चाची को रंगे हाथ पकड़ा और चोदा

हेलो दोस्तो, मेरा नाम आशीष है. मैं पुंजब में मोगा का रहने वाला हू. हमारी जॉइंट फॅमिली है, और फॅमिली ने मम्मी, पापा, दादा, दादी, चाचा, चाची, और मेरी एक बेदी बेहन है.

मेरे चाचा मुझसे 10 साल ही बड़े है, क्यूकी उनका बर्त लाते हुआ था. मेरी उमर 24 साल है, और मेरे चाचा की उमर 34 साल है. चाचा की शादी पिछले साल ही हुई है, और चाची बहुत ही खूबसूरत है.

हलकी चाचा की शादी लाते हुई थी, लेकिन फिर भी उनको माल लड़की मिली थी. चाची का रंग गोरा है, और फिगर 36″28″36″ का है. उनका नाम पूजा है, और मेरे उनके साथ जिस्मानी संबंध है. ये कहानी इसी बारे में है. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

चाचा की शादी के कुछ दिन बीट गये थे. फिर सनडे वाले दिन पूरी फॅमिली ने मंदिर जाने का प्लान बनाया. सब कुछ रेडी था, और गाड़िया भी बाहर खड़ी थी. तभी चाची को पेट दर्द होने लग गया.

अब प्रोग्राम तो कॅन्सल कर नही सकते थे, तो चाची को घर पर ही रहने को बोला गया. मम्मी भी उनके साथ रहने वाली थी, लेकिन चाची के बहुत कहने पर वो भी चली गयी. फिर हम मंदिर के लिए निकल पड़े.

मैं, मम्मी और पापा एक गाड़ी में थे, और चाचा, दादा और दादी दूसरी गाड़ी में थे. फिर हम दर्शन के लिए अंदर जाने लगे. अंदर जाते ही मुझे ध्यान में आया, की मैं पूजा का समान घर पर ही भूल गया था.

फिर मैं जल्दी से घर के लिए निकल गया. घर पहुँच कर जब मैं बेल बजाने लगा, तो दरवाज़ा खुला ही था. मैं अंदर गया, तो मुझे चाची के रूम से आवाज़े आ रही थी. वो आवाज़े आहों की थी.

मुझे लगा की चाची दर्द की वजह से आहें भर रही थी, तो मैं जल्दी से उनके रूम की तरफ गया. जब मैं रूम के दरवाज़े के पास पहुँचा, तो मुझे आवाज़ आई-

चाची: कामन अजय, फक में लीके आ बिच आहह.. बहुत मज़ा आ रहा है मुझे आहह.. कामन बेबी.

मैं ये आवाज़ सुन कर हैरान रह गया. मैने अंदर झाँक कर देखा, तो चाची किसी आदमी के सामने घोड़ी बनी हुई थी. वाउ! क्या गांद थी चाची की. और उनके बड़े-बड़े बूब्स हवा में उछाल रहे थे. पता नही क्यू मुझे उन पर गुस्सा नही आ रहा था. लेकिन मेरे दिमाग़ में एक आइडिया ज़रूर आ गया था.

मैने जल्दी से पॉकेट से अपना फोन बाहर निकाला, और उनकी काफ़ी सारी पिक्स ले ली. मैने 5 मिनिट की उनकी वीडियो भी बना ली. फिर मैं दबे पाओं घर से बाहर आ गया, और पूजा का समान लेके मंदिर चला गया.

उस रात मैने वो पिक्स और वीडियो देख कर मूठ मारी. अगले दिन से मेरा चाची के साथ बर्ताव बदल गया. अब मैं बार-बार उनको टच करता रहता. एक दिन वो किचन में अकेली थी, और उनकी गांद देख कर मेरा लंड खड़ा था.

मैं पीछे से गया, और मैने उनको हग कर लिया. ये देख कर चाची बोली-

चाची: आशीष ये क्या कर रहे हो?

मैं: कुछ नही चाची, मैं बस आपको फील कर रहा हू.

ये बोल कर मैने उनके बूब्स दबा दिए. चाची ने उसी वक़्त मुझे धक्का मारा, और बोली-

चाची: ये क्या बदतमीज़ी है आशीष! मैं तुम्हारी चाची हू, मैं ऐसी हरकत बर्दाश्त नही करूँगी.

मैं: ठीक है चाची, मैं दोबारा ऐसा नही करूँगा.

फिर मैने पॉकेट से अपना फोन निकाला, और चाची को उनकी पिक्स दिखाते हुए कहा-

मैं: वैसे आपकी इस हरकत के बारे में आपका क्या ख़याल है चाची?

अपनी चुदाई की पिक्स देख कर चाची की गांद फटत गयी. अब चाची की बोलती बंद हो चुकी थी, और वो बस चुप छाप खड़ी थी. मैं चाची को उपर से नीचे देख रहा था. उन्होने रेड कलर की लेगैंग्स और येल्लो कलर का शर्ट पहना था.

वो कमाल की हॉट लग रही थी. अब जब ऐसी लड़की आपके सामने सिर झुका कर खड़ी होगी, तो आप क्या करोगे? तो मैने भी वही किया. मैं आयेज बढ़ा और मैने चाची की कमर में हाथ डाल कर उसको अपनी तरफ खींच लिया.

चाची पूरी तरह सरेंडर कर चुकी थी, और अब माना करने की उनके पास कोई वजह नही थी. फिर मैने अपने होंठ चाची के होंठो के साथ मिला दिए, और उनके रसीले होंठ चूसने लग गया. क्या कमाल का स्वाद था उनके होंठो का.

