ससुर और बहू की चुदाई कहानिया

ही दोस्तो, उमिद इस सेक्स कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए “हवस के रिश्ते-6” ज़रूर पढ़िए. अब आयेज..

रात होते ही डिन्नर करने के बाद वो दोनो बहें रूम मे अलग अलग बेड पर ल्ट गयइ. सुनीता जान बुझ कर अपनी आँखें बंद करके सोने का नाटक कर र्ही थी. रात 10 बजे दरवाजा खुलने की आवाज़ आती है. ये आवाज़ सुनते ही सुनीता एक दम से अलर्ट हो जाती है.

सुनीता कंबल मे से चुपके से एक अंखँ से बाहर देखती है, की उसकी बहें के ससुर राम लाल अंदर आ गये है. अंदर आते ही उन्होने डोर को अंदर से लॉक कर दिया है, और अपने दबे पाँव से वो चुपके से कंबल मे घुस गये है.

अनिता पहले से ही चुदाई के त्यआर थी, इसलिए वो सिर्फ़ ब्रा और पाठीकोआट मे थी. राम लाल भी झट से ही कंबल मे आया, और उसने अपने सारे कपड़े झट से निकल दिए. उन्होने अनिता को भी पूरा नंगा कर दिया, और खुद उसके उपेर चाड कर वो चुदाई शुरू करने लग गये.

राम लाल चुदाई करते हुए अनिता के कान मे धीरे से बोला – जान आज मैं विस्की ले कर आया हूँ. आज मैं बॉटल की सील और तुम जेसी जवान लड़कियो सील एक साथ खुलूंगा.

राम लाल बॉटल देख रा था, पर तभी अनिता ने उसे रोकते हुए खा.

अनिता – रूको जानू अभी न्ही पहले तुम मेरी छ्होटी बहें को काबू मे कर लो. उसके बाद मैं खुद तुम दोनो को अपने हाथ से पिलौंगी. और तुम दोनो के साथ मैं भी पियूंगी. बॉटल का दखन खुलने से पहले मेरी बहें की कवरी छूट का दखन खुलेगा.

राम लाल मुस्कुरा कर अनिता के होंठो पर किस करे बोला – ई लोवे योउ मेरी जान तू मेरे लिए सब कुछ करने को त्यआर है. यहाँ तक की अपनी छ्होटी कवरी बहें की सील भी तुड़वाने को त्यआर हो गयइ.

अनिता – मेरे जानू जब आप अपना सब कुछ मेरे उपेर लूटा र्हे हो. तो इतना सा काम तो मैं आपको खुश करने के लिए कर ही स्काती हूँ.

सुनीता कंबल को तोड़ा सा उपेर उठा कर सब कुछ सॉफ सॉफ देख र्ही थी. रूम मे एक छ्होटा सा नाइट बल्ब ओं था, उसकी रोशनी मे सुनीता को लंड छूट मे अंदर बाहर होता हुआ सॉफ सॉफ दिख रा था.

सुनीता को याद आया, की उसकी दीदी ने उसे खा था. की वो रात को उठ कर लाइट ओं कर दे और हुमारे पास आकर हुमारा कंबल उतार डियो. पर यहाँ पर तो कंबल के बाहर ही सब कुछ हो रा था. तभी सुनीता उठी और उसने लाइट ओं कर दी.

लाइट के ओं होते ही अनिता और राम लाल दोनो पूरे नंगे सेक्स करते हुए सुनीता के सामने आ गये. वो दोनो एक दम से दर गये और अपने उपेर कंबल लेने लग गये.

सुनीता – दीदी मुझे आपके साथ सोना है, क्योकि मुझे व्हन कोने मे दर लग रा है.

अनिता – तू पागल हो र्ही है क्या ? तूने अभी देखा न्ही हम दोनो क्या कर र्हे है. और उसके बाद भी तू हुमारे साथ सोने की ज़िद कर र्ही है ?

