बेटे और पोते के सामने दया बहू की चुदाई

इस पार्ट को पढ़ने से पहले इसका 1स्ट्रीट पार्ट ज़रूर पढ़े.

जेसा की आप सब ने पिछले पार्ट मे पढ़ा कैसे बापू जी दया को झुका कर उसकी छूट छोड़ देते है और फिर वो अपना प्लान सफल करने के लिए मीटिंग बुलाते है.

अब आयेज…

रात को सोसाइटी के क्लब हाउस मे सारे लोग इकाता हो के बेत जाते है. फिर सारे पूछते है की मीटिंग क्यू बुलाई है?

भिड़े: आरे मैने नही चाचा जी ने मुझे मीटिंग बुलाने को कहा था.

इतने मे बापूजी जी भी आ जाते है और सबको चुप करते है और अपने प्लान के हिसाब से सबको समझना शुरू करते है.

बापूजी: आज मैने मीटिंग इसलिए बुलाई है क्यूकी हुमारी सोसाइटी मे आब एकता और प्यार ख़तम होता जेया रहा है.

ये सुन कर सब बोलते है नही चाची जी ऐसा नही है.

बापूजी जी: हम एक दूसरे के सामने अभी तक सही से खुले नही है.

अगर हम एक दूसरे के सामने सही से ना खुले तो एक दिन हम सब ना चाहते हुए भी अलग हो जाएँगे.

बाकी सब: तो चाचा जी क्या किया जाए?

बापूजी: ह्यूम एक दूसरे के बारे मे सब पता होना चाहिए और ह्यूम आपस मे खुल के रहना चाहिए.

सब लोग: कैसे?

बापूजी: अभी बताता हू, सब खड़े हो जाओ.

सब लोग बापूजी की बात मान कर खड़े हो जाते है.

बापूजी: अब सब लोग अपने सारे कपड़े उतार दो.

सब लोग एक दूसरे को देखने लगते है और बोलते है ऐसे कैसे कर सकते है. नही नही ये नही हो सकता.

बापूजी: आरे कब तक हम ऐसे ही घुट घुट कर जीते रहेंगे. एक नये तरीके से जी के देखते है कुछ अलग पं होगा.

बापूजी: मेरी बात मानो और सब अपने कपड़े उतार दो.

ये कह कर बापूजी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगे हो जाते है. सारी औरते अपनी आँखे बंद कर लेती है और टापू सेना भी.

बापूजी: टापू बेटा तू भी अपने कपड़े उतार और अपने दोस्तो को भी बोल.

फिर टापू को ये मानना पड़ता है तो वो भी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो जाता है. और उसके बाकी दोस्त भी सिर्फ़ सोनू को कॉर्ड कर.

भिड़े: जेथलाल ये चाचा जी क्या कर रहे है?

जेथलाल: आरे मुझे भी कैसे पता होगा मे भी तो यही हू!

फिर ऐसे ही काफ़ी देर बहस करने के बाद आख़िर कार बापूजी की ही जीत हुई. आख़िर अब सब लोगो को बात माननी पड़ी और सब लोगो ने अपने कपड़े उतार दिए.

सारे मर्द औरतो को देखने लगे जिस वजे से सबके लंड खड़े हो गये. और औरते भी भी सब मर्दो के लंड देख कर हैरान हो गयी. सब लोगो को बहोट शरम आ रही थी. लेकिन कुछ कर नही सकते थे.

बापू जी: आज से सोसाइटी के कोई भी किसी को भी छोड़ सकता है और कोई भी ऐसा करने से माना नही करेगा.

सब ये सुनकर हैरान हो गये और सबकी हालत खराब हो गयी. सब लोग माना करने लगे लेकिन बापूजी बोले: जो बोल दिया अब वेसा ही होगा. मीटिंग ख़तम.

ये बोल कर बापूजी अपने कपड़े उठा कर नंगे ही बाहर चले गये.

सब लोगो ने अपने कपड़े पहने और वही बेत कर सलाह करने लगे. फिर काफ़ी देर सलाह करने के बाद बाकी सब लोगो को भी ये आइडिया पसंद आने लगा. सब लोगो फिर अपने घर चलेगे गये और सो गये.

