ही दोस्तों, मेरा नाम विपुल है, और मैं उप का रहने वाला हू. मेरी उमर 29 साल है, और हाइट 5’8″ है. लंड मेरा 6.5 इंच का है, और किसी भी लकड़ी या औरत को पलंग-तोड़ मज़ा दे सकता है.
मेरा अपना छ्होटा सा बिज़्नेस है. मेरी फॅमिली में मैं, मेरी बीवी, मेरे मम्मी-पापा, और मेरी एक छ्होटी बेहन है. ये कहानी मेरे और मेरी सास में बने चुदाई के रिश्ते की है, को की मेरी शादी के 6 महीने बाद ही बन गया. तो चलिए बताता हू सब कैसे हुआ.
2 साल पहले घर में मेरी शादी की बात चल रही थी. मैने भी फ्ब मत्रिमोनियल्स पे अपना बियो-दाता डाल रखा था. फिर मुझे एक लड़की का रिप्लाइ आया, जिसका नाम काजल था. हमारी बातें हुई, और हम दोनो एक-दूसरे को पसंद करने लगे.
जल्दी ही हमने शादी करने का फैंसला ले लिया, और अपने घर वालो को मिलवा दिया. घर वाले भी हमारी शादी के लिए राज़ी हो गये. उस दिन मैं अपनी होने वाली सास से पहली बार मिला था.
मेरी सास का नाम अनिता है. उसकी उमर 52 साल है. लेकिन वो 52 साल की लगती नही है. वो काफ़ी फिट है, क्यूंकी कॉलेज टाइम में वो एक स्पोर्तसपेरसों थी. वो 35-40 के बीच की लगती है. उनका फिगर 36-32-38 होगा. जब मैने उनको पहली बार देखा था, तब मेरे मॅन में उनके लिए ऐसे कोई ख़याल नही थे.
फिर मेरी शादी हो गयी. काजल बहुत अची लड़की है, और सेक्सी भी. शादी के बाद मैने और काजल ने बहुत चुदाई की. हर पोज़िशन का हम दोनो ने मज़ा लिया. धीरे-धीरे टाइम बीतने लगा, और मैं काई बार अपने ससुराल जेया चुका था. लेकिन अभी तक मुझे अपनी सास के लिए कोई ऐसी फीलिंग नही आई थी.
शादी के 6 महीने बीट चुके थे. फिर वो दिन आया, जिस दिन बहुत कुछ बदलने वाला था. मुझे अपने सेयेल से कुछ काम था, तो मैं सुबा-सुबा अपने ससुराल गया. मेरे ससुराल में सब लाते-लटीफी वाले लोग है. सब लाते सोते और लाते उठते है. सिर्फ़ एक मेरी सास ही है, जो टाइम पर उठ जाती है.
उस दिन जब मैं उनके घर गया, तो बाहर का गाते खुला था. मैं सीधे अंदर चला गया. मुझे बड़ी तेज़ सस्यू आई थी, तो मैं सीधे बातरूम की तरफ बढ़ा. जैसे ही मैने बातरूम का गाते खोला, तो मेरी सासू मा अंदर नहा रही थी. उनको देखते ही मेरे होश उडद गये. वो दूसरी तरफ मूह करके नहा रही थी, तो उनको नही पता था की मैं पीछे खड़ा था.
क्या मस्त लग रही थी वो पीछे से. इतनी सेक्सी पीठ थी उनकी, और गांद का सीन तो ज़बरदस्त था. उपर से भीगा हुआ बदन. मेरा तो लंड उनको देखते ही खड़ा हो गया. दिल तो कर रहा था की उसी वक़्त छोड़ डू. लेकिन अभी कुछ भी नही कर सकता था. तभी वो पीछे मूडी, और मुझे देख कर चिल्ला पड़ी. उनकी आवाज़ कोई ना सुन ले, इसलिए मैने जल्दी से अंदर जाके उनका मूह बंद किया और बोला-
मैं: सासू मा मैं यहा सस्यू करने आया था. दरवाज़ा खोला तो आप नहा रही थी. कम से कम दरवाज़ा तो बंद कर लेती.
