टापू ने चोदा सोनू और माधवी को

गाड़ा परिवार आमेडबॅड गया हुआ था, क्यूंकी दया की मा की तबीयत खराब थी. पर टापू का एग्ज़ॅम था, तो वो नही जेया पाया था उनके साथ. तो जेथलाल उसको भिड़े का पास छ्चोढ़ गया था. अब टापू और भिड़े एक कमरे में सोता था, और सोनू और माधवी एक कमरे में सोते थे. फिर एक रात जब सुबा के 2 बाज रहे थे.

टापू (मॅन में): अर्रे यार, बहुत भूख लग रही है. किचन में जाके देखता हू, कुछ मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए.

जब टापू किचन का पास जेया रहा होता है, तो सोनू के कमरे की लाइट्स ओं हो रखी होती है. टापू वो लाइट्स देखता है, और सोचता है-

टापू (मॅन में): शायद सोनू लाइट बंद करना भूल गयी होगी. कोई नही मैं कर देता हू.

तब टापू कमरे के अंदर जाता है. अंदर जाते ही वो शॉक हो जाता है. क्यूंकी सोनू पेट का बाल बेड पर सोई होती है, और माधवी गांद के बाल.

टापू (मॅन में): अर्रे यार ये सोनू की गांद इतनी मस्त है, और ये माधवी का चुचा कमाल का है. साली रंडी ना दूध की फॅक्टरी बना रखी है.

फिर टापू सोनू का पास जाता है, और उसकी शॉर्ट्स के उपर से ही उसकी गांद दबाने लगता है. उसके बाद वो धीरे-धीरे करके उसकी शॉर्ट्स नीचे कर देता है, और वो देखता है की सोनू ने काले रंग की कक़ची पहन रखी थी, जो उसकी गोरी गांद पे बहुत सेक्सी लग रही थी.

अब टापू से सबर नही होता है, और वो सोनू की गांद पे किस करने लगता है. उसके बाद अपना मूह सोनू के गांद में डाल के चाटने लगता है. पर फिर वो देखता है की सोनू की नींद खुल रही थी. तो वो जल्दी से सोनू की शॉर्ट्स उपर करके कमरे से बाहर आ जाता है, क्यूंकी वो रिस्क नही लेना चाहता था.

टापू मॅन में सोचता है: कुछ तो प्लान करना पड़ेगा, जिससे मैं इन दोनो रंडियों को पाल पौ.

अगली सुबा टापू अब्दुल सा बोल के सेक्स चढ़ने की दवाई मंगवा लेता है, ये बोल के की उसको केमिस्ट्री प्रॉजेक्ट के लिए चाहिए. रात को खाना के समय टापू चुपके से वो सेक्स चढ़ने की दवाई खाने में मिला देता है. वो खुद उस दिन खाना नही खाता, और फिर वो वेट करता है. फिर सूभ के 2 बजे-

टापू: अब तक तो दवाई का असर हो गया होगा. पर फिर भी एक बार चेक कर लेना छैइया.

फिर वो पहले भिड़े को चेक करता है की वो कक़ची नींद में था या गहरी नींद में. वो उसको आवाज़े लगता है, और हिलता भी है, लें भिड़े नही उठता.

टापू: अर्रे वाह, आज की रात तेरी है टापू.

फिर वो जल्दी से सोनू के कमरे में जाता है. कमरे में सोनू और माधवी फिर से दोनो गांद के बाल सोई हुई थी. टापू सोनू के पास जाता है और उसको लिप्स पर किस करने लगता है. सोनू गहरी नींद में थी, और कुछ रिक्ट नही करती.

फिर वो उसकी त-शर्ट उतारता है, और फिर उसकी ब्रा उतार कर उसके बूब्स चाटने लगता है, और ज़ोरो से दबाने लगता है. फिर टापू अपना लंड निकालता है जो सरिया बन चुका था, और 6 इंच का था. टापू अपना लंड सोनू के मूह में डाल कर उसका मूह छोड़ना लगता है.

तभी सोनू की आँखें खुल जाती है. वो टापू का लंड अपने मूह में देख के हैरान हो जाती है. लेकिन सेक्स की दवाई का असर होने की वजह से उसको मज़ा आने लगता है. मूह छोड़ते हुए टापू सोनू की शॉर्ट्स और पनटी उतार कर उसकी छूट में उंगली डालने लगता है. क्यूंकी सोनू वर्जिन थी, तो उसकी छूट टाइट थी. इससे टापू को और भी मज़ा आ रहा था.

फिर वो 69 पोज़िशन में आ कर अपनी जीभ सोनू की छूट में डाल दाता है, और उसका साथ सेक्स करने लगता है. उन दोनो की आवाज़ सुन कर माधवी की नींद भी खुल जाती है. टापू देख लेता है की माधवी जाग चुकी थी. माधवी को भी सेक्स चढ़ा होता है.

फिर टापू माधवी पे आता है, और सबसे पहले वो उसको किस करने लगता है. माधवी भी उसका साथ देती है. टापू माधवी की निघट्य उतार देता है. माधवी का मोटा-मोटा चुचा देख कर समझो टापू जैसे पागल ही हो जाता है, और उसपे टूट पड़ता है.

फिर वो माधवी की पनटी उतार दाता है. पर क्यूंकी माधवी की छूट का भोंसड़ा बना हुआ होता है, और उसकी छूट पर बहुत सारे झांट का बाल भी होते है, तो टापू को गुस्सा आ जाता है. फिर वो किचन से जाके एक बेलन ले आता है. वापस आके वो माधवी को बोलता है-

टापू: आबे रंडी की बाकची, साली कुटिया, साली ये झांट के बाल नही काट सकती थी क्या?

ये बोल कर टापू वो बेलन माधवी की छूट में घुसा देता है, पर वो बेलन आराम से उसकी छूट में घुस जाता है. इस वजह से टापू को मज़ा नही आता. फिर टापू उस बेलन को छूट से निकाल कर उसपे थूक लगा कर माधवी की गांद में डाल देता है. इससे माधवी की चीख निकल जाती है, और उसकी गांद में से खून आने लगता है. फिर टापू वापस सोनू का पास आता है.

सबसे पहला टापू सोनू की छूट चाटना लगता है, जिससे वो सिसकियाँ भरने लगती है. फिर वो उसे घोड़ी बना कर उसकी गांद के च्छेद में अपनी टंग डालने लगता है. ऐसा कुछ 15 मिनिट तक चलता है.

अब टापू से रुका नही जेया रहा था. फिर वो सोनू को सीधा करके उसकी छूट में अपना लंड डाल देता है. लंड अंदर जाने से सोनू की ज़ोर की चीख निकलती है. फिर धीरे-धीरे करके टापू अपनी स्पीड बढ़ा देता है. 5 मिनिट तक सोनू को ऐसे ही छोड़ने का बाद टापू सोनू को कुटिया बना कर कुत्तों की तरह ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगता है. 30 मिनिट तक सोनू को कुटिया की तरह छोड़ने का बाद टापू सोनू के अंदर ही झाड़ जाता है.

एक बार के लिए टापू शांत हो जाता है. लेकिन वो इतनी आसानी से कहा रुकने वाला था. अभी तो सोनू को छोड़ा था. अभी माधवी तो बाकी थी.

चलो गाइस, आज का लिए इतना ही. इस कहानी के मुझे और पार्ट्स बनाने चाहिए या नही, वो आप मुझे बताओ. तब तक के लिए हिलाते रहिए. अगर आपको स्टोरी अची लगी हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी ज़रूर शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.