अंकल की बीमार बेटी और मेरा बिस्तर

हेलो दोस्तों, कैसे है आप सब लोग? मेरा नाम अनिकेत है, और ये मेरी पहली कहानी है. पहले तो सभी दोस्तों को नये साल की हार्दिक शुभकामनाए.

मैं ग्वेलियार एंपी का रहने वाला हू. मैं अपने मा बाप का एक-लौटा हू. मेरे मम्मी-पापा सूरत, गुजरात में रहते है, और मैने ग्वेलियार हॉस्टिल में रह कर अपनी 12त की है.

उसके बाद मैने ग्रॅजुयेशन भोपाल से की है. और अभी मैं आहेमदबाद में एक मंक में काम कर रहा हू. ये तो हो गया मेरे बारे में. तो अब कहानी पर आता हू. ये कहानी तब की है, जब मैं भोपाल में रह कर ग्रॅजुयेशन कर रहा था.

मेरे अंकल की एक लड़की है जिसका नाम आरती है. उसकी उमर 21 की थी, और उसके पापा-मम्मी यानी मेरे अंकल-आंटी सभी ग्वेलियार में रहते है. आरती की 12त कंप्लीट होने के बाद उसने ज्ञस्त का एग्ज़ॅम क्लियर किया, और प्रॅक्टीस के लिए भोपाल में हुमीदिया हॉस्पिटल चूज़ किया. इसके लिए मेरे अंकल भी मान गये, क्यूंकी मैं उसकी देख भाल करने के लिए था वाहा.

मैने उसका वाहा अड्मिशन करवा दिया, और उसे हॉस्टिल दिला दिया. पहले मेरी उसके लिए ऐसी कोई फीलिंग नही थी. बस एक इन्सिडेंट ने सब बदल दिया. उसका बदन तब डेवेलप हो चुका था. उसका साइज़ 36″28″36″ था. सनडे जब उसकी छुट्टी होती थी, तो सॅटर्डे को नाइट में वो मेरे रूम पर आ जया करती थी.

फिर हम साथ में खाना बनाते, खाते, और बातें करते और सो जाते थे. मैं जिस फ्लॅट में रह रहा था, वो 1र्क था, तो हम एक ही रूम में अलग-अलग बिस्तेर करके सो जाते थे.

एक बार उसकी तबीयत खराब हुई तो उसे हॉस्पीटलाइज़्ड करना पड़ा. ठीक होने के बाद उसे डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए कहा, तो अंकल ने उसे मेरे यहा उसकी देख भाल करने को कह दिया.

उसे रात में कोई प्राब्लम ना हो इसलिए मैने उसे अपने साथ ही सुला लिया. गर्मी का मौसम था, तो उसने रात में एक लूस त-शर्ट और कॅप्री पहन रखी थी. वो सो चुकी थी, और मैं अपने मोबाइल में मस्त था. काफ़ी रात हो चुकी थी. फिर उसने अचानक करवट ली, और वो मुझसे चिपक गयी. उसके

36″ के बूब्स मेरे हाथ से टच होने लगे. उसने अपना एक हाथ मेरे पेट पर रखा हुआ था. मुझे बड़ा ही अलग महसूस हो रहा था. मैने ये सब इग्नोर किया और सो गया. सुबा मैने उसके लिए नाश्ता बनाया और हमने साथ में खाया. फिर बातें की. ऐसे ही नॉर्मली जैसे रोज़ दिन निकल जाते थे, वैसे ही दिन निकल गया.

फिर रात में हम दोनो साथ में सोने लगे. आज मैं उसके सोने का इंतेज़ार करने लगा, और कुछ ही देर में वो सो गयी. अब मेरे मॅन में पता नही क्यूँ गंदे ख़याल आने लगे, और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने उसे तोड़ा हिलाया और कन्फर्म किया की वो सो रही थी या नही.

