आंटी के साथ नहाते हुए सिगरेट पीने की कहानी

मैने थोड़े और ज़ोर से शॉट मारे. छूट और लंड के टकराने से फॅट फॅट फॅट शत शत शत की आवाज़ गूँज रही थी. निशा के बूब्स हर धक्के पर उपर-नीचे हो रहे थे.

निशा: ह ष्ह माआ उहह उफफफ्फ़ ऑश प्लीज़ प्लीज़ धीरे करो.

मैं: बस थोड़ी देर और मेरी जान. मेरा लंड तेरी छूट में अपनी पिचकारी निकालने वाला है.

निशा की छूट में मैं पुर दूं से झटके देने लगा. मैं अब झड़ने के करीब आ गया था. मैने कहा-

मैं: उहह आह मेरी जान. आज तुझे प्रेग्नेंट करके रहूँगा. तेरी छूट से मेरा बेबी जानम लेगा. ये ले, और ले, और ले साली.

निशा: ह आह उहह मा उम्म्म ह्म ह्म हा एस बना दो अपने बच्चे के मा. मुझे आपका बेबी चाहिए.

मैने अब आख़िरी 10 से 15 धक्के ज़ोरदार मारे, और एक ज़ोर की ह के साथ लंड ने छूट में अंदर तक पिचकारी निकाल दी. पूरा 7 इंच लंड अंदर जाके रस्स निकालने लगा. मेरा गरम लावा उसकी गरम छूट को ठंडा कर रहा था. निशा अपनी आँखें बंद करके और पसीने में मुझसे लिपट कर आह ष्ह उहह की सिसकी लेके खुद भी झाड़ गयी.

निशा ने मेरी कमर और गांद पर अपनी टांगे लिपटा रखी थी. उसने और ज़ोर से दबाव बनाया, जिससे लंड बाहर ना निकले. मैने भी और ज़ोर से दबाव बनाया, जिससे लंड अंदर ही छूट में दबा रहा.

दोनो का बदन पसीना-पसीना हो गया था. ठंड के मौसम में बदन गरम और पसीने वाला हो गया. निशा और मैं नंगे ही एक साथ चिपके रहे. मैने भी अपना लंड बिल्कुल भी नही हिलाया. जैसे अंदर छूट में था, वैसे ही रहने दिया. मैने कहा-

मैं: मेरी जान, तेरी छूट ने तो सारा पानी पी लिया.

निशा: मेरी छूट आपके लंड की प्यासी रहती है ना. इसने आपके पानी से प्यास बुझाई है. आप हो ही बड़े कमाल के हज़्बेंड. आपका ये सांड़ जैसा लोड्‍ा मुझे आज सुहग्रात के दिन प्रेग्नेंट करके रहेगा. कल कीट लाके चेक करना पड़ेगा आपके लंड ने क्या कमाल किया है.

इतना बोल के हम दोनो हेस्ट हुए एक-दूसरे को चूमने लगे. मैं उसकी ज़ुबान को चूज़ जेया रहा था. वो भी मेरी ज़ुबान का रस्स पी रही थी. 10 मिनिट तक हम एक-दूसरे से चुम्मा-छाती करते रहे. उसके बाद वो बोली-

निशा: सुनो जी. प्लीज़ अब नींद आ रही है. सो जाते है ना.

मैं: हा मेरी जान. तुझे बातरूम नही जाना है क्या?

निशा: मेरी अब यहा से उठने की हिम्मत नही हो रही है. आपको ही अब सब कुछ करना होगा.

मैं उसकी बात समझ गया. मैं फिर बेड से उठा. हम दोनो पुर नंगे थे. रूम एसी की वजह से पूरा ठंडा हो चुका था. निशा का बदन और छूट लंड की मार से ठंडे पद गये थे.

मैने दोस्त की नंगी मा को बेड से उठाया, और बातरूम ले जाने लगा. निशा की आँखें हल्की खुली थी, उसे नींद आ रही थी.

निशा बोली: आपकी बाहों में रहने का मज़ा स्वर्ग से भी बड़ा है. आपका प्यार हमेशा के लिए मेरे साथ है ना?

