चुदाई के बाद पत्नियों की अदला-बदली की

आसिफ़: मैडम क्यों मूड ख़राब कर रही हैं? काम नहीं कर पाऊंगा।

तमन्ना: जल्दी से ये काम ख़त्म करो, तुम्हें दूसरा काम भी करना है।

बोलते हुए तमन्ना ने पैंटी को भी कमर से नीचे ठेला और पांव से ठेल-ठेल कर बाहर निकाल दिया। तमन्ना बीच रोड पर अनजान आदमी के सामने नंगी थी। आसिफ़ ने भी अपना अंडरवियर निकाला और जो टॉप पहना था उसे भी निकाल कर ज़मीन पर फेंका। दोनों बिलकुल नंगे थे।

आसिफ़: मैडम पहले जो कर रहा हूं उसे कर लेता हूं, फिर दूसरा जो भी काम बोलेगी कर दूंगा। मेरे सामने पांव को पूरा फैला कर बैठ जाओ। ज़िंदगी में पहली बार कोई चिकनी चूत देख रहा हूं। खूबसूरत चूत को देख कर काम करुंगा तो काम जल्दी हो जाएगा।

जैसा आसिफ़ ने कहा था तमन्ना थोड़ी ही दूर पर दोनों पांव को फैला कर बैठ गई। घुटनों को उपर उठाया और फ़ीट को चूत्तड़ों से सटा कर रखा। क़रीब अगले 15 मिनट तक कोई कुछ नहीं बोला। उस 15 मिनट में आसिफ़ लगातार नंगी जवानी, नंगी चूत को देखते हुए काम करता रहा।

आसिफ़: मैडम, कार स्टार्ट करो।

तमन्ना ने कार स्टार्ट किया, और कार स्टार्ट तो हुई ही, तमन्ना ने क्लच दबा कर आगे बढ़ाया तो कार आगे भी बढ़ गई।

तमन्ना: आवाज़ से लगता है कि गाड़ी ठीक हो गई है। फिर भी थोड़ी दूर ट्रायल लेलें तो बढ़िया रहेगा। तुम चलाओ।

तमन्ना कार से उतर कर पैसेंजर बाली सीट पर बैठ गई। आसिफ़ ड्राइवर की सीट पर बैठा और कार स्टार्ट की। कार पहले जैसी चलने लगी। क़रीब 3 किलोमीटर ड्राईव करने के बाद कार को वापस पहले वाली जगह पर पार्क किया। कार के रुकते ही तमन्ना पीछे वाली सीट पर लेट गई।

तमन्ना: आसिफ़, मुझे चोदो, जम कर चोदो।

आसिफ़: मैंने साहब से कहा था कि आपकी बीवी को हाथ नहीं लगाऊंगा।

तमन्ना: हाथ लगाने कौन बोल रहा है? अपना लंड मेरी चूत में पेलो। जितना चोदना है चोदो।

आसिफ़ भी मर्द था और सामने वाली खूबसूरत और आकर्षक वदन बाली औरत ख़ुद चोदने बोल रही थी। कितना कंट्रोल करता। वो तमन्ना के जांघों के बीच आया। एक कंधा को पकड़ कर दूसरे हाथ से लंड को चूत पर दबाया, और खूब करारा धक्का मारा।

आसिफ़: मैडम, सभी मर्द को दूसरे की घरवाली क्यों बढ़िया लगती है। आप के जैसी खूबसूरत और आकर्षक बदन वाली औरत मैंने पहले नहीं देखी। लेकिन साहब ने मेरी बेगम को चोदने के लिए दस हज़ार दिया।

तमन्ना: मैं तुमसे एक पैसा भी नहीं लूंगी। बहुत बढ़िया धक्का मार रहे हो। ऐसे ही पेलते रहो।

कुछ ही धक्कों के बाद तमन्ना मस्ती भरी सिसकारी निकालने लगी। क़रीब 25 मिनट के पावरफुल धक्के मारने के बाद पहले तमन्ना और 2 मिनट बाद आसिफ़ भी झड़ गया। कुछ देर लम्बी-लम्बी सांसे लेने के बाद दोनों शांत हुए।

आसिफ़: अल्लाह क़सम मैडम, चुदाई का इतना मज़ा पहले कभी नहीं मिला।

तमन्ना: मुझे भी बहुत ही ज़्यादा पसंद आया, लेकिन दिल नहीं भरा। एक बार और लूंगी। मेरे सामने खड़े हो जाओ।

चूत से लंड को बाहर निकाल कर आसिफ़ सामने खड़ा हो गया, और तमन्ना गेट खोल कर बाहर की तरफ़ पांव लटका कर सीट पर बैठ गई। दोनों हाथ से लंड को पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा।

तमन्ना: बहुत ही प्यारा लंड है, और इसका काम भी मुझे बहुत ही ज़्यादा पसंद आया है।

आसिफ़ ने दोनों हाथों से चूचियों को पकड़ा और मसलने लगा।

आसिफ़: और ये आपकी चूचियों देखने में सबसे प्यारी है ही, दबाने में भी बहुत मज़ा आ रहा है। आपकी ये प्यारी चूत भी कितनी टाईट, कितनी गर्म, और रसीली है। चुदाई का ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया।

