एक मा बनी सर्टिफाइड रंडी

मैं करिश्मा. बेटे से चूड़ने के बाद मैने बेटे को किसी और औरत के साथ भेज दिया. अब मैं लल्लन से चुड रही थी.

मैं सच में मस्ती की नदी में गोते खा रही थी. लल्लन ने 5-7 मिनिट ही छोड़ा होगा, और मैं समझ गयी की मुझे और मेरी जवानी को उसी मर्द की ज़रूरत थी. उधर दूसरे कॉट पर विनोद और उस औरत की दोस्ती हो गयी थी.

विनोद: रश्मि रानी, मैने अभी जिस औरत ( मुझे, अपनी मा ) को छोड़ा है, वो ज़रूर बहुत ही मस्त, कड़क और चुदसी माल है. लेकिन रानी तुम भी बहुत मस्त हो. मुझे भी और मेरे लोड को भी बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है.

रश्मि: विनोद, झूठ नही कहूँगी. मैं रंडी-पाना करती हू, लेकिन मेरे पति एक सरकारी कंपनी में मॅनेजर है. बीच-बीच में मुफ़्त की मलाई खाने यहा आ जाती हू.

रश्मि: लेकिन आज पहली बार ही असल मलाई और असल लंड का मज़ा आ रहा है. तुम मुझे बहुत पसंद आ गयी हो. जब भी चाहो मेरे घर आ कर मुझे छोड़ो. उस नमार्द के सामने भी छोड़ोगे तो वो खुश ही होगा.

किसी भी मॅनेजर की पत्नी इस तरह खुल कर नही बोलेगी की वो मॅनेजर की घरवाली हो कर रंडी-पाना करती है. साली ज़रूर झूठ बोल रही थी. कोई घटिया रंडी होगी. लेकिन विनोद इस बात से इंप्रेस नही हुआ की वो किसी मॅनेजर की घरवाली थी.

विनोद: रश्मि रानी, तुम मॅनेजर की घरवाली हो, या सोनागाच्ची की कोई रंडी. मुझे बस इतना मालूम है, की तुम बहुत ही मस्त औरत हो. मुझे और मेरे लोड को तुम्हारी ये रसीली छूट बहुत पसंद आ गयी है. मैं ज़रूर तुम्हे बार-बार प्यार करना चाहूँगा.

रश्मि: ज़्यादा इंतेज़ार क्यो करना? यहा से निकल कर मेरे घर चलो. तुम्हे मालूम हो जाएगा की मैं कों हू. उफ़फ्फ़ विनोद, झूठ नही कह रही हू. अब तक मैने जीतने लोगों से चुडवाया है. तुम सबसे बढ़िया हो.

रश्मि मस्ती से छुड़वा रही थी, और उसके साथ वाले दोनो आदमी अपने कपड़े पहन कर मेरे कॉट पर आए, और हमारी चुदाई देखने लगे. मैं सिर्फ़ उन्हे दिखाने या सुनने के लिए नही, सच में मस्ती की सिसकारी मार्टी हुई चुदाई का मज़ा ले रही थी.

जैसा लल्लन ने कहा था, उसने अपने ज़ोरदार धक्के से मुझे खुश कर दिया. शादी के 23 साल बाद भी मैं अपने प्रेमी को नही भूल पाई थी, लेकिन लल्लन की चुदाई के कारण मैं कुंदन को पूरी तरह से भूल गयी.

मैं: राजा, मैने सोचा था की तुम्हारा ये मूसल मेरी हालत खराब कर देगा. लेकिन नही, मुझे ज़िंदगी में पहली बार चुदाई का मज़ा मिल रहा है. मेरा पति भी बढ़िया छोड़ता है, विनोद ने भी बहुत बढ़िया से छोड़ा. केकिन सभी तुम्हारे सामने बेकार है.

लल्लन ने ज़ोरदार और फास्ट धक्का मारते हुए, मेरी चूचियों को सहलाते हुए मुझे काई बार चूमा.

लल्लन: रानी, मैने बहुत छ्होटी उमर से ही चुदाई शुरू की. अब करीब 25 सालों से चुदाई कर रहा हू. मुझे बहुत कम ही औरते पसंद आती है. तुम मुझे पहली झलक में ही पसंद आ गयी थी.