मैं: हा, तू ऐसा क्यूँ बोल रही है? मैं तेरे साथ हू, तुझे लाइफ टाइम प्यार करूँगा.

निशा: ई लोवे योउ उम्म्म्म. आप बहुत क्यूट हो. आपका प्यार ही मुझमे जीने की इक्चा जगा रहा है.

निशा ने दोनो हाथ मेरे गले में बांड लिए, और मैं उसे बातरूम में ले जाने लगा. बातरूम के बात्ट्च्ब में हम दोनो एक साथ उतार गये. वो बोली-

निशा: प्लीज़ अब आप कुछ नही करोगे. जल्दी से नहा लो, और मुझे नहला दो.

मैं: हा मेरी जान. आज की सुहग्रात पूरी हो गयी है. अब कल करेंगे.

निशा को मैने पानी में ही छ्चोढ़ दिया, और रूम में जाने लगा. तो वो बोली-

निशा: मुझे अकेला छ्चोढ़ के कहा जेया रहे हो आप?

मैं: कही नही जेया रहा हू. मैं रूम में से सिगरेट लेके आ रहा हू. 5 मिनिट सिगरेट का और नहाने का मज़ा लेके फिर सोने चलेंगे.

निशा: ओक, जल्दी लेके आओ.

फिर मैं रूम में से सिगरेट लेके आया. मैने दोनो सिगरेट जला दी, और एक मेरी जान को दे दी. निशा और मैं बात्ट्च्ब में एक-दूसरे के साथ बातें करते हुए पीने लगे.

निशा ने अपना सिर मेरे कंडे पर रख लिया. वो आज बहुत ज़्यादा तक चुकी थी. उसके बदन में अब ज़रा भी ताक़त नही रही थी. मैने कहा-

मैं: क्या हुआ बेबी? आज तो तू बहुत ज़्यादा तक गयी है. ऐसे रोज़ थकने लगेगी तो प्यार कैसे करेंगे?

निशा: क्या आप भी. आपने कितना सेक्स किया है आज. मेरा पूरा बदन तोड़ दिया है. छूट में अब भी दर्द हो रहा है, और आप ऐसा बोल रहे हो. इतनी चुदाई तो मैने कभी नही की है, और ना ही देखी है. जितना आपने आज एक रात में कर दिया.

मैं: मेरी बुलबुल, गुस्सा मत हो. तुझे आदत डाल रहा हू. अब तो हर रोज़ ये सब चलता रहेगा. तू क्या हर बार माना करेगी.

निशा: मैने कब माना किया है. आपके प्यार में ही रहती हू. बस पहली बार इतना चूड़ी हू आप से. आप बहुत तका देते हो.

निशा: आप इतना स्टॅमिना कहा से लाते हो? आपका लंड अभी भी खड़ा होने जेया रहा है. इसे अभी रोको, वरना फिरसे शुरू हो जाएगा.

मैं: ये सिर्फ़ तेरी जवानी को देख कर खड़ा होता है. तुझसे बहुत प्यार करता है ये.

निशा हेस्ट हुए मेरे गांद पर मारने लगी. फिर हमने जल्दी से सिगरेट ख़तम की. उसके बाद हम दोनो बात्ट्च्ब में नहाने लगे. मैं उसकी छूट पर पानी से हाथ घूमते हुए सॉफ करने लगा था. दोस्तों उसकी छूट का छिलका बाहर लटक रहा था. मैं हल्के हाथो से छूट को रग़ाद रहा था. इससे निशा की सिसकी निकल गयी.

निशा: ष्ह उहह बाबा. धीरे करो ना आज, छूट में बहुत दर्द हो रहा है.

मैं: मेरी रानी धीरे ही सॉफ कर रहा हू. तू ही इतनी कोमल है मैं क्या करू.

दोस्तों कोई भाभी या आंटी जो निशा जैसे प्यार की भूखी है. तो मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मेसेज करे. आपको पूरा सपोर्ट और सेक्यूर सॅटिस्फॅक्षन मिलेगा.

ये स्टोरी मेरी रियल है. इसे प्लीज़ कोई फेक ना समझे. किसी बॉय को भी चूड़ना है तो मुझे मैल करे.

थॅंक्स.