पराए मर्दो ने मेरे जिस्म के मज़े लिए

हेलो दोस्तो मई स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.

मई जानती हू यह स्टोरी कुछ ज़्यादा लंबी चल रही है लेकिन आप सभी प्लीज़ आयेज पढ़ते रहिए की कितना उत्तेजित मज़ा आने वाला है.

इश्स स्टोरी का 32न्ड पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े ले हे लिए हे होंगे और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए. ताकि आप यह पार्ट का भी ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए. तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी को शुरू करते है.

अब आयेज…

जब मई उन्न को उनका ग्लास देने लगी तो वो बोले-

मिस्टर रस्तोगी:- इश्स तरह से नही जो साकी होता है पहले वो ग्लास से एक सीप लेता है फिर हे वो दूसरो को देता है.

तब मैने ग्लास के रिम को अपने होतो से चूहा और फिर एक सीप लेकर उससे रस्तोगी की तरफ बढ़ा दिया. फिर दूसरी ग्लास भी यूयेसेस हे तरह छूह कर स्वामी को दिया और अज़हर को भी.

सब ने मिल कर मेरी खूबसूरती पर चियर्स किया और अपने अपने ग्लास होतो से लगा दिए. मई भी विस्की और बियर का कॉकटेल पीने लगी थी.

मेरी धड़कन तेज़ी से चल रही थी और बेचैनी मे मैने 4-5 सीप मे हे अपना ग्लास खाली कर दिया था. मेरा ग्लास खाली देख कर-

मिस्टर रस्तोगी:- कितनी मस्त हो भाभिजान तुम तो….

इतना कहा और मेरे लिए ग्लास मे दूसरा पेग बना ने लगा. उसने मेरा ग्लास हाफ विस्की से भरा और बाकी का हाफ फिर से बियर से भर दिया और मुझे दिया. इतने मे हे अज़हर ने सिगरेट का पॅकेट मिस्टर स्वामी को दे दिया तो मिस्टर रस्तोगी बोला

मिस्टर रस्तोगी:- नही ऐसे नही ड्रिंक्स की तरह भाभिजान हे सुलगा कर देगी हमे.

साहिबा:- पर लेकिन मई स्मोक नही करती हू.

मिस्टर रस्तोगी:- अरे पर यह तो सिर्फ़ सिगरेट हे तो है और ड्रिंक्स के साथ स्मोक करने से और भी मज़ा बढ़ा जाता है.

अज़हर:- प्लीज़ रस्तोग्िज़ी इससे जबारजस्ति नही कीजिए यह बिल्कुल स्मोक नही करती है.

मिस्टर रस्तोगी:- कोई बात नही सिगरेट के फिल्टर को चूम कर सुलगा तो सकती हो ना इतना कर डोगी तो भी भौत मज़ा आ जाएगा. हम पूरी सिग्गेरते स्मोक करने तो नही कह रहे है बस इतना कर दो.

तो मैने झिझकते हुए सिगरेट अपने होतो से लगाई और मिस्टर रस्तोगी ने आयेज बढ़ कर लाइटर सिगरेट के आयेज जला डाला. मैने हल्का सा हे काश लिया तो पूरा ढुहा मेरे फेफड़ो मे भर गया और मेरी आखो मे पानी आ गया और मई भौत ज़ोर से खसने लगी.

मिस्टर स्वामी ने फटाफट मेरा ग्लास मेरे होतो से लगा दिया. मैने यूयेसेस स्ट्रॉंग ड्रिंक कएक बड़ा सीप पिया तो मेरी ख़ासी रुक गयी.

मैने सिगरेट मिस्टर स्वामी को पकड़ा दी और फिर मिस्टर रस्तोगी और अज़हर के लिए भी यूयेसेस हे तरह सिगरेट जलाई पर यूयेसेस मे मुझे पहले वाली तरह तकलीफ़ नही हुई. सभी सिगरेट पीते हुए अपनी बियर पीने लगे और मई भी अपना स्ट्रॉंग बना हुआ कॉकटेल पीने लगी थी.

कुछ हे टाइम मे मिस्टर स्वामी कुछ ज़्यादा हे मूड मे हो रहे थे. उसने मेरी नंगे बूब्स को अपने हाथो से पकड़ कर मेरी निपल को अपने बियर से भरे ग्लास मे डुबया. फिर यूयेसेस निपल को और होतो से लगा दिया.

उससे ऐसे करते देख मिस्टर रस्तोगी भी भौत मूड मे आ गया. फिर दोनो ने हे मेरी एक एक निपल पे अपना हक जमाया और उन्हे बुरी तरह से मसल मसल कर निचोढ़ ने लगे थे.

मिस्टर रस्तोगी ने अपने ग्लास से एक उंगली से बियर की झाग (फोम) को उठा कर मेरे निपल पर लगा दिया. फिर उससे अपनी जीब से छत कर पूरा सॉफ कर दिया था और बोलने लगा.

मिस्टर रस्तोगी:- उममहुहम उहुउःम्म मज़ा आ गया….. अज़हर तुम्हारी बेगम तो भौत नसीली चीज़ है.

मेरी भी निपल्स उत्तेजनामे किसी बुलेट की तरह खड़े हो गये थे. जब मैने वाहा से सामने देखा तो अज़हर अपनी जगह बैठे हुए एक नज़रो से मेरे साथ हो रहे हरकटो को देख रहे थे. उनका अपनी जगह बैठे बैठे कसमसाना यह देखा रहा था की वो भी किस तरह उत्तेजित होते जेया रहे थे.

