अंजान रन्निंग करती औरत की होटेल रूम में चुदाई

हेलो दोस्तों, मैने मॉर्निंग में रिवेर्फरोंट वॉक कर रही एक मस्त हसीना की जन्वरी की गुलाबी ठंडी में कैसे चुदाई की, इस कहानी में पढ़िए.

सभी लंड और छूट को मेरा नमस्ते. मेरा नामे वियर है, और मैं आमेडबॅड गुजरात से बिलॉंग करता हू. दोस्तों जन्वरी में मेरे एक दोस्त की शादी थी. हम लोग वाहा पार काफ़ी काम करवा रहे थे.

आहेमदबाद में रिवेर्फरोंट के पास एक फूल का बड़ा मार्केट है. मुझे और मेरे कज़िन ब्रदर को वाहा पे मेरे दोस्त की बारात के लिए कार को सजावट के लिए लेके जाना था मॉर्निंग में 6 बजे. तो हम उसकी गाड़ी लेके वाहा पहुँच गये. हम लोगों ने पहले वाहा 2-3 डिज़ाइन देखे.

डिज़ाइन पसंद करने के बाद फूल वाले भाई से बात करके हमने कार को सजावट के लिए दे दिया. अब हम लोग वेट करने लग गये. मेरा कज़िन ब्रदर वही पे पास खड़ा था. मेरा मूड वॉक का हुआ, तो मैं वॉक करने रिवेर्फरोंट पे निकल गया.

तभी मेरे सामने एक खूबसूरत औरत स्पोर्ट्सवेर में रन्निंग करते निकली. उसके बड़े-बड़े बूब्स उछाल-उछाल कर उसकी खूबसूरती पे चार चाँद लगा रहे थे. उसकी गांद की शेप बड़े से फुटबॉल जैसी थी, और वो मटक-मटक के रन्निंग कर रही थी. ऐसा लग रहा था, जैसे वो कह रही हो की आओ मुझे चोद लो.

मैं भी उसके पीछे-पीछे रन्निंग करते हुए उसकी गांद को निहार रहा था. मॉर्निंग का टाइम था कोई पब्लिक भी नही थी आस-पास, और तोड़ा अंधेरा भी था. फिर वो लेडी रुक गयी, और वाहा खड़ी होके जंप करने लगी. मैं भी जस्ट रुक कर थोड़ी डोर जाके बैठ गया. ठंड भी बहुत थी, बुत उसको देख के मैं खुद को गरम करने लगा था.

सुबह की सर्दी में ऐसी औरत को देख के मैं पागल हो रहा था. एक ला-जवाब खूबसूरत और फिट लेडी थी वो. उसकी प्रेज़ेन्स में कुछ जादू था, जो किसी भी आदमी के होश उड़ा सकता था. उसके फिगर को देखते हुए एक ऐसा माहौल बन रहा था, जो मुझे काम-वासना की और ले जेया रहा था.

उस औरत की खूबसूरती का दृश्या कुछ ऐसा था, जो किसी भी आदमी का लोड्‍ा खड़ा करने में सक्षम था. लगता था जैसे सुबह की सैर ने मुझे आज कोई अप्सरा से मिलाया हो. उसका सौंदर्या ऐसा था, की देखते ही किसी का भी मॅन बहक जाए. इस लेडी की खूबसूरती ने सुबह को कुछ ख़ास बना दिया था.

फिर उसकी नज़र मुझ पर पड़ी. मैने भी बिना कुछ सोचे उससे बात शुरू कर दी, और उसकी फिटनेस की तारीफ करने लगा. वो थोड़ी देर बाद मेरे पास आके बैठी. उसने अपना नामे नाज़िया बताया. वो मुंबई से थी, और पास के होटेल पे रुकी थी.

वो किसी मीटिंग के लिए आहेमदबाद आई थी. उससे बात करते हुए मैं उसको घूरे जेया रहा था. वो भी मेरे इरादे भाँप गयी थी. फिर हम दोनो थोड़े-थोड़े पास आने लगे. उसकी गरम साँसे मैं महसूस करने लगा था. तभी अचानक नाज़िया मुझ पे झपट पड़ी, और ज़ोर-ज़ोर से मेरे होंठो को चूमने लगी.

