पति के सामने पत्नी की नंगी चुदाई

मैने अंजान आदमी, एक दर्जी को पति के सामने छोड़ने की इजाज़त दे दी. दर्जी मुझे कामद के नीचे नंगा कर ही चुका था. यूयेसेस ने अब तक ब्लाउस पर हाथ नही लगाया था.

दर्जी ने मुझे फूटी से घुमाया. मेरा सामने का हिस्सा विनोद के आँखो के सामने आ गया.

दर्जी का एक हाथ मेरी छूट को सहला रहा था और उसका दूसरा हाथ अब चुचीॉ को दबाने लगा था.

दर्जी – बहुत ही मस्त माल है आपकी घरवाली. साहब, आप ज़रूर इश्स खूबसूरत औरत को हर रोज छोड़ते होंगे, इसकी बर मे अपना लवदा पेलते होंगे. आप खुद छोड़ते है इश्स लिए आपको मालूम नही पड़ता होगा की आपके लवदा के हर धक्का पर इश्स खूबसूरत औरत का बदन कैसे जबाब देता है.

अभी आप खुद देखिएगा की औरत को जब बढ़िया चुदाई मिलती है तो वो कितना खुश होती है

मैने कभी सोचा नही था की विनोद जैसा खूबसूरत और स्ट्रॉंग दिखने वाहा आदमी इतना नमार्द होगा. यूयेसेस के सामने कोई अंजान आदमी उसकी घरवाली को नंगा कर उससे छोड़ने की बात कर रहा है और वो चुप छाप बैठा है. मैने अपने आप को लूस छ्होर दिया.

दर्जी ने छूट पर से हाथ हटाया और दोनो हाथो से ब्लाउस के बटन खोल ब्लाउस को मेरे बदन से निकाल कर विनोद पर फेंका. यूयेसेस ने ही ब्रा का हुक खोला और ब्रा भी निकाल कर विनोद पर फेंका. मई अब उपर से नीचे तक नंगी थी. दर्जी का हाथ मेरी क्लिट और निपल्स को मसल रहे थे.

दर्जी – साहब, मई देख रहा हू की इतनी खूबसूरत हसीना को नंगा देख कर आपका लवदा भी टाइट हो गया है. कपड़े उतार कर तमाशा देखिए, ज़्यादा मज़ा आएगा. नही तो लवदा पानी छ्होर देगा और आप का ट्राउज़र्स खराब हो जाएगा. रानी, यान्हा सामने लेट जाओ.

यूयेसेस ने मुझे लेटने कहा लेकिन मई अपनी जगह पर खड़ी रही. दर्जी ने मेरे बदन से हाथ हटाया और अपने कपड़े खोलने लगा. यूयेसेस ने पायजामा के उपर एक बानयन पहना था. पहले यूयेसेस ने बानयन उतरा. उसकी चौड़ी, मस्क्युलर चाहती देख कर दिल खुश गया. यूयेसेस के अप्पर आर्म्स भी बहुत मस्क्युलर थे. मई एक तक यूयेसेस के गातीले बॉडी को देखती रही.

दर्जी – रानी, अब हमारे बीच कोई शरम नही है. जैसे मैने तुम्हे नंगा किया तुम भी मुझे नंगा कर दो.

ये दर्जी खेलने के मूड मे था. मैने भी उससे तरपाने का सोचा. मई बिना कुछ बोले विनोद के सामने गयी और उसके हाअतो को पकड़ उठा दिया. मैने दर्जी को दिखा दिखा कर विनोद के दोनो हाथो को अपनी चुचि पर दबाया. मई खुद ट्राउज़र्स के उपर से विनोद के लवदा को सहलाने लगी. विनोद भी अपने को कंट्रोल नही कर पाया.

कुछ देर दोनो हाथो से मेरी चुचीॉ को मसला और फिर एक हाथ नीचे कर छूट को मसालने लगा. मई लगातार दर्जी की ऑर देखते हुए उससे बार बार आँख मार रही थी.