मुझे उनको इन्न तरह उत्तेजित होना बिल्कुल भी अक्चा नही लगा था. ठीक है अगर जान पहचान मे स्वापिंग अलग बात होती है. लेकिन अपनी बीवी को किसी अंजान आदमी के हाथो मसले जाने का मज़ा लेना अलग होता है.

इसलिए मुझे वाहा बैठे हर मर्द पर गुस्सा आ रहा था. लेकिन मेरे जिस्म मेरे दिमाग़ मे चल रही उथल पताल से बिल्कुल बेख़बर अपनी भूक से पागल हो रहा था.

गुस्से मे कहो या जिस्मानी भूक मे मैने अपना कॉकटेल के दूसरा ग्लास भी लगभग खाली कर लिया था. लेकिन पता नही क्यूँ विस्की और बियर की इतनी स्ट्रॉंग कॉकटेल पीने के बाद भी मुझे कुछ ख़ास ज़्यादा नशा महसूस नही हो रहा था.

पर मिस्टर रस्तोगी से और नही रहा गया तो उसने उठ कर मुझे हाथ पकड़ कर खड़ा किया. और मेरे जिस्म पर बची हुई मेरी सारी को खिच कर मुजसे अलग कर दी.

अब तक तो मेरा जिस्म सारी मे से झलक दे रहा था वो अब बिल्कुल बेपर्दा हो कर सामने आ गया था. अब मई सिर्फ़ हाइ हील्स के संडलेस पहने बिल्कुल नंगी उनके सामने अपने ड्रिंक का ग्लास पकड़े खड़ी थी और शरम से लाल भी हो रही थी.

मिस्टर रस्तोगी ने मेरे जिस्म के पीछे से लिपट कर मुझे अपने प्राइवेट पार्ट्स को छुपाने से रोका. उसने मेरी बगल के नीचे से अपने हाथो को दल कर मेरे दोनो चुचिया पकड़ ली. और उन्होने अपने हथेलियो से उपेर उठा कर मिस्टर स्वामी के सामने कर के एक भादी सी हसी हासणे लगा और बोला-

मिस्टर रस्तोगी:- स्वामी देख क्या माल है… साली खूब मज़े देगी.

इतना बोलते बोलते हे उसने मेरे दोनो निपल्स को अपनी उंगली की चुटकियो मे भर कर बुरी तरह से मसल दिया था. मई एकद्ूम दर्द से सिहर उठी थी..

साहिबा:- उउःम अहहहाहा आआहहाः…

फिर मिस्टर स्वामी अपनी हथेली से मेरी छूट के उपेर सहला रहा था. मैने अपनी दोनो टाँगो को सकती से एक दूसरे से भिच कर वाहा खड़ी थी. जिससे मेरी छूट उनके सामने छुपी हुई रहे. पर स्वामी ने जबारजस्ति अपनी 3 उंगलिया मेरी टाँगो के बीच घुसेड हे दी थी.

तब मैने जल्दबाज़ी मे अपने ग्लास मे से कॉकटेल एक हे सीप मे पूरा ख़तम कर दिया था. तो रस्तोगी ने ग्लास को मेरे हाथ से लेकर नीचे टेबल पे रख दिया.

दो मिनिट पहले तक मुझे कुछ ख़ास्स नशा महसूस नही हो रहा था. पर अब अचानक एक हे पल मे भौत ज़ोर का नशा मेरे सिर चढ़ कर तांडव करने लगा और मई भी झूमने लगी थी.

मिस्टर स्वामी ने मुझे पकड़ कर बाहो मे खिछा. तो मई नशे मे झूमती हुई लड़खडकर उसकी गोद मे गिर गयी. उसने मेरे नंगे जिस्म को अपनी मजबूत बाहो मे भर लिया. और मुझे अपने सीने मे कस कर दबा दिया था. तो मेरी बड़ी बड़ी चुचिया उसके मजबूत सीने पर डब कर बिल्कुल छपती हो रही थी.

तभी स्वामी ने अपनी जीब मेरे मूह मे दल दी थी.

मुझे उसके इश्स तरह अपनी जीब मेरे मूह मे फिरने से घिंन आ रही थी. लेकिन अपने फीलिंग्स को कंट्रोल कर रखा था. उसके दोनो हाथो ने मेरी दोनो चुचियो को पकड़ लिया था. और अब वो उन्न दोनो को आते की तरह गूँथ रहे थे. मेरे दोनो गोरे बूब्स उसके मसालने के कारण लाल हो गये थे और भौत दर्द करने लगे थे.

मिस्टर रस्तोगी:- आबे स्वामी इन्न तनने हुए फालो को क्या उखाड़ फेकने का इरादा है क्या??? ज़रा प्यार से सहला इन्न फालो को. तू तो इश्स तरह हरकत कर रहा है मानो तू इसको जबरन छोड़न कर रहा हो. यह पूरी रात हुमारे साथ हे रहेगी तो ज़रा प्यार से कर.

मिस्टर रस्तोगी मेरे बगल मे बैठ गया और मुझे स्वामी की गोद से खिच कर खुद की गोद मे बैठा लिया. और मई भी नशे मे झूमती हुई मिस्टर स्वामी के जिस्म से अलग हो कर मिस्टर रस्तोगी के जिस्म से लग गयी.

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू पर आप सब आयेज ज़रूर पढ़ना. यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे.