बेहन और भाई की रंगरलियों की मस्त कहानी

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की मैं अपनी दीदी के घर गया, और वाहा मैं उसको छोड़ना चाहता था. दीदी को भी मेरी हवस दिख गयी, और वो मुझसे चूड़ने के लिए रेडी थी. अब आयेज की कहानी-

मैं: श इशू ई लोवे योउ.

इशू दीदी ने कहा: नही इशू नही, मैं तुम्हार इशू दीदी हू, और तुम मुझे यही कह कर बुलाओगे. ताकि किसी को शक ना हो.

मैं: शुवर दीदी. ई लोवे योउ.

और फिर मैं दीदी को पागलों की तरह किस करने लगा. दीदी भी मेरा पूरा सपोर्ट कर रही थी. फिर कुछ देर में वो गरम हो गयी, और कहती है-

दीदी: राजा मुझे एक-दूं टाइट हग करो, और मेरे जिस्म को फील करो आचे से. मेरी इस जवानी की प्यास बुझा दो.

मैं: दीदी जब मैने तुम्हे कल रात को नंगा देखा था, तब से मेरे अंदर आग लगी हुई थी. पूरी रात मैं सो नही पाया हू.

फिर इशू दीदी नही मुझे किस करते हुआ कहा: राजा मैने जान-बूझ कर कर्टन तोड़ा खुला रखा था, और चाहती थी की तुम देखो मुझे नंगा आआहह, और मेरी प्यासी जवानी के तुम दीवाने बन जाओ.

मैं: श दीदी, ई लोवे योउ.

फिर इशू दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा, और उसको अपनी चूची के उपर रख कर बोली-

दीदी: राजा मेरी चूचियाँ दब्ाओ, और मेरी प्यास बुझाओ. तेरे जीजा के अब्रॉड जाने के बाद मुझे लंड नही मिला है. मैं पागल हो रही थी इतने दीनो से. जब तू कल आया घर, तो तेरी बॉडी देख कर मैं तेरी दीवानी हो गयी. और मुझे लग गया की तेरे से बेस्ट पार्ट्नर मेरी चुदाई के लिए और कोई हो ही नही सकता है.

फिर दीदी और मैं एक-दूसरे को स्मूच करने लगे. मैं इशू दीदी के जिस्म को फील करने लगा, और उसके चूचे मसालने लगा. कुछ मिनिट एक-दूसरे को किस करने के बाद मैने बेहन का कुर्ता उतार दिया, और अब इशू दीदी मेरे सामने ब्रा में थी.

नीचे उसने सलवार पहनी हुई थी, और ब्रा का कलर ब्लॅक था. इशू दीदी का गोरा रंग और 36ब साइज़ की चूचियों की धार देख कर मज़ा आ रहा था. फिर तभी इशू दीदी नीचे बैठ गयी, और मेरे लंड के साथ पंत के उपर से खेलने लगी, और मुझे देख कर स्माइल देती हुई बोली-

इशू दीदी: राजा तेरा लंड तो बहुत बड़ा और टाइट है.

मैं: हा दीदी, ये तुम्हारे लिए ही है.

इशू दीदी ने बोला: मैं इसको अभी आज़ाद कर देती हू तेरे कपड़ों से.

और फिर दीदी ने मेरी शॉर्ट्स को नीचे किया, और मेरे अंडरवेर के उपर से ही दीदी ने मेरे लंड को अपने मूह से दबाया. मेरा लंड और टाइट हो गया, और मैने कहा-

मैं: ह इशू दीदी, मेरा लोड्‍ा मूह में लो अपने.

फिर इशू दीदी ने मेरे अंडरवेर को भी उतार कर साइड में कर दिया, और फिर मेरे लोड के साथ खेलते हुए दीदी ने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया और उसको चूसने लगी. अब मैं भी दीदी के मूह में धक्के मार रहा था धीरे-धीरे, और दीदी भी अची तरह से मेरी बॉल्स के साथ खेलते हुए मेरे लंड को चूस रही थी.

और फिर मैने बेहन की ब्रा के स्ट्रॅप्स दोनो बाजू से नीचे कर दिए, और बेहन की चूचियों को नंगा कर दिया. इशू दीदी ने मेरे लंड को अची तरह से चूसा, और फिर खड़ी हो गयी.

