साली ने देखी जीजे और कामवाली की चुदाई

ही दोस्तों, मेरा नाम ज्योति है. मैं ब.आ. फाइनल एअर की स्टूडेंट हू. मैं उप से हू, और 21 साल की हू. मेरी हाइट 5’6″ है, और रंग गोरा है. फिगर मेरा 34-30-36 है. नैन-नक्श मेरे आचे है, इसलिए मुझे लड़कों के प्रपोज़ल्स की कभी कमी नही आती.

मेरी फॅमिली में मेरी मम्मी, पापा, एक बेहन है. बेहन मुझसे बड़ी है, और उसकी शादी 3 साल पहले हो चुकी है. उसका एक बेटा भी है. मेरे जीजा जी का अपना बिज़्नेस है, और वो हटते-काटते 6 फुट लंबे मर्द है. ये कहानी पिछले साल की है, तो चलिए शुरू करते है.

पिछले साल मैं अपनी दीदी के घर कुछ दिन रहने गयी थी. उनके घर में दीदी, जीजा जी, और उनका बेटा ही रहते है. जीजा जी की बाकी फॅमिली गाओं में रहती है. जब मैं वाहा पहुँची, तो मुझे दीदी और जीजा जी के बीच कुछ रूखा-पन्न सा फील हुआ. दोनो मुझसे तो हस्स के बातें कर रहे थे. लेकिन आपस में नज़रे नही मिला रहे थे.

फिर जब जीजा जी काम पर गये, तब मैने दीदी से पूछा: दीदी, आप दोनो के बीच कुछ हुआ है क्या?

दीदी: नही तो, क्यूँ?

मैं: मुझे सॉफ-सॉफ दिख रहा की आप दोनो आपस में सही से बात नही कर रहे हो.

दीदी पहले तो नही मानी, लेकिन फिर बोली: हा ज्योति, हमारे बीच में कुछ प्राब्लम चल रही है.

मैं: क्या हुआ, क्या प्राब्लम है?

दीदी: तुझे अभी ये बातें समझ मैं नही आएँगी.

मैं: दीदी मैं फाइनल एअर में हू, और बड़ी हो गयी हू. मुझे सब समझ आता है. आप बताओ तो.

दीदी: ज्योति तेरे जीजू को सेक्स से बहुत प्यार है. शादी के बाद उन्होने मुझे जाम के पेला. फिर प्रेग्नेन्सी के दौरान मैने उनके बड़ी मुश्किल से रोका. लेकिन बेटा होने के बाद वो फिरसे वैसे ही शुरू हो गये. चल 3-4 दिन में एक बार तो ठीक है. लेकिन वो मुझे एक दिन में 2-3 बार छोड़ना चाहते है. मुझसे इतना सहन नही होता, तो मैने उनको माना किया. और इसी बात पर वो मुझसे नाराज़ है.

मैं: दीदी अब जीजू ने आप से शादी करी है, तो आप से ही बोलेंगे ना सेक्स के लिए.

दीदी: इसका मतलब ये थोड़ी है, की दूसरे बंदे की हड्डी-पसली एक कर दो.

मैं: दीदी कही ऐसा ना हो, की वो अपनी प्यास बुझाने के लिए कही बाहर अफेर कर ले.

दीदी: अर्रे कर ले तो कर ले. मैं तो चाहती हू, की वो कर ले. कम से कम मुझे तो चैन आएगा. तुझे पता नही की वो जानवर बन जाते है बेड में आते ही.

मेरे पास दीदी की प्राब्लम का कोई सल्यूशन नही था. फिर एक दिन मैने जीजू के लंड की ताक़त देखी. दीदी अपनी किसी फ्रेंड के घर गयी थी. जीजू अपने काम पर गये थे. मैं घर पर अकेली थी. उनके घर में एक कांवली आती थी, जिसकी उमर कोई 30-32 साल की होगी. उसका नाम सुहासिनी था. वो विधवा थी, और भरे शरीर वाली थी.

