छोटी बहन की चुदाई

मेरा नाम इशू है (चेंज्ड नामे) मे हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हू. मे 1 नॉर्मल लुकिंग लड़का हू पहाड़ो मे रहने के कारण फिट रहता हू बिकॉज़ मौतान क्लाइंबिंग हमारा रोज का काम है.

मेरे घर मे हम 4 लोग है, मेरे फादर 1 सरकारी ऑफीसर है और मेरे मों 1 हाउसवाइफ है. मेरी छोटी बेहन अरषि जो अभी स्कूल मे पड़ती है 12त मे और मे क्लग मे पड़ता हू.

हम भाई बेहन मे 4 साल का अंतर है लेकिन हम काफ़ी आचे दोस्त थे. मुझे बहुत पहले से चुदाई मे इंटरेस्ट आ गया था और मे अक्सर गंदी कहानिया पढ़ा करता था.

लेकिन कुछ टाइम बाद जब मेरा इंटरेस्ट इन्सेस्ट कहानियो मे जाने लगा तब से ही मे अपनी बेहन की पीछे पागल सा हो गया था. मे उसे पाना चाहता था, अक्सर मे उसके सोते टाइम मूठ मारा करता. कभी कभी दूध और गंद पे हाथ रख कर मूठ मारता था. लेकिन उसके आयेज जाने की क्बी हिम्मत नही होती थी.

काई बार मे खेलते खेलते जानबूझ कर उसके दूध और गंद मे हाथ रग़ाद लिया करता था, लेकिन वो उनको नज़रअंदाज़ कर दिया करती थी.

दिन प्रतिदिन मेरा मॅन काबू से बाहर होता जेया रहा था. तो मैने उसे सिड्यूस करने का सोचने लगा और उसके नज़दीक जाने की कोशिश करने लगा. मे जनता था के इस उमर मे लड़कीो को भी कोई ना कोई ज़रूर चाहिए होते है और मे उस पर नज़र भी रखने लगा था.

उसके पास फोन नही था तो वो मम्मी के फोन पे नेट चला लिया करती. 1 दिन मम्मी कुछ काम कर रहे थे, अरषि भी स्कूल गयी हुई थी. तब मम्मी का फोन टेबल पे पड़ा था और अचानक रिंग हुआ, जो नोटिफिकेशन टोने थी और मे भी बिना कुछ सोचे फोन देखने लग प्डा. तो देखा ऐसे ही फ्रेंड सजेशन की नोटिफिकेशन थी.

लेकिन मेरे मॅन मे तो पहले से ही उसके लिए चुदाई के ख़याल थे. मे ऐसा मोका कैसे छोड़ सकता था, मे चेक करने लग प्डा. मैने सारे बाय्स की छत पड़ी जिसमे आरषि को बहुत सारे प्रपोज़ल आए थे लेकिन मेरी बेहन बहुत शरीफ थी, उसने कोई भी आक्सेप्ट नही किया था और ना ही उसमे कोई ऐसी बात मिली जिससे मुझे कुछ फयडा हो.

मे हार कर फोन रखने लगा तबी मुझे उसकी बेस्ट फ्रेंड प्रिया, जिसे मे जनता हू, जो की हमारी कज़िन भी है, उसकी छत प्र नज़र पड़ी. प्रिया भी बहुत हॉट और खूबसूर्त लड़की है और मुझे अची भी लगती थी. तो मैने एसए ही उसकी छत पड़ने का सोचा.

जेसे ही मैने छत पड़ना स्टार्ट किया तो मुझे कुछ एसी बाते पड़ने को मिली जिस से ये तो सॉफ हो गया के मेरी बहें इतनी भी शरीफ नही है और ना ही प्रिया शरीफ है. वो दोनो अक्सर लड़को की और चुदाई की बाते किया करती थी. और कुछ ही दिन पहले की छत मे तो मेरा भी ज़िकार था. जिसमे मेरी बेहन को दिलचस्पी नही थी लेकिन प्रिया को थी..

प्रिया – यार इशू भाई को देखा क्बी ध्यान से, स्मार्ट है ना?

आरषि – तुम्हे आज और कोई लड़का नही मिला क्या, अपने ही भाई पे ध्यान दिला रही हो.

प्रिया – अरे तूने उनका पेंट मे खड़ा लंड नही देखा ना क्बी इसलिए बोल रही है, क्बी देखना कितना मस्त लगता है.

आरषि – चुप कर वो मेरा ही नही तेरा भी भाई ही है.

प्रिया – तो क्या हुआ लोड्‍ा डोर देखने मे क्या ही जाता है, वो भी देखते ही होंगे हमारी जवानी को हहहे..

आरषि – चुप कर वो एसए नही है ओक.

प्रिया – अरे तेरा ध्यान टा नही कहा होता है, मैने काई बार मेरे चुचो पे देखते हुए उनको देखा है.

प्रिया – और कल ही जब तुम छाई दे रही थी भाई को तब मैने उन्हे तुम्हारे चुचे देखते हुए भी देखा है.