फिर हम एक-दूसरे को किस करने लगे, और मैं दीदी की चूचियों को चूसने लगा, और उन्हे दबाने लगा. इशू दीदी को बहुत मज़ा आ रहा था, और वो मुझे बोल रही थी-

दीदी: उम्म्म्म राजा, मेरे भाई, चूसो मेरे निपल्स को, और काटो इन्हे आचे से. मूह में लो इन्हे. उम्म आह तेरा लंड भी कितना बड़ा है. बचपन में देखी थी तेरी लुल्ली, अब तो एक-दूं टाइट और बड़ा लंड है.

मैं: दीदी तुम्हे अछा लगा मेरा लंड?

दीदी: हा बहुत अछा है.

फिर मेरे लंड को वो अपने हाथो से रब करने लगी, और मैने दीदी की सलवार को उतार दिया. मैने दीदी की पनटी भी उतार दी. अब मेरी बेहन मेरे सामने पूरी नंगी थी, और दीदी की छूट एक-दूं क्लीन थी.

फिर मैने दीदी को किचन की स्लॅब के उपर बिता दिया, और दीदी ने अपनी टांगे खोल कर उपर कर दी ताकि उसकी प्यारी सी छूट आचे से नज़र आए. मैने दीदी को देखा, और उसके चूची को टाइट बीते किया.

दीदी: आह गंदे, इतनी तेज़ कोई काट-ता है?

मैं: दीदी तुमने ही तो कहा तुम्हे खा जौ. दीदी: गंदे हो तुम बहुत. मेरी छूट को खाओ, अब चतो इसको. आज सुबा ही मैने छूट क्लियर की थी तुम्हारे लिए. मुझे पता था तेरी हालत देख कर की तुझे मेरे छूट चाहिए.

मैं: श मेरी दीदी, तुम कितनी प्यारी हो. ई लोवे योउ सो मच.

और मैं दीदी की छूट को किस करने लगा. फिर मैं अपनी जीभ से उसको चाटने लगा. दीदी की छूट की खुश्बू बहुत प्यारी थी. उसकी छूट का रंग तोड़ा लाइट ब्राउन कलर का है, और उसकी छूट की पंखुड़िया थोड़ी लूस थी.

मैं फिर उसकी छूट की पंखुड़ी को अपने मूह में लेकर चूसने लगा, और छूट चूसने के बाद मैं उसकी छूट के दाने को जीभ से मसालने लगा.

दीदी: उफफफ्फ़ मार डालोगे क्या? और छातो इसको मेरे भाई. मेरी छूट छातो, आचे से छातो इसको. आहह, और छातो राजा.

दीदी मेरे बालों को खींच रही थी, और बोलती जेया रही थी-

दीदी: छातो इसको, और छातो. उंगली अंदर डालो, और अपनी जीभ से मेरी छूट का दाना छातो.

फिर कुछ मिनिट के अंदर ही दीदी की छूट का रास निकालने लगा. दीदी का पसीना निकल गया था, और दीदी मेरे बालों के साथ खेल रही थी. और तभी मैने अपनी जीभ से दीदी की छूट का रस्स छाता, और उठा कर बेहन को स्मूच करने लगा.

दीदी के मूह में और मेरे मूह में बेहन की छूट का रस्स था, जो हम एक-दूसरे के साथ चाटने लगे. और फिर दीदी ने पूरा माल अपने अंदर कर लिया, और किचन की स्लॅब के नीचे बैठ गयी.

फिर दीदी मेरे लोड को चूसने लगी, और फिर 2-3 मिनिट के अंदर ही मेरे लंड का पानी बेहन के मूह में ही निकल गया. इशू दीदी नही मुझे मूह खोल कर मेरे लंड का पानी दिखाया, और फिर उसको अपने मूह के अंदर करके पी गयी.

फिर वो मेरे लंड को अपने चेहरे पर मसालने लगी, और कुछ पल के बाद उठ कर मुझे गले लगाया और पूछा-

दीदी: मज़ा आया मेरे भाई को?

मैं: दीदी बहुत, इससे बेस्ट कुछ हो ही नही सकता है की अपनी बेहन को छोड़ने को मिल जाए.

इशू दीदी ने कहा: मेरे प्यारे भाई, अभी तो तुमने मुझे छोड़ा किधर है? आज की रात तुझे सोने नही दूँगी मैं. समझे मेरे छ्होटे भाई.

फिर इशू दीदी और मैने एक-दूसरे को किस किया, और अपने कपड़े पहने, और छाई बना कर हम लोग हॉल में आ गये. थोड़ी देर में मेरा भांजा और दीदी के सास-ससुर भी आ गये. अंकल ने मेरे से तबीयत के लिए पूछा, तो मैने कहा-

मैं: हा, अभी सही है.

