मालिक-नौकरानी की चुदाई, और बीवी की ख्वाहिश

माया: उसने तो कहा कि बीच-बीच में भीमा से चुदवाती रहेगी। साथ ही उसने मुझसे भी नये-नये मर्द को ढूंढते रहने के लिए कहा। आनंद तुम चोदोगे उसे? उसका रेट दो हज़ार ही है और साली ने भीमा को दस हज़ार देकर चुदवाया। आनंद जैसा तुमने मुझे चोदा वैसा अगर दूसरी औरत को भी चोदोगे, तो अमीर बदसूरत औरत चुदवाने के लिए तुम्हें भी रुपया देगी।

अंजली: एक काम कर, कल आनंद की छुट्टी है। दोपहर में तू किसी चुदाई की भूखी औरत को ले आ। आनंद उसे चोदने का पैसा देगा या उससे ही पैसा लेगा वे दोनों जाने। वे चुदाई करेंगे और तू मुझे शहर दिखायेगी। मुझे कम से कम 25 फूलों वाला एक हार चाहिए। तुम दोनों एक राउंड और चुदाई करो मैं कुछ खाने के लिए बनाती हूं।

अंजली नंगी ही बाथरूम में चली गई।

माया‌ “अभी नहीं, अभी नहीं” करती रही, लेकिन आनंद ने खूब बढ़िया से रगड़ते हुए माया की बूर को बहुत ही प्रेम से चाटा और चूसा। माया किसी बिफरी हुई शेरनी जैसा लंबी-लंबी सांसे ले रही थी, और आनंद ने फिर उसे चोदा, बहुत ही बढ़िया से चोदा और माया दुबारा पूरी तरह से संतुष्ट हो गई।

आनंद: माया, तुम बहुत ही बढ़िया औरत हो। सच रानी तुमने मुझे बहुत ही ज़्यादा खुश किया है।

माया: आप से पहले 32 दूसरे लोगों से चुदवाया है लेकिन कभी ऐसी संतुष्टि, तृप्ति नहीं मिली थी।

आनंद ने इधर-उधर देखा। अंजली नंगी ही किचन में कुछ बना रही थी।

आनंद: तुम कह रही हो कि मैंने तुम्हें बहुत खुश किया, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि तुम्हारी सहेली मुझसे, मेरी चुदाई से खुश नहीं है। मुझे लगता है कि उस खूबसूरत औरत को मेरे जैसे साधारण चोदने वाले आदमी की चुदाई नहीं किसी जंगली कुत्ते या घोड़ा जैसे चुदाई करने वाले के साथ चुदाई चाहिए।

आनंद ने जब ख़ुद कहा कि वो एक साधारण चोदने बाला आदमी है, तो माया को इस आदमी से, आनंद से प्यार हो गया। माया आनंद के बदन को सहलाती रही।

माया: मुझे भी ये महसूस हो गया था कि अंजली को चुदाई की भूख है। लेकिन आनंद, मुझे माफ़ करना। मैंने तो सोचा था कि तुम ही उसे खुश नहीं कर पाते होंगे। लेकिन राज़ा तुम तो बहुत बढ़िया चोदते हो। मुझे लगता है कि अंजली अलग-अलग लोगों से चुदवाना चाहती है। उसके लिए कस्टोमर ढूंढने की कोशिश करुं? पहले उसे केडिया के सामने नंगा नचाती हूं। रंडी अगर तैयार हो गई तो उसे भीमा से भी चुदवाऊंगी, और अपने माली बल्लू से भी।

आनंद: तुझे जो करना है, अंजली को जिससे चुदवाना है चुदवा, लेकिन मुझे इस प्यारी माया की माया रोज़ देखनी है।

माया: कल से ही हर सुबह चुदवा कर घर से विदा करुंगी,‌ और ऑफिस से आओगे तब भी अपनी जांघों के अंदर बांध लूंगी। मैं मालिक से चुदवाऊंगी और मालकिन मेरा सब काम करेगी।

दोनों ने कुछ देर चुम्मा-चाटी की। उसके बाद माया ने अपना कपड़ा पहना ही था कि डोर पर नॉक हुआ।

माया: बाप रे, कितना चोदा आपने! 9 बज गया है।

अंजली ने अपना कुर्ता पहना और डोर खोला।

अंजली: ओह प्रकाश तुम, अंदर आओ। माया, तेरा भाई है। कुछ खाओगे पिओगे?

