जेत्जी और मेरा प्यार

हेलो दोस्तो मैं स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.

मैं जानती हू यह स्टोरी कुछ ज़्यादा लंबी चल रही है. लेकिन आप सभी प्लीज़ आयेज पढ़ते रहिए की कितना उत्तेजित मज़ा आने वाला है.

इश्स स्टोरी का 25त पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े ले ही लिए ही होंगे. और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का भी ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए. तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी को शुरू करते है. अब आयेज..

सोफा पर मूज़े कुछ टाइम तक छोड़ने के बाद उन्होने वापस मेरी छूट को अपने लंड रस्स से लबालब भर दिया था. उनके लंड से इश्स बार इतना वीर्या निकला की छूट के बाहर बहता हुआ सोफा के कवर को भी गीला कर दिया था.

मैं भी उनके साथ ही अपनी छूट का रस्स निकल चुकी थी. और फिर कुछ देर तक हम वही बेड पे लेते पड़े रहे. कुछ देर तक वैसे ही पड़े रहते हुए मैने अपना विस्की का लेग ख़तम कर किया. फिर उठ कर वापस किचन मे चली गयी.

अब मुझ पर विस्की की मदहोशी चढ़ने लगी थी. और हाइ हील्स की सॅंडल्ज़ मे मूज़े अपने कदम लड़खड़ते हुए महसूस हो रहे थे.

राते के 3 बाज चुके थे लेकिन हम दोनो की आखो मे नींद का कोई दूर दूर तक नामो निशान नही था.

मैं भाईजान के लिए किचन से कॉफी बना कर ले आई. तो मैने देखा की वो उठ कर मेरे लिए खाली ग्लास मे फिर से विस्की का पेग भर रहे थे. फिर जब उन्होने वो ग्लास अपने होतो से लगाया. तो मैने उनसे वो विस्की का ग्लास अपने हाथो मे ले लिया और उनसे कहा

साहिबा:- आप यह कॉफी पीजिए… अभी तो आपको और भौत मेहनत करनी है और अगर आप ड्रिंक पी लोगे तो मेरा साथ कैसे दोगे.

फिर वही उससी हालत मे सोफा पर मैं उनकी गोद मे बैठ कर विस्की पीने लगी और भाईजान कॉफी पीने लगे. हम दोनो एक दूसरे को चूमते हुए बदन को सहलाते हुए विस्की और कॉफी का सीप ले रहे थे. तभी मैं भाईजान से कहने लगी..

साहिबा:- भाभिजान आपको कैसे ज़ेलती होगी??? मेरी तो हालत पतली कर के रख दी है अपने. ऐसा लग रहा है की सारी हड्डियो का कचुंबर बना दिया हो.

तभी मैने उनके होतो पे लगे कॉफी के क्रीम को अपनी जीब से सॉफ करते हुए हुए कहा..

साहिबा:- देखो क्या हाल कर के रख दिया है इश्स बेचारे बूब्स का कितने लाल नीले निशानी पद गये है दोनो पे… इतनी बुरी तरह से मसला है अपने की अब कितने दीनो तक मेरा ब्रा पहें ना मुश्किल हो जाएगा.

इतना सुनते ही फ़रदीन भाईजान ने मेरे बूब्स को चूमते हुए अचानक से अपनी 2 उंगलिया मेरी गीली रस्स से भारी छूट मे घुसा दी. जब उनकी उंगलिया छूट से बाहर निकली तब दोनो उंगलियो पे रस्स लगा हुआ था.

उन्होने एक उंगली अपने मूह मे रखते हुए उनकी दूसरी उंगली मेरे तरफ की जिससे मैने अपने मूह मे दल दिया. हम दोनो ने उंगलियो पे रस्स को चूस कर आचे से सॉफ कर दिया.

फ़रदीन:- मज़ा आ गया आज तो… इतना मज़ा सेक्स मे मूज़े पहले कभी नही आया था.

साहिबा:- ऐसे क्यूँ???? भाभिजान तो इतनी सेक्सी है और इतनी गरम भी रहती है पूरा टाइम.

तब फ़रदीन भाईजान ने मेरी तारीफ करते हुए कहा-

फ़रदीन:- तुम बराबर का साथ देती हो तो सेक्स मे भौत मज़ा आता है. मुस्कान तो बस बेड पर अपने पैरो को फैला कर पद जाती है. जैसे मानो मैं यूयेसेस से जबारजस्ति कर रहा हू.

साहिबा:- अब मैं आपको कभी उदास नही होने दूँगी. आप जब चाहे मूज़े अपनी गोद मे खिच लेना. क्यूकी अब तो यह जिस्म पर आपका भी पूरा हक़ बन गया है.

हम दोनो इश्स ही तरह बाते करते हुए अपनी अपनी ड्रिंक पी रहे थे. मैं विस्की और भाईजान कॉफी पी रहे थे. जब दोनो की ड्रिंक ख़ाता हुई और मैं अपनी ग्लास मे और ड्रिंक डालते देखा तो उन्होने मूज़े रोक दिया और बोले-

फ़रदीन:- भौत पी चुकी हो तुम भौत ज़्यादा नशा हो गया है. अब और पीओगी तो फिर तबीयत बिगड़ जाएगी तुम्हारी.

यह कहते हुए उन्होने मूज़े अपनी गोद मे ले लिया और मूज़े अपनी बाहो मे उठाकर बेडरूम मे ले गये.

साहिबा:- मैने कॉलेज डेज़ मे किसी से कोई आशिक़ुई नही की थी. पर आज फिर लग रहा है मैं उन्न दीनो मे लौट गयी हू.

यह कहते मैने उनके सीने पर अपने होत रख दिए और चूम लिया. मेरे ऐसे करते उन्होने मूज़े और सकती से जाकड़ लिया. मेरे बूब्स अब उनके सीने मे दबे जेया रहे थे.

मैं फिर उनके स्ट्रॉंग मसल्स जो मूज़े गोद मे उठाने के कारण फूले हुए थे मैं उससे काटने लगी थी. भाईजान ने मूज़े बेडरूम मे लाकर बेड पर लेता दिया. और वो भी मेरे साइड मे वही बेड पे लेट गये और मेरे चेहरे को भौत टाइम तक निहारते रहे. फिर मेरे होतो पर अपनी उंगलिया घूमते हुए बोले

फ़रदीन:- मैने कभी सोचा भी नही था की तुम जैसी कोई हसीन पारी कभी भी मेरी बाहो मे होगी.

साहिबा:- क्यूँ??? मुस्कान भाभिजान तो मुझसे भी भौत ज़्यादा खूबसूरत है.

फ़रदीन:- होगी लेकिन तुम मे ऐसा कुछ है जिसके लिए मैं आज तक तरस रहा था. तुम सब से अलग हो.

साहिबा:- अब और हिम्मत नही है लेकिन मॅन नही भरा है तो एक बार और मूज़े वो सब दे दो और अपने दूध से मूज़े भीगा दो.

भाईजान ने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा-

फ़रदीन:- अब इसका खड़ा होना भौत मुश्किल है… आज शाम से काफ़ी ज़्यादा काम करना पड़ा है ना इसलिए बेचारा अब मुरझा गया है.

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू. पर यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे. आप सभी के फीडबॅक आप मूज़े मेरी मैल ईद