जब मुझे लगा की वो सो चुकी थी, तो मैने धीरे से उसकी और करवट ली, और अपना एक हाथ उसके एक बूब पर रख दिया. कुछ देर मैने हाथ को ऐसे ही रहने दिया. फिर मैं धीरे-धीरे त-शर्ट के उपर से ही उसे सहलाना शुरू किया. मुझे महसूस हुआ की उसने ब्रा नही पहनी हुई थी. अब मेरा लंड एक-दूं सख़्त हो चुका था.

मैने हिम्मत करके अपना हाथ उसकी त-शर्ट के अंदर डाल दिया, और उसके निपल पर उंगलियों को घूमने लगा. तभी उसने करवट ली और वो मेरी तरफ पीठ करके सोने लगी. अब मेरा हाथ उसकी त-शर्ट में ही था. मैने कुछ देर रुकने के बाद अपनी हरकत फिर शुरू कर दी. अब मैं उसके बूब्स को प्रेस करने लगा.

मुझे बहुत मज़ा आने लगा. मेरा लंड अब उसकी गांद से टच हो रहा था. मुझे लगा वो जागने वाली थी, तो मैने अपना हाथ वही ऐसे ही रोक लिया, और वो जाग गयी. अब मेरी दर्र के मारे गांद फाटती जेया रही थी.

मैं सोचने लगा की अब क्या होगा. उसने मेरा हाथ अपनी त-शर्ट से निकाला और मेरी तरफ देखने लगी. मैं झट से सोने का नाटक करने लगा और वो उठ कर वॉशरूम चली गयी और काफ़ी देर बाद वॉशरूम से आई. मैं समझ गया की वो अपनी छूट का पानी निकाल कर आई थी. फिर मैं भी सो गया.

सुबा जब मैं उठा तो आरती बिस्तर पर नही थी. वो नहाने गयी थी. कुछ देर बाद वो नहा कर आई. उसने टवल से अपने बाल बाँध रखे थे. उसने त-शर्ट और शॉर्ट्स पहनी हुई थी. मेरी उससे बात करने की हिम्मत नही हो रही थी.

आरती: गुड मॉर्निंग भाई.

मे: गुड मॉर्निंग आरती.

इतना कह कर मैं वॉशरूम चला गया और उसके बाद मैं नहा धो कर रेडी हुआ. फिर हमारी नॉर्मल बातें शुरू हो गयी. अब में बार-बार उसके बड़े-बड़े बूब्स को देख रहा था. वो भी ये सब नोटीस कर रही थी. मैं बस रात होने का इंतेज़ार कर रहा था. फिर रात को खाने के बाद-

आरती: भाई आज आइस क्रीम खानी है.

मे: ओके, बताओ कों सी आइस क्रीम खानी है? मैं ले आता हू.

आरती: नही भाई, वही जेया कर खानी है.

मे: ठीक है, रेडी हो जाओ.

कुछ ही देर में वो रेडी हो गयी. उसने रेड कलर की टॉप पहनी हुई थी, और ब्लॅक कलर की जीन्स पहनी हुई थी. जीन्स में उसकी गांद एक-दूं ज़बरदस्त दिख रही थी, और टॉप तो में एक-दूं अलग ही उभार नज़र आ रहा था. फिर हम दोनो आइस-क्रीम पार्लर की तरफ जाने लगे. हम दोनो बिके से जाने लगे. वो बिके पर मुझसे तोड़ा डोर बैठी थी.

तो मैने कहा: मुझे पकड़ कर बैठ जाओ, नही तो गिर जाओगी.

फिर वो तोड़ा सा आयेज आ गयी, और हम चल दिए. मैं बिके चलाने लगा और धीरे से ब्रेक लगा देता. इस तरह वो मुझसे एक-दूं चिपक कर बैठ गयी. अब उसके बूब्स मेरी पीठ पर महसूस हो रहे थे. उसने अपने दोनो हाथ मेरे कंधे पर रख लिए, और कुछ ही देर में हम आइस-क्रीम पार्लर पहुँच गये. वाहा पर हमने एक अमेरिकन नट्स आइस-क्रीम ऑर्डर की, और साथ में खाने लगे. वाहा पर ज़्यादातर सारे कपल्स ही थे.

