ही दोस्तों, मेरा नाम अनिल है, और मैं पटना का रहने वाला हू. मेरी उमर 30 साल की है, और मैं एक शादी-शुदा आदमी हू. हाइट मेरी 5’11” है, और लंड मेरा 7 इंच का है. मेरे लंड की मोटाई 3 इंच की है. मैं किसी भी औरत को आचे से संतुष्ट कर सकता हू.
एक बार जो मुझसे चुड जाए, उसकी चुदाई की भूख बहुत बढ़ जाती है. ये कहानी मेरी बीवी के किसी और के साथ बने नाजायज़ रिश्ते की है. तो चलिए अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हू.
3 साल पहले मेरी शादी हुई थी. मेरी बीवी का नाम कंचन है, और वो काफ़ी सेक्सी है. उसकी हाइट 5’6″ है, रंग गोरा है, और फिगर साइज़ 34-30-36 है. शादी के बाद मैने अपनी बीवी को बहुत छोड़ा. मैने उसको छोड़-छोड़ कर उसकी छूट का भोंसड़ा बना दिया. सुबा-शाम हर जगह मैं उसको छोड़ता था. रात में तो 4-4 बार मैं उसकी चुदाई करता था.
दोस्तों आप ये तो जानते ही होंगे की जब नयी-नयी शादी होती है, तब बंदे पर चुदाई का भूत सवार हो जाता है. इतने वक़्त से प्यासे लंड को जब शादी के बाद छूट मिलती है, तो वो बार-बार उसको छोड़ता है. मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल था. अपनी बीवी को मैं पूरी संतुष्टि देता था. वो भी हार जाती थी मुझसे चुड-चुड कर.
फिर धीरे-धीरे मेरा उसको छोड़ने में इंटेरेस्ट कम होने लगा. आप सब तो जानते है की एक ही गाड़ी पर सवारी कर-कर के इंसान बोर हो जाता है. एक साल तक मैने उसकी खूब चुदाई की. फिर दूसरे साल हमारी चुदाई कम हो गयी.
दूसरे साल के एंड तक हमारी चुदाई हफ्ते में एक या दो बार पर पहुँच गयी. किसी समझदार इंसान ने कहा है की शुरू से ही बीवी को लिमिट में छोड़ना चाहिए, और उसी आवरेज को आयेज भी मेनटेन करना चाहिए. क्यूंकी आप तो बोर हो जाते हो, लेकिन वो नही होती. उसकी छूट पहले जितना ही लंड मांगती है.
अब मेरी बीवी मुझे चुदाई करने के लिए कहती थी. लेकिन मेरा मॅन उसको छोड़-छोड़ कर भर चुका था. अब दूसरी औरतों की तरफ मैं ज़्यादा आकर्षित होता था. चुदाई ना होने की वजह से हमारे झगड़े होने लगे. लेकिन फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसका मुझे अंदाज़ा नही था.
मैं 2 दिन के लिए घर से बाहर गया था किसी काम से. लेकिन मेरा काम एक ही दिन में ख़तम हो गया, तो मैं जल्दी वापस आ गया. मेरे घर में मैं, मेरी बीवी, और मेरी मा हम टीन लोग ही रहते है. मा के घुटनो में दर्द रहता है, और उनको सुनाई भी कम देता है, तो वो नीचे के कमरे में रहती है. मैं और मेरी बीवी उपर वाले कमरे में रहते है.
जब मैं घर पहुँचा, तो मा गाते पे ही खड़ी किसी गली की आंटी के साथ बात कर रही थी. जब मैने उनसे कंचन के बारे में पूछा, तो उन्होने कहा की वो सुबा से नीचे नही आई. फिर मैं उपर गया. जब मैं सीडीयों पर था, तो मुझे उपर से कुछ आवाज़े आने लगी.
आवाज़ सुनते ही मेरे पैर धीमे हो गये. मुझे कुछ शक हुआ, और मैं बिना आवाज़ किए उपर जाने लगा. उपर जाके मैं अपने कमरे के बाहर पहुँचा, और दरवाज़े से अंदर झाँकने लगा. जैसे ही मैने अंदर देखा, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. मेरी बीवी मेरे दोस्त के साथ पलंग पर थी, और वो दोनो रोमॅन्स कर रहे थे.