आसिफ़ चूचियों को दबाने में व्यस्त रहा, और तमन्ना ने चाट-चाट कर लंड को बढ़िया से साफ़ किया। झड़ने के बाद लंड ढीला हो गया था। तमन्ना ने 10-12 मिनट ही चूसा कि लंड पहले जैसा ही टाईट हो गया।

तमन्ना: ये सांप बिल में घुसने के लिए तैयार है। इस बार अपनी कुतिया को चोदो।

तमन्ना पिछली सीट का सपोर्ट लेकर कुतिया के पोज़ में हो गई। अपने दोनों पांव को उसने ज़मीन पर बढ़िया से टिका कर रखा था। आसिफ़ ने दोनों चूत्तड़ों को टाईटली पकड़ा, और फिर जमा-जमा कर चोदने लगा। तमन्ना को बढ़िया लगा कि विनोद के जैसा आसिफ़ ने बूर को नहीं चाटा या चूसा।

जबकि विनोद ने तरन्नुम को जितना देर चोदा था, क़रीब उतनी ही देर चूत को चूसा भी था। तरन्नुम को ये बूर का चूसना चाटना बहुत पसंद आया था।

तमन्ना कुतिया के पोज़ में दूसरी बार चुदवा रही थी। दूसरी तरफ़ दो बार चुदवा कर तरन्नुम पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी। दोनों साथ ही कार के पास आए। उन्होंने देखा कि आसिफ़ तमन्ना को पीछे से चोद रहा है।

चुदाई कर रही जोड़ी को पता ही नहीं चला कि कोई उन्हें देख भी रहा था। तरन्नुम ने दोनों को चुदाई करते देखा तो वह वापस घर चली गई। लेकिन विनोद अपनी घरवाली को मैकेनिक से चुदवाते देखता रहा। तमन्ना की मस्ती भरी सिसकारी को सुनता रहा। थोड़ी ही देर बाद तरन्नुम वापस आ गई और विनोद के बग़ल में खड़ी होकर चुदाई देखती रही। लेकिन 2-3 मिनट बाद ही दोनों ने एक साथ कहा, “तमन्ना मैडम मैं गया।”‌ “आसिफ़ मियां मैं भी गई।”

थोड़ी लंबी सांसें लेने के बाद दोनों खड़े हुए तो सामने विनोद और तरन्नुम को खड़ा देखा। तरन्नुम ही पहले बोली-

तरन्नुम: दोनों मर्दों ने एक-दूसरे की बीवी को चोद लिया तो फिर बीच में रुपये का क्या काम? साहब ये अपना रुपया रखिए।

तमन्ना: आसिफ़, तुम्हारा चार्ज कितना हुआ।

आसिफ़ तो कुछ नहीं लेना चाहता था। लेकिन तरन्नुम ने जब बहुत कहा तो आसिफ़ ने 2 हज़ार मांगा। विनोद ने आसिफ़ को 2 हज़ार दिया। तमन्ना ने कपड़े पहने और पैसेंजर सीट पर बैठ गई। विनोद ने कार स्टार्ट की और कार पहले जैसी चलने लगी। क़रीब 5-6 किलोमीटर चलने के बाद तमन्ना ने कार रोकने कहा।

तमन्ना: तुमने बहुत मेहनत की है मुझे ड्राइव करने दो।

विनोद ने कार रोक दी और पैसेंजर सीट पर बैठ गया। तमन्ना ड्राइव करने लगी। कुछ देर के बाद एक सर्कल आया। बिना कुछ बोले तमन्ना ने यू-टर्न लिया और 10 मिनट के बाद कार आसिफ़ के घर के सामने रुकी। तरन्नुम ने ज़रूर कार के रुकने की आवाज़ सुनी होगी। ये दोनों कार से उतरे और तरन्नुम बंदर जैसा उछल कर विनोद की गोदी में आ गई और सब के सामने विनोद के उपर चुम्बनों की बौछार कर दी।

तरन्नुम: तमन्ना मैडम, अल्लाह आपको हमेशा ख़ुश रखे। हम आपके हमेशा शुक्रगुज़ार रहेंगे कि आपने अपने विनोद साहब को मेरे पास लेकर आ गई।

विनोद तमन्ना को वैसे ही गोदी में उठाए हुए रुम के अंदर ले गया, और रुम बंद हो गया। आसिफ़ ने तमन्ना को बांहों पर उठाया और दूसरी तरफ़ ले गया।

आसिफ़: तमन्ना बेगम, मैं भी आपका ही इंतज़ार कर रहा था।

तमन्ना: अब एक रात नहीं जब तक चाहोगे तुम्हारे साथ रहुंगी।

दोनों जोड़ी ने प्यार भरी एक एक राउंड चुदाई की। सुबह दरवाज़ा पर नॉक सुन कर विनोद ने दरवाज़ा खोला था देखा कि सामने अपना सूटकेस लेकर तमन्ना खड़ी थी, और पीछे मोटरसाइकिल पर आसिफ़ बैठा था।

तमन्ना: अभी मैं आसिफ़ के साथ जा रही हूं। ऑफिस में बोल देना कि मेरी मां की तबियत बहुत ख़राब है 10-15 दिनों बाद आऊंगी।

विनोद देखता रहा और तमन्ना आसिफ़ के पीछे बैठी और मोटर साइकिल आंखों से ओझल हो गई। तरन्नुम को साथ लेकर विनोद अपने घर वापस लौटा।

समाप्त।