मैने विनोद को कुछ देर छूट के साथ खेलने दिया. मैने उसका हाथ हटाया और यूयेसेस के हाथ को उपर कर अँगूलिओ को चूसने लगी. साथ ही विनोद के ट्राउज़र्स के बेल्ट को अनबक्ल किया, ज़िप खोला और दोनो हाथो से, अंडरवेर के साथ ट्राउज़र्स को भे नीचे पुश किया. विनोद का लवदा स्प्रिंग जैसा उछाल पड़ा. मैने झट से लवदा को पकड़ा.

मई – राजा, डंडा पूरा तैयार है, पेल दो अपनी इश्स रंडी की छूट मे.

मैने अपने घरवाला से छोड़ने के लिए कहा. मई जैसा रिक्षन चाहती थी दर्जी ने बिल्कुल वैसा ही रिक्ट किया.

दर्जी मेरे पास आया. मेरे पीठ और चुटटरो के नीचे हाथ लगाकर मुझे उठाया. सामने जो कटिंग टेबल था यूयेसेस पर लिटा दिया. अपना पायजामा और अंडरवेर उतरने मे उससे एक मिनिट भी नही लगा.

“बाप रे बहुत मोटा और लंबा है..”

जा तक मेरा सेंटेन्स ख़त्म होता, दर्जी मेरे उपर आ गया था. एक हाथ से अपने लवदा के टिप को झांतो के बीच के च्छेद मे दबाया और मेरी चीख निकल गयी.

“बाप रे छूट फॅट गयी…”

मई लाउड्ली बोली लेकिन दर्जी एक के बाद एक लगातार धक्का मारता रहा.

दर्जी – साली जी, तुम्हारी दीदी की छूट मे पहली बार लवदा पेला था तो वो भी तुम्हारे ही उमरा की थी लेकिन बिल्कुल कुँवारी थी. लेकिन उसकी छूट मे लवदा पेलने मे मुझे उतनी तकलीफ़ नही हुई थी जितनी तुम्हारी चूड़ी हुई छूट मे पेलने मे हो रही है.

साहब आपका लवदा भी बढ़िया है. लगता है आप मेरी साली जी का पूरा ख़याल नही रखते है, इन्हे रोज अपना लवदा नही खिलाते है क्या, अफ छूट कितनी टाइट और गर्म है, साहब बहुत मज़ा आ रहा है आपकी घरवाली, अपनी छ्होटी साली को छोड़ने मे.

दर्जी का ज़ोरीडार धक्का मेरे हर एक अंग को खोल रहा था. 8-10 धक्का के बाद मई भी आराम से लवदा के धकके को संभालने लगी और मोन्स भी करने लगी. सच, जितना मज़ा मुझे दर्जी के साथ की चुदाई मे आ रहा था वैसा मज़ा विनोद के साथ कभी नही आया था.

दर्जी को चुदाई के समय बात करने की आदत थी.

दर्जी – रानी, मेरी किस्मत देखो. आठ साल पहले मैने जिस पहली लड़की की छूट मे लवदा पेला उसका नाम शालु था. अपनी घरवाली शालु को छोड़कर मई बहुत ही खुश था.

उसकी छ्होटी बहन आशा ने बहुतो बार इशारा किया, अपनी चुचि भी दिखाई लेकिन मैने उसकी ऑर कभी ध्यान ही नही दिया. और साली जी, तुमको देखते ही मेरा खून खौलने लगा, लवदा टाइट हो गया.

अगर साहब तुम्हे छोड़ने से मुझे रोकते तो अपने बेटे की कसम, साहब को जान से मार डालता और तुम्हे अपने घर मे रख लेता. मैने अब तक जिन दो माल को छोड़ा है दोनो का नाम शालु है. अब से मेरी घरवाली तुम्हारी दीदी और तुम मेरी प्यारी साली यानी आधी घरवाली हो.

मई उसकी बात सुनकर बहुत खुश हुई. इधर उधर नज़र दौराया तो देखा की मेरा घरवाला एईसी जगह खड़ा है जान्हा से उससे मेरी छूट के अंदर, बाहर होते दर्जी का लवदा सॉफ सॉफ दीख रहा था.

