चुदाई भारी ज़िंदगी

हेलो दोस्तो में स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.

में जानती हू यह स्टोरी कुछ ज़्यादा लंबी चल रही है लेकिन आप सभी प्लीज़ आगे पढ़ते रहिए की कितना उत्तेजित मज़ा आने वाला है.

इश्स स्टोरी का 29त पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े ले हे लिए हे होंगे और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का भी ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए. तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी को शुरू करते है.

अब आयेज…

अज़हर:- नही में उनसे कुछ नही माँगूंगा…. मूज़े अपनी परेशानी को खुद हे सॉल्व करना पड़ेगा. अगर पैसे दे भी दिए तो भी जब खरीदने वाला कोई नही रहेगा तो कंपनी तो बंद करनी हे पड़ेगी. अमेरिका मे जो हुमारी कंपनी का माल ख़रीदती है वो उसका पता देने को टायर नही है नही तो में खुद हे डाइरेक्ट डीलिंग कर लेता.

साहिबा:- फिर अब????

अज़हर:- फिर क्या??? जो होना होगा हो कर रहेगा.

मेने इश्स से पहले अज़हर को इतना परेशन कभी नही देखा था इसलिए मेने उनसे कहा

साहिबा:- कल आप उनको कह दो की डू लड़कियो का इंतेज़ाम हो जाएगा और फिर हम देख लेंगे की उनलोगो के यहा आने से पहले क्या किया जेया सकता है.

नेक्स्ट दे जब अज़हर ऑफीस से घर आए तो मेने उन्हे रिलॅक्स होने की जगह और ज़्यादा टेन्षन मे पाया. जब मेने उन्हे रीज़न पूछा तो उन्होने जोई जवाब नही दिया.

साहिबा:- अपने बात की उन्न दोनो से???

अज़हर:- हन

साहिबा:- तो फिर क्या कहा अपने??? वो दोनो टायर हो गये क्या??? और आप इतने ज़्यादा परेशन क्यूँ हो??? हम लोग यूयेसेस तरह की किसी औरत को ढूंड लेंगे जो दिखने मे बिल्कुल सीधी साधी घरेलू औरत लगे.

अज़हर:- अब कुछ नही हो सकता.

साहिबा:- क्यूँ???

अज़हर:- तुम्हे याद है वो दोनो हुमारे निकाह मे आए थे.

साहिबा:- आए होंगे….. तो उसका क्या???

अज़हर:- उन्होने निकाह मे तुम्हे देखा था.

साहिबा:- तो क्या???

यह सुनते मूज़े मेरी सासे रुकती हुई लगी और एक अजीब तरह का ख़ौफ़ पूरे जिस्म मे चाहने लगा.

अज़हर:- उन्हे अब सिर तुम्हारा हे बदन चाहिए.

में लगभग चीख उठी और बोली

साहिबा:- क्या???? उन्न हरमज़ाड़ो ने ने समझ क्या रखा है??? में कोई रंडी हू क्या???

अज़हर सिर झुकाए बैठे रहे और में गुस्से मे बोलती जेया रही थी और उन्न दोनो को गालिया दे रही थी और भौत हे कूश रही थी पर तब मेने अपना गुस्सा शांत करने के लिए किचन मे जेया कर एक विस्की का पेग बना कर पी लिया. फिर बाहर आ कर अज़हर के पास शांति से बैठ गयी और उनसे कहा

साहिबा:- फिर???

अज़हर:- कुछ नही हो सकता क्यूकी उन्होने सॉफ सॉफ कहा है की या तो तुम उन्न दोनो के साथ एक रात गुज़रो या में या यह कांट्रॅक्ट ख़तम हे समझू.

साहिबा:- हो जाने दीजिए कांट्रॅक्ट ख़तम. ऐसे लोगो से रीलेशन तोड़ लेने मे हे भलाई है और तुम परेशन मत हो एक जाते है तो दूसरा आ जाता है.

अज़हर:- बात अगर यहा तक होती तो भी कोई परेशानी नही थी पर बात इश्स से ज़्यादा सीरीयस है. अगर वो अलग हो गये तो एक तो हुमारे माल की प्रोडक्षन बंद हो जाएगी जिससे कंपनी हे बंद हो जाएगी और दूसरा उनसे रीलेशन तोड़ते हे मूज़े उन्हे 20 क्रोरे रुपी देने पड़ेंगे जो उन्होने हुमारी फर्म मे इनवेस्टमेंट कर रखे है.

में चुपचाप बैठी हुई उनकी बाते सुन्न रही थी लेकिन मेरे दिमाग़ मे एक लड़ाई चिढ़ि हुई थी.

अज़हर:- अगर फॅक्टरी बंद हो गयी तो इतनी बड़ी अमाउंट में कैसे चुका पौँगा. फॅक्टरी बीच कर भी इतना ज़्यादा नही जमा कर पौँगा.

यह सब सुन्न कर अब मूज़े भी अपनी हार होती दिखाई दे रही थी और उनकी बाते मान ने के अलावा और कोई रास्ता नही बचा था. यूयेसेस दिन बाद मे मेरे और अज़हर के बीच और कोई बात नही हुई. हम दोनो ने चुप छाप खाना खा कर फिर सू गये पर मेरी आखो मे तो नींद हे नही आ रही थी सारी रात बस सोचने मे हे निकल गयी थी.