अब कल से होगी नयी शुरुवत जिसमे कोई भी किसी को भी छोड़ सकता था और कोई माना भी नही कर सकता था.

अगला दिन.

सुबा जेथलाल सो रहा होता है.

बापूजी सी सोफे पे बेते थे तभी दया छाई लेके आई बापू जी ने दया को पकड़ लिया और उसकी सारे उपर कर के पनटी निकालने लगे. दया छूटने की कोशिश करने लगी.

बापूजी: बहू कल मीटिंग मे क्या तय हुआ था.

ये सुन कर दया ने विरोध करना कॉर्ड दिया लेकिन अभी दया बापूजी का साथ भी नही दे रही थी. बापूजी ने दया की पॅंडी उतार दी और छूट मसालने लगे.

फिर बापूजी ने दया की सारे उतार कर साइड फेक दी और अपने लंड पर दया को बेत्ने को कहा. क्योकि विरोध नही करना था तो दया भी चुप छाप लंड पे बेत गयी.

फिर बापूजी दया की कमर पकड़ कर उपर नीचे करने लगे और मज़े से छोड़ने लगे.

इतने मे टापू भी अपने रूम से आ गया और जेथलाल भी उठ कर हॉल मे आ गया. ये नज़ारा देख कर टापू और जेता लाल की आँखे फाट गयी. फिर दोनो को कल की बात याद आई तो दोनो ने कुछ नही बोला.

जेथलाल डाइनिंग टेबल पे बेत गया और टापू सोफे पे और दोनो चुप छाप देखते रहे. और बापूजी दया की छूट छोड़ते रहे.

दया: सस्सस्स एम्म आआहह आआहह आअहह ऊऊओ

दया: माआ ऊवू एम्म्म अववववव.

टापू और जेथलाल का भी लंड खड़ा हो गया था. लेकिन वो ना तो विरोध कर रहे थे और ना ही चुदाई मे शामिल हो रहे थे.

ऐसे ही 10 मीं तक बापूजी दया को अपनी गोध मे बिता कर छोड़ते रहे और दया भी सिसकारियाँ लेती हुई चुड्ती रही.

बापूजी ने अपना माल दया की छूट मे ही निकल दिया था. चुदाई ख़तम होते ही दया खड़ी हुई और रूम मे चली गयी. और जाते हुए दया की छूट से बापूजी का माल फ़राश पे गिर गया था.

बापूजी वही ऐसे ही माँगे बेते रहे. टापू और जेथलाल अपना मूह नीचे कर के बेते हुए थे.

बापूजी: बेटा टापू जेता कल क्या तय हुआ था जिंदगी हो मज़े से जीना है और ऐसा सब देख के नाराज़ नही होना.

इसलिए मैने ही आज ये शुरुवत की.

जेथलाल: जी बापू जी.

टापू: ओक दादा जी.

फिर रेडी हो के जेथलाल दुकान के लिए निकल पड़ा वाहा कॉंपाउंड मे बबिता जी खड़ी थी. जेथलाल बबिता जी के पास गया और गूडमॉर्निंग कहा.

बबिता जी ने भी स्माइल करते हुए गूडमॉर्निंग जेता जी कहा. बबिता जी ने सेक्सी सी येल्लो कलर की शॉर्ट ड्रेस पहें रखी थी जो उसकी झंगो तक थी. और साथ ही वो स्लीव्ले भी थी.

बबिता जी का बदन देख के जेथलाल पागल होने लगा और इसी सब से उसे कल वाली बात याद आ गयी. जेथलाल तभी बबिता जी का हाथ पकड़ता है और सी विंग मे ले जाता है.

बबिता जी : जेता जी ये आप क्या कर रहे है छोड़िए कहा ले जेया रहे है.

जेथलाल सी विंग के अंदर साइड मे लीजजर बबिता जी के गाल पर किस करने बढ़ता है तभी बबिता जी जेथलाल को रोक देती है.