आरषि – मे नही मानती और मुझे इस बारे मे कोई बात नही करनी प्लीज़, मे चली सोने बाइ..

प्रिया – तेरी मर्ज़ी मानना है तो मान वरना रहने दे, वो तो मज़े ले ही रहे है हमारे हहे…

ये छत पढ़ते ही मुझे एहसास हुआ की मेरी बेहन कुछ दिन से मुझसे आचे से बात भी नही कर रही है. हो ना हो यही छत उसका रीज़न है. मुझे साँझ नही आ रा था की प्रिया इतनी तेज कैसे बन गयी. और उसने मुझे कब कब देख लिए ये सब करते हुए.

लेकिन इस सब मे 1 बात अची भी थी और वो थी प्रिया को मेरे लंड मे दिलचस्पी होना. अब मुझे आरषि से तोड़ा डोर रहना पड़ेगा वरना कोई प्राब्लम भी हो सकती थी. लेकिन आरषि से डोर रहना मेरे लिए नामुमकिन भी था.

तब मैने सोचा की मे उससे फेक ईद बना के बात करता रहूँगा दोस्त बन कर. क्यूकी मैने देखा था मेरी बेहन ने किसी भी लड़के को ब्लॉक नही करा था चाहे उसने कुछ भी क्यू ना बोला हो. तो मुझे लगा के उसको भी शायद अछा लगता है अटेन्षन. तभी मैने 1 न्यू सिम ले के 1 फेक ईद बना ली लड़की के नाम से. और कुछ फेक फ्रेंड्स बनाने के बाद मैने उसे रिक्वेस्ट भेजी और साथ मे हेलो का म्स्ग भेजा.

मैने शुरुआत मे बताया की मे और वो आचे दोस्त भी है. तो मे जानता था उसे क्या पसंद है कैसी बाते पसंद है, क्या अछा लगता है, क्या बुरा लगता है.

मे कुछ ही दिन मे उससे अची दोस्ती कर ली और अक्सर लड़के और चुदाई की बात भी करता था. (मे कॉलेज हॉस्टिल मे था और कभी कभी ही घर आता था).

1 दिन मे उससे छत कर रा था तभी मे उसे झूठी कहानी बनाने लगा. लेकिन ये सब मे उसके साथ किया करता था.

मे – यार मेरा भाई भी ना मुझे सोने नही देता है आचे से.

आरषि – क्या हुआ, परेशन करता है क्या सोते टाइम?

मे – बहुत, क्या बतौ क्या क्या करता है.

आरषि- ऐसा भी क्या करता है?

मे – अरे जब भी वो कॉलेज से घर आता है तब हम साथ सोते है.

आरषि – तो क्या हुआ, मेरा भाई भी मेरे साथ सोता है जब कॉलेज से आता है.

मे – अरे मे जब सोती हू तो वो कभी मेरे डूडू पे हाथ रख देता है तो कभी गांद पे हाथ रख देता है.

आरषि – अरे यार नींद मे होता होगा कभी कभी, मेरे भाई का भी आ जाता है हाथ तो यहाँ वहाँ.

मे – अरे पागल, वो दूध दबाता है और अपना लंड बाहर निकल के मूठ मारता है.

आरषि – (हैरान होते हुए) क्या बोल रही हो, तुम कुछ बोलती नही??

मे – बोलना तो चाहती हू लेकिन उसका लंड देख के पानी आ जाता है फुदी मे तो रोकने का मॅन नही करता है.

आरषि – (पूरी तरह से शॉक्ड होते हुए) क्या बोल रही हो यार, वो भाई है तुम्हारा..

मे – जानती हू लेकिन अपनी फुदी को कैसे समझोउ, ये मानती नही है.

मे – सच पूछो तो कभी कभी जब वो कुछ नही करता और गहरी नींद मे होता है तो मे उसके लोड पे हाथ रख के उसे महसूस कर के फुदी मे उंगली भी करती हू.

आरषि – यार तुम पागल हो क्या, अपने भाई के साथ कों ऐसा करता है??

मे – आज कल सब चलता है यार, मे कुछ स्टोरीस भेजती हू पढ़ के देखो तुम्हारी फुदी इतना पानी छोड़ेगी की कभी सोचा नही होगा.

आरषि – (पूरी तरह से कन्फ्यूज़ हो कर) कैसी बात कर रही हो, ऐसा नही होगा कभी.

मे उसे 6-7 स्टोरीस भेज देता हू भाई बेहन वाली.

मे – ये पढ़ के देखो आज फिर कल बताना ओक. अभी मेरा भाई घर आया है और सोने आ रा है, मे चली मज़े लेने, तुम पढ़ कर देखो ओक बाइ.

ये बोल कर मे ऑफलाइन हो जाता हू और अगले दिन का बेसब्री से इंतेजर करते हुए आरषि के नाम की 3 बार मूठ मार कर सो जाता हू.

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