ही फ्रेंड्स, मेरा नाम वरुण है, और मैं राजस्थान के जाईपुर का रहने वाला हू. मेरी उमर 20 साल है, और मैं एक कॉलेज स्टूडेंट हू. हाइट मेरी 5’8″ है, और लंड मेरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मैने ज़्यादा औरतें तो नही छोड़ी, लेकिन जिसको भी छोड़ा है, उसको जन्नत दिखा दी है. चलिए अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हू.
मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरी मम्मी, डॅडी, एक बड़ी बेहन है. मेरी मम्मी का नाम सुधा है (उमर 42 साल), और डॅडी का काम कमाल है (उमर 45 साल). दीदी का नाम राबिया ( उमर 21 साल) है.
डॅडी मेरे प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है, और मम्मी हाउसवाइफ है. मेरी मम्मी का फिगर 36-34-38 है. उनका रंग गोरा है. दीदी मेरी कॉलेज में है. दीदी का फिगर 34-29-36 है. रंग उनका बहुत ही गोरा है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा की कैसे मज़ाक-मज़ाक में हमारे परिवार मैं रिश्ते अचानक से ही बदल गये.
ये बात पिछले साल की है. मेरी मम्मी के पुराना फोन कीपॅड वाला था, और वो पानी में गिरने से खराब हो गया. फिर डॅडी ने उनको आंड्राय्ड फोन दिला दिया. मम्मी ने कीपॅड वाला फोन ही माँगा, लेकिन डॅडी ने उनको नये ज़माने के साथ चलने को कहा, और बोला की वो आंड्राय्ड फोन चलना सीखे.
अब डॅडी के पास इतना टाइम तो था नही की वो मम्मी को फोन चलना सिखाए. तो ये ज़िम्मेदारी मिल गयी मुझे. फोन हाथ में आने से पहले अक्सर मम्मी मुझे और दीदी को कहती रहती थी की जब देखो ये इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर लगे रहते है. लेकिन जब उनको फोन मिला, तो उनको भी ये चीज़े उसे करनी सीखनी थी.
मैने मम्मी को पहले फोन के बेसिक्स सिखाए, और फिर सारी सोशियल अप्स डाउनलोड करके दी. फिर एक-एक करके मैने मम्मी को सारी अप्स उसे करनी सीखा दी. अब मम्मी ने इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर ईद बना ली थी. वो इंस्था काफ़ी उसे कर रही थी. फिर एक दिन मैने सोच की क्यूँ ना मम्मी के साथ प्रॅंक खेला जाए.
मैने इंस्था पर एक फेक ईद बनाई, और मम्मी को फॉलो रिक्वेस्ट भेज दी. थोड़ी देर बाद मम्मी मेरे पास आई और पूछने लगी उसके बारे मैं. फिर मैने मम्मी को फॉलो करने के बारे में बताया की अगर आप रिक्वेस्ट आक्सेप्ट करोगी तो ये पर्सन आपकी प्रोफाइल देख पाएगा.
मम्मी बोली: लेकिन ऐसे किसी अंजान को मैं कैसे दिखा सकती हू?
मैं: मम्मी ये आपकी मर्ज़ी होती है. वैसे ये अप्स बनी ही है अंजान लोगों से दोस्ती करने के लिए.
मेरी ये बात सुन कर मम्मी ने रिक्वेस्ट आक्सेप्ट कर ली. फिर अगले दिन मैने मम्मी को मेसेज कर दिया “ही” का. मम्मी फिरसे मेरे पास आ गयी और बोली-
मम्मी: ये इसने तो आज मुझे ही बोला है.
मैं: तो क्या हुआ मम्मी, आप भी ही बोल दो. जैसे आप बाहर किसी नये बंदे से मिलते हो और बात करते हो. इसके साथ भी वैसा करो. अगर अछा लगे तो कंटिन्यू करो. अगर ना लगे तो मत करो.
फिर मम्मी ने रिप्लाइ किया “ही” का. मैं भी आयेज मेसेज करने लगा.
मैं: कैसी है आप?
मम्मी: मैं ठीक हू, आप बताओ?