राम लाल – हन हन सुला ले इस बेचारी को, और वेसए भी इसे हम दोनो से क्या लेना. हम दोनो जो मर्ज़ी करे इस इससे क्या मतलब है. ये बेचारी तो साइड मे लेआतई रहगी. आज मेरी बेटी तू साइड मे ल्ट जा.

सुनीता झट से राम लाल की तरफ जा कर ल्ट गयइ और बोली – देखो मोसा जी आप दोनो को जो भी करना है वो करो, मुझे ज़ोर से नींद आ र्ही है इसलिए मैं तो सो र्ही हूँ.

उसके बाद अनिता और राम लाल की पहली चुदाई का पहला रौंद फिर से शुरू हो गया. सुनीता को अब छूट और लंड की एक एक आवाज़ सॉफ सॉफ सुनाई दे र्ही थी. इससे वो बहोट गरम हो चुकी थी, वो कभी बूब्स को मसल र्ही थी. तो कभी छूट को अपने हाथो से मसल र्ही थी.

थोड़ी देर बाद दोनो का पानी निकल गया और वो दोनो एक दम शांत हो गये. फिर राम लाल बोला.

राम लाल – लो मेरी जान अब विषकी पीते है, इससे जोश फिर से पूरा हो जाएगा.

अनिता – मैं तो थोड़ी सी पीउँगी, जानू आज तो तुमने मेरी छूट पूरी फाड़ ही दी है. मेरी छूट अभी तक दर्द हो र्ही है.

अनिता फिर से अपने ससुर के कान मे धीरे से बोली – आज मेरी बहें को छ्चोड़ना मत अपने लंड से इसकी पूरी छूट फाड़ कर र्ख देना. ये सिर्फ़ सोने का बहाना मार र्ही है. आज मैने वो सीडी दिखा कर तुम्हारा मोटा लंड छूट मे लेने के लिए, इसे पूरा त्यआर कर दिया है.

अभी भी लाइट ओं ही थी, और वो दोनो बहू ससुर बेड पर एक दम नंगे बैठे हुए थे. सुनीता की नज़र राम लाल के लंड पर पड़ी, उसका 10 इंच लंबा लंड देख कर वो एक बार तो दर ही गयइ. सुनीता सोच र्ही थी, ये किसी घोड़े का लंड है, या किसी इंसान का. क्योकि राम लाल लंड किसी घोड़े के लंड से छ्होटा न्ही था.

अनिता ने फिर बॉटल की सील तोड़ी और दो ग्लास मे दारू दल कर वो दोनो धीरे धीरे पीने लग गये. तभी सुनीता ने अपना सिर कंबल से बाहर निकाला और बोली.

सुनीता – दीदी आप ये क्या पी र्हे हो ? थोड़ी सी मुझे भी पीला दो ना.

अनिता गुस्से मे बोला – ज़हेर पी र्हे है, हम दोनो. तूने पीना है बीटीये ?

सुनीता – अगर आप डोगी तो ज़रूर पीउँगी.

राम लाल – अरे अनिता दे दो थोड़ी सी इसे भी.

अनिता ने कलपते हुए सुनीता का एक मोटा सा पेग बनाया, और उसे पकड़ा दिया. सुनीता ने झट से पेग पी लिया, उससे वो बहोट कड़वा लगा. अनिता ने उसके एक पेग मे अब पानी दल दिया. अब सुनीता ने दो पेग खींच लिए थे, और अब वो अपने कंबल मे सो गयइ थी.

शराब पीने के बाद राम लाल का सोया हुआ लंड फिर से पूरा खड़ा हो गया. उसने अनिता से इशारे मे सुनीता की चुदाई के लिए पूछा. अनिता ने धीरे से अपने सिर से हन करके रास्ता सॉफ कह दिया है.

राम लाल अनिता से जान बुझ कर बोला – अनिता आज तुम अपना दूसरा कंबल ले आयो, आज मैं अपनी बेटी के साथ सोना चाहता हूँ.

ये कहते ही राम लाल सुनीता के कंबल मे घुस गया. उसके हाथ सीधे ही सुनीता के बूब्स की और आ गये. सुनीता ने नीचे ब्रा न्ही डाली हुई थी, उसने सिर्फ़ निघट्य डाली हुई थी. राम लाल सुनीता के बूब्स पर हाथ र्ख कर सुनीता को देखने लगा की वो सच मे सो र्ही है, या नाटक कर र्ही है.

