दया और नटू काका की हवस भारी स्टोरी

ही दोस्तों, मैं हू अरमान. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. उमीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ा होगा. अगर नही पढ़ा, तो जाके पहले पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की नटू काका की बीवी की डेत हो जाती है. दुखी होने की वजह से वो काम पर आना बंद कर देता है. फिर जेथलाल उसको अपने घर ले आता है.

जेथलाल और दया का झगड़ा चल रहा होता है, तो दया काफ़ी हॉर्नी फील कर रही होती है. फिर जब वो नहाने जाती है, तो खिड़की से नटू काका को लंड सहलाते हुए देख लेती है. इससे उसकी वासना जाग जाती है, और वो उससे चूड़ने के लिए तैयार हो जाती है. अब आयेज की कहानी-

दया तैयार हो कर नटू काका के रूम की तरफ जेया रही होती है. उसने लाल रंग की सारी पहनी होती है, जिसमे वो सन्नी लीयोन को भी मॅट दे रही होती है. फिर वो रूम के बाहर जाके दरवाज़ा नॉक करती है.

नटू काका जो अपना लंड सहला रहे थे, वो अचानक से दरवाज़े पर दस्तक सुन कर घबरा जाते है, और जल्दी से अपना लंड पाजामे के अंदर करते है. फिर वो दरवाज़ा खोलते है, तो सामने खड़ी सेक्सी दया को देखते ही रह जाते है.

दया नटू काका को स्माइल देती है, और पूछती है: काका मैं अंदर आ सकती हू?

नटू काका: आइए मालकिन आप ही का घर है.

फिर दया अंदर आ जाती है, और कुर्सी की तरफ जेया रही होती है. नटू काका दया की मटकती गांद को घूर-घूर कर देखने लगता है. फिर वो भी जाके बेड पर बैठ जाता है. तभी दया बोलती है-

दया: काका आपकी बीवी के बारे में सुन कर बहुत दुख हुआ.

नटू काका: मालकिन सब उसकी करनी है. इसमे हम क्या कर सकते है.

नटू काका की नज़र ब्लाउस में से आधे बाहर निकले हुए गोरे और रसीले बूब्स पर थी. दया ये बात आचे से जानती थी, की नटू काका उसको हवस भारी निगाहों से देख रहा था. उसकी नज़र भी नटू काका के खड़े हुए लंड पर थी. फिर दया ने अपना हाथ आयेज बढ़ाया, और नटू काका के घुटने पर रख कर बोली-

दया: काका अगर आपको किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बताना.

दया आयेज की तरफ झुक कर ये बोल रही थी, और इससे उसके बूब्स और बाहर आने वाले हो गये थे. उसके गोरे बूब्स देख कर नटू की तो बोलती ही बंद हो गयी थी. फिर दया बोली-

दया: नटू काका आप क्या देख रहे हो?

ये सुन कर नटू ने जल्दी से अपनी नज़र दया के बूब्स से हटाई, और हड़बड़ते हुए कहा-

नटू काका: कुछ नही मालकिन. हा, अगर मुझे कुछ चाहिए होगा, तो मैं आपको ज़रूर बतौँगा.

दया बोली: आपने बताया नही की आप कहा देख रहे थे?

नटू काका: कही नही मालकिन.

दया: काका आप ज़्यादा भोले ना बानिए. सच बताइए की कहा देख रहे थे, नही तो मैं अभी जेता को फोन लगती हू. फिर वो आके आपसे खुद ही पूच लेंगे की आप कहा देख रहे थे.

ये सुन कर नटू दर्र जाता है, और वो कहता है: मालकिन माफ़ कर दीजिए. मुझसे ग़लती हो गयी. मेरी बीवी मॅर गयी है. अब मुझे शांत करने वाला कोई नही है. मॅन बड़ा बेचैन सा रहता है. तो ग़लती से नज़र आप पर भी चली गयी.

ये सुन कर दया मुस्कुराइ और बोली: अर्रे कोई बात नही. ऐसा होता है. अगर जिस्म की आग शांत ना हो तो कंट्रोल नही रहता अपने आप पर. मैं देख रही हू की अभी भी आप उत्तेजित है.

और ये बोल कर दया नटू के खड़े हुए लंड को पाजामे के उपर से पकड़ लेती है. नटू दया की इस हरकत से हैरान हो जाता है. फिर दया बोलती है-

दया: मुझे नही लगता आप इसको अपने आप शांत कर पाओगे. आपको एक औरत की ज़रूरत है. वैसे अगर आप चाहे, तो कुछ देर ले लिए मुझे अपनी बीवी समझ कर अपनी गर्मी निकाल सकते है.

दया की इस बात को सुन कर नटू काका की आँखें बड़ी हो जाती है. फिर दया नटू काका की आँखों में आँखें डालती है, और उनका एक हाथ पकड़ कर अपने रसीले बूब पर रख देती है. नटू काका का हाथ काँपने लगता है, और लंड उछालने लगता है. उसके काँपते हाथ को देख कर दया कहती है-

दया: अपनी बीवी को जब हाथ लगते हो, तब भी तुम्हारा हाथ कांपता है.

ये सुन कर नटू समझ जाता है, की दया ने अपने आप को उसके हवाले कर दिया था. फिर वो दया के बूब को ज़ोर से दबाता है. जब वो बूब दबाता है, तो दया की आहह निकल जाती है, और आँखें बंद हो जाती है. वो कहती है-

दया: ये हुई ना पति वाली बात.

फिर नटू अपना मूह दया के मूह के पास लेके जाता है, और अपने होंठ उसके होंठो से मिला देता है. होंठ मिलते ही नटू काका को स्वर्गिक एहसास होता है. दया भी कब से अपने होंठो का रस्स पिलाने के लिए मॅर रही थी, तो उसको भी बहुत मज़ा आता है.

अब नटू काका दया का बूब दबाते हुए, और दया नटू काका का लंड सहलाते हुए एक-दूसरे के होंठो को चूस रहे थे. तकरीबन 10 मिनिट तक दोनो एक-दूसरे के होंठो का रस्स पीते रहे.

फिर दोनो अलग होते है, और एक-दूसरे को वासना भारी नज़रो से देखते है. दोनो की साँस चढ़ि होती है. फिर नटू खड़ा हो जाता है, और अपने पाजामे का नाडा खोल देता है.

पाजामे का नाडा खुलते ही पाजामा नीचे गिर जाता है. नटू काका का लंड उसके अंडरवेर में टेंट बनाए हुए खड़ा हुआ था. जब वो अंडरवेर उतारने लगता है, तो दया उसको रोक देती है.

फिर दया खुद अपने घुटनो पर बैठ जाती है. उसके बाद वो अपना मूह आयेज नटू काका की कमर तक लेके जाती है, और उसके अंडरवेर को अपने दांतो में लेके खांचती है.

नटू काका दया को ये रंडियों वाली हरकत करते देख खुश हो जाता है. अंडरवेर जैसे ही उतरता है, नटू काका का लंड बाहर आ जाता है. उसका खड़ा लंड देख कर दया की आँखें चमक उठती है. वो लंड को अपने हाथ में लेती है, और नटू काका की तरफ देख कर मुस्कुराती है.

इसके आयेज क्या होता है, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का ये भाग पसंद आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेर करे. अपनी फीडबॅक आप कॉमेंट सेक्षन में जाके दे सकते है. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.