वो मेरे होंठो को काट रही थी. इस ठंडी ने उसको पागल कर दिया था. वो पागल हो रही थी चुदाई के लिए. हम दोनो टाइम ना वेस्ट करते हुए उसका होटेल रूम पास में था वाहा गये, और एक-दूसरे के उपर टूट पड़े. मैने फिर उसका टॉप निकाला, और उसके बड़े-बड़े बूब्स उछाल के मेरे मूह पे आ गये. वाह क्या गोरे-गोरे बूब्स थे. मैं अब उसके बूब्स को चूज़ जेया रहा था.

नाज़िया: चूस भोंसड़ी के चूस. मैं कब से प्यासी हू बिना चुदाई के. छोड़ दे मुझे आज तू.

मैने फिर उसका लोवर निकाल दिया. उसने नीचे कुछ नही पहना था.

नाज़िया: भोंसड़ी के, मैने झाँत के बाल भी सॉफ करके रखे है. चूस मेरी छूट. मैं आज चूड़ने के इरादे से ही निकली थी. अब तू छोड़ मुझे चल बीसी.

मैं फिर उसकी छूट पे होंठ रख के चुसाई करने लगा. वो पागलों की तरह मेरा मूह छूट में दबाने लगी. अब उसने मुझे बेड पे लिटा के मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. मेरा लंड देख कर वो बहुत खुश हो गयी.

वो मेरा लंड मूह में लेके चुसाई करने लगी. वाह क्या चूस्टी थी वो लोड्‍ा, बीसी मज़ा आ गया. 69 की पोज़िशन में हमने 10 मिनिट एक-दूसरे की छूट और लंड की चुसाई की. अब मैं नीचे लेट गया, और वो मेरे उपर आके अपनी छूट को लंड पे सेट करके धीरे से बैठ गयी. वो उउंम उंह की सेक्सी आवाज़े निकालने लगी.

नाज़िया: फक मे मी बॉय. आहह मज़ा आ रहा है ह आह आह.

वो उछाल-उछाल के छुड़वा रही थी. नाज़िया पक्की मास्टर थी चुदाई की. हॉर्स राइडर जैसे राइड करते है, वैसे वो मेरे लंड पे राइड कर रही थी. लंड पे अपनी गांद मटका-मटका के 15 मिनिट की चुदाई के बाद दोनो का हो गया. वो मेरे पर ही लेट गयी और मस्त वाला हग करके चिपक गयी और किस करने लगी.

फिर उसकी फ्लाइट के लिए लाते हो रहा था, तो वो नहाने चली गयी. मैं भी उसके पीछे गया, और हमने साथ में शवर लिया. वाहा एक और बार चुदाई के लिए रेडी हो गये. इस बार मैं उसकी बॅक साइड पे था. मैने उसको तब घोड़ी बनाया, और उसकी गांद पे लंड सेट किया. फिर धक्का लगाया तो वो थोड़ी चिल्लाई. बुत फिर धीरे से मेरे लंड को उसकी खूबसूरत गांद ने निगल लिया. मैने धीरे-धीरे स्पीड बधाई.

फॅक-फॅक की आवाज़ और नाज़िया की मादक आवाज़ से बहुत ही चुदाई भरा माहौल बन गया था. 15 मिनिट की गांद की चुदाई के बाद मेरा माल निकालने वाला था, जिसे नाज़िया ने अपने मूह में निकालने को बोला. मेरे लंड को वो चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा माल उसके मूह में निकल गया.

बीसी नाज़िया पूरी चुड़क्कड़ औरत थी. वो पूरा माल पी गयी. साली एक बूँद भी वेस्ट नही की. फिर हम लोग फ्रेश हो गये. नाज़िया रेडी होके मुंबई के लिए एरपोर्ट पे निकल गयी. जाते-जाते उसने मेरा नंबर लिया, और फिर मैं भी अपने कज़िन के पास चला गया. ये अनएक्सपेक्टेड सेक्स करके मैं बहुत हॅपी महसूस कर रहा था.

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