लल्लन: मैं तुम्हे सिर्फ़ एक-दो बार ही नही छोड़ना चाहता हू. मैं ज़िंदगी भर तुम्हे प्यार करना चाहता हू. जैसा उस दिन कहा था मेरे साथ रिश्ता रखोगी तो तुम्हारा फ़ायदा ही होगा.

उसके हर धक्के पर मेरी कमर उपर की तरफ उछाल रही थी.

मैं: अब मेरा फ़ायदा हो या नुकसान, मैं भी तुम्हे नही छ्चोढने वाली. मुझे तुम और मेरी छूट को तुम्हारा लोड्‍ा बहुत ही ज़्यादा पसंद आ गया है. मैं तुमसे ज़िंदगी भर का रिश्ता चाहती हू.

दूसरे दोनो आदमी बिल्कुल मेरे नज़दीक बैठ कर हमारी चुदाई देख रहे थे.

मैं: मुझे तुम दोनो के सामने छुड़वाना बढ़िया नही लग रहा है. जाओ देखो तुम्हारी माल को मेरा यार कितने प्यार से छोड़ रहा है.

मैं लाउड्ली बोल रही थी. पर्दे पर क्या सिनिमा चल रहा था, मैने या लल्लन ने एक बार भी नही देखा. रश्मि ने मेरी बात सुन ली.

रश्मि: ये दोनो नमार्द बहुत अमीर है. मुझे बहुत बड़ी कीमत देकर एक घंटे के लिए बुक किया था. लेकिन आधे घंटे के अंदर ही दोनो खल्लास हो गये. लगता है ये दोनो आपके साथ भी समय गुज़ारना चाहते है.

रश्मि: मैं एक जवान औरत हू. लोग मुझे सुंदर कहते है. लेकिन सच कहती हू आप जैसी बढ़िया, खूबसूरत, कड़क माल बहुत ही कम होगी, और आपका ये यार भी बिल्कुल वैसा ही मर्द है जैसा मैं चाहती थी. उफ़फ्फ़ विनोद, तुमने मुझे मुफ़्त में खरीद लिया.

रश्मि की बात सुन कर मेरे कॉट पर बैठे एक आदमी ने कहा,

“मेडम, आपके जैसी बढ़िया माल हमने पहले नही देखी. आप जो माँगेगी हम देंगे. आपका जो रते है, उसका चार गुना, पाँच गुना देंगे. बस आप अपना एक घंटा हमारे साथ हम दोनो के साथ गुज़ारिए.

कुंदन ने मुझे मुफ़्त में छोड़ा था. इस लल्लन के साथ भी मैने कोई लें-दें की बात नही की था. और ये 2 अंजान आदमी मैं जो मांगू वो देकर मेरी नंगी जवानी से खेलना चाहते थे. मैं सोच ही रही थी की लल्लन ने कहा-

लल्लन: तुम दोनो अभी बाहर जाओ, और कल दोपहर 2 बजे बड़े बेज़ार के संगम होटेल में आ जाना. ये मेडम तुमसे वही बात करेगी.

मुझसे पूछे बिना लल्लन ने मेरी डील कर दी. और सबसे कमाल की बात की मैं लल्लन से नाराज़ भी नही हुई. मैं अब खुद नये-नये लंड का एक्सपीरियेन्स लेना चाहती थी. लल्लन ने जब उन्हे अश्यूर किया की अगले दिन दोफर 2 बजे मैं संगम होटेल में रहूंगी, तब वी दोनो वापस अपने कॉट पर चले गये.

लल्लन: मैने तुमसे पूछे बिना उनसे कह दिया की…

मैने उसकी बात काटी और बोली-

मैं: तुमने कल दोपहर की बात की. तुम अगर मुझे आज ही होटेल ले जाते, तो मैं चली जाती. राजा, तुम मुझे बहुत पसंद आ गये हो. तुम विश्वास नही करोगे, की पति के अलावा तुम पहले आदमी हो जो मुझे छोड़ रहे हो. मालूम नही, तुम और तुम्हारा लोड्‍ा मुझे इतना पसंद आ गया की अब मैं तुम्हारी रंडी बनने को तैयार हू.

