी-बारी से तीनो ने अपने गोते भी मम्मी से चटवाए. अब अंदर ही अंदर मम्मी को भी मज़ा आने लगा था, और वो गीली होने लगी थी. ये सब देख कर मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया.
मज़दूर 2: अर्रे ये रंडी भी गीली हो रही है. मतलब इसे भी मज़ा आ रहा है.
फिर वो मम्मी के लहँगे के अंदर घुस कर नीचे लेट कर उनकी छूट से निकलता पानी चाटने लगा. चाटने से वो और गीली होती जेया रही थी. मम्मी खुद को मोन करने से रोक रही थी. कुछ देर ऐसे ही चलने के बाद एक ने उन्हे घोड़ी बनने को कहा.
मम्मी: इस हालत में झुका नही जाएगा, मैं बहुत तक गयी हू. सीधा लिटा के जो करना है कर लो.
मज़दूर 3: चलो टांगे फैला कर लेट जाओ.
मम्मी वही लेट गयी, और एक मम्मी के चूचों को चाटने लगे. एक ने अपने लंड पर थूक लगाया, और एक झटके में पूरा लंड मम्मी की छूट में घुसा दिया. वो दर्द के मारे सिसकियाँ ले रही थी.
मम्मी: आहह… उउउइ मा, भैसाब आराम से. आराम से करो भैसाब.
गोपी: चुप साली रंडी, तेरे जैसी माल हम लोगों को रोज़ नही मिलता.
एक मज़दूर किसी जानवर की तरह मम्मी की चुदाई करने लगा, और एक दाँत से उनके निपल्स खींचा लगा, और उनके चूचों पे दाँत गाड़ देता. और एक मम्मी के होंठो को चूज़ जेया रहा था. कभी उनके गालों को दाँत से काट रहा था. फिर दो मज़दूरों ने अपनी जगह चेंज की.
दूसरे नज़दूर ने उनकी जांघों पर ज़ोर-ज़ोर के थप्पड़ मारे. जब उनकी जांघें लाल हो कर सूज गयी, तो फिर उनके पेट को चूमते हुए छूट तक गये. उसके बाद छूट में दाँत गाड़ा दिए. मम्मी की चीख निकल गयी. फिर उसने भी उनकी चुदाई शुरू की. ऐसे ही लगभग 30 मिनिट तक वो चुड्ती रही.
फिर वो दोनो मज़दूर झाड़ गये, और मम्मी से अलग हो कर लेट गये. तीसरा मज़दूर जो मम्मी के होंठो को सारा रस्स पी गया था, उसने मम्मी की गांद को दोनो हाथो से उठाया. फिर दोनो जांघों को अपने कंधे पर रखा, और मम्मी को अपनी तरफ खींचा, और उनकी गांद में लंड सेट करके उनकी गांद छोड़ने लगे.
मम्मी की दर्द से आँखें बाहर निकल गयी “आआआआ मा मॅर गयी.” वो बस सिसकियाँ लेती रही, और आराम से करने को बोलती रही. जो की उन्होने ना सुनी. वो बस चुप-छाप उन्हे छोड़ते रहे. लगभग रात के 3 बाज गये, और मम्मी अभी भी चुड ही रही थी. वो बेबस लेती थी, और तीनो जैसे चाहे वैसे छोड़ रहे थे.
फिर बारी-बारी से सब ने अपना माल उनके शरीर पर गिरा दिया. उनका पूरा जिस्म भर चुका था माल से, और वो लोग भी उन्हे ऐसे छ्चोढ़ कर वाहा से चले गये. मम्मी तक कर वही सो गयी थी.
फिर मेरा लंड जो अब फिरसे पिचकारी छ्चोढने को तैयार था, तो मैने भी हिम्मत करके उनके पास जाके मम्मी की छूट में झाड़ दिया सब. मम्मी तक कर शायद सो गयी थी, तो मैने 2-3 बार और उनके अंदर अपना पानी निकाला. उनकी पूरी रात की चुदाई से छूट बहुत ढीली हो चुकी थी, और सूवजी हुई थी.
तो दोस्तों आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी, मुझे कॉमेंट्स में ज़रूर बताए.