बेचारा विनोद, अपने ही हाथो अपना लवदा मुठिययाते हुए अपनी घरवाली को दूसरे से चुड़वाते देख रहा था. लेकिन यूयेसेस के चेहरे पर कोई दुख या गुस्सा नही था.

विनोद – मास्टर, मेरी घरवाली को तुमने छोड़ लिया लेकिन ये बात किसी और को मालूम नही होनी चाहिए.

दर्जी ने खुश होते हुए और भी ज़ोरीडार धक्का मारा.

दर्जी – मई अपनी प्यारी साली जी को कभी बदनाम नही करूँगा लेकिन बीच बीच मे मई आपकी घरवाली को छोड़ूँगा तो आप मुझे रोकना मूत.

मई – तुम मुझे छोड़ रहे हो, मुझे छोड़ना चाहते हो तो मुझसे बोलो ना. औरत कोई भी हो, अगर कोई लवदा या मर्द उससे पसंद आ गया, मर्द ने अपनी चुदाई से यूयेसेस औरत को खुश कर दिया तो मर्द से ज़्यादा औरत को ही यूयेसेस मर्द के साथ की चुदाई की ज़रूरत होती है. अभी मुझे खुश करो तब आयेज का सोचना.

दर्जी दाना-दान पेलता रहा और विनोद के लवदा ने पानी छ्होर दिया. जब उसका लवदा ढीला हो गया तब वो मेरे बगल मे आया और मेरी चुचीॉ को मसालने लगा, दर्जी ने एक मिनिट के करीब विनोद का हाथ मेरी चुचीॉ पर रहने दिया फिर उसका हाथ ट दिया.

दर्जी – शालु जब भी मेरी दुकान मे आएगी तब वो सिर्फ़ मेरी माल रहेगी, आप भी उससे हाथ नही लगाएँगे, इश्स दुकान मे ये औरत आपकी घरवाली नही मेरी छ्होटी साली है और मई अपने घर की किसी भी औरत के उपर किसी दूसरे मर्द का हाथ बर्दाश्त नही करूँगा.

लेकिन हा. जब आपके घर आकर आपकी घरवाली को छोड़ूँगा तब आप भी अपनी घरवाली का मज़ा ले सकते हो. आप के घर मे हम दोनो मिलकर इश्स माल का मज़ा लेंगे.

मई पहली बार ही यूयेसेस से छुड़वा रही थी लेकिन दर्जी मेरे घर आकर मुझे छोड़ने का सपना भी देखने लगा था. जितनी देर विनोद छोड़ता था यूयेसेस से ज़्यादा देर की चुदाई हो चुकी थी. लवदा तो छूट के अंदर बाहर हो ही रहा था, दर्जी का दोनो हाथ कंटिन्यूवस्ली मेरे अंग अंग को सहला रहा था. मेरे हाथ भी उसके बदन, उसकी पीठ, उसके चुटटरो पर फिसल रहे थे.

दर्जी लगातार छोड़ रहा था. मुझे जब थकान लगने लगती थी तो मई उससे अपनी बाँहो और जाँघो से टाइट्ली बाँध लेती थी. जब भी एसा करती थी तो दर्जी कॉमेंट करता था.

“साली जी, देखने से लगता नही लेकिन बहुत टक़ुआत है तुम्हारी जाँघो और बाँहो मे.. एक के बाद एक सैकड़ो मर्द तुम्हे छोड़ेंगे फिर भी तुम फ्रेश ही रहोगी.”

मई – अब तुमसे छुड़वा ही रही हू, बेकार की चापलूसी क्यो कर रहे हो. तुमने शायद आधा घंटा भी नही छोड़ा लेकिन थकान होंने लगी है.

