ही दोस्तों, मेरा नाम ऋषि है, और मैं अपनी स्टोरी के लास्ट पार्ट के साथ आप सब के सामने हाज़िर हू. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले वो पढ़े, और उसके रिव्यू ज़रूर दे.
पिछले पार्ट्स में आप सब ने पढ़ा की कैसे मैं नये फ्लॅट में शिफ्ट हुआ, और बिल्डिंग के गार्डेन में रिंकी भाभी से मिला. फिर हमारी जान-पहचान हुई, और मैने उसको अपनी बर्तडे पार्टी पर बुलाया. फिर बियर पीने के बाद हमने बातें की, और मैने उसको किस करने की कोशिश की. लेकिन तभी वो खड़ी हो गयी. अब आयेज बढ़ते है.
रिंकी भाभी खड़ी हुई, और जाने लगी. मैने तभी उनका हाथ पकड़ लिया, और उनको रोक लिया. फिर मैं भी खड़ा हुआ, और पीछे से उनके पास चला गया. मैने अपनी बाहें उनकी कमर के गिर्द फैलाई, और उनको अपनी बाहों में भर लिया. तभी वो बोली-
रिंकी: मत करो ऋषि ऐसा, ये ग़लत है.
मैं: कुछ ग़लत नही है. अगर किसी से प्यार करना ग़लत है, तो दुनिया में सब ग़लत है.
रिंकी: मैं किसी और की हो चुकी हू. अब दोबारा किसी की नही हो सकती.
ऋषि: जब कोई इंसान दुनिया से चला जाता है, तो सारे रिश्ते ख़तम हो जाते है. अब वक़्त है एक नये रिश्ते की शुरुआत करने का. अपनी ज़िंदगी में उस प्यार को आने दो जिसकी तुम्हे बहुत कमी है.
रिंकी: प्लीज़ ऋषि.
मैं: प्लीज़ रिंकी.
फिर मैने भाभी को अपनी तरफ घुमा लिया. उन्होने अपना सर झुकाया हुआ था, और उनकी आँखों में आँसू थे. मैने उनकी चीन पर हाथ रख कर उनके फेस को उपर उठाया, और अपने होंठ उनके होंठो से मिला दिए. इस बार वो पीछे नही हुई.
मैं उनके रसीले नमकीन होंठो को चूसने लग गया. वो अपनी मुति भींच कर खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी. एक तो पता नही कितनी देर से उनको किसी मर्द ने च्छुआ नही था, दूसरा बियर नशा. तो कंट्रोल कर पाना मुश्किल था. मैने अपना एक हाथ उनके सर के पीछे बालों में रखा, और होंठ चूस्टा रहा.
फाइनली उन्होने हार मान ली, और किस में मेरा साथ देने लगी. उनका साथ पाते ही मैने उनको बाहों में भर लिया, और उनकी पीट सहलाने लगा. वो वाइल्ड किस कर रही थी. शायद सालों बाद चढ़ि गर्मी का असर था.
मैं भी किस करते हुए अपने हाथ उनकी गांद पर ले गया, और उनके चूतड़ दबाने लग गया. जैसे ही मैने उनका चूतड़ दबाया, किस करते हुए वो ह्म ह्म करने लग गयी.
फिर मैने उनकी ड्रेस पीछे से उपर उठा दी, और पनटी के उपर से उनके चूतड़ मसालने लग गया. उन्होने लाइट ग्रे रंग की वाइट डॉट्स वाली पनटी पहनी हुई थी. इस सब के दौरान हम एक-दूसरे के होंठ चूज़ जेया रहे थे.
फिर मैने उनके होंठ छ्चोढे, और उनकी गर्दन चूमने लगा. गर्दन चूमते हुए मैने उनकी ड्रेस शोल्डर्स से सरका कर नीचे की, जिससे उनकी आधी क्लीवेज नज़र आने लगी.
