बाप ने सुनी बेटी के मूह से उसकी कहानी

दोस्तों मेरा नाम हेमंत शर्मा है. मेरी उमर 43 साल है, और मैं शादी-शुदा और बच्चो वाला आदमी हू. मेरी एक किराना की दुकान है, और मैं सारा दिन वही रहता हू. ग्राहक काफ़ी आते है मेरी दुकान पर तो कमाई अची है.

मेरे परिवार में मैं, मेरी बीवी, मेरा बेटा सन्नी (19 साल), और मेरी बेटी कोमल (21 साल) है. मेरा बेटा कॉलेज के 1स्ट्रीट एअर में पढ़ता है. वो पढ़ाई में कुछ ख़ास अछा नही है. लेकिन पास होने जितना पढ़ लेता है.

कोमल पढ़ाई में सन्नी से कही आयेज थी. इसलिए स्कूल के बाद उसको सीधा दूसरे शहर में पढ़ने भेज दिया मैने. मैं चाहता था की वो आचे से पढ़ाई करके कुछ बन कर दिखाए. शायद यही मेरी ग़लती थी. ये कहानी तब शुरू हुई, जब कोमल 3 साल पढ़ाई के बाद घर वापस आई.

आज वो दिन था जब कोमल वापस आने वाली थी. इन 3 सालों में वो एक बार भी घर नही आई थी. अपनी मा से तो उसकी बात होती रहती थी. लेकिन मैं काम की वजह से ज़्यादा से ज़्यादा महीने में एक बार उससे बात कर पाता था. उसको मैने 3 साल से नही देखा था.

फिर मैं और सन्नी स्टेशन पर कोमल को लेने गये. कोमल को जब मैने देखा, तो कोमल जवान हो चुकी थी. उसके बारे में कुछ बता देता हू. कोमल का रंग गोरा, हाइट 5’6″, और फिगर 34-29-36 था. सीधे-सीधे काहु तो वो एक बहुत खूबसूरत लड़की थी. किसी भी लड़के का दिल उस पर आ जाए.

स्टेशन पर उसको देखते ही मैने सोचा की उसकी शादी किसी बड़े घर में करूँगा, जिससे उसकी लाइफ सॉवॅर जाएगी. फिर वो मुझसे और अपने भाई से गले मिली. कोमल ने एक लूस त-शर्ट और ब्लू जीन्स पहनी थी. मैं देख रहा था की वो पहले से मॉडर्न हो चुकी थी. जब बच्चे बड़े शहर जाके पढ़ाई करके आते है, तो उनका लाइफस्टाइल बदला हुआ होता है.

फिर हम गाड़ी में बैठे और घर चल पड़े. दरवाज़े पर उसकी मा आरती लेके खड़ी थी. कोमल को देखते ही उसकी मा की आँखों में आँसू आ गये. उसने अपनी मा से कहा-

कोमल: मम्मी अब तो मैं आ गयी हू, अब क्यूँ रो रही हू? जाते टाइम तो बहुत खुश थी मुझे यहा से भगा कर (मज़ाक में बोला उसने).

मेरी बीवी: चल बदमाश, मज़ाक करती है मेरे से.

फिर मेरी बीवी ने कोमल की आरती उतरी, और कोमल ने अपनी मा के पैर च्छुए. मैं बहुत खुश था की मेरी बेटी, मेरे घर की रौनक घर वापस आ गयी थी. फिर हम सब ने साथ बैठ कर खाना खाया, और बहुत सी बातें की. अभी शाम हुई थी, तो मैं दुकान वापस आ गया.

दुकान पर आते ही मैने अपनी फॅमिली के पंडित जी को फोन किया, और उनको कोमल के लिए कोई अछा सा, हाइ क्लास फॅमिली वाला लड़का ढूँढने के लिए कहा. साथ ही मैने उनको कोमल की फोटो भेज दी. फिर रात हो गयी, और मैं दुकान बंद करके घर चला गया.

