स्टेशन पर अंजन आदमी की रंडी बनने की स्टोरी

ही फ्रेंड्स, मैं हू आपकी पुष्पा. एक लंबे अरसे बाद पुनः एक बेहद रोमांचक चुदाई से भरपूर कहानी लेकर उपस्थित हो रही हू. आप लोग पूछेंगे पुष्पा डार्लिंग, तू इतने दिन हमारे बीच क्यूँ नही थी. तो मैं आप लोगों को बता डू, मैने शादी कर ली है, और वो भी अपने से आधी से भी कम उमर के लड़के से.

शादी के बाद मैं छुड़वाने में ऐसी मशगूल हुई, की मैं कहानी लिखना भूल गयी. मेरे पति देव है तो बेरोज़गार, लेकिन छोड़ने में माहिर है. एक बार की चुदाई से तो उनकी प्यास अधूरी ही रह जाती है. पुर एक साल के बाद मेरे कोमल जिस्म को उनसे तोड़ा आराम मिला है.

आक्च्युयली वो काम की तलाश में देल्ही गये हुए है, और मैं आप लोगों के बीच आ गयी. आज मैं जो कहानी आप लोगों को सुनने जेया रही हू, वो मेरी एक सहेली सहकर्मी सुनीता मेडम की कहानी है. अब मैं पहले आप सब को उसके बारे में बता देती हू.

सुनीता माँ की मस्त गोरी कंचन काया किसी भी मर्द को मोहित करने वाली है. उनके लंबे बदन पर 36″ साइज़ की क़ास्सी-क़ास्सी चूचियों को देख कर तो उनकी सहेलियाँ भी उन पर मार मिटने लगती है. अब अगर सहेलियों का ये हाल है, तो लड़कों के हाल का अंदाज़ा आप खुद लगा सकते हो.

मैं उनकी कहानी अपनी ज़ुबानी आप लोगों के समक्ष रख रही हू. ये कहानी जन्वरी 23 की है. मैं ट्रेन से अरुणाचल प्रदेश के इटानगर जेया रही थी. मुझे गुवाहाटी में दूसरी ट्रेन लेनी थी. मैं गुवाहाटी रात के 01 बजे पहुँची. कड़ाके की ठंड थी.

मैने रात स्टेशन पर ही बिताने का फैंसला किया, और वेटिंग हॉल में अपना बिस्तर लगा कर कंबल डाले मैं समय पास कर रही थी. मैने जीन्स और शर्ट पहन रखी थी, जिसमे मेरा जिस्म बहुत सेक्सी लग रहा था.

तभी मेरी नज़र सामने बैठे एक लड़के पर गयी. वो लड़का 25-26 साल का होगा. वो मेरी तरफ ही देखे जेया रहा था. मैं तो पहले से ही चुदाई की शौकीन हू. उसको देख कर मेरे मॅन में भी गंदे ख़याल आने लग गये. मैने सोचा की लड़का जवान और तगड़ा लग रहा है, तो क्यूँ ना इसके साथ मज़ा किया जाए.

फिर मैने अपना कंबल अपनी जांघों से जान-बूझ कर नीचे खिसका दिया, ताकि वो मेरी कामुक जांघों को देखने का मज़ा ले पाए. और हुआ भी ऐसा ही. वो मेरी जांघों और गांद को घूर-घूर कर देखने लगा.

वो भी समझ गया था, की मैं चुड़क्कड़ किस्म की औरत हू. फिर जब मैने उसकी तरफ देखा, तो उसने मुझे जीभ निकाल कर चाटने का इशारा किया. उसके ऐसा करने से मैं और गरम हो गयी. मैं चाहती थी, की वो अपनी जीभ को इसी तरह मेरी छूट पर चला कर उसको छाते.

अब अगला स्टेप लेने की बारी थी. मैं खड़ी हुई, और उसकी तरफ पीठ करके उसको अपनी जीन्स में टाइट गांद दिखाने लग गयी. फिर मैने जान-बूझ कर कुछ नीचे गिरा दिया, और उसको उठाने के बहाने नीचे झुक गयी.