मैं उनके होंठ चूस्टा रहा, और उनकी सॉफ्ट गांद दबाने लगा. चाची की साँसे तेज़ हो रही थी, और वो गरम हो रही थी. तभी बाहर से मम्मी के आने की आवाज़ आई, और मैने चाची को छोढ़ दिया.

चाची ने फिरसे काम करना शुरू कर दिया, और मैं किचन से बाहर निकल गया. अब जब भी मैं चाची को अकेले देखता, तो उनको चूसना शुरू कर देता. चाची भी मुझे माना नही कर सकती थी, क्यूकी उनकी जान मेरे हाथ में थी.

फिर एक चाची को अपने माइके जाना था, और उनके साथ जाने की ड्यूटी मेरी लगाई गयी. मैं ये सुन कर बहुत खुश था. फिर हम गाड़ी में उनके माइके के लिए निकल पड़े. आज उन्होने ब्लू जीन्स और ब्लॅक त-शर्ट पहनी थी. क्या बॉम्ब लग रही थी वो आज.

रास्ते में जाते हुए मैने गाड़ी रॉंग साइड मोड़ ली. ये देख कर चाची बोली-

चाची: ये ग़लत रास्ता है.

मैं: यही सही रास्ता है. हम पहले रुकेंगे, और फिर आपके घर चलेंगे.

चाची: कहा रुकेंगे, और क्यू?

मैं: जो काम इतने दीनो से पूरा नही हुआ, उसको पूरा करने रुकेंगे.

ये बोल कर मैने चाची की जाँघ मसल दी. इस्पे चाची कुछ नही बोली. फिर मैं चाची को एक होटेल में ले गया, जहा मैने रूम बुक कर रखा था. रूम में जाते ही मैं चाची पर झपट पड़ा, और उनको चूसने लग गया. मैं 10 मिनिट लगातार चाची को किस करता रहा, और अब वो भी रेस्पॉन्स दे रही थी.

फिर मैने चाची की टॉप उतार दी, और उनके बड़े-बड़े बूब्स के पिंक निपल्स को चूसने लगा. उनके निपल्स इतने टेस्टी थे, जैसे चॉक्लेट हो. अब चाची इतनी गरम हो गयी थी, की वो अपने आप को रोक नही पाई. उन्होने मेरे सिर को अपने बूब्स में दबाना शुरू कर दिया था.

फिर मैने उनको बेड पर लिटाया, और उनकी नाभि को चूमने-चाटने लगा. चाची बस आहें भर रही थी. उसके बाद मैने अपने कपड़े उतार दिए, और अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था. फिर मैने चाची की जीन्स और पनटी भी उतार दी.

चाची अपने हाथो से अपनी गोरी छूट च्छूपा रही थी. जब मैं उनकी टांगे खोलने लगा, तो चाची बोली-

चाची: प्लीज़ ऐसा मत करो आशीष.

मैं: क्यू बाहर वाले तुम्हारी ले सकते है, तो मैं क्यू नही?

ये सुन कर चाची ने मूह साइड में कर लिया. फिर मैं उनकी टांगे खोली, और उनकी छूट को चाटने लगा. चाची आहह आ करने लग गयी, और गांद हिला कर अपनी छूट चुसवाने लगी. मुझे पता था, की उनको भी मज़ा आ रहा था.

फिर मैं खड़ा हुआ, और मैने अपना अंडरवेर भी उतार दिया. मेरा 7.5 इंच का लंड जब अंडरवेर से बाहर आया, तो चाची की आँखों में चमक आ गयी. वो बोली-

चाची: इतना बड़ा कैसे हो गया तुम्हारा?

मैं: कैसे मतलब?

चाची: तुम्हारे चाचा को सिर्फ़ 5.5 इंच का है.

मैं: आपको पसंद आया?

चाची कुछ बोली नही, लेकिन उनके आँखों में हवस थी. फिर मैं चाची की टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ने लगा. चाची अपनी हवस में मदहोश हो रही थी, और कामुक सिसकिया भर रही थी.

फिर मैने एक ज़ोर का धक्का मारा, और अपना लंड उनकी छूट में घुसा दिया. लंड अंदर जाते ही चाची की एक ज़ोर की आ निकली. फिर मैने अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया, और साथ में चाची के होंठ चूसने शुरू कर दिए.

चाची अब वाइल्ड हो गयी थी, और काट-काट कर मेरे होंठ चूस रही थी. उन्होने मुझे अपनी टाँगो में जाकड़ लिया, और बोली-

चाची: कामन आशीष, योउ अरे सो गुड. अगर मुझे पता होता, की मेरे घर में इतना ज़बरदस्त लंड है, तो मैं बाहर मूह नही मार्टी. तेरे चाचा ने कभी मुझे खुश नही किया. कामन, फक युवर चाची.

मैं समझ गया था, की चाची अब मेरी रांड़ बन चुकी थी. मैने उनको पागलो की तरह छोड़ा, और 30 मिनिट की चुदाई के बाद उनके अंदर ही अपना माल निकाल दिया. फिर मैने उनको घोड़ी बना कर उनकी गांद भी फाड़ डाली.

उस दिन से लेकर आज तक मैं अपनी सेक्सी चाची के जिस्म से अपनी प्यास बुझता हू, और उनकी गर्मी भी ठंडी करता हू.

तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.