लल्लन ने पहले से भी तेज़ धक्का मारा.

लल्लन: और ये विनोद ?

मैने इधर-उधर देखा. फिर बहुत ही धीरे से बोली.

मैं: अब चाहो तो तुम मुझे ब्लॅकमेल कर सकते हो, सोनागाच्ची में कोठे पर बिता सकते हो. तुम से झूठ नही बोलूँगी. पति के अलावा तुम ही पहले आदमी हो जो मुझे छोड़ रहे हो. ये विनोद मेरा अपना बेटा है, परसो तुम्हारा लोड्‍ा चूस कर गयी तो मैं इतनी चुदसी हो गयी थी की बेटे से ही छुड़वा लिया. विनोद मेरा एक-लौटा बेटा है.

मेरी बात सुन कर लल्लन ने मुझे टाइट्ली दबाया, और खूब चूमा. चुदाई करते हुए उसने भी धीरे से ही कहा.

लल्लन: रानी, मैं क्या तुम दोनो को बदनाम करूँगा. विनोद तुम्हे 2 दिन से ही छोड़ रहा है. मैं जब विनोद से काई साल छ्होटा था तभी से मा को छोड़ने लगा था. अब वो 56-57 साल की है, अब भी छोड़ रहा हू. पिछली रात भी उसको 2 बार छोड़ा, उसकी गांद भी मारी.

मैं: मुझे गरम करने के लिए झूठ बोल रहे हो. मैं तो तुम्हे इतनी पसंद करने लगी हू, की तुम अगर मुझे गली के कुत्टो से भी चुड़वावगे, तो छुड़वा लूँगी.

लल्लन अपने तरीके से मुझे छोड़ता रहा.

लल्लन: तुम्हारे इस प्यारे, अपने लोड की कसम, इस लोड ने सबसे पहले अपनी मा की छूट का ही स्वाद लिया था. मैं तुम्हे सब बताता हू.

रश्मि: अफ विनोद, राजा बहुत ही बढ़िया से छोड़ रहे हो. 8 साल से छुड़वा राहु ही, 10-12 मर्दो ने छोड़ा, लेकिन कभी ऐसा मज़ा नही आया. थॅंक योउ वेरी मच मेडम, आप ने अपने यार को बहुत बढ़िया ट्रैनिंग दी है.

रश्मि मुझे थॅंक्स कर रही थी, की मैने अपने बेटे को छोड़ने की ट्रैनिंग दी थी.

मैं: मुझसे झूठ मूत बोलो. सब सच-सच, शुरू से सूनाओ.

लल्लन ने अपनी कहानी सुननी शुरू की.

लल्लन: मैं एक अमीर घर का बेटा हू. मेरे बाबू जी मंत्री थे. सुदेश भी एक मंत्री का ही बेटा है. जब मेरा लोड्‍ा पहली बार पूरा टाइट हुआ तो मैं खुद दर्र गया. मैने अपने काई दोस्तों का लोड्‍ा देखा, उन्हे अपना लोड्‍ा दिखाया. और सब ने मुझसे एक ही बात कही की मैं ग़लती से भी किसी लड़की को छोड़ने की कोशिश ना करू, वो लड़की मॅर जाएगी.

लल्लन: मेरे दोस्तों ने अपने घर के लोगों, अपनी मा से भी ये बात कही की मेरा लोड्‍ा बहुत ही लंबा और मोटा है. मैं अपने जिस किसी भी दोस्त के घर जाता तो उसकी मा या घर की दूसरी औरते मुझसे खुशमाद करती, की मैं उन्हे अपना लोड्‍ा दिखौ.

लल्लन: लेकिन मैं वाहा से भाग जाता था.

उसका लोड्‍ा कितना लंबा और मोटा था मैं खुद करीब 40-45 मिनिट से फील कर रही थी. लल्लन ने कहना चालू रखा: एक दिन स्कूल की छुट्टी थी. मैं नहाने के लिए बातरूम में घुसा ही था की पीछे से मेरी मा भी बातरूम में घुस गयी. मैं मा को देख कर घबरा गया.

आगे की कहानी अगले पार्ट में.