फिर इशू दीदी ने मुझे देखते हस कहा: अभी तो दर्द था, लेकिन अभी दवाई डेडी है. रात को भी दे दूँगी, तो कल तक ठीक हो जाएगा.

अंकल: हा बेटा, बिल्कुल दवाई देना और आचे से ध्यान रखना.

मैं और दीदी एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे, और कुछ देर वही पर बैठ कर हम सब बातें करने लगे. मैं अपने भनजे के साथ खेलने लगा, और इस तरह रात के 11 बाज गये. अंकल-आंटी अपने रूम में चले गये, और इशू दीदी भनजे को सुलने के लिए रूम में ले गयी, और मैं अपने रूम में आ गया.

करीब 1 घंटे के बाद बाल्कनी के गाते पर नॉक हुआ. मैने गाते खोला, तो दीदी बेड शीट में लिपटी हुई अंदर आ गयी, और मैने गाते और कर्टन बंद कर दिया. फिर दीदी ने मुझे गले लगाया, और मुझे धक्का दिया पलंग पर. उसके बाद दीदी ने अपनी बेडशीट नीचे गिरा दी.

बेड शीट गिरते ही मैं दीदी की रसीली जवानी को देखता ही रह गया. दीदी ने बार्बी डॉल की नेट वाली शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई थी, जो उसकी कमर तक थी, और नीचे रेड कलर की सेक्सी पनटी आंड उपर रेड कलर की ब्रा थी. उसमे उसका जिस्म और खूबसूरत लग रहा था.

दीदी बहुत नॉटी हो चुकी थी, और वो डॅन्स करते हुए मेरे उपर आ गयी. फिर वो मेरे इयर्स को कट करते हुए बोली-

दीदी: कैसी लग रही हू मैं इस ड्रेस में? मेरे पुर बदन में आग लग गयी थी, और मैं धीरे से बोला-

मैं: दीदी एक-दूं कातिल जवानी है तुम्हारी. कोई भी देखे तो मॅर जाएगा.

दीदी मेरी बात सुन कर हासणे लगी, और मुझे किस किया. फिर वो मेरे लंड को मेरी शॉर्ट्स के उपर से पकड़ कर बोली-

दीदी: तेरे जीजा ने मेरे लिए ये ड्रेस खरीदी थी. और जब उसका मॅन करता था, तब वो मुझे ये ड्रेस पहना कर छोड़ता था. लेकिन मेरी किस्मत, अब वो तो विदेश में पैसे कमा रहा है. तो मेरी इस जवानी को कों संभालेगा?

मैं: दीदी मैं हू ना. जो तुम कहोगी मैं वही करूँगा.

दीदी मेरे उपर बैठ गयी, और हम दोनो एक-दूसरे को स्मूच करने लगे. फिर कुछ देर स्मूच करने के बाद, दीदी ने मेरे कपड़े उतरे, और मेरी कमर के पास आ कर मेरे लोड को अपने मूह में ले लिया. अब दीदी मेरा लोड्‍ा चूसने लगी.

मेरा लंड एक-दूं टाइट था, और दीदी को आचे से पता था की मर्दों को कैसे खुश करना है. फिर कुछ देर मेरा लोड्‍ा चूसने के बाद बेहन ने मुझे कहा-

दीदी: नंगा करो मुझे. अपने हाथो से मेरे जिस्म को फील करो.

मैं पहले पलंग पर खड़ा हो गया, और दीदी के मूह में अपना लोड्‍ा डाल कर दीदी को बोला-

मैं: दीदी इससे आचे से चूसो पहले.

और फिर मैने बेहन की ड्रेस के रिब्बन्स को दोनो तरफ से साइड करके नीचे गिरा दिया. फिर दीदी को मैने खड़ा किया, और उसको किस किया. उसकी ब्रा को उतार कर मैने डोर फेंक दिया, और फिर उसकी पनटी को उतरा और उसको चूम कर डोर फेंक दिया.

दीदी और मैं अब पुर नंगे थे, और दीदी को मैने पलंग के सिरहाने पर टॉप पर बिताया. फिर मैने दीदी की टांगे फैला कर अपनी बेहन की छूट को आचे से देखा, और उसको किस किया. दीदी की आ निकल गयी-

दीदी: आअहह छातो मेरी छूट को आचे से. कितना टाइम हो गया मुझे लंड नही मिला है. आ छातो, जीभ अंदर डाल के छातो इसको.