लोग हमे भी कपल ही समझ रहे थे. तभी मेरे एक क्लासमेट ने (रॉबिन) हमे वाहा देखा, और हमारी तरफ आने लगा. फिर मैने आरती को इंट्रोड्यूस कराया. मैं उसको इंट्रोड्यूस करा ही रहा था, की एक-दूं से वो मेरे पास आया और बोलने लगा-

क्लासमेट: ये तेरी गफ़ है क्या?

तो मैने बात को वही रोकते हुए कहा: ये मेरी कज़िन है आरती.

और कुछ देर बाद वो वाहा से चला गया. फिर हमने भी आइस-क्रीम फिनिश की, और अपने रूम की तरफ चलने लगे. जब हम अपनी रूम की तरफ जेया रहे थे, तो-

आरती: भाई वो आपके कान में क्या बोल रहा था?

मे: कुछ नही, बस ऐसे ही.

आरती: क्या ऐसे ही? कुछ तो बोल रहा होगा.

मे: नही कुछ नही बोल रहा था.

आरती: बोला तो था आपको बताना नही है.

मे: ऐसा कुछ नही है.

आरती: तो बताओ.

मे: वो पूच रहा था की ये तेरी गफ़ है क्या?

आरती (हेस्ट हुए): आज कल सभी लड़कों को एक ही चीज़ समझ में आती है.

मे: ऐसा कुछ नही है. लड़कियों को भी यही लगता है.

आरती: वो तो है. वाहा पर सभी लोग भी यही समझ रहे होंगे की हम कपल ही है.

और फिर आरती को एक क्लॉत की शॉप दिखती है.

आरती: भाई मुझे कुछ कपड़े लेने है नाइट के लिए. मेरे नाइट के सारे कपड़े हॉस्टिल में ही रह गये है.

मे: ओके.

फिर मैने बिके वाहा पर रोक दी, और मैं शॉप के बाहर ही रुक जाता हू. तभी-

आरती: क्या हुआ भाई, चलो.

मे: नही तू लेके आजा. मैं यही रुकता हू.

आरती: अर्रे चलो भी, इतना क्यूँ शर्मा रहे हो?

मे: ऐसा कुछ नही है.

आरती: तो चलो.

मे: ओक.

फिर हम दोनो शॉप में अंदर चले जाते है. मैं वाहा पर एक तरफ बैठ जाता हू, और वो कपड़े पसंद करने लगती है. वो वाहा से दो नाइटीस ले लेती है. फिर हम वाहा से घर आ जाते है.

आरती: भाई मुझे नींद आ रही है.

मे: ओके सो जाओ.

आरती: मैं चेंज करके आती हू.

मे: ठीक है मैं भी चेंज कर लेता हू.

फिर आरती वॉशरूम में जेया कर निघट्य पहन कर आ जाती है. और जब तक मैं भी चेंज कर लेता हू. मैने एक लोवर और एक बनियान ही पहनी थी. अंडरवेर मैने निकाल दिया था. उसने पर्पल कलर की निघट्य पहन रखी थी. निघट्य में उसके बूब्स अलग समझ में आ रहे थे.

जैसे ही वो नीचे झुकती, उसके गोल-गोल बड़े-बड़े बूब्स मुझे सॉफ-सॉफ दिख जाते थे. ये सब देख कर मेरा लंड मेरे लोवर में खड़ा हो गया, और एक टेंट से बन गया. अब मुझे बड़ी शरम आने लगी. वो नज़रे चुरा कर ये सब देख रही थी. फिर मैने रूम की लाइट ऑफ की, और बिस्तर पर लेट गया.

इससे आयेज की कहानी अगले पार्ट में. अगर कहानी अची लगी हो, तो शेर ज़रूर करे.