मेरा जिस्म अब मेरे जेठ जी का हुआ

हेलो दोस्तो मैं स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.

मैं जानती हू यह स्टोरी ज़्यादा लंबी चल रही है लेकिन आअप आगे पढ़ते रहिए की कितना उत्तेजित मज़ा आने वाला है.

इश्स स्टोरी का 23र्ड पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े लिए है होंगे और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए.

तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी पे आते है. अब आयेज..

उन्होने मूज़े अपनी बाहो मे ज़ोर से पकड़ लिया और अपने लंड को ज़ोर से छूट मे घुसा कर अपने लंड की पिचकारी शुरू कर दी. और अपने लंड रस्स से मेरी पूरी छूट भर दी थी. दोनो के लंड और छूट का रस्स निकल ने के बाद तक कर हम दोनो कुछ टाइम तक इसी तरह एक दूसरे की बाहो मे लेते रहे.

मेने उनके सीने पर अपना सिर रख दिया और आखे बंद कर उनकी निपल्स से खेलने लगी.

काफ़ी टाइम तक हम एक दूसरे के जिस्म को सहलाते हुए वही लेते रहे. मोहब्बत करते हुए फ़रदीन भाईजान को झपकी आने लगी. लेकिन आज तो पूरी रात का प्रोग्राम था तो इतनी जल्दी मैं कैसे उनको चोर सकती थी??

साहिबा:- आपको नींद आ रही है क्या???

वो बिना कुछ कहे मुझसे और ज़ोर से लिपट गये. और अपना मूह मेरे दोनो बूब्स के बीच मे दबा कर अपनी जीब उनके बीच फिरने लगे.

एक तो उनकी जीब और दूसरी उनकी गरम सासे मूज़े तो ऐसा लग रहा था जैसे सीधे मेरे दिल मे है उतरती जेया रही हो. मेने उनको मुझपे से हटते हुए कहा-

साहिबा:- मेरा तो सारा का सारा नशा उतार गया है….. चलिए ना एक दो पेग लगते है.

फ़रदीन:- मूज़े तो नींद जैसे आ रही है तुम कॉफी पिलाओगे??

साहिबा:- अभी बना कर लाती हू आपको आज पूरी रात जागना है मेरे लिए…… पर मैं तो विस्की है पीनगी तब है जेया कर मदहोशी मे सारी रात मज़ा कर सकूँगी.

यह कह कर मैं बेड से उठी और किचन मे जाने लगी पर जैसे है मेने अपने जिस्म को बेड से उतरा तो उन्होने मूज़े हाथ पकड़ कर खिच कर वापस अपने उपेर गिरा लिया और मेरे जिस्म को चूमने लगे.

साहिबा:- इतने उतावले भी नही बनो अभी तो पूरी रात पड़ी है. अभी आपको बिल्कुल फ्रेश बना देती हू एक अची कड़क कॉफी पीला कर.

यह कहते हुए मैं वापस बेड से उठी और नीचे उतार कर अपने कपड़े उठाने चाहे. मगर उन्होने झपट कर मेरे कपड़े अपने पास ले लिए और मूज़े यूयेसेस है तरह नंगी है किचन मे जाने को कहा.

मैं शरम से मारे जेया रही थी पर उन्होने मेरे कपड़े बेड पर दूसरी तरफ फेक दिए. और उन्होने भी बेड से नंगी हालत मे उतार कर मूज़े अपनी बाहो मे ले लिया था.

मूज़े यूयेसेस है तरह बाहो मे संभाल कर वो ड्रेसिंग टेबल के सामने लेकर गये. फिर मूज़े अपने सामने खड़ी कर के मेरे हाथ उठा कर अपनी गर्दन के पीछे रख लिए. मेरे बालो की लत को मेरे बूब्स पर से हटा कर मूज़े मिरर के सामने बिल्कुल नंगी हालत मे खड़ा कर दिया और पूछने लगे-

फ़रदीन:- कैसी लग रही है हम दोनो की जोड़ी??

मैं कुछ भी नही बोली पर हम दोनो बस एक दूसरे को देखे जेया रहे थे. 4 इंच हील्स के संडलेस पहने होने के बावजूद मैं भाईजान के शोल्डर तक है आ रही थी.

कुछ टाइम बाद जब उन्होने मूज़े छोरा तो मैं किचन मे जाने लगी. तो वो भी मेरे पीछे पीछे वाहा आ गये. मेने कॉफी के लिए दूध चढ़ा दिया गरम होने और मैं वही ओवेन के पास नंगी हालत मे खड़ी अपने विस्की के पेग से सीप लेने लगी थी. मूज़े पता है नही चला कब फ़रदीन भाईजान मेरे पीछे आ कर खड़े हो गये.

जब मूज़े अपनी गर्दन पर गरम सासे महसूस हुई तो मैं एकद्ूम से चौक गयी.

फ़रदीन:- इश्स कॉफी मे दूध नही डालना…. तुम्हारा है उसे कर लेंगे.

यह कहते हुए उन्होने मेरी बगल के नीचे से अपने हाथ निकल कर मेरे दोनो बूब्स को पकड़ लिया और अपने हाथो से हल्के हल्के सहलाने लगे.

उनके इश्स तरह सहलाने से मेरे निपल्स इन्स्टेंट खड़े हो गये. मेने अपने बूब्स को सहलाते उनके हाथो को देख उनसे कहा-

साहिबा:- बुद्धू अभी तक इन्न दोनो मे दूध आया कहा है?? अभी तो यह पूरे खाली है.

फ़रदीन:- तुम चिंता क्यूँ करती हो??? इश्स है तरह मुजसे मिलती रहो तो वो दिन भी दूर नही जब तेरे दोनो बूब्स और बूब्स के नीचे का हिस्सा दोनो है पूरे फ़ुउल उठेंगे.

साहिबा:- तो मेने माना कब किया है आप फ़ुउला दो ना. मैं तो उससी का इंतेज़ार कर रही हू.

मेरी बाते सुनते सुनते भाईजान मेरी निपल्स से खेल ने लगे थे.

साहिबा:- अपने मूज़े बिल्कुल बेशरम बना दिया है. देखो ना हुमारा रिश्ता परदा का है और हम दोनो किस तरह नंगे खड़े है. अज़हर और भाभिजान अगर जाग गये तो क्या कहेंगे???

फ़रदीन:- वो क्या कहेंगे?? वो दोनो भी तो इसी तरह नंगे पड़े है. जब उन्हे किसी तरह की शरम और हाया महसूस नही हो रही है तो हम क्यूँ ऐसी फालतू बातो मे अपना टीमेपस्स कर रहे है.

यह कहते कहते उन्होने मेरे खाली ग्लास मे और विस्की डाली और वो अपने लंड को मेरे दोनो चूतादो के बीच रगड़ने लगे थे.

उनका लंड फिर से खड़ा होने लगा था. मेने उनके लंड को अपने हाथो मे थम लिया और प्यार से सहलाने लगी और उनसे कह रही थी

साहिबा:- आपका यह काफ़ी बड़ा है… भौत परेशान करता है. मेरी छूट को तो बिल्कुल फाड़ कर रख दिया है अभी तक दुख रही है मूज़े.

मैं उनसे यह कहने के साथ उनके लंड के साथ साथ नीचे लटकते उनके बॉल्स को भी सहलाते हुए अपना विस्की का पेग पी रही थी.

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू पर यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे. आप सभी के फीडबॅक आप मूज़े मेरी मैल ईद इलोवेंसेस्तलोवेर्स@गमाल.कॉम पे लिख सकते हो.