ड्रेस और नीचे नही गयी, क्यूंकी शोल्डर्स पर आ कर टाइट हो गयी थी. मैने देखा भाभी खुद से अपना हाथ पीछे लेके गयी, और ड्रेस की बॅक ज़िप खोल दी, ताकि मैं उसको उतार साकु. फिर मैने उनकी ड्रेस को उनके बदन से अलग कर दिया. अब भाभी मेरे सामने ब्रा और पनटी में थी. उन्होने वाइट ब्रा पहनी हुई थी.
फिर हमारी किस फिरसे शुरू हो गयी. मैने किस करते हुए भाभी को बाहों में उठाया, और बेडरूम में ले गया. बेडरूम में जाते ही मैने उनको बेड पर लिटाया, और अपने कपड़े उतारने लग गया. अब मैं पूरा नंगा था भाभी के सामने.
मेरा मोटा लंड देख कर वो खुश हो गयी, और जल्दी से घुटनो पर आके मेरा लंड पकड़ लिया. फिर उन्होने लंड हिलना शुरू किया, और मेरी तरफ वासना भारी नज़रो से देखने लगी.
उसके बाद उन्होने लंड को किस किया, और मूह में डाल लिया. लंड उनके मूह में जाते ही मेरी आ निकल गयी. फिर वो मूह आयेज-पीछे करके मेरा लंड चूसने लग गयी. बहुत मज़ा आ रहा था. घोड़ी बन कर उनकी गांद और भी बड़ी लग रही थी.
फिर मैं भी कमर आयेज-पीछे करके उनके मूह में धक्के देने लगा. उनकी सेक्सी गांद देख कर मैं खुद को उस पर थप्पड़ मारने से नही रोक पाया, और मैने 2-3 थप्पड़ मार दिए उनकी गांद पर. इससे वो और हॉर्नी हो गयी, और ज़ोर-ज़ोर से लंड चूसने लगी.
फिर मैने लंड उनके मूह से निकाला, उनको सीधा किया, और उनकी पनटी उतार दी. उनकी चिकनी छूट देख कर मैं पागल हो गया, और उसको चाटने लग गया. वो आ आ कर रही थी, और मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी. बड़ा मस्त स्वाद था भाभी की छूट का.
कुछ देर छूट चाटने के बाद मैं उनकी टाँगो के बीच आया, और उस पर अपना लंड रगड़ने लगा. वो चुदाई की तड़प भारी नज़रो से मुझे देख रही थी. फिर रगड़ते-रगड़ते मैने उनकी छूट में ज़ोर का धक्का मारा, और पूरा लंड एक ही बार में उनकी छूट में घुसा दिया.
उनकी ज़ोर से चीख निकली, और मेरी भी आहह निकल गयी. काफ़ी टाइम से ना चूड़ने की वजह से उनकी छूट बहुत टाइट थी. ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी कुवारि छूट को छोड़ रहा था. उनको दर्द भी काफ़ी हो रहा था.
फिर मैने लंड अंदर-बाहर करके उनको छोड़ना शुरू कर दिया. उन्होने मुझे अपने पास खीच कर किस करना शुरू कर दिया, और अब मैं उनको किस करते हुए उनकी छूट छोड़ रहा था. बड़ा मज़ा आ रहा था. धीरे-धीरे मैने अपनी स्पीड बधाई, और ज़ोर के झटके लगा कर उनको छोड़ने लगा.
वो आ आ कर रही थी, और उनकी छूट बहुत पानी छ्चोढ़ रही थी. छूट के पानी की वजह से छाप-छाप की आवाज़े आनी शुरू हो गयी थी. मैने उनके बूब्स चूस-चूस कर लाल कर दिए थे. वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और अब मेरे झड़ने की बारी थी. मैं जैसे ही झड़ने वाला हुआ, तो मैं लंड बाहर निकालने लगा. लेकिन उसने मेरी कमर पकड़ कर मुझे रोक लिया और बोली-
रिंकी: अंदर ही निकाल दो.
फिर मैने कुछ और ज़ोर के धक्के लगाए, और पानी अंदर ही निकाल दिया. उस दिन से हमारी हफ्ते में 2-3 बार चुदाई हो जाती है.
दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो तो इसको आयेज भी शेर करे. [email protected]