मैं: मैं भी ठीक हू.
मम्मी: वैसे आप मुझे जानते है क्या?
मैं: नही.
मम्मी: तो आपने मेसेज कैसे कर दिया.
मैं: मुझे आपकी प्रोफाइल पिक्चर बड़ी अची लगी. आक्च्युयली कोई बहुत क्लोज़ थी मेरे जिसकी शकल आप से बहुत मिलती थी. लेकिन अब वो इस दुनिया में नही है. आपकी पिक्चर देख कर मुझे उसकी याद आ गयी, तो मैने आपको फॉलो की रिक्वेस्ट भेज दी.
मम्मी: ओह, ठीक है. अपने जब डोर चले जाते है तो बस उनकी याद ही रह जाती है.
मैं: क्यूँ, आपने भी किसी अपने को खोया है?
मम्मी: हा.
मैं: कों?
मम्मी: था कोई, जो बहुत करीब था मेरे. लेकिन मुझसे डोर हो गया किसी वजह से.
मम्मी की ये बात सुन कर मैं तोड़ा हैरान हुआ. क्यूंकी मैने कभी सोचा नही था की मम्मी की लाइफ में भी कोई ऐसा रहा होगा. फिर मैने बात को आयेज बढ़ाया-
मैं: उससे मिलना होता है?
मम्मी: नही, मिलना तो नही होता. लेकिन काई बार देखने को मिल जाता है.
मैं: आप लकी है, जो उसको देख तो सकती है. मैं तो देख भी नही सकता, क्यूंकी वो इस दुनिया में ही नही है.
मम्मी: दुनिया में ना हो तो बंदा हॉंसला कर लेता है. लेकिन आपका प्यार जब आपके सामने हो, और किसी और की बाहों में हो, तो ये बर्दाश्त से बाहर हो जाता है.
मैं: चलिए जाने दीजिए. मुझे खुशी है की मैने आपको फॉलो किया. आप अची है.
मम्मी: आप भी आचे है. जो बात मैने आज तक अपने हज़्बेंड से नही की, आप से कर ली.
मैं: तो आप मेरी दोस्त बनेंगी?
मम्मी: मुझे लगा हम दोस्त बन चुके है.
मैं: हा, आज से हम दोस्त है.
मम्मी: आपका नाम क्या है?
मैं: मेरा नाम विक्रम है. और आपका?
मम्मी: मेरा नाम किरण है.
ओह! मम्मी ने मुझे ग़लत नाम बता दिया. मुझे समझ नही आया उन्होने ऐसा क्यूँ किया. फिर कुछ दिन ऐसे ही हमारी बातें होती रही. मैं देख रहा था की मम्मी काफ़ी फ्रॅंक तरीके से बात कर रही थी. फिर एक दिन कुछ अलग सा हुआ.
मैने जब इंस्टाग्राम ओपन किया, तो मम्मी के कुछ मेसेजस आए हुए थे. मैने मेसेजस खोले, तो मम्मी ने कुछ फोटोस भेजी हुई थी. जैसे ही मैने वो फोटोस ओपन करी, मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. मम्मी ने जीन्स और त-शर्ट पहन कर फोटोस भेजी हुई थी.
वैसे इससे पहले मैने मम्मी को कभी उस नज़र से नही देखा था. लेकिन जीन्स और त-शर्ट में मम्मी का फिगर एक-दूं उभर के आ रहा था, और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मम्मी ने मुझसे पूछा-
मम्मी: कैसी लग रही हू मैं?
मैं: बहुत अची लग रही हो आप.
मम्मी: सिर्फ़ अची लग रही हू? और कुछ नही? बड़े बोरिंग हो आप तो.
मैं: सच बतौ तो बहुत सेक्सी लग रही हो आप.
मम्मी: क्या सच में?
मैं: हा बिल्कुल.
मम्मी: वैसे क्या सेक्सी लग रहा है आपको मुझमे?
मम्मी की ये बातें मुझे हैरान करे जेया रही थी, की मम्मी एक अंजान आदमी से ऐसे कैसे बात कर रही थी.
इसके आयेज मैने क्या जवाब दिया, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.
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