सुनीता अब सीधी हो ल्ट गयइ, उसकी आँखें बंद थी. जिससे ऐसा लगे की वो सो र्ही है. पर वो असल मे ये चाहती थी, की उसका जिस्म मसल मे राम लाल को ज़रा भी दिकाट ना आए. सुनीता की साँसे और दिल की धड़कन बहोट ज़ोर ज़ोर से चल र्ही थी. राम ने अपने होंठ सीधे सुनीता के कोमल और गुलाबी होंठो पर र्ख दिए, और वो ज़ोर ज़ोर से उसके होंठो को चूसने लग गया.

सुनीता जान बुझ कर बोली – अरे दीदी प्लीज़ रहने दो आप ये क्या कर र्ही हो ? प्लीज़ सोने दो मुझे अब.

राम लाल ने उसकी ज़रा भी परवाह न्ही करी, और अपने एक हाथ से उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया. और दूसरे हाथ से उसने उसके सारे जिस्म पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.

सुनीता को शराब का नशा हो चुका था. वो मदहोशी मे राम के लंड को भी चुने लग गयइ थी. सुनीता ने फिर राम लाल का लंड हाथ मे पकड़ा और उसे उपेर नीचे करते हुए बोली.

सुनीता – दीदी भला अब ये क्या चीज़ है ?

इतने मे राम लाल ने सुनीता की निघट्य को उतार कर साइड मे फेंक दिया, और उसके उपेर से कंबल उतार कर उसे नंगा करके बोला.

राम लाल – अनिता देख तेरी बहें बेहोशी मे ना जाने क्या क्या बोल र्ही है ?

अनिता सिर्फ़ अपने बहें के नंगे जिस्म को देख र्ही थी. राम लाल ने सुनीत की छूट को अपनी दो उंगलियो से खोल कर देखा और बोला.

राम लाल – जान देख तेरी बहें की छूट कितनी रस्स दर है. मेरा मान कर रा है, अभी के अभी तेरी बहें की छूट पर अपना मूह लगा कर. इसकी छूट का सारा पानी पी जौन.

अनिता – जानू अभी ये बेहोशी मे है. इस मोके का फ्यदा उठा लो, अभी तो आराम से छूट मे डलवा भी लेगी. अगर ये होश मे आ गयइ तो लंड डालना मुश्किल हो जाएगी. अब देर ना करो, अपना लंड इसकी छूट मे पेल दो.

राम लाल उसकी छूट को शेलना शुरू कर दी, और उसने अपनी दो उंगलिया उसकी छूट के अंदर दल अंदर बाहर करनी शुरू कर दी.

राम लाल – जान आज तूने मेरे लिए इसकी छूट को चिकना बनाया है ?

सुनीता – न्ही आज इसने खुद ही किए है, आज तो एक घनहते बाद बातरूम से बाहर निकली है.

राम लाल – ज़रा देखो तो इसकी छूट कितनी गरम है.

सुनीता तड़प्ते हुए बोली – हाए तो दल दो ना अपना डंडा मेरी छूट मे.

ये सुन कर राम लाल खुश हो गया, उसने ज़ोर ज़ोर से सुनीता के बूब्स चूसने शुरू कर दिए.

सुनीता के मूह से सेक्सी सिसकारियाँ निकालने लग गयइ, जो पूरे रूम मे गूँज र्ही थी. जिसे मोहल पहले से ज़्यादा गरम होने लग गया. राम लाल भी अब गरम होने लग गया, अब कुछ देर तक अपने बूब्स चुसवाने के बाद.

सुनीता उठ कर बैठी और राम लाल के लंड को वो पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपने मूह ले कर चूसने लग गयइ. सुनीता ने राम लाल के लंड को चूस चूस कर गीला कर दिया. फिर उसने अपने हाथ मे उनका लंड पकड़ कर अपनी छूट पर मसलना शुरू कर दिया.