और कुछ देर उसकी छूट चाटने के बाद मैने दीदी को पलंग पर लिटाया, और दीदी के डूडू चूज़ उन्हे मसल-मसल कर. फिर बेहन ने मुझे कहा-

दीदी: भाई अपना लंड मेरी छूट में डालो. बहुत आग लगी हुई है मेरी छूट में, उसको ठंडा करो अपने लंड से.

फिर मैं दीदी के उपर आ गया, और उसको स्मूच किया, और अपना लंड बेहन की छूट के छेड़ के उपर टीकाया. उसके बाद मैने एक झटका मारा, और मेरा लंड उसकी छूट में तोड़ा अंदर चला गया.

बेहन की छूट पूरी गीली हो चुकी थी, लेकिन काफ़ी दीनो से लंड नही गया था, तो अंदर से टाइट थी थोड़ी. फिर मैने दूसरा झटका मारा, और मेरा लंड अब पूरा अंदर था, और बेहन की फटत गयी थी.

उसके बाद मैं अपनी बेहन की छूट को छोड़ने लगा, और बेहन बोली-

दीदी: आहह, और अंदर डालो, छोड़ो मुझे आह, तेज़ी से मरो मेरे छूट मेरे भाई. डालो अंदर और पूरा अंदर डाल कर तेज़ी से मरो आह.

ये सब सुन कर मेरे लंड का पानी बेहन की छूट के अंदर ही निकल गया. और फिर मैं बेहन के उपर लेट गया. इशू दीदी मेरे बालों के साथ खेल रही थी, और मेरा लंड अभी भी उसकी छूट के अंदर था. लेकिन मेरा लंड सिकुड गया था.

फिर हम दोनो नंगे लेते रहे बिस्तेर पर, और एक-दूसरे को देखते रहे. कुछ देर के बाद मेरा लोड्‍ा तंन गया, और मैने बेहन को उल्टा लिटाया, और उसको उपर से नीचे तक चूमने और चाटने लगा. फिर मैं बेहन की गांद को किस करने लगा, लेकिन बेहन ने माना कर दिया.

उसने कहा: ये नही, मुझे अछा नही लगता है.

मैने कहा: दीदी प्लीज़ चाटने दो ना.

दीदी: पागल हो क्या? गांद भी कोई चाटने के लिए होती है? गंदे मत बनो.

और दीदी ने मुझे लिटाया, और बेहन ने मेरे फेस पर बैठ कर अपनी छूट को मेरे मूह में रख दिया, जिस पर मेरा और दीदी का कम लगा हुआ था.

फिर वो बोली: छातो इसको.

और फिर वो मेरे उपर आ गयी, और मेरे लोड को चूसने लगी. अब हम दोनो 69 पोज़िशन में एक-दूसरे की छूट और लोड्‍ा चूसने लगे. कभी मैने उसको नीचे करके उसका मूह छोड़ा, और कभी इशू दीदी मेरे उपर आ कर अपनी छूट चत्वती, और मेरा लोड्‍ा चूस्टी.

फिर 10 मिनिट में हम दोनो का पानी निकल गया एक-दूसरे के मूह के अंदर. अब दीदी की छूट का पानी मेरे मूह में था, और मेरे लंड का पानी दीदी के मूह में था. फिर दीदी मेरे उपर आ गयी, और हम दोनो एक-दूसरे को स्मूच करने लगे.

हम अपने थिक कम को एक-दूसरे के मूह में डालते, और फिणाली दीदी ने और मैने अपने-अपने मूह का कम अंदर कर लिया. उसके बाद मैने कुछ देर के बाद फिर बेहन की छूट मारी, और कम उसकी छूट के अंदर ही डाल दिया.

सुबा के 4 बाज चुके थे, और हमारा मॅन नही भरा था. लेकिन कही भांजा ना उठ जाए, इसलिए बेहन अपने रूम में चली गयी, और मैं भी सो गया. उस दिन के बाद मीं 8 दिन तक वाहा पर था, और डेली रात को हम एक-दूसरे को छोड़ते थे, और मज़े लेते थे.

कैसी लगी आपको मेरी ये स्टोरी, प्लीज़ ज़रूर बताना. और नेक्स्ट स्टोरी में एक बहुत बड़ा सस्पेनस है, जो मैं आप लोगों को नेक्स्ट स्टोरी में बतौँगा.

टिल देन एंजाय मी स्टोरी, आंड किसने कितनी बार मेरी बेहन के नाम की मूठ मारी, प्लीज़ एमाइल में ज़रूर बताना.