प्रकाश ने ना कहा।

प्रकाश: तीन महीने में आप पहले से भी ज़्यादा सुंदर हो गई है। हर जगह लोग आपकी ही बातें करते रहते हैं।

अंजली: प्रकाश, मेरी चापलूसी करने से कुछ नहीं मिलेगा। साहब की चापलूसी करोगे तो फ़ायदा भी होगा। तेरी बहन तो रात भी यही रहना चाहती है। साली मेरा ही सौतन हो गई है। माया, कल का काम याद है ना। समय पर आ जाना।

दोनों भाई बहन चले गये।

अंजली: माया को तुमने भर पेट खिला दिया। अब मुझे किसी बढ़िया होटल में खिलाओ। यार आज जैसा माया को चोदा तुमने, मुझे तो वैसा कभी नहीं चोदा। सच, आज तेरी चुदाई देख कर दिल खुश हो गया।

आनंद: मुझे भी तुम्हारी चुदाई देखनी है।

अंजली: पहले बढ़िया खाना खिलाओ। फिर जिससे भी बोलोगे चुदवा लूंगी। लेकिन मैं ख़ुद किसी को नहीं पटा सकती, तुम्हें ही मेरे लिए मर्द ढूंढने होंगे।

अंजली ने पति से कह दिया कि वो दूसरे से चुदवाने को तैयार थी। लेकिन आनंद को लगा कि उसने माया को दो बार चोदा इस कारण अंजली नाराज़ थी। आनंद कार से अंजली को शहर ले गया, और एक बढ़िया रेस्टोरेन्ट में खाना खिला कर वापस घर ले आया। दिन में अंजली ने दो आदमियों से चुदवाया था, और आनंद माया को चोद कर बहुत खुश था। रात में दोनों में से किसी ने चुदाई में कोई इन्टरेस्ट नहीं दिखाया।

सुबह अंजली उठी। उस दिन आनंद की छुट्टी थी। अंजली ने उसे नहीं उठाया। माया अपने समय पर आ गई।

अंजली: तू काम कर, मैं गार्डन में आधा-एक घंटा घूम‌ कर आती हूं।

माया ने कुरता के नीचे हाथ घुसा कर बूर को मसलना शुरु किया।

माया: लगता है कि रात में आनंद साहब ने मेरी इस प्यारी बूर में लंड नहीं पेला।

अंजली ने माया को भी नंगा कर दिया। माया की चूचियों को मसलते हुए होंठों को चूमा।

अंजली: मेरे घरवाले को तेरी जवानी बहुत पसंद आ गई है। साले ने तुम्हें 2-2 बार चोदा, फिर भी तेरी ही जवानी के गुण गाता रहा। तू चुदवा या अपनी भाभी को आनंद से चुदवा मुझे कोई चिंता नहीं। मुझे ऐसे आदमियों से चुदवाना है जो जानवर जैसा चोदते हो।

माया अंगुलियों से अंजली को चोदने लगी।

माया: तू बोल तो तुम्हें जानवर जैसे आदमी से ही क्यों असल जानवर से भी चुदवा दूंगी!

अंजली: पहले तू मेरे सामने चुदवा उसके बाद तू जितना बोलेगी जिससे बोलेगी चुदवा लूंगी। मुझे अब आनंद से चुदवाने में कोई मज़ा नहीं आता है।

माया: मैं यहां आ रही थी तो रास्ते में केडिया मेरा इंतज़ार कर रहा था। वो आज कभी भी आयेगा और तुम्हें नंगा होने बोलेगा।

अंजली: लेकिन आज तो आनंद घर में ही है।

माया: रानी रंडी-पना करना है तो खुल कर कर। कोई दूसरा तेरे घरवाली से कहें उसे ख़ुद मालूम होने दे कि तू रंडी है। वैसे चिंता मत कर, देखती रह, आनंद ख़ुद तुम्हें केडिया के सामने नंगी रहने कहेगा। तू कितनी क़ीमत लेगी ख़ुद फ़ैसला कर ले। रानी, अब तू उसकी नज़र में आ गई है तो भले ही तू भीमा या बल्लू से मत चुदवा, केडिया जी भर कर तेरी बूर चाटेगा, चूचियों को चूसेगा। चल ऐसे ही नंगी रह।

अंजली: इतनी आसानी से उसे अपनी बूर नहीं चाटने दूंगी, लेकिन तू अगर उसके और आनंद के सामने 10 मिनट भी नंगी रहेगी, तो मैं तुम्हें दस हज़ार दूंगी।

माया को अचंभित छोड़ अंजली ने पूरा साड़ी सेट, पैंटी, पेटीकोट, ब्रा और ब्लाउज़ भी पहन लिया। साड़ी पहनने लगी।

अंजली: मैं गार्डन में घूम कर आती हूं। तू अपने यार को खुश कर दें।

माया को नंगा छोड़ अंजली बाहर चली गई। थोड़ी देर जान-बूझ कर उस तरफ़ नहीं गई जिधर बल्लू काम कर रहा था। अंजली ने कनखियों से देखा कि बल्लू बार-बार उसकी तरफ़ देख रहा था, लेकिन अंजली उसके पास नहीं गई। आख़िरकार बल्लू से बर्दाश्त नहीं हुआ। अपना काम छोड़ कर अंजली के पास आ गया। बल्लू ने उसका हाथ पकड़ना चाहा लेकिन अंजली झटक कर अलग हो गई।

बल्लू: मालकिन, जितना परेशान कल आपके साथ प्यार करने के बाद से हूं, उतना परेशान मैं तब भी नहीं हुआ था जब सीमा मुझे छोड़ कर गई थी।