सुनीता – मोसा जी अब दल भी अपना लंड मेरी छूट मे, मुझसे रुका न्ही जा रा है.

अब राम लाल ने अपना लंड उसकी छूट पर लगाया और धीरे धीरे उसकी छूट मे डालने लग गया. लंड अंदर जाते ही सुनीता के चेहरे के हॉ भाव बदलने लग गये. उसके चेहरे पर दर्द सॉफ सॉफ नज़र आ रा था. सुनीता की छूट की गरमी से राम लाल का लंड पागल हो उठा.

राम लाल से अब बर्दाश करना मुश्किल हो रा था. इसलिए उसने एक जोरदार ढाका मार जिससे उसका 10 इंच लंड एक ही बार मे सुनीता की छूट मे उतार गया. लंड के अंदर जाते ही सुनीता के छीलाने की आवाज़ रूम के बाहर तक जाने लग गयइ. उसकी ये हालत देख कर अनिता उसे दांते हुए बोली.

अनिता – चुप कर क्या ज़ोर ज़ोर से छिला र्ही है. सुनो जानू तुम रुकना मत छाए ये जितनी मर्ज़ी चिलाए या रोए. और तू इनके हर ढके का मज़ा ले, जितना दर्द हो रा है अब तुझे. इस टाइम उससे काफ़ी ज़्यादा मज़ा आअएगा बस थोड़ी देर दर्द का शहन कर ले मेरी बहें. बस एक बात लंड अपनी पूरी जगह छूट मे बना ले, उसके बाद सब ठीक हो जाएगा.

अपनी बड़ी बहें की बात सुन कर सुनीता के अंदर हिम्मत आगयइ, और अब उसने छीलना बंद कर दिया. बस वो नीचे लेआतई हुई, राम लाल के हर एक ढके को सहें कर र्ही थी. राम को भी अब उसकी गरम गरम छूट को छोड़ने मे बहोट मज़ा आ रा था.

अनिता ने नीचे देखा की चादर पर खून खून हो गया था, जो सुनीता की छूट मे से निकल रा था. करीब 10 मिनिट के बाद सुनीता की छूट पूरी तरह से अंदर तक खुल चुकी थी. अब सुनीता को लंड की रग़ाद मे भी जन्नत का मज़ा आ रा था. इसलिए वो ज़ोर ज़ोर से नीचे से अपनी गंद उठा कर राम लाल का साथ दे र्ही थी.

सुनीता – आहह अहः दीदी आप शी कह र्ही थी, दर्द न्ही मज़ा आ रा है. और ज़ोर से छोड़ो मुझे मोसा जी. आहह पूरा ज़ोर लगा कर मेरी छूट को फाड़ दो.

ये सुन कर राम लाल ने अपनी पूरी ताक़त से सुनीता को छोड़ना शुरू कर दिया. सुनीता ने अपनी दोनो राम लाल के चुटटरो पर सेट करी और नीचे से गंद उठा कर वो उसका साथ देने लग गयइ.

थोड़ी देर बाद सुनीता की छूट का पानी निकल गया, और उसके बाद वो 15 मिनिट तक आराम से लेआतए हुए राम के लंड के ढके का मज़ा लेती र्ही. फिर आख़िर राम लाल ने भी अपने लंड का सारा पानी उसकी छूट मे भर दिया. फिर वो दोनो आराम से ल्ट गये और सो गये.

रात करीब 3 बजे सुनीता उठी और वो राम के लंड को देखने लग गयइ. लाइट मे राम लाल का पर लगा उसकी छूट का खून और पानी चमक रा था. सुनीता ने झट से उसके लंड को अपने हाथो मे पकड़ लिया.

इतने मे अनिता और राम लाल दोनो जाग गये, वो अनिता की इस हारकेट को देख कर ज़ोर ज़ोर से हस्स पड़े.

राम लाल – क्यो सुनीता मज़ा आया आज ?

दोस्तो अब आयेज क्या हुआ, मैं आपको इस कहानी के अगले पार्ट मे ज़रूर बटुंगा. [email protected]