अब आप सब तो जानते ही है, की जब मोटी गांद वाली औरत नीचे झुकती है, और वो भी जीन्स पहन कर, तो लड़कों का क्या हाल होता है. ऐसा ही कुछ हाल उसका हुआ था. फिर मैने घूम कर उसकी तरफ देखा, उसको एक स्माइल दी, और बातरूम की तरफ चली गयी.

जब मैं बातरूम में एंटर करने लगी, तो मैने उसको पीछे देख कर एक स्माइल की. ये मेरा उसको अपने पीछे बुलाने का इशारा था. फिर मैं बातरूम के अंदर चली गयी. मैं टाय्लेट कॅबिन में अभी घुसी ही थी, की मेरे कॅबिन का दरवाज़ा नॉक हुआ.

मैने दरवाज़ा खोला, तो वो लड़का अंदर घुस आया. हम दोनो ने एक-दूसरे को देख कर स्माइल की. हम दोनो एक-दूसरे को देख कर पुर एग्ज़ाइटेड हो रहे थे, लेकिन दोनो में से कोई कुछ बोल नही रहा था.

तभी उसने अपने हाथ मेरी कमर में डाले, और मुझे अपने साथ चिपका लिया. उसने अपने होंठ आयेज बढ़ाए, और मैने भी अपने होंठो को आयेज बढ़ाया. हम दोनो के होंठ मिले, और हमारा चुंबन शुरू हो गया.

हमारा चुंबन शुरू होते ही वाइल्ड हो गया. हम दोनो पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे. वो होंठ चूस्टे हुए अपने हाथ मेरी गांद पर ले गया, और उसको दबाना शुरू कर दिया. क्या मर्दाना हाथ थे उसके, जो ज़ोर-ज़ोर से मेरी गांद को दबा रहे थे.

फिर उसने मेरी शर्ट को खोला, और मैने भी बिना देरी किए अपनी ब्रा उतार कर नीचे फेंक दी. मेरे मोटे-मोटे रसीले बूब्स देख कर वो पागल हो गया. उसने मेरे बूब्स पर ज़बरदस्त हमला किया, और उनको अपने हाथो में लेके चूसने लग गया.

मैं भी आयेज होके उसको अपने बूब्स का रस्स पीला रही थी. कुछ देर बूब्स चूसने के बाद वो मेरी कमर पर आया, और मेरा पेट और मेरी नाभि चूसने लग गया.

फिर वो घुटनो के बाल बैठा, और मेरी जीन्स का बटन खोलने लग गया. बटन खोल ने उसने जीन्स उतार दी, और अब मैं उसके सामने सिर्फ़ पनटी में थी. वो मेरी पनटी पर छूट वाली जगह पर अपनी जीभ चलाने लगा.

मैने उसको कहा: सेयेल जब नंगी छूट चाटने को मिल रही है, तो पनटी के उपर से क्यूँ चाट रहा है?

ये बोल कर मैने अपनी पनटी उतार दी. अब मेरी नंगी छूट उसके सामने थी. उसने बिना देर किए अपनी जीभ मेरी छूट पर लगा दी, और उसको कुत्तों की तरह चाटने लग गया. मैं कामुक सिसकियाँ भर रही थी, और उसका सर अपनी छूट में दबा रही थी.

फिर वो खड़ा हुआ, और नीचे से नंगा होके अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसका विशाल लंड देख कर मैं खुश हो गयी. मैने घुटनो पर जाके उसके लंड को अपने मूह में डाल लिया. वो भी मेरे मूह में धक्के देने लगा.

जब लंड थूक से पिलपिला हो गया, तो उसने मुझे खड़ा करके घोड़ी बना लिया. फिर उसने पीछे से लंड मेरी छूट पर सेट किया, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देके छोड़ने लग गया. इतना मज़ा आ रहा था, की मैं बता नही सकती.

आधा घंटा वो मेरी छूट को रॉंड-रॉंड कर छोड़ता गया. फिर उसने अपना गरम वीर्या मेरे अंदर ही निकाल दिया. मैं तक कर वही गिर पड़ी, और वो अपने कपड़े पहन कर चला गया. कहानी का मज़ा आया हो तो मैल ज़रूर करे.