मेरा दोस्त जिसका नाम हरीश था, और जिसको मैं बचपन से जानता था, मेरी बीवी की आग ठंडी कर रहा था. कंचन ब्लॅक ब्लाउस और पेटिकोट में थी, और उसकी सारी नीचे ज़मीन पर बिखरी पड़ी थी. हरीश सिर्फ़ पंत में था, और उपर से नंगा था.
मेरी बीवी अपने घुटनो पर बैठी थी, और उसका मूह दरवाज़े की तरफ था, यानी मेरी तरफ था. हरीश भी उसके पीछे घुटनो पर ही बैठा था. हरीश के हाथ पीछे से मेरी बीवी के बूब्स पर थे, और वो बूब्स दबा रहा था. साथ-साथ वो पीछे से मेरी बीवी की गर्दन को चूम रहा था.
उसके बूब्स दबाने से मेरी बीवी का ब्लाउस इधर-उधर हुआ पड़ा था, और उसमे से ब्रा की स्ट्रॅप्स दिख रही थी. वो आ आ की हल्की सिसकियाँ निकाल रही थी. फिर हरीश ने ब्लाउस और ब्रा साथ में निकाल दिए, और मेरी बीवी के नंगे बूब्स को दबाने लगा. उसने मेरी बीवी को अपनी तरफ घुमाया, और उसके बूब्स चूसने लगा.
कंचन मदहोश हो रही थी, और उसके सर को अपने बूब्स में दबा रही थी. कुछ देर बूब्स चूसने के बाद उसने कंचन को नीचे लिटाया, और उसका पेटिकोट और पनटी निकाल कर उसको पूरा नंगा कर दिया. मेरी बीवी ने तभी उसको धक्का देके नीचे गिरा दिया, और उसके उपर आ गयी.
फिर उसने हरीश की पंत खोली, और अंडरवेर निकाल कर लंड मूह में डाल लिया. हरीश का लंड मेरे लंड जितना ही बड़ा था. मेरी बीवी अब उसके लंड को किसी रंडी की तरह चूस रही थी. कुछ देर लंड चुसवाने के बाद हरीश ने मेरी बीवी को बेड पर फिरसे लिटा दिया. तभी वो बोली-
कंचन: जानू आज पीछे से करो ना.
हरीश: जैसे तुम कहोगी मैं करूँगा जान.
फिर कंचन घोड़ी बन गयी, और हरीश ने पीछे से उसकी छूट में लंड डाल दिया. लंड अंदर जाते ही उसके मूह से सुकून भारी सिसकी निकली. फिर हरीश तबाद-तोड़ मेरी बीवी को छोड़ने लगा. वो उसकी गांद पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारने लगा. कंचन के चूतड़ लाल हो गये थे, लेकिन उसको इसमे मज़ा आ रहा था.
हरीश फुल स्पीड में कंचन को छोड़ रहा था. कंचन की गांद में जब भी उसका पूरा लंड जाता, तो ठप-ठप की आवाज़ आती. उसकी छूट के पानी की वजह से छाप-छाप की आवाज़े भी आ रही थी. मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या करू.
कुछ देर उसी पोज़िशन में चुदाई के बाद दोनो ने पोज़िशन बदली. अब कंचन उपर आ गयी, और हरीश नीचे था. वो छूट में लंड लेके उसके उपर बैठ गयी, और ज़ोर-ज़ोर से आ आ करते हुए उसके लंड पर उछालने लगी. 15 मिनिट में वो झाड़ कर हरीश के उपर ही लेट गयी. हरीश ने भी अपना पानी उसकी छूट में ही निकाल दिया. फिर वो दोनो लाते गये.
ये सब देख कर मुझे अपनी ग़लती का एहसास हुआ. आप ये ग़लती मत करना, और कहानी को आगे शेर करना. [email protected]