रात का डिन्नर भी हम सब ने साथ में किया, और खूब हस्सी-मज़ाक हुआ. सब लोग बहुत खुश थे. फिर सब लोग अपने-अपने कमरे में चले गये.

कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. लेकिन जल्दी ही सब कुछ बदलने वाला था. एक दिन आधी रात के वक़्त मेरी नींद अचानक से खुल गयी. मैने एक बुरा सपना देखा था, तो मेरी साँसे तेज़ चल रही थी. फिर मैं उठा, और पानी पीने के लिए किचन में गया.

जब मैं पानी पीने वापस आ रहा था, तो मैने देखा कोमल के रूम की लाइट ओं थी. मैने सोचा वो लाइट बंद करना भूल गयी होगी, तो मैं लाइट ऑफ करने के लिए उसके रूम की तरफ चल पड़ा. जब मैं उसके रूम के पास पहुँचा, तो अंदर से कुछ आवाज़े आ रही थी.

कोमल किसी से बात कर रही थी. मैने ध्यान से सुना तो वो सन्नी से बात कर रही थी. मैं सोचने लगा की आधी रात को ये भाई-बेहन आपस में क्या बात कर रहे थे. तो मैं वही खड़ा होने उनकी बातें सुनने लगा.

कोमल: भाई मैं तुम्हे कैसी लगती हू?

सन्नी: दीदी, आप बहुत अची लगती हो मुझे.

कोमल: एक बेहन की तरह नही, एक लड़की की तरह कैसी लगती हू?

सन्नी: दीदी आप बहुत ब्यूटिफुल हो. कोई भी लड़का आप से शादी करने के लिए तैयार हो जाएगा.

कोमल: अर्रे कों कम्बख़्त शादी करना चाहता है. पहले लाइफ तो एंजाय कर ले, फिर शादी का भी सोच लेंगे.

सन्नी: क्या करना चाहती हो दीदी आप?

कोमल: पहले तू बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड है.

सन्नी शर्मा गया.

कोमल: अर्रे शर्मा क्यूँ रहा है? अब तू बच्चा नही है, कॉलेज में हो चुका है. तेरे जीतने लड़के 2-2 गर्लफ्रेंड एक साथ घूमते फिरते है. तू बता तेरी कोई है की नही.

सन्नी: नही दीदी, अभी तो नही है.

कोमल: क्यूँ, कोई पसंद नही आई?

सन्नी: दीदी पसंद तो है. लेकिन उसको बोलने में दर्र लगता है. पता नही वो क्या सोचेगी.

कोमल: इसमे सोचना क्या है. हर लड़की चाहती है की लड़का उसको प्रपोज़ करे. तू ही बुद्धू है. तुझे पता भी है लड़की के साथ क्या करते है?

सन्नी फिरसे मुस्कुराने लगा.

कोमल: तू फिरसे हासणे लग गया.

सन्नी: दीदी आप बताओ आपका कोई बाय्फ्रेंड है?

कोमल: मेरे तो काई सारे है. 3 सालों में मेरे कितने बाय्फरेंड्स बने है, अब तो गिनती भी नही है.

मैं अपनी बेटी की ये बात सुन कर हैरान सा हो गया. मैने सोचा ये तो पढ़ने गयी थी, और इसने इतने सारे बाय्फरेंड्स कब बना लिए.

सन्नी: लेकिन दीदी आप तो पहले लड़कों से डोर रहती थी. ये अचानक से इतने बाय्फरेंड्स कैसे बन गये आपके?

कोमल: यूनिवर्सिटी में जाते ही लड़के आपके पीछे पद जाते है. वो आपके अंदर आग लगा देते है, जिसको ठंडा करने के लिए आपको बाय्फ्रेंड बनाना पड़ता है.

सन्नी: वो कैसे?

कोमल: चल मैं तुझे बताती हू, की मैने पहली बार बाय्फ्रेंड क्यूँ और कैसे बनाया.

ये बोल कर कोमल ने अपने फर्स्ट एअर की कहानी शुरू की. सन्नी भी ध्यान से उसकी कहानी सुनने लगा.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.