दर्जी – वो इश्स लिए की तुम्हारे घरवाला ने तुम्हे कभी आधा घंटा भी नही छोड़ा होगा. जब मिलॉगी तब अपनी दीदी (उसकी घरवाली) से पुच्छ लेना, हमारी चुदाई कभी 40-45 मिनिट से कम नही होता है. बहुत ही मस्त माल हो रानी.

कुछ देर तो दर्जी बहुत तेज़ी से चुदाई करता था फिर अचानक लवदा को छूट के अंदर दबाए रख मेरी चुचीॉ को चूस्ता था, गालो और होंठो को चूमता था. और शादी के चार महीने बाद दिल और शरीर दोनो को समझ आया की चुदाई सिर्फ़ लवदा का ज़ोर दार धक्का नही है. मर्द का औरत के लिए प्यार का इज़हार भी है.

दर्जी का मेरे बदन को, मेरे अंग अंग को सहलाना उसका मेरे लिए प्यार भी दर्शाता था. दर्जी सिर्फ़ मेरे खूबसूरत शरीर मे अपना लवदा ही नही पेलना चाहता था वो मुझे प्यार भी करता था, मुझसे प्यार भी चाहता था.

विनोद – भाई तुम लोग कितनी देर चुदाई करोगे? 40 मिनिट से ज़्यादा हो गया. डेढ़ बाज रहा है, हुमे घर भी जाना है,

विनोद के शब्दो मे ना नारंगी थी ना ही गुस्सा.

दर्जी – क्या करू साहब. मेरे लवदा को अपनी छ्होटी साली की छूट बहुत ही पसंद आ गयी है, लवदा छूट से बाहर निकलना ही नही चाहता है.

मई – और स्पीड बाधाओ, और अंदर तक पेलो, आ बहुत मज़ा आ रहा है.

जैसे विनोद को गुस्सा नही था की दर्जी उसकी आँखो ले सामने मुझे छोड़ रहा था, वैसे ही मुझे भी अपने पति के सामने किसी अंजान आदमी से छुड़वाने मे कोई शरम नही आ रही थी. खैर दर्जी भी आदमी ही था.

अचानक उसका स्पीड भी तेज हुआ और पवर भी. दर्जी ने मुझे अपने दोनो बाँहो मे कस कर बाँधा, खूब ज़ोर से दबाया, मेरा एक एक हड्डी, पसली चरमरा गयी और मई झाड़ गयी.

ऐसा लगा की पुर बदन का टेन्षन एक ही जगह, छूट के अंदर आया और जैसे ही लवदा ने छूट मे अपना गरम रस गिराना शुरू किया मेरा सारा टेन्षन ख़तम हो गया.

हम दोनो एक दूसरे को अपनी बाँहो मे बाँधे हुए बहुत देर तक लंबी साँसे लेते रहे. साँसे नॉर्मल हुई तो हुँने एक दूसरे को खूब, बेतहाशा चूमा और फिर हम दोनो नीचे खड़े हो गये.

बिना कुछ बोले दर्जी ने मेरा सलवार और कुर्ता का नाप लिया. सलवार और कुर्ता के बाद वो और नाप लेने लगा.

मई – सलवार कुर्ता का नाप ले लिया, अब और क्या नाप ले रहे हो?

दर्जी – परसो रात 11 बजे ट्राइयल के लिए आना, तब तक मई बाकी सबको घर भेज दूँगा.

मई परसो का इंतज़ार नही कर सकती थी. मैने खड़े खड़े ही दर्जी का लवदा सहलाना शुरू किया. ज़्यादा समय नही लगा. लवदा पूरा टाइट हो गया. करीब 9 इंच लंबा और मेरी कलाई जैसा मोटा. इश्स बार स्विंग मशीन के टेबल को पकड़ कुटिया के पोज़ मे आई. दर्जी ने कुटिया के पोज़ मे छोड़ कर पहले से भी ज़्यादा मज़ा दिया, ज़्यादा देर छोड़ा.

यूयेसेस रात कोई ओरल नही हुई. 2 बार एक मर्द आदमी के मूसल जैसा लवदा से पति के सामने छुड़वा कर मई बहुत खुश थी.