वो जल्दी से मुझसे अलग हुई, और टवल लपेट लिया. फिर मैं बातरूम से बाहर आ गया. उस दिन से जब भी मैं उनको देखता, तो मुझे वो नंगी ही दिखाई देती. उनके जिस्म का सुरूर मेरे सर पर चढ़ चुका था. मुझे अब उनको छोड़ने की तलब लगी थी. और फिर एक दिन मुझे मौका मिल गया अपनी सास को छोड़ने का.
दोपहर के वक़्त उनके घर पर कोई नही होता था, और ये मुझे पता था. मैं जान-बूझ कर दोपहर के वक़्त अपने सेयेल से मिलने गया. मैने बेल बजाई तो सासू मा ने दरवाज़ा खोला. उन्होने सारी डाली हुई थी. फिर जब मैने उनसे सेयेल के बारे में पूछा तो वो बोली-
सासू मा: बेटा वो तो काम पर है.
मैं: ओह, मैं तो भूल ही गया. चलिए मैं चलता हू.
सासू मा: अर्रे बेटा अंदर तो आओ.
फिर वो अंदर चलने लगी, और मैं उनकी मोटी गांद देखने लगा. जैसे ही हम रूम में पहुँचे, मैने उनको पीछे से अपनी बाहों में भर लिया. अचानक से मेरे पकड़ने से वो दर्र गयी और बोली-
सासू मा: बेटा तुम क्या कर रहे हो?
मैं: सासू मा जब से आपको उस दिन नंगा देखा है, आपका खुमार मेरे दिमाग़ पर चढ़ चुका है. मुझे आपको प्यार करने दो ना.
इससे पहले वो कुछ बोलती, मैने अपने होंठ उनके होंठो से लगा दिए. क्या मज़ेदार रस्स था उनका. मैं पागलों की तरह उनके होंठ चूस रहा था, और वो मुझसे डोर होने की कोशिश कर रही थी. 10 मिनिट होंठ चूसने के बाद मैं उनसे अलग हुआ. फिर चढ़ि हुई साँस के साथ वो बोली-
सासू मा: बेटा ये ग़लत है.
मैं: कुछ ग़लत नही है. मैं आपका जमाई हू. मेरी हर इक्चा पूरी करना आपका धरम है.
ये बोल कर मैने उनकी सारी खोल दी, और पेटिकोट निकाल दिया. अब वो ब्लाउस और पनटी में थी. वो कुछ भी नही बोल रही थी. फिर मैने उनका ब्लाउस और ब्रा उतार दिए, और उनके सेक्सी बूब्स पर टूट पड़ा. मैं उनके बूब्स चूस रहा था, और वो आ आ कर रही थी. फिर मैने उनको लिटाया, और खुद भी नंगा हो गया. मेरा लंड देख कर वो बोली-
सासू मा: बेटा मैने बहुत सालों से नही किया है.
मैं: कोई बात नही आज तुम्हारा चुदाई व्रत मैं तोड़ूँगा.
फिर मैने उनकी पनटी उतरी. उनकी छूट पर काफ़ी बाल थे. मैने लंड छूट के मूह पर रखा, और ज़ोर का धक्का मार कर अंदर घुसा दिया. वो तड़पने लगी, लेकिन मैं नही रुका. मैं तबाद-तोड़ उनको छोड़ने लगा.
शुरू-शुरू में उनको दर्द हुआ, लेकिन बाद में उनको मज़ा आने लगा. अब वो ज़ोर-ज़ोर से मुझे छोड़ने को बोल रही थी. मैं भी ढापा-धाप उनकी छूट में लंड पेले जेया रहा था. 15 मिनिट की इस ठुकाई के बाद मैने अपना माल उनकी छूट में निकाल दिया. उस दिन से मेरे पास मा और बेटी दोनो की चुदाई का लाइसेन्स है.
दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको दोस्तों में भी शेर करे. [email protected]