उसका साइज़ तकरीबन 38-32-40 था. रंग उसका हल्का सावला था. उसके पास घर की चाबी रहती थी, तो वो अपने आप अंदर आके काम करके चली जाती थी. जब वो आई, तो मैं घर पर ही थी. क्यूंकी पिछले दिन दीदी ने उसको बताया था की वो अपनी फ्रेंड के घर जाने वाली थी, तो उसको लगा की मैं भी दीदी के साथ ही गयी होंगी.

वो अपना काम करने लग गयी. तभी कुछ देर में घर की बेल बाजी. उसने दरवाज़ा खोला, तो जीजू आए थे. मैं जीजू को अचानक आया देख कर हैरान थी. क्यूंकी वो शाम को आया करते थे. उनको भी नही पता था, की मैं घर पर थी.

जीजू आते ही बातरूम में चले गये. सुहासिनी किचन में काम कर रही थी. उसने पतली सारी पहनी हुई थी. कुछ देर में जीजू बाहर आए, और सीधा किचन में गये. अगले ही मिनिट मैने वो देखा, जिसकी मैने कल्पना नही की थी.

जीजू बाहर आ रहे थे किचन से, और उनके हाथ में सुहासिनी का हाथ था. वो उसको अपने रूम की तरफ लेके जेया रहे थे. ये सब देख कर मैं हैरान थी.

जीजू सुहासिनी को अपने रूम में ले गये, और दरवाज़ा बंद कर दिया. उन्होने कुण्डी नही लगाई दरवाज़े की. मैं जाके बाहर खड़ी हुई, और अंदर झाँकने लगी. सुहासिनी बोल रही थी-

सुहासिनी: नही साहब, रहने दीजिए ना.

जीजू: अर्रे बड़ी तलब लगी है, आज तो करना ही करना है.

ये बोल कर जीजू ने सुहासिनी को अपनी बाहों में भर लिया, और अपने होंठ उसके होंठो के साथ चिपका दिए. वो पागलों की तरह उसके होंठ चूसने लग गये. साथ में वो उसकी पीठ पर हाथ फेर रहे थे. कुछ देर उसके होंठ चूसने के बाद जीजू ने उसका पल्लू पकड़ा, और सारी खींचने लगे.

जीजू ने उसकी सारी पूरी उतार दी, और अब वो ब्लाउस और पेटिकोट में थी. वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी. फिर जीजू ने उसको दोबारा बाहों में भरा. वो उसकी गर्दन पर किस करने लग गये, और उसके बूब्स दबाने लगे. फिर वो उसकी क्लीवेज में मूह डाल कर चाटने लगे. इससे वो मदहोश होने लगी.

जिस जोश से जीजू सुहासिनी के साथ ये सब कर रहे थे, मुझे भी कुछ होने लगा था. मेरी छूट में खलबली सी मच रही थी, और छूट से पानी निकालने लगा था. कुछ देर ऐसे ही चुम्मा-छाती करने के बाद जीजू ने उसका ब्लाउस खोल दिया. फिर जब ब्रा उतरी, तो उसके मोटे-मोटे बूब्स उछाल कर बाहर आ गये.

जीजू ने उसके दोनो बूब्स को अपने हाथो में लिया, और ज़ोर-ज़ोर से मसालने लग गये. उसकी सिसकियाँ ज़ोर-ज़ोर से निकालने लगी. फिर उन्होने उसके निपल्स पर जीभ फिरनी शुरू की. इससे वो पागल होने लगी. जीजू उसके निपल को मूह में डाल कर चूसने लगे.

वो इतनी ज़ोर से चूस रहे थे, की निपल्स लाल हो गये. इधर मेरे निपल्स में भी कुछ-कुछ होने लगा था. मेरा एक हाथ अपने आप ही मेरे बूब्स पर चला गया, और मैने भी अपने बूब्स दबाने शुरू कर दिए.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको ज़्यादा से ज़्यादा अपने फ्रेंड्स के साथ शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब का धन्यवाद.

अगला भाग पढ़े:- जीजा जी की वासना-2