बबिता जी: जेता जी ये सब आप क्या कर रहे है आपको शरम नही आती??

जेथलाल: बबिता जी कल जो मीटिंग मे तय हुआ था वो याद कीजिए.

बबिता वो बात याद करती है और फिर चुप खड़ी हो जाती है. जेथलाल समझ जाता है और वो बबिता जी के लिप्स के ज़ोर से किस करना शुरू कर देता है.

बबिता जी भी बेचारी कुछ नही बोल सकती थी तो वो सहती रही. जेथलाल अपनी पेंट खोल के नीचे कर देता है और अपना 8 इंच का लंड आज़ार कर देता है.

बबिता जी जेथलाल का 8 इंच का लंड देख के शॉक हो जाती है.

बबिता जी: जेता जी ये तो बहोट बड़ा है.

जेथलाल: आप फिकर मत कीजिए मे धीरे से करूँगा.

फिर जेथलाल बबिता जी को उतला घुमा के दीवार से सता देता है और बबिता जी की ड्रेस उपर कर दाता है और पनटी फाड़ कर फीक देता है. और बबिता जी की छूट मे अपने लंड का टोपा डाल देता है.

बबिता जी: आआहह जेता जी बहोट दर्द हो रहा है…

जेथलाल तोड़ा रुक जाता है और बबिता जी की स्लीवलेशस ड्रेस को उपर से कमर तक कर देता है. और ब्रा निकाल कर बबिता जी के 38 के बड़े बड़े बूब्स आज़ाद कर देता है. जेथलाल बबिता जी के बूब्स दबाने लगा.

बबिता जी: सस्स्स्स्सस्स ऊऊऊओ म्‍म्म्मम आआअहह आहह

अब बबिता जी का दर्द कम हो जाता है तभी जेथलाल अपना पूरा लंड एक बार मे छूट मे घुसा देता है और बबिता जी का मूह पीछे कर के किस करने लगता है ताकि बबिता जी की चीख कोई सुन ना ले.

बबिता जी की आँखों से आँसू आ जाते है जेथलाल बबिता जी के बूब्स दबाता रहता है. फिर जब बबिता जी नॉर्मल हो जाती है और जेथलाल पीछे से दाना दान बबिता जी की छूट छोड़ने लगता है.

बबिता जी: सस्सस्स आआहह आआअहह आआहह एम्म्म अववववव आआआववववव गूऊडद आआववव आआववव आआ

जेथलाल: अया बबिता जी क्या बदन है आपका मज़ा आ गया!

बबिता जी: आआहह म्‍म्म्मम फुक्ककककक य्ाआअ ऊऊओ एम्म आआआववववव स्लॉवववली आअहह.

ऐसे ही दीवार से सता के जेथलाल बबिता जी को ज़ोरदार छोड़ता रहा. इस डॉरॅन बबिता जी 3-4 बार झाड़ चुकी थी और बेजान सी हो गयी थी.

20-25 मीं बाद जेथलाल झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड निकाला और बबिता जी की गांद के उपर झाड़ गया.

इतनी ज़ोरदार चुदाई के बाद बबिता जी बेचारी बहोट तक गयी थी तो वही पे बेत गयी. और जेथलाल भी बबिता जी के साथ की बेत गया.

दोनो कुछ बोल नही नही रहे थे फिर 5 मीं बाद जेथलाल खड़ा हुआ और अपनी पेंट पहें ने लगा. और बबिता जी को लिप्स पे ज़ोरर से किस करके दुकान के लिए चला गया.

बबिता जी ने भी कुध को संभाला. बबिता जी भी खड़ी हुई और अपनी ड्रेस उपर कर के अपने बूब्स कवर किए और नीचे से भी अपनी ड्रेस सही की.

जेथलाल का सारा माल बबिता जी की गांद पे लगा हुआ था और ड्रेस नीचे करने के बाद ड्रेस पे गिल्ला गिल्ला हो गया था.

बबिता जी ने अपनी ब्रा और फटी हुई पनटी उठाई और अपने घर चली गयी.

अगली स्टोरी मे जानिए किसने किसको छोड़ा और कैसे.

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