यह ठीक है की अज़हर के अलावा मेने उनके जीजाजी और उनके बड़े भाई से जिस्मानी तालुकात बनाए थे और कुछ कुछ सासुरजी के साथ भी बने थे लेकिन यूयेसेस खानदान से बाहर मेने कभी किसी से भी ऐसा कोई रिश्ता नही बनाया था.

अगर में उन्न दोनो के साथ एक रात भी गुज़रूँगी तो फिर मूज़े मे और कोई डू कोड़ी की किसी रंडी मे क्या फराक रह जाएगा क्यूकी कोई भी मर्द मान बहलाने के लिए एक रात की माँग करता है क्यूकी उससे मालूम होता है की एक बार उसके साथ जिस्मानी रिश्ते बन गये तो ऐसी कई और रातो के लिए वो औरत कभी भी माना नही कर पाएगी और ऐसे हे चलता रहेगा.

लेकिन अब इसके अलावा हो भी क्या सकता था??? मेरे पास इश्स भावर से निकल ने का कोई रास्ता हे नही दिख रहा था. ऐसा लग रहा था की में एक इज़्ज़तदार बीवी से एक रंडी बनती जेया रही हू.

सूभ जब में अलसाई हुई उठी तब मेने अज़हर से कह दिया

साहिबा:- ठीक है…….में टायर हू यह सब के लिए.

अज़हर चुपचाप सुनते रहे और फिर नस्टे कर ने के बाद ऑफीस चले गये. यूयेसेस हे दिन ईव्निंग मे अज़हर ने बताया की मिस्टर. रस्तोगी से उनकी बात हो गयी है और उन्होने रस्तोगी को मेरे राज़ी होने की भी बात कह दी है.

साहिबा:- हरमज़ड़े मदारचोड़ बहें का लोड्‍ा खुशी से मारा जेया रहा होगा.

मेने मान हे मान मे उन्न दोनो को खूब गलियाँ दी थी यूयेसेस दिन. तभी अज़हर ने बताया

अज़हर:- अगले वीक दोनो एक दिन के लिए आ रहे है पर दिन भर तो वो ऑफीस मे बिज़ी रहेंगे पर ईव्निंग मे तुम्हे उन्न दोनो को एंटरटेन कर ना होगा.

साहिबा:- कुछ टायारी करनी होगी क्या मूज़े???

अज़हर:- किस बात की टायारी??? वो दोनो यहा हे खाना खाएँगे पर पहले ड्रिंक्स लेंगे यूयेसेस का इंतेज़ाम तुम कर लेना.

अब भौत हे बुरे मान से में यूयेसेस दिन का इंतेज़ार कर रही थी. अगले हे वीक अज़हर ने उनको आने का इन्विटेशन दिया. उनके आने के बाद सारा दिन अज़हर उनके साथ हे बिज़ी थे. ईव्निंग मे 5 बजे के आस पास वो घर आए और उन्होने मूज़े एक पार्सल का पॅकेट दिया और कहा-

अज़हर:- इसमे उन्न लोगो ने तुम्हारे लिए कोई ड्रेस पसंद किया है और भेजा है आज शाम को तुम्हे यह हे ड्रेस पहें नि है. और एक बात की इश्स ड्रेस के अलावा तुम्हारे जिस्म पर और कुछ नही रहे यह भी कहा है उन्न दोनो ने.

मेने वो पॅकेट ओपन कर के देखा तो यूयेसेस मे एक ट्रॅन्स्परेंट सारी थी और उसके साथ मे एक काफ़ी उची और एकद्ूम पतली हील्स वाली संडलेस थी.

यह दोनो चीज़ के अलावा और कुछ भी नही था.

उन्न लोगो के कहने के अनुसार मूज़े अपने नंगे जिस्म पर सिर्फ़ वो ट्रॅन्स्परेंट सारी और हाइ हील्स वाली संडले पहें ने थे वो भी बिना किसी ब्लाउस और पेटिकोट के. सारी भी इतनी महीन ट्रॅन्स्परेंट थी की उसके दूसरी तरफ की सब चीज़ बिल्कुल क्लियर्ली दिखाई दे रही थी.

साहिबा:- यह????? यह क्या है??? में यह ऐसी सारी पहनुँगी?? इश्स मे ना कोई अंडरगार्मेंट्स भी नही है.

अज़हर:- वैसे भी कुछ हे देर मे यह सारी भी वो दोनो तुम्हारे जिस्म से नूच कर निकल देंगे और फिर तुम सिर्फ़ यह संडलेस मे हे रह जाओगी.

अज़हर की यह बार सुन्न कर में एकद्ूम चुप हो गयी. फिर मेने उन्हे शांत हो कर पूछा-

साहिबा:- वो सब आएँगे तब आप कहा रहोगे???

अज़हर:- वाहा हे सब के साथ तुम्हारे पास हे मे.

साहिबा:- नही…. आप वाहा नही रहना कही चले जाना में आपके सामने वो सब नही कर पौँगी मूज़े भौत शरम आएगी.

अज़हर:- पर मे क्या करू मेरी भी मजबूरी है.

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू पर आप सब आयेज ज़रूर पढ़ना की उसकी ऐसी क्या मजबूरी थी. यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे.