रंडी मम्मी की रंगीली हरकतों की कहानी

उमीद है आप सब को पिछला पार्ट पसंद आया होगा. और मुझे काफ़ी मेल्स भी आई, जिससे मुझे काफ़ी खुशी हुई की आप लोगों को मज़ा आ रहा है स्टोरी में.

पिछला पार्ट

“घर की इज़्ज़त मेरे हाथो में-6″

जैसा की आप लोगों ने पढ़ा, की मम्मी ने मुझे छूट के रस्स वाली मॅगी खिलाई. उसके साथ जूस पिलाया, और बाद में छूट का रस्स सीधा पीने को दिया. उसके बाद मैं कॉलेज जाने के लिए रेडी हो गया. अब आयेज पढ़ते है

मम्मी ब्रेकफास्ट लेके आई. मम्मी ने ब्रेड बटर दिया था. मुझे लगा आज तो ये खाने में मज़ा नही आएगा, क्यूंकी इस्पे मम्मी क्या ही अपना माल लगती.

फिर मैं और मम्मी ब्रेकफास्ट के लिए बैठ गये. मैने ब्रेड उठाई, और खाने लगा. जैसी ही मैने मूह में ब्रेड ली, मुझे पता लग गया की उसमे भी मम्मी ने अपनी छूट का सेक्सी माल डाल रखा था.

मुझे मम्मी की छूट के माल के टेस्ट का अंदाज़ा हो गया था. मम्मी को भी अपने बेटे को अपनी छूट का पानी पिलाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर क्या था, मैने तो बड़े मज़े से ब्रेड खाई, और मम्मी ने भी. फिर मैं स्कूटी लेके बाहर चला गया. आज मैने सोचा कॉलेज ही चला जाता हू क्या ही मम्मी पे नज़र रखनी.

फिर आज मैं पहली बार बिना अंडरवेर के बाहर गया था. काफ़ी खुला-खुला लग रहा था, और मज़ा भी आ रहा था.

फिर मैं कॉलेज से जल्दी घर के लिए निकल गया, और करीब 1:30 बजे मैं घर पहुँच गया था.

मैने गाते पे नॉक किया, और मम्मी ने 2-4 मिनिट बाद गाते खोला. मैं तो गाते खुलने के बाद मम्मी को ही देखता रह गया. क्या लग रही थी मम्मी.

मम्मी ने ब्लॅक सारी पहन रखी थी. उनका ब्लाउस स्लीव्ले था, और क्लीवेज बिल्कुल मस्त दिख रही थी. उसपे वैसे तो मम्मी ने पल्लू डाल रखा था, लेकिन वो नेट का था, और इतनी पास से तो सब दिख ही रहा था.

मैं: वाह मम्मी, आज तो सारी में बहुत सुंदर लग रही हो.

मम्मी स्माइल करते हुए शरमाने लगी.

मम्मी: चल तू भी जल्दी से खाना खा कर रेडी हो जा. सुनीता आंटी के घर चलना है.

मैं: क्यूँ?

मम्मी: अर्रे आज उनकी बेटी का बर्तडे है.

मैं अब आप सब को सुनीता आंटी के बारे में बता डू.

वो और मम्मी पुरानी फ्रेंड्स है.

उनकी आगे करीब 40 की होगी. और उनका फिगर भी बहुत सेक्सी है. 34″ के बूब्स 30″ की कमर और 36” की गांद. उनकी बेटी अभी छ्होटी ही है, और 10 साल की होगी.

वो पहले हमारे घर के बिल्कुल साइड वाले घर पे रेंट पे रहते थे, जब मम्मी और सुनीता आंटी की फ्रेंडशिप हुई थी. अब थोड़े टाइम पहले ही उन लोगों ने अपना घर ले लिया था, तो वो वही शिफ्ट हो गये थे.

उनका घर लगभग 20-25 मिनिट की दूरी पे होगा. फिर मैं अंदर आया और अंदर रूम में जेया कर सारे कपड़े उतार कर शॉर्ट्स पहन कर आ गया. मम्मी ने तब तक खाना टेबल पे रख दिया था. डाल-राइस बने थे. और मैं टीवी देखते हुए खाने लगा.

मैं: आप नही खाओगे?

मम्मी: मैने खा लिया था, पार्टी के लिए रेडी भी तो होना था इसलिए.

मैं: अछा. वैसे डाल-राइस बहुत टेस्टी बने है.

मम्मी (स्माइल करते हुए): हा, स्पेशल तेरे लिए जो बनाए है.

मैं: मम्मी वो जो कल ड्रिंक(छूट का पानी) दी थी, वो दो ना, बहुत अची थी.

मम्मी: नही बेटा, अभी नही, मैं कल बना दूँगी.

मैं: प्लीज़ मम्मी, मुझे पीनी है.

मम्मी: बेटा अभी मैं तैयार हो गयी हू. अब किचन में जाके वो बनौँगी तो सारे कपड़े खराब हो जाएँगे.

मैं: अर्रे तो आप एप्रन पहन के बना लो.

वैसे मम्मी के लिए ऐसे सारी में से छूट से पानी निकालना मुश्किल तो होता. मैं भी माना नही, और ज़िद करता रहा. फिर मम्मी को बात माननी ही पड़ी.

मम्मी: अछा ठीक है, बना रही हू.

और तू खाना खा, मैं देती हू तुझे.

मैं: ओक.

फिर मम्मी किचन में चली गयी, और मैं भी मम्मी को च्छूप के देखने लगा. मम्मी बिल्कुल किचन के कोने में पीछे चली गयी थी, ताकि मैं देख ना लू. लेकिन मैं तो साइड से च्छूप के देख ही रहा था.

फिर मम्मी ने अपनी सारी कमर तक की. मम्मी ने आज भी पनटी नही पहन रखी थी, जबकि हमे बाहर जाना था. फिर मम्मी ज़ोर-ज़ोर से अपनी छूट में उंगली करती रही, और मैं देख के एंजाय करता रहा.

मम्मी को उंगली करते 5-7 मिनिट हो गये थे. फिर मैं सोफे के पास गया, और ज़ोर से बोला-

मैं: मम्मी जल्दी दो ना.

मम्मी: हा बस बन ही गया. तू वही रुक, मैं लेके आती हू.

मैं जल्दी से देखने गया. मम्मी ने 1-2 मिनिट और उंगली करी, और फिर ग्लास लेके अपनी छूट पे लगा दिया, और ग्लास में पानी निकाल दिया.

ग्लास अभी भरा नही था, तो मम्मी उंगली करती रही, और तोड़ा-तोड़ा पानी छ्चोढते-छ्चोढते मम्मी ने ग्लास भर दिया.

मम्मी ने फिर अपनी सारी ठीक की, और मैं भी जेया कर सोफे पे खाना खाने लगा. फिर मम्मी ने मुझे ग्लास दिया.

मैं: इसको बनाने में तो बहुत देर लगती है.

मम्मी: हा, तभी तो तुझे कह रही थी की कल बना कर रखूँगी.

मैं: हा, सॉरी और थॅंक योउ.

मम्मी: कोई बात नही, तू तो मेरा प्यारा बेटा है. चल अब जल्दी से पी ले पहले, हमने माल जाना है गिफ्ट लेने.

मैं: हा, ये ठंडा तो है नही. कल इसको बना कर फ्रिड्ज में रख देना.

मम्मी: हा ठीक है, अब पी भी ले जल्दी.

फिर मैने जल्दी से ग्लास में से मम्मी की छूट का पानी पी लिया, और फिर मैं कपड़े पहन कर बाहर आ गया. मैने पंत और त-शर्ट पहन ली थी, और नीचे कुछ नही पहना था.

फिर मैं और मम्मी कार में माल चले गये. माल से हमने सुनीता आंटी की बेटी के लिए 1-2 गिफ्ट लिए, और फिर उनके घर चले गये. सुनीता आंटी ने जब गाते खोला, तो मैं देखता ही रह गया. क्या मस्त लग रही थी वो.

सुनीता आंटी ने रेड गाउन पहन रखा था, जो पार्टीस वग़ैरा पे पहनते है. उनकी गांद तो क्या मस्त लग रही थी, बिल्कुल टाइट.

फिर हम अंदर गये. पार्टी में ज़्यादा लोग नही थे, बस थोड़े जान-पहचान के थे. पार्टी में खा पी कर डॅन्स वग़ैरा करके हम घर आ गये.

घर आके मैं अपने रूम में चेंज करने चला गया, और मम्मी अपने रूम में. मैं जल्दी से आया तो मम्मी बस अपनी सारी उतार ही रही थी.

फिर मम्मी ने टवल लपेट लिया, और बाहर आने लगी. मैं जल्दी से किचन में चला गया पानी पीने. मम्मी भी वही आ गयी और

बोली-

मैं: बेटा मुझे भी पानी देदे. बहुत प्यास लगी है.

मम्मी का जिस्म टवल में क्या चमक रहा था. बहुत मुश्किल से मैने अपने लंड को कंट्रोल किया.

मम्मी: चल जेया कर सो जा, फोन मत चलना रात भर. गुड नाइट.

मैं: गुड नाइट.

मम्मी पानी पी कर चली गयी, और मैं भी मम्मी को देखने गया. वो टवल निकाल कर बेड पे लेट कर सोने लगी. मैं भी जेया कर नंगा हो कर सो गया.

सुबा मम्मी मुझे उठाने आई. एसी की वजह से मैने चादर ओढ़ ही रखी थी.

मम्मी: निक, निक, चल बेटा उठ जेया जल्दी.

और मैं उठ गया.

फिर मम्मी बाहर चली गयी, और मैं रेडी हो कर ब्रेकफास्ट करके स्कूटी लेके घर से बाहर चला गया.

मैने उसी पार्क के पास स्कूटी खड़ी की, और घर जेया के चुपके से अंदर चला गया.

मम्मी नंगी हो कर घर की सफाई कर रही थी.

30-45 मिनिट मम्मी ने सफाई ही की, और फिर मम्मी नंगी ही सोफे पे बैठ कर फोन चलाने लगी. फिर मम्मी टीवी देखने लगी.

मैं गाते के पास ही च्छूपा हुआ मम्मी को निहार रहा था.

फिर मुझे बाहर बिके के रुकने की आवाज़ आई, तो मैं जल्दी से वाहा से उठ कर मम्मी जिस सोफे पे बैठी थी उसके पीछे चला गया. 1-2 मिनिट बाद डोर बेल बाजी. मम्मी उठी, और मैं भी उठ कर मम्मी को देखने लगा.

मम्मी की गांद बिल्कुल मेरी तरफ थी, मज़ा आ गया देख कर. फिर मम्मी ने टेबल पे से टवल उठाया, और लपेट लिया.

मेरी तो गांद फटत गयी देख के क्यूंकी मैने रात को मम्मी को टवल में जब देखा था तो मम्मी के काफ़ी ज़्यादा बूब्स दिख रहे थे, और नीचे से बस टवल गांद ही कवर कर रहा था. मैं समझ गया था, की आज मम्मी किसी और से चूड़ेगी.

(ये मम्मी ने सही रंडी-बाज़ी का आइडिया निकाल रखा था, ऑनलाइन बुक करके किसी को भी बुला लो, और फिर चुड जाओ. पहले ही मम्मी को मैं 2 लोगों से चूड़ते हुए देख चुका था, और अब आज फिरसे. मम्मी मेरे घर की इज़्ज़त है और इज़्ज़त को बचाने के लिए मुझे कुछ करना ही होगा.)

मम्मी फिर गाते की तरफ जाने लगी. बाकी अगले पार्ट में.

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